काम, आराम और जीवन | Kaam, aaram aur jiwan |Class 10 History Chapter 6

Class 10 History Chapter 6: काम आराम और जीवन कक्षा 10 की इतिहास का अध्याय 6 का महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर यहाँ देखें। सभी प्रश्न वार्षिक परीक्षा के लिए उपयोगी है। JAC Board के पाठ्यक्रम के अनुसार तैयारी करने वाले पाठको के लिए इस नोट्स को विशेष रूप से तैयार किया गया है। यदि आप किस विशेष प्रश्न का उत्तर चाहते है तो हमें Email कर सकते है।

काम, आराम और जीवन अति लघु उत्तरीय प्रश्न तथा उत्तर

Q.1. टेनेमेंट्स क्या था?
Ans: औद्योगिक क्रांति के बाद लोग बड़ी संख्या में शहर की ओर जाने लगे जिससे शहरों के स्वरूप में तेजी से परिवर्तन हुआ। वैसे लोग जिनके पास जमीन थी इन नवांगतुको के लिए आवासों का निर्माण करने लगे। इन आवासों को टेनेमेंट्स नाम से जाना जाता था।

Q.2. शहरीकरण किसे कहते है?
Ans: किसी क्षेत्र अथवा कस्बे के शहर के रूप में विकसित होने क प्रक्रिया को शहरीकरण के नाम से जाना जाता है। औद्योगीकरण आधुनिकता और व्यापार शहरीकरण के प्रमुख कारण है।

Q.3. लंदन की पुलिस ने अपराधियों पर कैसे काबू पाया?
Ans: जो अपराधी सुधर सकते थे उन्हें नौकरियां दी गई। जो घोर अपराधी थे उनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जाने लगी और पकड़े जाने पर उन्हें कठोर दंड दिए गए।

Q.4. शहरी जीवन ने समाज को कैसे प्रभावित किया?
Ans: समाज में व्यक्तिवाद की भावना प्रबल होने लगी शहर में रहने के कारण बहुत से लोग सामूहिक मूल्य मान्यताओं से दूर जाने लगे जो कि छोटे ग्रामीण समुदायों की विशेषता थी।

Q.5. किन दो कारकों ने मुंबई में आवास की समस्या को बढ़ा दिया?
Ans: निम्न दो कारकों ने मुंबई में आवास की समस्या को बढ़ा दिया:

  • सूती कपड़े की अनेक मिलो की स्थापना के कारण
  • पानी और निवास की समस्याओं के कारण

काम, आराम और जीवन लघु उत्तरीय प्रश्न तथा उत्तर

Q.1. लोगों को मनोरंजन के अवसर उपलब्ध कराने के लिए इंग्लैंड में 19वीं सदी में मनोरंजन के कौन-कौन से साधन सामने आए?
Ans: 19वीं शताब्दी में मनोरंजन के नए-नए साधन- विश्व के अन्य भागों की तरह इंग्लैंड के लोगों ने भी मनोरंजन के नए नए ढंग खोज निकाले थे जो निम्नलिखित हैं:

  • अमीर लंदन वासियों के लिए एक वार्षिक उत्सव होता था जिसे लंदन सीजन कहा जाता है जहां लोगों के मनोरंजन के लिए ओपेरा रंगमंच और संगीत आदि के कई सांस्कृतिक आयोजन किए जाते थे।
  • कामगार श्रेणी के लोग अपना खाली समय पब या शराब खानों में बिताते थे जहां भी गप्पे भी मारते थे और ताजा खबरों पर टीका टिप्पणी भी करते थे।
  • 19वीं शताब्दी में पहुंचते-पहुंचते उपरोक्त मनोरंजन के साधनों के साथ-साथ लोग नए खोलने वाले पु पुस्तकालयों, कला केंद्र और संग्रहालय में भी रुचि लेने लगे थे और आनंद उठाने लगे थे।
  • 20 वीं शताब्दी तक पहुंचे थे पहुंचे थे सीने वाले लोगों के मनोरंजन का एक बड़ा साधन बन गया था।

