प्राथमिक क्रियाएं Prathmik Kriyayen Class 12 Geography Chapter 5 NCERT Solutions in Hindi Pdf Notes Download

Prathmik Kriyayen Class 12: इस आर्टिकल में कक्षा 12 के भूगोल विषय के पंचवे अध्याय अर्थात प्राथमिक क्रियाएं के सभी महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर दिए गए है जो कक्षा 12 की वार्षिक परीक्षा के महत्वपूर्ण है। ये सभी प्रश्न उत्तर NCERT की किताब से लिए गए है। Prathmik Kriyayen Class 12.

Prathmik Kriyayen Class 12: प्राथमिक क्रियाएं लघु उत्तरीय प्रश्न

Q.1. मानव के आर्थिक क्रियाकलाप से आप क्या समझते हैं?
Ans: मानव क्रियाकलाप से हमारा अभिप्राय उन सभी क्रियाकलापों से है, जो मानव अपने तथा अपने परिवार के जीवन यापन के लिए विभिन्न क्रियाकलाप तथा अर्थोपार्जन करता है।

Q.2. कृषि सर्वाधिक महत्वपूर्ण कार्य क्यों है?
Ans: कृषि प्राथमिक क्षेत्र के अंतर्गत आता है। कृषि एक महत्वपूर्ण कार्य है क्योंकि विश्व की लगभग आधी जनसंख्या कृषि पर निर्भर है। कृषि के सर्वाधिक महत्वपूर्ण होने के बहुत सारे कारण हैं जिनमें से कुछ प्रमुख कारण नलिखित हैं:

  • विश्व की विशाल जनसंख्या को खाद्यान्न उपलब्ध कराना: विश्व के अधिकतर लोग कृषि पर निर्भर है। विश्व के बहुत सारे लोग कृषि से ही अपना रोजगार चलाते हैं। अगर किसान कृषि करना बंद कर दे तो कुछ सालों के बाद भुखमरी छा जाएगी।
  • कृषि उत्पादों का प्रयोग उद्योगों में कच्चे माल के रूप में: कृषि से उत्पन्न उत्पादों का प्रयोग उद्योगों में कई सारी चीजों को बनाने के लिए किया जाता है।अर्थात कृषि उत्पादों का प्रयोग कच्चे माल के रूप में भी किया जाता है।
  • कृषि का अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान: कृषि अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान देती है। अर्थात अर्थव्यवस्था का विकास कृषि पर भी निर्भर होता है। भारत पहले कृषि प्रधान देश कहा जाता था।

Q.3. ट्रक कृषि किसे कहते हैं?
Ans: ट्रक कृषि से हमारा अभिप्राय उस कृषि से है जहाँ के लोग केवल सब्जियाँ उत्पादित करते हैं। एक रात में ट्रक जितनी दूरी तय कर सकता है उतनी दूरी तक यह कृषि अपना बाजार बनाती है, इसलिए इससे इस नाम से संबोधित किया जाता है।

Q.4. भूमध्यसागरीय कृषि क्या है?
Ans: वे कृषि, जो भूमध्य सागर के दोनों ओर स्थित देशों में की जाती है उसे भूमध्यसागरीय किसी कृषि कहा जाता है। दक्षिण अमेरिका चीनी, ट्यूनीशिया, अल्जीरिया, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण यूरोप में इटली तथा ग्रीस आदि भूमध्यसागरीय कृषि करने वाले देश है।

Q.5. जीविकोपार्जन कृषि के प्रमुख विशेषताओं का वर्णन करें।
Ans: जीविकोपार्जन कृषि की बहुत सारी विशेषताएं होती हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित है:

  • जीविकोपार्जन कृषि का उद्देश्य पारिवारिक आवश्यकताओं को पूर्ण करना होता है।
  • यह सरल कृषि पद्धति है तथा इसमें विस्तृत वैज्ञानिक पद्धतियों का प्रयोग नहीं किया जाता है।
  • जीविकोपार्जन कृषि में मुख्य रूप से खाद्यान्नों का उत्पादन किया जाता है।
  • इस प्रकार के कृषि में स्थानीय उर्वरकों का प्रयोग किया जाता है, जिसमें हरी खाद्य प्रमुख हैं।

