आनुवंशिकता एवं जैव विकास | Anuwanshikta evan Jaiv Vikas | Class 10 Science chapter 9

Anuwanshikta evan Jaiv Vikas: आनुवंशिकता एवं जैव विकास अध्याय 9 के सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर पढ़ें। 10वीं विद्यार्थियों के लिए सटीक ओर सुलभ नोट्स। झारखण्ड पाठशाला में कक्षा 10 विज्ञान के सभी अध्यायों के समाधान उपलब्ध है।

Anuwanshikta evan Jaiw Vikas
Class 10 Science chapter 8

Anuwanshikta evan Jaiw: 1 अंक स्तरीय प्रश्न तथा उत्तर

Q.1. उस पादप का नाम लिखें जिस पर मेंडल में प्रयोग किया था?
Ans: मटर का पौधा।

Q.2. जीवों की आनुवंशिक इकाई क्या है?
Ans. जीन।

Q.3. जीन का नामकरण किस वैज्ञानिक ने किया?
Ans: जॉन्सन (1909 ई०)।

Q.4. जीन कहां पाए जाते हैं?
Ans: गुणसूत्रों पर।

Q.5. गुणसूत्र XY और XX किन नामों से जाने जाते हैं?
Ans: लिंग गुणसूत्र।

Q.6. अंडाणु या शुक्राणु में से कौन बच्चे के लिंग का निर्धारण करता है?
Ans: शुक्राणु।

Q.7. एक नवजात बच्चे में XY गुणसूत्र-युग्म पाया गया। यह लड़का है अथवा लड़की है?
Ans: लड़का।

Q.8. उस वैज्ञानिक का नाम लिखें जिसने पैत्रिक लक्षणों के पीढ़ी-दर-पीढ़ी आनुवंशिक होने का अध्ययन प्रथम बार किया था?
Ans: मेंडल (ग्रेगर जॉन मेंडल)।

Q.9. विकासीय संबंध स्थापित करने में किस विधि का प्रयोग व्यापक स्तर पर किया जाता है?
Ans: DNA की संरचना का तुलनात्मक अध्ययन।

Q.10. डायनासोर क्या है?
Ans: सरीसृप।

Q.11. वह कौन-सा कारक है जो वंशागत लक्षणों को नियंत्रण करता है?
Ans: जीन।

Q.12. जीवधारियों में पाये जाने वाले उन लक्षणों के नाम लिखें जो पीढ़ी दर पीढ़ी स्थानांतरित होते हैं।
Ans: आनुवंशिक लक्षण।

Q.13. D. N. A. का पूर्णरूप लिखें।
Ans: Deoxyribose Nuclic Acid (डिआक्सीराइबोज न्युक्लिक एसिड)।

Q.14. गुणसूत्र के कौन-कौन-से घटक हैं?
Ans: क्रोमैटिड और सेंट्रोमियर।

Q.15. मनुष्यों में गुण सूत्रों की कितनी संख्या होती है?
Ans:23 जोड़ी।

Q.16.कोशिका विभाजन की किस अवस्था में गुणसूत्रों को देखा जा सकता है?
Ans: प्रोफेज या पूर्वावस्था।

Q.17. D. N. A. मैं कितने प्रकार के नाइट्रोजन युक्त क्षार पाये जाते हैं?
Ans: दो प्रकार के क्षार –
(i) प्यूरीन,
(ii) पाइरीमिडीन।

Q.18. “ऐसे दो बच्चों को जो एक ही निषेचित अंडाणु से विकसित होते हैं।” _ क्या कहते हैं?
Ans: जुड़वां।

Q.19. किसी बालक के हाथ में पांच के बदले छह अंगुलियों का होना किस प्रकार की विभिन्नता है?
Ans: विच्छीत्र विभिन्नता या उत्परिवर्तन।

Q.20. आरo एनo एo का संश्लेषण किस केंद्रीय प्रोटीन द्वारा होता है?
Ans: डिअक्सी राइबोज।

Anuwanshikta evan Jaiv Vikas: 1 अंक स्तरीय प्रश्न तथा उत्तर

Q.1. आनुवंशिकता की परिभाषा दें।
Ans: वह जटिल प्रक्रम जिसके अंतर्गत लैंगिक जनन के माध्यम से माता-पिता के विशिष्ट लक्षण उनकी संतानों में पीढ़ी – दर -पीढ़ी पहुंचते रहते हैं, आनुवंशिकता कहलाती है।

Q.2. आनुवंशिक लक्षण किन्हे कहते हैं?
Ans: ऐसे लक्षणों को जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक स्थानांतरित होते रहते हैं उन्हें आनुवंशिक गुण या लक्षण कहते हैं। इस परीघटना को आनुवंशिकता कहते हैं।