Q.2. पेरिस के हॉससमानीकरण का क्या अर्थ है? इस तरह के विकास को आप किस हद तक सही या गलत मानते हैं?
Ans: पेरिस के हॉससमानीकरण का अर्थ
1852 ईसवी में नेपोलियन तीसरा सम्राट बनने के बाद पेरिस के पुनर्निर्माण का कार्य प्रारंभ किया। उसने कई प्रसिद्ध वास्तुकार बैरॉन हॉसमान को नियुक्त किया। हॉसमान द्वारा प्रस्तावित पेरिस की नगर योजना को पेरिस के हॉससमानीकरण के नाम से जाना जाता है। पेरिस के हॉससमानीकरण के विरोध में दिए गए तर्क:
कुछ ने इस बात का विरोध किया कि पेरिस के पुनर्निर्माण के कारण कोई 350000 लोगों को उखाड़ फेंका गया।
संपन्न लोगों का यह भी मानना था कि पुराने शहर को दानवीर ढंग से बदल दिया गया है।
जबकि कुछ ऐसे लोग हैं जिन्होंने पुरानी शैली को खत्म हो जाने और एक उच्च वर्गीय संस्कृति स्थापित हो जाने पर गहरा दुख व्यक्त किया।

Q.3. 19वीं सदी के मध्य में बंबई की आबादी में भारी वृद्धि क्यों हुई?
Ans: 19वीं सदी में बंबई भारत का एक प्रमुख शहर था। इसकी आबादी 1872 में कोई 6,44,405 थी वह 1941 में 15 लाख तक पहुंच गई। 19वीं सदी के मध्य में मुंबई की आबादी में भारी वृद्धि के कारण निम्नलिखित थे:

  • जब 1819 में बंबई को प्रेसिडेंसी की राजधानी बना दिया गया तो हर राजधानी की तरह मुंबई की आबादी का बढ़ना स्वाभाविक था।
  • कपास और अफीम के बढ़ते व्यापार के चलते अनेक व्यापारियों और महाजनों के साथ-साथ अनेक दुकानदार और कारीगर लोग भी एक बड़ी मात्रा में बंबई आकर बसने लगे थे।
  • बंबई में जैसे-जैसे कपड़ा मिलों की गिनती बढ़ती गई वैसे-वैसे आसपास के इलाकों से काम करने वाले मजदूर धड़ाधड़ बंबई आने। लगे पहला कपड़ा मील 1854 में बंबई में स्थापित की गई थी परंतु 1915 ईस्वी में उनकी संख्या 85 तक पहुंच गई। हर नई कपड़ा मिल का अर्थ था सैकड़ों नहीं हजारों नए मजदूरों का मुंबई आना

Q.4. सरकारी नियमन और नए कानूनो ने प्रदूषण की समस्या को किस हद तक हल किया?
Ans: लंदन में रोटी की तलाश में आने वाले कामगरो और मजदूरों ने वहां सफाई और स्वास्थ्य संबंधी अनेक समस्याएं पैदा कर दी विवश होकर सरकार और प्राइवेट का फार्मों द्वारा सार्वजनिक जीवन और निजी जीवन को सुधारने हेतु कदम उठाए जाने लगे। सार्वजनिक जीवन में सुधार लाने के लिए उठाए गए कदम: भीड़ भरी बस्तियों की भीड़ को कम करने खुले स्थानों को हरा भरा बनाने और शहर को योजना अनुसार बरसाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए। प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान मकानों की भारी कमी को पूरा करने के लिए किराया नियंत्रण कानून लागू किया गया।
निजी जीवन में सुधार लाने के लिए उठाए गए कदम: विश्व युद्ध के मध्य मजदूर वर्ग के आवास के लिए सरकार ने कोई 1000000 मकान बनाए जिनमें अधिकतर एक परिवार के रहने लायक छोटे मकान थे।

Q.5. विशाल शहरी आबादी होने से राजनीतिक दल का नेता पर क्या असर पड़ता है?
Ans: शहरों की बढ़ती हुई आबादी अनेक समस्याओं की जन्मदाता थी ऐसे में अनेक राजनीतिक नेताओं को विशेषकर विरोधी दलों के नेताओं को अपनी रोटियां सेकने का अच्छा अवसर मिला था सरकार की मुसीबत तो बढ़ती हुई संख्या से बढ़ती ही जाती थी मगर विरोधी दलों के लोगों को कभी वेतन के लिए, कभी मकान के लिए और कभी वोट के अधिकार पर उकसाना आसान होता गया। बड़ी आबादी वातावरण को कुरुक्षेत्र का मैदान बना देती थी जहां हर एक नेता अपने अपने उद्देश्य प्राप्त करने में लग जाता था बड़ी आबादी उन्हें ऐसा करने का शुभ अवसर प्राप्त करती थी इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं।

