जनसुविधाएं सामाजिक विज्ञान कक्षा 8 पाठ 9

जनसुविधाएं: इस अध्याय में आप पढ़ेंगे की जनसुविधाएं क्या है? इनकी भूमिका क्या है? इन्हे उपलब्ध कराने का जिम्मा किसका है? क्या ये जनसुविधाएं सभी को मिल रही है? आदि। यहाँ दी गई सभी जानकारियों के स्रोत कक्षा 8 की सामाजिक विज्ञान की NCERT की पाठ्यपुस्तक है।

जनसुविधाएं स्मरणीय तथ्य

जीवन के अधिकार के रूप में पानी

  • जीवन और स्वास्थ्य के लिए पानी आवश्यक है।
  • पीने का साफ पानी न केवल हमारी दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक है बल्कि यह गंदी पानी से होने वाली बहुत सारी बीमारियों को भी रोकता है।
  • पानी से संबंधित बीमारियों के कारण हर रोज 1600 से भी ज्यादा भारतीय मौत के शिकार होते है।
  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के अन्तर्गत पानी के अधिकार को जीवन के अधिकार का हिस्सा माना गया है।

जनसुविधाएं

  • जनसुविधाओ का संबंध लोगों की मूलभूत सुविधाओ से होता है।
  • पानी की तरह अन्य सुविधाएं भी है जिनका हर व्यक्ति के लिए इंतेजाम किया जाना चाहिए।
  • बिजली, सार्वजनिक परिवहन, विद्यालय और कॉलेज भी अनिवार्य चीजे है। इन्हे जन सुविधाएं कहा जाता है।
  • किसी जनसुविधा की एक महत्वपूर्ण विशेषता यह होती है कि एक बार निर्माण हो जाने के बाद उसका बहुत सारे लोग इस्तेमाल कर सकते है।
  • किसी इलाके में बिजली की आपूर्ति बहुत सारे लोगों के लिए फायदेमंद हो सकती है: किसान अपने खेतों की सिंचाई के लिए पंपसेट चल सकते है, लोग बिजली से चलने वाली छोटी मोटी वर्कशॉप खोल सकते है, विद्यार्थियों को पढ़ने लिखने में आसानी हो जाती है आदि।

सरकार की भूमिका

  • जनसुविधाएं उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सरकार की होती है।
  • संविधान में जीवन का जो आशावासन दिया गया है वह देश के सभी लोगों को प्राप्त है इसलिए जनसुविधाएं उपलबद्ध कराने की जिम्मेदारी सरकार की होनी चाहिए।
  • सरकार जब जनसुविधाएं उपलब्ध कराती है तों उससे समाज में समानता आती है।
  • निजी कंपनियां जनसुविधाएं तभी उपलब्ध कराती है जब उसे कुछ मुनाफा हो।

क्या सबको पानी मिल रहा है ?

  • पानी एक महत्वपूर्ण जनसुविधा है परंतु यह सभी को समान रूप से उपलब्ध नहीं है।
  • जिनके पास पैसा है केवल वही लोगों को पानी पर्याप्त मात्रा में मिलता है।
  • गरीब लोगों को पीने तक का स्वच्छ पानी नहीं मिल पाता है।
  • माध्यम वर्ग के लोगों को भी पानी की किल्लत का सामना करना पड़ता है।

विकल्पों की तलाश

  • नगरपालिका की जलापूर्ति में कमी से निपटने के लिए निजी कंपनियां ज्यादा से ज्यादा इलाकों में फैलती जा रही है।
  • शहरी इलाकों में प्रतिव्यक्ति लगभग 135 लीटर पानी प्रतिदिन मिलन चाहिए।
  • लेकिन झुग्गी बस्तियों में लोगों को रोजाना प्रतिव्यक्ति 20 लीटर पानी भी नही मिलता।
  • दूसरी तरफ आलीशान होटलों में रहने वाले लोगों को रोजाना प्रतिव्यक्ति 1600 लीटर तक मिलता है।
  • नगरपालिका के जरिए जलापूर्ति में कमी हो अकसर सरकार की नाकामयाबी मानी जाती है।

