नियंत्रण तथा समन्वय | Niyantran tatha Samanvay | Class 10 Science Chapter 7

Niyantran tatha Samanvay: : नियंत्रण तथा समन्वय Niyantran tatha Samanway अध्याय 7 के सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर पढ़ें। 10वीं विद्यार्थियों के लिए सटीक ओर सुलभ नोट्स। झारखण्ड पाठशाला में कक्षा 10 विज्ञान के सभी अध्यायों के समाधान उपलब्ध है।

Niyantran tatha Samanvay: 1 अंक स्तरीय प्रश्न तथा उत्तर

1.शरीर का प्रमुख समन्वय केंद्र क्या है?
उत्तर -मस्तिष्क।

2.प्रतिवर्ती क्रिया तंत्रिका तंत्र के किस भाग द्वारा संचालित की जाती हैं?
उत्तर – मेरुरज्जु।

Niyantran tatha Samanvay | Class 10 Science Chapter 7
Niyantran tatha Samanvay Class 10 Science Chapter 7

3.प्रतिवर्ती चाप कहां बनते हैं?
उत्तर – मेड्डला में।

4.तंत्रिका तंत्र का संरचनात्मक और क्रियात्मक इकाई का नाम लिखें।
उत्तर -तंत्रिका कोशिका या न्यूरॉन।

5.मानव शरीर में सबसे लम्बी कोशिका का नाम लिखें।
उत्तर तंत्रिका कोशिका या न्यूरॉन।

6.रेनवीयर्स गांठ कहा पाई जाती हैं?
उत्तर -न्यूरॉन में।

7.मस्तिष्क का कौन – सा भाग स्थिति और गमन को नियंत्रित करता है?
उत्तर – पशचमस्तिष्क का अनुमस्तिष्क भाग आसन और गमन सामन्वय का नियंत्रण करता है।

8.मानव मस्तिष्क का कौन – सा भाग देखने और सूंघने की क्रियाओं को नियंत्रित करता है?
उत्तर -प्रमस्तिष्क।

9.मस्तिष्क का कौन – सा भाग शरीर की स्थिति तथा संतुलन का अनुरक्षण करता है?
उत्तर – अनुमस्तिष्क।

10.भूख की सूचना मस्तिष्क का कौन – सा भाग प्राप्त करता है?
उत्तर – अग्रमस्तिष्क।

11.शवसन क्रिया का नियंत्रण मस्तिष्क के किस भाग द्वारा होता है?
उत्तर- पॉनस।

12.मानव मस्तिष्क का कौन – सा भाग बुद्धि एंव यादाश्त के लिए उत्तरदायी है?
उत्तर -प्रमस्तिष्क

13.मानव मस्तिष्क का प्रमुख सोचने वाला भाग क्या है?
उत्तर – अग्रमस्तिष्क

14.मानव मस्तिष्क का कौन -सा भाग लार का स्राव, रक्तचाप और उल्टी की क्रियाओं को नियंत्रित करता है?
उत्तर – पशच मस्तिष्क में स्थित मेड्डला।

15.मस्तिष्क में कौन -सा भाग सीधी रेखा में चलने, साईकिल चलाने या पेंसिल उठाने से संबंधित होता है?
उत्तर -अनुमस्तिष्क /पशच मस्तिष्क।

16.उस तंत्रिका कोशिका का नाम लिखे जो संवेदी तंत्रिका कोशिका और प्रेरक तंत्रिका कोशिका को जोड़ने का कार्य करती है?
उत्तर -अंतरातंत्रिकाणु।

17.मस्तिष्क या मेरुरज्जु से प्रतिवर्तीत होने के बाद आवेग प्रेरक न्यूरॉनो से होकर कहां जाते हैं?
उत्तर – अभिबाही अंग में।

18.दो तंत्रिका कोशिका के मध्य खाली स्थान को क्या कहते हैं?
उत्तर-सिनेप्स।

19.दो तंत्रिका कोशिकाओं की द्रुमिकाओ के संधिस्थल को क्या कहते हैं?
उत्तर अन्तग्रर्थन या सिनैप्स।

20.पराग नलिका का बीजांड की और वृद्धि करना किस प्रकार का अनुवर्तन है?
उत्तर – रसायनानुवर्तन।