काम, आराम और जीवन दीर्घ उत्तरीय प्रश्न तथा उत्तर

Q.1. बंबई की बहुत सारी फिल्में शहर में बाहर से आने वालो की जिंदगी पर आधारित क्यों होती थी
Ans: मुंबई की बहुत सारी फिल्में शहर में बाहर से आने वालों की जिंदगी पर आधारित होती थी इसके कारण निम्नलिखित थे:

  • बंबई की बहुत सारी फिल्में शहर में आने वाले अप्रवासियों के ऊपर आधारित होती थी उनके दैनिक जीवन में पेश आने वाली मुश्किलों के बारे में ही हैं।
  • बंबई की फिल्मों में, बाहर से आने वाले मजदूरों और फैक्ट्रियों में काम करने वालों की जिंदगी कितनी कठिन होती थी, इसे दर्शाया जाता था।
  • बंबई शहर को सपनों का शहर समझकर आने वाले युवक और युवतियों पर कई फिल्में बनी जिससे शहर की चकाचौंध में गुमराह होने की संभावनाओं को फिल्माया गया।
  • बंबई की फिल्मों में बाहर से आने वाले साधारण लोगों को किस प्रकार झोपड़पट्टीयो, चालो आदि में रहना पड़ता है और दूसरी तरफ अमीर लोग बड़ी-बड़ी कारों और बंगलों में रहते थे। इस तरह की फिल्म समाज में अमीर और गरीब के बीच के अंतर को दिखाती है।
  • बाहर से आने वालों के ऊपर बंबई फिल्म उद्योग के कई लोकप्रिय फिल्म शहर के अंतरविरोधी आयामों को उजागर करते हैं जैसे सीआईडी तथा गेस्ट हाउस आदि।

Q.2. लंदन में आए उन सामाजिक परिवर्तनों की व्याख्या करें जिनके कारण भूमिगत रेलवे की जरूरत पैदा हुई? भूमिगत रेलवे के निर्माण की आलोचना क्यों गई?
Ans: भूमिगत रेलवे लाइन की आवश्यकता के कारण निम्नलिखित हैं:

  • लंदन में औद्योगिकरण ने शहरीकरण के स्वरूप पर गहरा प्रभाव डाला लंदन में विशाल कारखाने नहीं थे फिर भी लोगों भारी संख्या में यहां आते गए कई सामाजिक परिवर्तनों ने लंदन में नई जरूरतों को जन्म दिया।
  • लंदन में कलर्कों, दुकानदारों, छोटे पेशेवरों, निपुण कारीगरों, कुशल एवं शारीरिक श्रम करने वाले सिपाहियों, नौकरों, दिहाड़ी मजबदूरों, फेरीवालों, भिखारियो आदि की संख्या में भारी वृद्धि हुई। परिधान, जूता उद्योग, लकड़ी, फर्नीचर उद्योग, धातु इंजीनियरिंग उद्योग, छपाई, स्टेशनरी, शल्य चिकित्सा उपकरण, घड़ी, आदि जैसे उत्पादों के कारण शहर की आबादी बढ़ने लगी। अंततः भूमिगत रेलवे की आवश्यकता हुई।
  • बढ़ती हुई जनसंख्या तथा सड़कों पर पशुओं का स्वतंत्र रूप से आवागमन के कारण ट्रैफिक जाम हो जाता था पर्यावरण प्रदूषण बीमारियों की आशंका और गंदगी के कारण भूमिगत रेलवे का काम प्रारंभ हुआ।

आलोचना के कारण:

  • भूमिगत रेलवे की आलोचना इसलिए की गई क्योंकि रेलवे में यात्रा की दशाएं अत्यंत कष्टदायक थी।
  • रेलवे के धुएं को स्वास्थ्य के लिए भयानक खतरे के रूप में देखा गया।
  • रेलवे के निर्माण के काम में बेहिसाब तबाही हुई। औसतन 2 मील लंबी रेल लाइन के लिए 900 घरों को गिरा दिया गया यह घर गरीब के थे।

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