Sangatkaar Class 10 Chapter 9 NCERT Solution of Hindi Book Kshitij. JAC 10th Hindi Chapter 9 Questions answer. Kshitij 10th important questions answers.
संगतकार: Sangatkaar Class 10 Hindi
मुख्य गायक के चट्टान जैसे भारी स्वर का साथ देती
वह आवाज सुंदर कमजोर कांपती हुई थी
वह मुख्य गायक का छोटा भाई है
या उसका शिष्य
या पैदल चलकर सीखने आने वाला दूर का कोई रिश्तेदार
मुख्य गायक की गरज में
वह अपनी गूंज मिलाता आया है प्राचीन काल से
गायक जब अंतरे की जटिल तानों के जंगल में
खो चुका होता है या अपने ही सरगम को लांघकर
चला जाता है भटकता हुआ एक अनहद में
तब संगतकार ही स्थायी को संभाले रखता है
जैसे समेटता हो मुख्य गायक का पीछे छूटा हुआ सामान
जैसे उसे याद दिलाता हो उसका बचपन
वह नौसिखिया था
तारसप्तक में जब बैठने लगता है उसका गला
प्रेरणा साथ छोड़ती हुई उत्साह अस्त होता हुआ
आवाज से राख जैसा कुछ गिरता हुआ
तभी मुख्य गायक को ढांढस बंधाता
कहीं से चला आता है संगतकार का स्वर
कभी-कभी वह यों ही दे देता है उसका साथ
यह बताने के लिए कि वह अकेला नहीं है
और यह कि फिर से गाया जा सकता
है गाया जा चुका राग
और उसकी आवाज में जो एक हिचक साफ सुनाई देती है
या अपने स्वर को ऊंचा न उठाने की जो कोशिश है
उसे विफलता नहीं
उसकी मनुष्यता समझा जाना चाहिए।
(A) कवि और कविता का नाम लिखिए।
Ans:- कवि – मंगलेश डबराल , कविताा – संगतकार।
(B) संगतकार प्राचीनकाल से क्या काम करता आया है? वर्णन करें।
Ans:- संगतकार प्राचीन काल से मुख्य गायक के स्वर में अपनी गूंज मिलाता आया है। गायक जब अंतरे की जटिल तानो के जंगल में भटक जाता है तब संगतकार उसे सही रास्ता दिखाता है।
(C) संगतकार का क्या काम है? स्पष्ट करें।
Ans:- संगतकार का काम है – मुख्य गायक की गरजदार आवाज में अपनी गूंज मिलाना। इस प्रकार उसके स्वर को और अधिक बल देकर ऊपर उठाना।
(D) संगतकार की आवाज कैसी है? वर्णन करें।
Ans:- संगतकार की आवाज मीठी, कमजोर तथा कंपनी युक्त है। वह भारी – भरकम आवाज को कोमलता प्रदान करती है।
(E) स्थायी को संभाले रखने का क्या आशय है?
Ans:- स्थाई को संभाले रखने का आशय है- किसी गीत की मुख्य पंक्ति या टेक के मूल स्वर को गाते रहना। उसके स्वर को बिखरने या बदलने से बचाना। उसकी गति, उठान या लय को कम – अधिक न होने देना।
(F) संगतकार कभी-कभी मुख्य गायक को अपना स्वर क्यों दे देता था?
Ans:- संगतकार कभी-कभी मुख्य गायक को अपना स्वर इसलिए दे देता था कि उसे यह अहसास रहे कि वह अकेला नहीं है और गाए हुए को फिर से गाया जा सकता है।
(G) संगतकार मुख्य गायक की प्रारंभिक अवस्था में क्या काम करता था? वर्णन करें।
Ans:- जब प्रारंभिक अवस्था में मुख्य गायक नौसिखिया था और जब उसका उत्साह गिरने के कारण उसका स्वर गिरने लगता था तब संगतकार ही उसे ढांढस बंधाता था। संगतकार उसकी हिम्मत बढ़ाता था।
(H) संगतकार की आवाज में हिचक क्यों सुनाई देती है ? स्पष्ट करें।
Ans:- संगतकार की आवाज में हिचक इसलिए सुनाई देती है क्योंकि वह अपने स्वर को मुख्य गायक के स्वर से ऊंचा नहीं होने देना चाहता। वह गायन का महत्व मुख्य गायक को ही देना चाहता है।
(I) कवि किसे मनुष्यता मानता है?
Ans:-कवि संगतकार द्वारा अपने स्वर को मुख्य गायक के स्वर से काम रखना मनुष्यता मानता है। अपने आपको पीछे रखकर किसी दूसरे के महत्व को बढ़ाना निश्चित रूप से मनुष्यता की निशानी है।
(J) संगतकार अपने स्वर को ऊंचा क्यों नहीं उठने देता? वर्णन करें।
Ans:- संगतकार अपने स्वर को ऊंचा इसलिए नहीं उठने देता क्योंकि वह मुख्य गायक के स्वर को ऊंचाई और बल देने की भूमिका निभाता है। मुख्य गायक से अधिक ऊंचे स्वर में गाना उसके लक्ष्य के विरुद्ध है।
अभ्यास : Sangatkaar Class 10 Hindi Kshitij
Q.1.संगतकार के माध्यम से कवि किस प्रकार के व्यक्तियों की ओर संकेत करना चाह रहा है?
