चुनावी राजनीति कक्षा 9 राजनीतिक विज्ञान पाठ 4

चुनावी राजनीति: इस अध्याय में आप कक्षा 9 की राजनीतिक विज्ञान की पाठ 5 चुनावी राजनीति पढ़ेंगे। यहाँ पर चुनावी राजनीति अध्याय के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर दिए गए है जो कक्षा 9 की वार्षिक परीक्षा के दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है। यहाँ दी गई सभी जानकारियों का स्रोत कक्षा 9 की एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तक है।

चुनावी राजनीति महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर

Q.1. ‘चुनाव’ से क्या अभिप्राय है?
Ans: चुनाव का तात्पर्य राजनैतिक प्रतियोगिता या प्रतिद्वंदीता है। चुनाव एक ऐसी व्यवस्था है जिसमे एक निश्चित अंतराल में लोग अपने प्रतिनिधियों को चुनते है। यदि जनता को अपने द्वारा चुनी गई प्रतिनिधि का कार्य पसंद नहीं आता है तो वह (जनता) उसे बदल भी सकती है।

Q.2. चुनाव को लोकतंत्रीक मानने के आधार क्या है?
Ans: चुनाव को लोकतांत्रिक मानने के आधार निम्नलिखित है:

  • हर किसी को चुनाव करने की सुविधा हो। यानि हर किसी को मताधिकार हो और प्रत्येक नागरिक के मत का समान मोल हो।
  • चुनाव में विकल्प उपलब्ध हो। दलों और उम्मीदवारों को चुनाव में उतरने की स्वतंत्रता हो और वे मतदाताओ के लिए विकल्प पेश करे।
  • चुनाव का अवसर नियमित अंतराल पर मिलता रहे। नए चुनाव कुछ सालों में अवश्य कराए जाने चाहिए।
  • चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष ढंग से कराए जाने चाहिए जिससे लोग सचमुच अपनी इच्छा से जनप्रतिनिधि का चुनाव कर सके। लोग जिसे चाहे वास्तव में चुनाव उसी का होना चाहिए।

Q.3. मतदाता किसे कहते है?
Ans: एक राज्य में रहने वाले वे व्यक्ति जिन्हे प्रतिनिधियों के चुनाव में भाग लेने एवं मतदान करने का अधिकार होता है उन्हे मतदाता कहा जाता है।

Q.4. आधुनिक लोकतंत्र अप्रत्यक्ष क्यों है?
Ans: आधुनिक राज्य अपनी संख्या तथा क्षेत्रफल की दृष्टि से बहुत बड़े है और सभी मतदाताओ के लिए राज्य कार्यों में प्रत्यक्ष रूप से भाग लेना संभव नहीं है। नागरिक एक निश्चित अवधि के लिए अपने प्रतिनिधियों का चुनाव कर देते है जो उस कल में देश का शासन चलते है।

Q.5. लोकतंत्र में चुनाव का क्या महत्व है?
Ans: आधुनिक राज्यों में प्रायः अप्रत्यक्ष चुनाव की स्थापना की गई है। इस प्रणाली में मतदाता एक निश्चित कल के लिए अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करते है, जो सरकार को चलते है। प्रतिनिधियों को चुनने के लिए चुनाव आवश्यक होते है। चुनाव प्रायः दलीय आधार पर लड़े जाते है परंतु कई स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में भी चुनाव लड़ते है। चुनावों में जिस राजनीतिक दल को बहुमत प्राप्त हो जाता है। वह सरकार का गठन करता है और शासन की बागडोर संभालता है।

Q.6. उपचुनाव और मध्यावधि में क्या अंतर है?
Ans: उपचुनाव: यदि संसद अथवा राज्य विधानमंडल के किसी सदस्य की मृत्यु हो जाए या किसी अन्य कारण से कोई सदस्य अपना त्याग पत्र दे दे, तो केवल उस स्थान की पूर्ति के लिए संबंध निर्वाचन क्षेत्र से जो विशेष चुनाव कराया जाता है; उसे उपचुनाव कहते है।

मध्यावधि चुनाव: भारत में लोकसभा तथा राज्य विधानसभावाओ का निर्वाचन प्रायः 5 वर्ष के पश्चात कराया जाता है। परंतु यदि संसद अथवा किसी राज्य विधानसभा को उसका निश्चित कार्यकाल भंग होने से पहले भंग कर दिया जाता है और नए चुनाव कराए जाते है तो उसे मध्यवधि चुनाव कहा जाता है।

Q.7. सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार का क्या अर्थ है?
Ans: कुछ वर्ष पहले तक अर्थात लोकतंत्र के प्रसार से पहले मताधिकार संपत्ति, शिक्षा, नस्ल, लिंग यदि पर आधारित होता था, परंतु आधुनिक समय में इन सभी योग्यताओ को अस्वीकार कर दिया गया और वयस्कता को ही मतदान का एकमात्र आधार माना जाने लगा है। इसमे प्रत्येक नागरिक को जो वयस्क हो गया है, मतदान का अधिकार दे दिया जाता है। केवल अल्पवयस्क, पागल, दिवलिए, अपराधी, तथा विदेशी लोगों को ही मताधिकार से वंचित किया जाता है। भारत में व्यक्ति के वयस्क होने के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष और जापान में 25 वर्ष निश्चित की गई है। वर्तमान युग में विश्व के लगभग सभी देशों में वयस्क मताधिकार को लागू किया गया है।

Q.8. चुनाव घोषणा पत्र क्या है?
Ans: चुनावों के समय एक राजनैतिक दल के द्वारा अपने कार्यक्रम, नीतियों तथा उद्देश्यों को बताने के लिए जो प्रपत्र जारी किया जाता है, उसे चुनाव घोषणा पत्र कहते है।

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