Q.3. लक्षणों की वंशागति के क्या नियम है?
Ans: (i) लक्षण दो प्रकार के होते हैं -प्रभावी व अप्रभावी। प्रथम पीढ़ी में केवल प्रभावी लक्षण ही परिलक्षित होते हैं। इसे प्रभावी लक्षणों का नियम कहते हैं।
(ii) लक्षण स्वतंत्र रूप से पृथक होते हैं इसे सैग्रीगेशन का नियम कहते हैं।

Q.4. लिंग गुणसूत्र क्या है? मनुष्य में कितने लिंग गुणसूत्र पाए जाते हैं?
Ans: वह गुणसूत्र जिसकी सहायता से लिंग निर्धारण होता है, लिंग गुणसूत्र कहलाता है मनुष्य में एक जोड़ा लिंग गुणसूत्र पाया जाता है।

Q.5. जीनो की विशेषताओं का उल्लेख करें।
Ans: जिनो की विशेषता –
(i) ये आनुवंशिक पदार्थों की इकाइयां हैं जिसमें द्विगुणन की क्षमता होती है।
(ii) ये पुनयरोजन की इकाइयां हैं और ये क्रासिंग – ओवर क्रिया में भाग ले सकती है।
(iii) जीन उत्परिवर्तित होकर विभिन्नताएं उत्पन्न करती है। उत्परिवर्तन से जीन में संग्रहीत सूचनाएं बदल जाती है।
(iv) ये शारीरिक लक्षणों एवं क्रियाओं से संबद्ध होती है और वैसे लक्षणों अथवा वैसी क्रियाओं को प्रकट करने में सहायक है।

Q.6. जीन – प्रवाह क्या है?
Ans: जीन – प्रवाह -अप्रवासी जीव का किसी नई समष्टि में प्रवेश करना जीन – प्रवाह कहलाता हैं । जीन-प्रवाह उन समष्टियों में होता है जो आंशिक रूप से अलग – अलग होती है।

Q.7. विभिन्नताओं के उत्पन्न होने से किसी स्पीशीज की उत्तरजीविता की संभावना क्यों बढ़ जाती है?
Ans: विभिन्नताओं के रहने से भिन्न – भिन्न प्रकार के जीवो को अपने अस्तित्व को बढ़ाने के लिए अलग-अलग प्रकार से लाभ मिलता है। उदाहरण के लिए ऐसे जीवाणु जो तीव्र उष्मा का सहन कर सकते हैं वे अति उष्ण दशाओ में भी जीवित रह जाते हैं। इसके विपरीत जिसमें ऐसी क्षमता नहीं होती वे नष्ट हो जाती है। इस प्रकार विभिन्नताओं के कारण स्पीशीज का अस्तित्व कायम रहता है।

Q.8. डी० एन० ए० आनुवंशिकता का आधार है। कैसे?
Ans: डी० एन० ए० आनुवंशिकता का आधार है क्योंकि –
(i) इसमें द्विगुणन की क्षमता होती है।
(ii) यह सभी कोशिकाओं में पाया जाता है ।
(iii) डी० एन० ए० की अनुकृत मूल DNA अणु की तरह ही होती है।
(iv) डी० एन० ए० का द्विगुणन कोशिका विभाजन से पहले हो जाता है।
(v) यदि डी० एन० ए० की रचना में परिवर्तन हो जाए तो जीव के शरीर में उत्परिवर्तन के लक्षण दिखाई देंगे।

Q.9. सूक्ष्म विकास किसे कहते हैं?
Ans: छोटे आनुवंशिक परिवर्तनों के फलस्वरुप हुए विकास को सूक्ष्म विकास कहते हैं। इस प्रकार के अध्ययन में छोटे-छोटे परिवर्तन बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। ऐसे परिवर्तन किसी स्पीशीज के सामान्य लक्षणों व गुणों में परिवर्तन कर देते हैं।

Q.10. जीवाश्मो की आयु ज्ञात करने के लिए किन-किन विधियों का सहारा लिया जाता है?
Ans:(i) रेडियो सक्रिय घड़ी का प्रयोग,
(ii) रेडियो सक्रिय कार्बन विधि,
(iii) पोटेशियम आग्रन विधि।

Anuwanshikta evan Jaiv Vikas: 1 अंक स्तरीय प्रश्न तथा उत्तर

Q.1. आनुवंशिकी की परिभाषा दे। आनुवंशिकता में मेंडल का क्या योगदान है?
Ans: जीव विज्ञान की वह विशेष शाखा जिसके अंतर्गत आनुवंशिकता की सूक्ष्म क्रिया विधि, आनुवंशिकता के प्रभाव एवं आनुवंशिकता से संबंधित परिवर्तन का अध्ययन किया जाता है।
ग्रेगन जॉन मेंडल ने जीव विज्ञान की इस शाखा आनुवंशिकी को अति महत्वपूर्ण योगदान दिया था। इसलिए उन्हे अनवांशिकी का जनक कहा जाता है। उन्होंने मटर के दानों पर संकरण के तरह तरह के प्रयोग किए थे और तीन नियमो को प्रतिपादित किया था-