Niyantran tatha Samanvay: 2 or 3 अंक स्तरीय प्रश्न तथा उत्तर

21.नियंत्रण और समन्वय क्या है?
उत्तर -जीवधारियों के शरीर में प्राकृतिक रूप से उपलब्ध ऐसी रासायनिक और शरीर क्रियात्मक व्यवस्था जिसके द्वारा शारीरिक क्रियाएं आवश्यकतानुसार नियंत्रण में रहती है और विभिन्न अंगों के बीच आपसी ताल – मेल बना रहता है, नियंत्रण और समन्वय कहलाती है।

22.प्रतिवर्ती क्रिया किसे कहते हैं? उदाहरण लिखें।
उत्तर – जीवधारियों में किसी दृश्य या अदृश्य, वाह्य अथवा आंतरिक उद्दीपन के प्रभाव में होने वाली में अनैच्छिक क्रियाये जिनका संचालन एवं समम्वयन प्राय: मेरुरज्जु की तंत्रिकाओं द्वारा होता है, प्रतिवर्ती क्रियाएं कहलाती है।
उदाहरण – चौकना, चीखना, छींक आना, डर जाना आदि।

23.अग्रमस्तिष्क के कार्यों का उल्लेख करें।
उत्तर-(i) अग्रमस्तिष्क में संवेदी अंगों से सूचनाएं प्राप्त की जाती है और आवेगों को कार्यकारी अंगों तक भेजा जाता है।
(ii) उद्दीपनों को ग्रहण कर अनुक्रिया अग्रमस्तिष्क द्वारा ही संपन्न होती है।
(iii) कई प्रकार की जटील मानसिक क्रियाएं जैसे तर्क शक्ति, बुद्धि, विचार, प्रतिभा, दायित्व बोध आदि के केंद्र केन्द्र अग्रमस्तिष्क में ही होते हैं।

24.मधुमेह क्या है? यह क्यों होता है?
उत्तर -यदि इंसुलीन हॉम्रोन का स्राव उचित मात्रा में नहीं हो तो मधुमेह नामक रोग हो जाता है। ऐसी रोगी के रक्त में ग्लूकोज की मात्रा असंतुलित हो जाती है। इससे बहुत – से हानिकारक प्रभाव पड़ते हैं।

25.पीयूष ग्रंथि को मास्टर ग्रंथि क्यों कहा जाता है?
उत्तर – पीयूष ग्रंथि मस्तिष्क के निचले भाग में स्थित होती है। यह वृद्धि हॉर्मोन स्रावित करके हड्डी तथा ऊतकों की वृद्धि को नियमित करती है। इसे मास्टर ग्रंथि इसलिए कहते हैं क्योंकि यह ऐसे हॉम्रोन स्रावित करती है जो अन्य ग्रंथियो के कार्यों को नियंत्रिण करते हैं।

26.जब एड्रीनलिन रुधिर से स्रावित होता है तो हमारे शरीर में क्या अनुक्रिया होती है?
उत्तर – एड्रीनलीन हॉम्रोन एड्रिनल ग्रंथि में स्रावित होता है तथा सीधे रक्त में पहुंचकर पूरे शरीर में फैल जाता है। यह हृदय को प्रभावित करता है जिससे हृदय की गति तेज हो जाती है और पूरे शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ जाती है। श्वासन-दर तेज हो जाती है और पेशियों को अधिक ऑक्सीजन मिलती है। इन परिवर्तनों के कारण जीव का शरीर असामान्य परीस्थिति से निपटने में सक्षम हो जाता है।

27.जंतुओं में रसायनिक समन्वय कैसे होता है?
उत्तर -जंतुओं में रासायनिक समन्वय जंतु हॉम्रोन द्वारा होता है। उच्च श्रेणी के जंतुओं (जैसे- मनुष्य) में हॉम्रोन अंतः स्रावी ग्रंथियों में बनते हैं ये जटिल रासायनिक यौगिक होते हैं जो अंत स्रावी ग्रंथियों से निकलकर दूसरे क्षेत्र में स्थित अंग या अंगतंत्र पर अपना प्रभाव डालते हैं।