Ans:- संगतकार के माध्यम से कवि उन लोगों की ओर संकेत करना चाह रहा है जो मुख्य व्यक्तियों की छवि बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करते हैं। वे स्वयं तो पीछे रहते हैं, पर अपने मुख्य गायक, नेता को ऊंचा उठने में मदद करते हैं। इनकी भूमिका रचनात्मक होती है। ये लोग अपने आदर्श व्यक्ति की छवि को निखारते हैं, मुसीबत में साथ देते हैं तथा ढांढस बांधते हैं।
Q.2.संगतकार जैसे व्यक्ति संगीत के अलावा और किन-किन क्षेत्रों में दिखाई देते हैं?
Ans:- संगीतकार जैसे व्यक्ति संगीत के अलावा कई क्षेत्रों में दिखाई देते हैं-
- नृत्य के क्षेत्र में,
- शिक्षा के क्षेत्र में,
- नाटक के क्षेत्र में,
- धर्म के क्षेत्र में,
- राजनीति के क्षेत्र में।
Q.3.संगतकार किन-किन रूपों में मुख्य गायक-गायिकाओं की मदद करते हैं?
Ans:-संगतकार निम्नलिखित रूपों में मुख्य गायक – गायिकाओ की मदद करते है-
- संगतकार मुख्य गायक – गायिकाओं के स्वर में अपना स्वर मिलाकर उनकी मदद करते हैं।
- प्राय: सभी गायक – गायिकाओं के साथ अपने साजिन्दे होते हैं। वे गायक – गायिकाओं का रंग जमाने में मदद करते हैं।
- संगतकार संगीत के वाद्य – यंत्र बजाकर गायक – गायिकाओं की मदद करते हैं। इनकी सहायता से उनके स्वर में उभार आ जाते हैं।
Q.4.भाव स्पष्ट कीजिए-
और उसकी आवाज में जो एक हिचक साफ सुनाई देती हैया अपने स्वर को ऊंचा न उठाने की जो कोशिश हैउसे विफलता नहींउसकी मनुष्यता समझा जाना चाहिए।
Ans:- प्रस्तुत पंक्तियों में कवि मंगलेश ने मुख्य गायक के साथ सहायक गायक की भूमिका के महत्व का वर्णन करते हुए कहा है कि मुख्य गायक की आवाज में जो हिचक होती है उस हिचक को दूर करने का दायित्व सहायक गायक निभाता है। उसके स्वर को ऊंचा उठाने की कोशिश को कामयाबी सहायक गायक अपने स्वर के माध्यम से प्रदान करता है। यह हम सहायक गायक की मनुष्यता ही मान सकते हैं, क्योंकि कम ख्याति और कम मेहनताना में भी वह अपने कर्तव्य का निर्वाह बखूबी से करता है।
Q.5.किसी भी क्षेत्र में प्रसिद्धि पाने वाले लोगों को अनेक लोग तरह-तरह से अपना योगदान देते हैं। कोई एक उदाहरण देकर इस कथन पर अपने विचार लिखिए।
Ans:- किसी भी क्षेत्र में प्रसिद्धि पाने वाले लोगों को अनेक लोग तरह-तरह से अपना योगदान देते हैं। जैसे – उनका हौसला बढ़ाकर, पुरस्कार प्रदान कर, शाबाशी देकर आदि। किसी भी प्रतियोगिता में प्रथम आने वाले विद्यार्थी को प्राचार्य महोदय द्वारा सम्मानित किया जाता है। उसे पुरस्कार स्वरूप धन राशि प्रदान की जाती है तथा सभी विद्यार्थियों को उसकी प्रतिभा का अनुगमन करने की सलाह भी दी जाती है। विद्यार्थियों द्वारा तालियों की गड़गड़ाहट भविष्य के लिए उसके उत्साह को बढ़ा देती हैं।
Q.6.कभी-कभी तारसप्तक की ऊंचाई पर पहुंचकर मुख्य गायक का स्वर बिखरता नजर आता है उस समय संगतकार उसे बिखरने से बचा लेता है। इस कथन के आलोक में संगतकार की विशेष भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
Ans:-संगतकार की मुख्य गायक के साथ गायन में भी विशेष भूमिका होती है। कभी – कभी तारसप्तक की ऊंचाई पर पहुंचकर मुख्य गायक का स्वर बिखरता नजर आता है, उस समय संगतकार उस स्वर में अपना स्वर मिलाकर उसे बिखरने से रोकता है। संगतकार मुख्य गायक का स्वर मंद नही पड़ने देता। ध्वनि से ध्वनि मिलाकर संगतकार मुख्य गायक के लय में अवरोध उत्पन्न नही होने देता। अत: मुख्य गायक के उत्साह, हिम्मत, हौंसला को बनाये रखने में संगतकार की महत्त्वपूर्ण भूमिका है।
Q.7.सफलता के चरम शिखर पर पहुंचने के दौरान यदि व्यक्ति लड़खड़ाता है तब उसे सहयोगी किस तरह संभालते हैं?
Ans:- सफलता के चरम शिखर पर पहुंचने पर यदि कोई व्यक्ति लड़खडाता हैं तब उसे सहयोगी उत्साह, साहस, हौंसला देकर संभालते हैं। कई बार देखा जाता है की चरम सीमा तक पहुंचने पर दौड़ में धावक अपना उत्सव खो बैठता है । अन्य धावक उससे आगे निकल जाते हैं। यह देखकर उसे उसके सहयोगी उसका उत्साहवर्धन करते हैं। उसमें इतना जोश भर जाता है कि वह इतना तेज दौड़ता है कि प्रतिद्वंदी उससे पीछे छूट जाते हैं। इस प्रकार वह विजयी रहता है। अत: सहयोगी का सहयोग ही उसे संभालने में महत्वपूर्ण रहता है।