  • प्रभविकता का नियम- संकरण में भाग लेने वाले पौधों का प्रभावी गुण प्रकट होता है और अप्रभावी गुण छिप जाता है।
  • पृथक्करण का नियम- युग्मकों की रचना के समय कारकों के जोड़े के कारक अलग अलग हो जाते है। इन दोनों में से केवल एक युग्मक के पास पहुंचता है। दोनों कारक कभी भी एक साथ युग्मक में नहीं होते।
  • अपव्यूहन का नियम- जीव गुण के कारक एक दूसरे को प्रभावित किए बिना अपने आप उन्मुक्त रूप से युग्मकों में जाते है और अपने आप को प्रकट करते है। उदाहरण के लिए- द्विसंकर क्रॉस की दूसरी पीढ़ी की संतानों में सभी कारकों के गुण अलग अलग दिखाई देते है पर पहली पीढ़ी में अपने प्रभावी गुण ही प्रकट करते है।

Q.2.मेंडल के प्रयोगों से कैसे पता चला कि विभिन्न विकल्पी लक्षण स्वतंत्र रूप से वंशानुगती करते हैं?
Ans: मेंडल ने अपने कुछ प्रयोगो मैं मटर के पौधे के दो विकल्पी जोड़ों का अध्ययन करने के लिए संकरण कराया इसके लिए उन्होंने गोल बीजों वाले लंबे पौधों तथा झुर्रीदार बीजों बने पौधे के बीच संकलन कराया और पाया की-

  • F1 पीढ़ी के सभी पौधे लंबे और गोल बीजों वाले थे इससे पता चला की लंबाई तथा बीज का गोल आकार प्रभावी लक्षण है।
  • F2 पीढ़ी के कुछ पौधे नए संयोजन प्रदर्शित करते है। जैसे- कुछ पौधे लंबे परंतु झुर्रीदार बीजों वाले हैं जबकि कुछ पौधे बौने और गोल बीजों वाले हैं ।

उपर्युक्त दोनों दशाओं से यह निष्कर्ष निकलता है कि लंबाई, बौनापन, बीजों का गोल होना अथवा झुर्रीदार होना परस्पर स्वतंत्र लक्षण है। यह स्वतंत्रता पूर्वक वंशानुगत होते हैं।

Q.3. मानव में बच्चे का लिंग निर्धारण कैसे होता है?
Ans:किसी शिशु के जन्म से पूर्व उसके नर अथवा मादा होने की भविष्यवाणी करना लिंग निर्धारण कहलाता है।

  • महिलाओं में दोनों लिंग गुणसूत्र के प्रकार के होते हैं। X और X
  • पुरुष दो प्रकार के शुक्राणु बराबर मात्रा में उत्पन्न करते हैं। एक प्रकार के शुक्राणुओं में X गुणसूत्र होता है जबकि दूसरे प्रकार के शुक्राणु Y गुणसूत्र रखते हैं।
  • महिलाएं एक ही प्रकार के अंडाणु उत्पन्न करती हैं।
  • जब X गुणसूत्र वाला शुक्राणु अंडे से संयोग करता है तो युग्मनज लड़की में विकसित होता है।
  • जब गुणसूत्र वाला शुक्राणु अंडे को निश्चित करता है तो युग्मनज लड़के में विकसित होता है।

Q.4. जीवाश्म क्या है? वे जैव- विकास प्रक्रम के विषय में क्या दर्शाते हैं?
Ans: भूतकालीन जंतुओं और पौधों के कठोर अंगों की छाप अथवा उनके अवश्य जो पृथ्वी की चट्टानों पर या उनके बीच में दबे हुए पाए जाते हैं जीवाश्म कहलाते हैं। जीवाश्म जैव विकास के विभिन्न चरणों व्यवस्थाओं को दर्शाते हैं।

जीवाश्म हमें जैव विकास के बारे में निम्नांकित बात पर दर्शाते हैं-

  • ऐसी कौन सी ऐसी स्पीसीज है जो कभी जीवित थी परंतु अब लुप्त हो गई है।
  • ऐसे जीवो के अवशेष जीवाश्म के रूप में मिले हैं जो कि एक वर्ग के जीवो का उनसे विकसित उच्च वर्ग के बीच के कड़ी के जीवो का स्वरूप बताते हैं।
  • फॉसिल पृथ्वी के अंदर विभिन्न स्तर पर खुदाई करके निकाले जाते हैं। इससे पता चलता है कि पृथ्वी की सतह के निकट पाए जाने वाले जीवाश्म गहरे स्तर पर पाए गए जीवाश्म की अपेक्षा अधिक नए हैं।

Anuwanshikta evan Jaiv Vikas More Lessons