Prathmik Kriyayen Class 12: प्राथमिक क्रियाएं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

Q.6. चावल की कृषि के लिए अनुकूल भौगोलिक दशाओं का वर्णन कीजिए
Ans: चावल की कृषि के लिए निम्नलिखित भौगोलिक दशाएं आवश्यक होती हैं:

  • धान के पौधे को 27 डिग्री से 30 डिग्री सेल्सियस तक के तापक्रम वाले वातावरण की आवश्यकता रहती है।
  • धान के पौधों को विकसित करने के लिए करीब 100 से. मी. वर्षा की आवश्यकता होती है। धान के खेत में करीब 10.25 सेंटीमीटर पानी भरा रहना चाहिए।
  • चिकनी एवं दोमट मिट्टी चावल की खेती हेतु उपयुक्त मानी जाती है। इस प्रकार की मिट्टी में पानी का ठहराव बना रहता है।
  • धान की खेती के लिए पौधे तैयार करना उखाड़ना रोकना व पानी में डूबे खेतों तक पहुंचाने का कार्य मजदूरों की सहायता से ही कराया जाता है अतः चावल की खेती ऐसे क्षेत्रों में की जाती है जहां सस्ती दरों पर मजबूर उपलब्ध रहते हैं।
    उपर्युक्त दिए गए चार दशाओं में से यदि सभी दशाएं किसी क्षेत्र में प्रचुर मात्रा में पाई जाती है, तो उस क्षेत्र में कृषि अच्छे से किया जा सकता है।

Q.7. चाय की खेती पहाड़ी ढलान में ही क्यों की जाती है?
Ans: चाय की खेती पहाड़ी ढलान क्षेत्रों में किए जाने के कारण निम्नलिखित हैं:
1. यह एक सदाबहार बागवानी फसल है, इसके लिए गर्म तथा आद्रा जलवायु की आवश्यकता होती है।
2. इसके लिए अधिक उपजाऊ जमीन की आवश्यकता होती है।
3. मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखने के लिए नाइट्रोजन की खादों की आवश्यकता होती है।
4. चाय की पौधों की जड़ों में पानी जमना खतरनाक होता है अतः चाय की खेती 27 डिग्री सेल्सियस से 43 डिग्री सेल्सियस उत्तर अक्षांश के मध्य पहाड़ी ढलान पर की जाती है।
5. यह श्रम प्रधान फसल है, क्योंकि चाय की पत्तियों को हाथों से तोड़ा जाता है।
6. इसकी खेती के लिए 125-750 सेमी वर्षा की आवश्यकता होती है।

Q.8. कोयला की गुणवत्ता के आधार क्या है?
Ans: कोयल की गुणवत्ता के निर्धारण का आधार उसमें उपस्थित कार्बन की मात्रा है पुराने कोयले में कार्बन की मात्रा अधिक होती है जबकि नवीन कोयले में कार्बन की मात्रा कम होती है इसी कारण पुराने कोयले को नवीन कोयले की तुलना में श्रेष्ठ माना जाता है। कार्बन की उपस्थिति के आधार पर कोयले को निम्नलिखित वर्गों में बांटा जा सकता है:
1. एंथ्रेसिट कोयला: इस में कार्बन की मात्रा 95% होती है, यह सर्वश्रेष्ठ कोयला माना जाता है। अतः जलते समय इससे धुआँ नहीं आता है। इस कोयले का उपयोग घरेलू कार्यो में अधिक किया जाता है।
2. वितुमीनस कोयला: इस में कार्बन की मात्रा 45 से 80% तक होती है, इसका प्रयोग वाष्प इंजन तथा कोक निर्माण में किया जाता है।
3. लिग्नाइट कोयला: यह निम्न स्तर का कोयला है, जो जलते समय काफी धुआं पैदा करता है। इसका प्रयोग थर्मल पावर प्लांट तथा रसायन उद्योग में किया जाता है।
4. पीट कोयला: इसलिए कार्बन की मात्रा 30% तक होती है, इसमें नमी ज्यादा होती है।