28.आयोडीन युक्त नमक के उपयोग की सलाह क्यों दी जाती है?
उत्तर -आयोडीन गले में स्थित थायरॉयड ग्रंथि द्वारा स्रावित हॉम्रोन थायरॉक्सीन के संश्लेषण में सहायक है। भोजन में लगातार बहुत दिनों तक आयोडीन की कमी के बने रहने पर थायरॉयड ग्रंथि में सूजन आ जाती है जो बाहर से घेंघा या गॉयटर के रूप में दिखाई पड़ती है। आयोडीन जल के माध्यम से हमारे शरीर में पहुंचता है। जिस क्षेत्र के जल में आयोडीन की कमी होती है उस क्षेत्र के निवासियों में यह बीमारी अधिक दिखाई पड़ती है। यही कारण है कि आयोडीनयुक्त नमक के प्रयोग की सलाह दी जाती हैं।

29.मधुमेह के कुछ रोगीयों की चिकित्सा इंसुलिन का इंजेक्शन देकर क्यों की जाती है?
उत्तर – इंसुलीन एक हॉम्रोन है जो अग्नाशय पर पाई जाने वाली “आइलेट्स ऑफ लैंगरहैन्स” नामक अंत:स्रावी ग्रंथियों में बनता है। यह रक्त में शर्करा के स्तर का अनुरक्षण करता है। यदि किसी व्यक्ति के शरीर में इंसुलीन का स्राव कम या बंद हो जाए तो रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ जाएगा जिससे उसे अनेक प्रकार के कष्ट होंगे। इस बीमारी को मधुमेह कहते हैं। ऐसे रोगियों को इंसुलीन हॉम्रोन की सुई देनी पड़ती है।

30. अग्र मस्तिष्क के कोई दो कार्य लिखें।
उत्तर- अग्र मस्तिष्क के कोई दो कार्य:

  • शरीर की सम्पूर्ण जैविक क्रियाओ का नियंत्रण तथा समन्वयन।
  • शरीर की महत्वपूर्ण क्रियाओ जैसे संतुलन, स्मरण,तथा ज्ञानेन्द्रीयो की क्रियाशीलता पर नियंत्रण।

Niyantran tatha Samanvay: 5 अंक स्तरीय प्रश्न तथा उत्तर

Q.1. मानव मस्तिष्क के विभिन्न भागों के नाम लिखें और कार्यों का वर्णन करें।
Ans: मानव मस्तिष्क के विभिन्न भाग– सल्कस माइरस, प्रमस्तिष्क गोलार्ध, प्रमस्तिष्क, मध्य मस्तिष्क, गैरोली, मेंडुला, अब्लागेटा। सेरीबलम।
मस्तिष्क को तीन भागों में बांटा जाता है:
प्रमस्तिष्क, अनुमस्तिष्क, मेंडुला ऑब्लांगेटा

प्रमस्तिष्क के कार्य-

  • मानसिक क्रियाएं- जैसे- वृद्धि विचार, स्मरण शक्ति, जागरूकता, प्रतिभा, दायित्व बोध, तर्कशक्ति, नैतिक ज्ञान, और स्वस्थ संबंधी क्षमताएं उत्पन्न करना
  • संवेदना- जैसे- दर्द, गर्मी, स्पर्श, प्रकाश की अनुभूति, श्रवण, विषाद, गंध का ज्ञान करना
  • स्वैच्छिक पेशियों को सक्रिय बनाना और उनकी क्रियाओं को नियंत्रित करना

अनुमस्तिष्क यह पेशीय गतियो को नियंत्रित करने एवं शारीरिक संतुलन बनाए रखने का कार्य करता है।
मेंडुला अब्लागेटा यह हृदय की धड़कन रक्त परिसंचरण लार का स्राव तथा निगलने की क्रियाओं का नियंत्रण करता है।

Q.2. जंतुओं में नियंत्रण एवं समन्वय के लिए तंत्रिका तथा हार्मोन क्रियाविधि की तुलना करें।
Ans: जंतुओं में नियंत्रण एवं समन्वय के लिए तंत्रिका तथा हार्मोन क्रियाविधि की तुलना:

