बॉक्सर विद्रोह चीन में सन् 1898 से 1901 तक चलने वाला यूरोप का साम्राज्यवाद और ईसाई धर्म के फैलाव के विरुद्ध एक हिंसक आन्दोलन था। इसका नेतृत्व एक “धर्मिक समस्वर संघ” (चीनी: यीहेतुआन) नाम के संगठन ने किया था, जिन्हें “धार्मिक और समस्वरीय मुक़्क़ों का संघ” भी कहा जाता था। मुक़्क़ेबाज़ को अंग्रेज़ी में “बॉक्सर” (boxer) कहते हैं इसलिए विद्रोहियों को यही बुलाया जाने लगा।
बॉक्सर विद्रोह के कारण
बॉक्सर विद्रोह के कई कारण थे, जिनमें शामिल हैं:
- आर्थिक समस्याएं: 19वीं शताब्दी में चीन की अर्थव्यवस्था में गिरावट आई थी। इसके कई कारण थे, जिनमें अफ़ीम युद्धों के परिणामस्वरूप हुई भारी आर्थिक क्षति, विदेशी व्यापार पर बढ़ता नियंत्रण, और आधुनिकीकरण के प्रयासों में विफलता शामिल हैं। इन समस्याओं ने चीनी किसानों और श्रमिकों के बीच असंतोष पैदा किया।
- सांस्कृतिक विरोध: चीन की प्राचीन संस्कृति और परंपराओं को पश्चिमी संस्कृति और धर्म के प्रसार से खतरा महसूस हुआ। ईसाई मिशनरियों ने चीनी लोगों को अपने धर्म में परिवर्तित करने का प्रयास किया, जिससे चीनी लोगों में धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची।
- राजनीतिक अस्थिरता: चीन में राजशाही कमजोर हो रही थी। 1898 के सौ दिनों के सुधारों में, सम्राट गुआंगज़ोउ ने चीनी समाज को आधुनिक बनाने के प्रयास किए, लेकिन ये प्रयास अंततः विफल हो गए। इससे चीन में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ गई।
बॉक्सर विद्रोह का प्रारंभ
बॉक्सर विद्रोह की शुरुआत 1898 में शेडोंग प्रांत में हुई। इस क्षेत्र में, ईसाई मिशनरियों ने स्थानीय लोगों के साथ जमीन और संसाधनों के लिए प्रतिस्पर्धा की। इससे चीनी किसानों और श्रमिकों में असंतोष पैदा हुआ, और उन्होंने “धर्मिक समस्वर संघ” नामक एक संगठन बनाया।
“धर्मिक समस्वर संघ” का नेतृत्व एक महिला, चिंग जूई-तु ने किया था। चिंग जूई-तु ने दावा किया था कि उन्हें स्वर्गदूतों से दिव्य संदेश प्राप्त हुए हैं, जो उन्हें ईसाई मिशनरियों और अन्य विदेशियों को मारने के लिए प्रेरित करते हैं।
बॉक्सर विद्रोहियों ने जल्द ही शेडोंग प्रांत के अन्य हिस्सों में अपना प्रसार शुरू कर दिया। उन्होंने स्थानीय अधिकारियों और विदेशियों पर हमले किए, और कई लोगों को मार डाला।
विदेशी प्रतिक्रिया
बॉक्सर विद्रोह ने विदेशों में चिंता पैदा की। यूरोपीय और जापानी शक्तियों ने चीन पर दबाव डाला कि वह विद्रोहियों को दबाने के लिए कार्रवाई करे।
चीनी सरकार ने शुरू में विद्रोह को दबाने की कोशिश की, लेकिन वह असफल रही। अंततः, विदेशी शक्तियों ने चीन पर आक्रमण किया और विद्रोह को कुचल दिया।
बॉक्सर विद्रोह के परिणाम
बॉक्सर विद्रोह के कई परिणाम थे- सबसे पहले, इसने चीन को और भी कमजोर कर दिया। विद्रोह के बाद, चीन ने विदेशी शक्तियों के साथ कई संधिएँ कीं, जिनने उन्हें चीनी अर्थव्यवस्था और राजनीति पर अधिक नियंत्रण दिया।
दूसरा, इसने चीन में सुधारों को बढ़ावा दिया। विद्रोह के बाद, चीन ने अपनी सेना और सरकार को आधुनिक बनाने के लिए कदम उठाए।
तीसरे, इसने पूर्वी एशिया में शक्ति संतुलन को बदल दिया। विद्रोह के बाद, जापान ने चीन पर अपनी बढ़ती शक्ति का प्रदर्शन किया।
बॉक्सर विद्रोह एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना थी, जिसने चीन के आधुनिक इतिहास को आकार दिया।