Q.9. आर्थिक क्रियाकलापों का वर्णन प्रस्तुत कीजिए।
Ans: मानव कि वे सभी क्रियाएं जिनका संबंध उत्पादन, विनिमय और उपभोग से होता है, आर्थिक क्रियाकलाप कहलाती है।

1. उतपादन- किसी वस्तु की उपयोगिता मूल्य में वृद्धि करना उत्पादन कहलाता है। इसे पांच भागों में विभाजित किया गया है:-
अ. प्राथमिक क्रियाकलाप: वस्तुओं का प्रकृति से दोहन करना कि प्राथमिक क्रियाकलाप है। जैसेआखेट, कृषि, खनन, मत्स्य आदि। द्वितीय क्रियाकलाप
ब. द्वितीय क्रियाकलाप: वस्तुओं का स्वरूप बदल कर उसमें मूल्य वृद्धि करना द्वितीयक क्रियाकलाप है। जैसे, विनिर्माण उद्योग।
स. तृतीयक क्रियाकलाप: विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान करना ही तृतीयक क्रियाकलाप है। यह सेवाएं व्यक्तिगत है सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनों के द्वारा दी जाती हैं।
द. चतुर्थ क्रियाकलाप: सूचना, अनुसंधान एवं विकास आधारित सेवाओं को चतुर्थ क्रियाकलाप कहा गया।
ए. पंचमक क्रियाकलाप: किसी भी विषय से संबंधित विशेषज्ञता, परामर्शदाता तथा नीति निर्धारण क्रियाकलापों को पंचमक क्रियाकलाप कहा जाता है।

2. विनिमय- वस्तुओं तथा सेवाओं के आदान-प्रदान को विनिमय कहते हैं। यह दो प्रकार का होता है:-
अ. स्थिति में परिवर्तन: स्थिति में परिवर्तन दो प्रकार से होता है- पहला किसी वस्तु की स्थिति में परिवर्तन करना अर्थात वस्तुओं का परिवहन दूसरा है लोगों की स्थितियों में परिवर्तन अर्थात यात्री परिवहन।
ब. स्वामित्व में परिवर्तन: किसी वस्तु या भूमि आदि के स्वामित्व में परिवर्तन अर्थात बिक्री करना या व्यापार करना।

3. उपभोग – प्रत्येक आर्थिक क्रियाकलाप का उपभोग करना भी मानव का अंतिम लक्ष्य है। यह सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक क्रियाकलाप है।

Q.10. रोपण कृषि की मुख्य विशेषताएं बताइए।
Ans: रोपण कृषि यह एक विशेष प्रकार की व्यापारिक कृषि है इसमें किसी एक नकदी फसल की बड़े पैमाने पर कृषि की जाती है। यह कृषि बड़े बड़े आकार से खेतों या बागानों पर की जाती है इसलिए बगाती कृषि भी कहते हैं। रोपण कृषि की मुख्य फसल है- रबड़, चाय, कहवा कोको, गन्ना, नारियल, केला आदि।
विशेषताएं-

  • यह कृषि बड़े बड़े आकार के फर्मों में की जाती है।
  • इसका अधिकतर भाग निर्यात कर दिया जाता है।
  • इस कृषि में वैज्ञानिक विधियों, मशीनों, उर्वरक, अधिक पूंजी का प्रयोग होता है।
  • इन बागानों में बड़ी संख्या में कुशल श्रमिक काम करते हैं। यह श्रमिक स्थानीय होते हैं। कुछ प्रदेशों में दास श्रमिक या नीग्रो लोग भी काम करते हैं। श्रीलंका के चाय के बागान तथा मलेशिया में रबड़ के बागान पर भारत के तमिल लोग काम करते हैं।
  • रोपण कृषि के बागान विरल जनसंख्या वाले क्षेत्रों में अधिक भूमि प्राप्त होने के कारण लगाए जाते हैं।

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