तंत्रिका कार्यविधिहार्मोनीक कार्यविधि
इस प्रकार में शरीर में तंत्रिकाओं का एक जाल बना होता है जो शरीर की प्रत्येक कोशिका से संबंधित रहता है तथा केंद्रीय तंत्रिका तंत्र से मिलता है। इस प्रकार में इस प्रकार का कोई जाल शरीर में नहीं होता।
तंत्रिकाओं तथा अंगों का परस्पर संबंध केंद्रीय तंत्रिका तंत्र से नियंत्रित रहता है। इस प्रकार के तंत्र में कोई नियंत्रक अंग नहीं होता है।
इस तंत्र में केवल एक रसायन उत्पन्न होकर सिनेप्टिक दरार को भर लेता है फिर पुनः चूस लिया जाता है। हारमोंस निः स्रोत ग्रंथों में स्रावित होता है।
सभी प्रकार की क्रियाएं तंत्रिकाओं तथा केंद्रीय तंत्रिका तंत्र द्वारा नियंत्रित होती है। विशिष्ट हार्मोन विशिष्ट अंग तथा उसके कार्यों को नियंत्रित करता है।

Q.3. अनुच्छिक क्रियाएं तथा प्रतिवर्ती क्रियाएं एक दूसरे से किस प्रकार भिन्न है?
Ans: प्रतिवर्ती क्रियाओ तथा अनुच्छिक क्रियाओ में अंतर:

प्रतिवर्ती क्रियाएंअनैच्छिक क्रियाएं
एक प्रकार की क्रियाएं मेरुरज्जु द्वारा नियंत्रित रहती हैइस प्रकार की क्रियाएं मस्तिष्क द्वारा नियंत्रित रहती है।
यह 1 सेकंड से भी कम समय में पूर्ण हो जाती है। उनके पूरे होने में समय लगता है।
इसमें सोचने की आवश्यकता नहीं होती है। इसमें सोचने की आवश्यकता होती है।
उद्दीपन प्राप्त होने के तुरंत बाद ही अनुप्रिया होती है। इसमें विचार की आवश्यकता होती है ना की अनुक्रिया हेतु पर्यावरणीय उद्दीपन की आवश्यकता होती है।

Q.4. अंतः स्रावी ग्रंथि किसे कहते हैं? किन्ही दो महत्वपूर्ण अंतः स्रावी ग्रंथि द्वारा स्रावित हार्मोन के नाम लिखे और वर्णन करें।
Ans: ऐसी ग्रंथियां जो जंतु के शरीर के अंदर आंतरिक रुप से हर्मनों का स्राव करती है अंतः स्रावी ग्रंथियां कहलाती है। इनके हार्मोन का प्रवाह सीधे रक्त में होता है।
पीयूष ग्रंथियां द्वारा स्रावित हार्मोन-

  • वृद्धि हार्मोन: वृद्धि हार्मोन हड्डियों की वृद्धि को नियंत्रित करता है। योवनारंभ के पूर्व इसका शराब अधिक हो तो लंबाई अनावश्यक रूप से बढ़ जाएगी।
  • एड्रीनोकोटोपि हार्मोन: यह हार्मोन एड्रिल कर्टेनक्स को नियंत्रित करता है।
  • जनन ग्रंथि नियंत्रक हार्मोन: यह हार्मोन वृषण और अंडाशय में जनन हार्मोन के स्राव को नियंत्रित करता है।
  • थायराइड उत्तेजक हार्मोन: यह हार्मोन थायराइड ग्रंथि हो उत्तेजित करता है और हार्मोन शराब को बढ़ाता है।
  • वेसोप्रेसिन हार्मोन: यह जल संतुलन को कायम रखता है।

थायराइड ग्रंथि द्वारा स्रावित हार्मोन के कार्य-

  • यह शरीर की वृद्धि के लिए आवश्यक है।
  • यह कोशिकीय उपापचय की गति बढ़ाता है।
  • यह उत्तक के द्रव्य की प्रतिशतता को नियंत्रित करता है।
  • यह हृदय की पेशियों और तंत्रिका तंत्र की क्रियाशीलता के लिए आवश्यक है।
  • यह जल संतुलन में सहायक होता है।

थायराइड ग्रंथि का पैराथायरोक्सिन कैल्शियम उपापचय के लिए आवश्यक होता है यह हड्डियों तथा रक्त में कैल्शियम की मात्रा को नियंत्रित करता है।

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