जनसुविधाएं महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर

Q.1. आपको ऐसा क्यों लगता है कि दुनिया में निजी जलापूर्ति के उदाहरण कम है?
Ans: दुनिया में निजी जलापूर्ति के उदाहरण काम होने का कारण है कि जलापूर्ति जैसी जनसुविधाओ का निजीकरण करने से अनिमियातता फैलती है जिससे अराजकता आती है क्योंकि निजी कंपनियां सिर्फ मुनाफे से चलती है उन्हे इस बात का कोई मतलब नहीं होता कि किसी वस्तु की पहुँच आम आदमी तक है या नहीं। जबकि जल एक ऐसे जन सुविधा है जिसकी पहुँच सभी लोगों तक होनी ही चाहिए।

Q.2. क्या आपको लगता है कि चेन्नई में सबको पानी की सुविधा उपलब्ध है और वे पानी का खर्च उठा सकते है? चर्चा करे।
Ans: नहीं, चेन्नई में सबको पानी की सुविधा उपलब्ध नहीं है। वहाँ पर पानी की बहुत कमी है। नगरपालिका की मदद से शहर की लगभग आधी जनसंख्या की जरूरत पूरी हो जाती है। चेन्नई के कुछ इलाकों में पानी नियमित रूप से आता है और कुछ में नहीं। उच्च और माध्यम वर्गीय लोगों को तों उतनी परेशानी नहीं होती परंतु गरीबों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ता है। जिस जागह पर पानी का भंडारण किया जाता है वहाँ पर तो पानी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होता है परंतु दूर के बस्तियों में नहीं।

Q.3. किसानों द्वारा चेन्नई के जल व्यापारियों को पानी बेचने से स्थानीय लोगों पर क्या असर पड़ रहा है? क्या आपको लगता है कि स्थानीय लोग भूमिगत पानी के इस दोहन का विरोध कर सकते है? क्या सरकार इस बारे में कुछ कर सकती है?
Ans: किसानों द्वारा चेन्नई के जल व्यापारियों को पानी बेचने से कस्बों और गाँव में भूमिगत जल स्तर बहुत नीचे चला गया है जिससे स्थानीय लोगों को जल अभाव का सामना करना पड़ रहा है। उन्हे पीने तक का पानी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पता है।
हाँ, स्थानीय लोग इस भूमिगत पानी के दोहन का विरोध कर सकते है। निजी कंपनियां भूमिगत जल का दोहन नहीं कर सकती है क्योंकि यह एक प्राकृतिक संसाधन है।
सरकार इनके (जल क्रेता और विक्रेता) के खिलाफ कार्यवाई कर सकती है व उनसे जुर्माना वसूल कर सकती है।

Q.4. ऐसा क्यों है कि ज्यादातर निजी अस्पताल और निजी स्कूल कस्बों या ग्रामीण इलाकों की बजाय बड़े शहरों में ही है?
Ans: ज्यादातर निजी अस्पताल और निजी स्कूल कस्बों या ग्रामीण इलाकों की बजाय बड़े शहरों में होने के कारण निम्नलिखित है:

  • शहरों में आमदनी अच्छी होती है।
  • शहरों में आवश्यक सुविधाएं जैसे बिजली, यातायात, जलापूर्ति आदि आसानी से उपलब्ध हो जाती है परंतु ग्रामीण इलाकों में ऐसे सुविधाएं उपलब्ध नहीं होती है।

Q.5. क्या आपको लगता है कि हमारे देश में जनसुविधाओ का वितरण पर्याप्त और निष्पक्ष है? अपनी बात के समर्थन में एक उदाहरण दे।
Ans: हमारे देश में जन सुविधाओ का वितरण पर्याप्त और निष्पक्ष नहीं है। उदाहरण के लिए- यदि आप देखे तों दिल्ली जैसे शहरों में भिन्न जलसुविधाएं जैसे- जल, बिजली, परिवहन सेवा, स्कूल, कॉलेज आदि पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है परंतु दिल्ली से कुछ किलोमीटर दूर मथुरा या अलीगढ़ में देखे तों वहाँ पर जनसुविषाओ का आभाव है।

Q.6. जनसुविधाएं क्या है?
Ans: जनसुविधाएं उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सरकार की होती है। बिजली, सार्वजनिक परिवहन, विद्यालय और कॉलेज भी अनिवार्य चीजे है। इन्हे जन सुविधाएं कहा जाता है। जनसुविधाएं उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सरकार की होती है। संविधान में जीवन का जो आशावासन दिया गया है वह देश के सभी लोगों को प्राप्त है इसलिए जनसुविधाएं उपलबद्ध कराने की जिम्मेदारी सरकार की होनी चाहिए।

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