लोकतंत्र की चुनौतियाँ: Loktantra ki Chunoutiyan

लोकतंत्र की चुनौतियाँ: इस आर्टिकल में आप कक्षा 10 की राजनीतिक विज्ञान की अध्याय 7 के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर दिए गए है। ये सभी प्रश्न उत्तर कक्ष 10 की वार्षिक परीक्षा के लिए अति महत्वपूर्ण है।

लोकतंत्र की चुनौतियाँ अति लघु उत्तरीय प्रश्न तथा उत्तर

Q.1. अब्राहम लिंकन के अनुसार लोकतंत्र की परिभाषा क्या है?
Ans
: अब्राहम लिंकन के अनुसार लोकतंत्र से अभिप्राय एक ऐसी सरकार से है जो- लोगों की हो, लोगों के लिए हो और लोगों के द्वारा बनाई गई हो।

Q.2. ऐसे देश का नाम लिखिए जहां महिलाओं को वोट देने का अधिकार नहीं होता।
Ans:
सऊदी अरब एक ऐसा देश है जहां पर महिलाओं को वोट देने का अधिकार प्राप्त नहीं है। महिलाओ को वोट देने का अधिकार न देने के कारण सऊदी अरब को लोकतांत्रिक देश नहीं माना जाता है।

Q.3. नेपाल 2005 तक एक लोकतांत्रिक देश क्यों नहीं, कारण बताएं?
Ans:
नेपाल के 2005 तक एक लोकतांत्रिक देश नहीं बन पाने के कारण:

  • नेपाल में लोगों के द्वारा चुनी गई सरकार नहीं थी।
  • नेपाल का राजा लोगों द्वारा शासक नहीं चुना गया बल्कि राजपरिवार में जन्म लेने के कारण उसने यह अधिकार पाया था।

Q.4. म्यांमार एक लोकतांत्रिक देश क्यों नहीं है?
Ans:
म्यांमार के एक लोकतांत्रिक देश नहीं होने के कारण:

  • म्यांमार में चुनी हुई सरकार का शासन नहीं है बल्कि वहां सैनिक अधिकारियों का शासन है जिनका चुनाव लोगों ने नहीं किया।
  • शासन के फैसलों में लोगों की कोई भागीदारी नहीं होती है जो कोई सैनिक अधिकारियों के विरुद्ध बोलता है उसे जेल में डाल दिया जाता है।

Q.5. क्या कानून बनाकर राजनीतिक को सुधारणा सही है?
Ans:
नहीं, केवल कानून बनाने से सुधार लाना लाभकारी नहीं रहता है। कानून अवश्य सुधार कार्य में सहायता देते हैं परंतु इसके साथ-साथ राजनीतिक कार्यकर्ताओं राजनीतिक दलों आंदोलनों और सचेत नागरिकों के प्रयत्न और सहयोग भी आवश्यक है।

लोकतंत्र की चुनौतियाँ लघु उत्तरीय प्रश्न तथा उत्तर

Q.1. एक अच्छे लोकतांत्रिक देश की मुख्य विशेषताएं लिखिए।
Ans: एक अच्छे लोकतांत्रिक देश की मुख्य विशेषताएं:

  • एक अच्छे लोकतांत्रिक देश में लोगों द्वारा चुने गए सदस्य ही देश के शासन की बागडोर संभालते हैं और सारे प्रमुख फैसले वे स्वयं करते हैं।
  • लोकतंत्र में चुनाव निष्पक्ष और स्वतंत्र रूप से होते हैं और चुनाव द्वारा लोग जब चाहे मौजूदा शासक को बदल सकते हैं।
  • लोकतंत्र की तीसरी विशेषता यह है कि इसमें सभी को सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के नियम के अनुसार समान रूप से वोट देने का अधिकार उपलब्ध होता है।
  • एक अच्छे लोकतांत्रिक देश में चुनाव द्वारा चुनी गई सरकार संविधान द्वारा निश्चित बुनियादी कानूनों और नागरिक अधिकारों की सीमा में रहते हुए काम करती है।

Q.2. लोकतांत्रिक व्यवस्था के सफलता की आवश्यक शर्तों का उल्लेख करें।
Ans: लोकतांत्रिक व्यवस्था के सफलता की आवश्यक शर्ते:

  • यद्यपि लोकतंत्र बहुमत का शासन है फिर भी इसकी सफलता के लिए आवश्यक है कि अल्पमत का भी पर्याप्त ध्यान रखा जाए तभी सरकार जन सामान्य की इच्छा का प्रतिनिधित्व कर पाती है।
  • बहुमत का अर्थ बहुसंख्यक नहीं होना चाहिए बहुमत का अर्थ किसी मुद्दे पर अधिक से अधिक लोगों की समान दृष्टिकोण होता है। अतः लोकतंत्र में प्रत्येक नागरिक को किसी ना किसी अवसर पर बहुमत का हिस्सा अवश्य बनाना बनाया जाए।

Q.3. लोकतंत्र किस प्रकार नागरिकों के गरिमा और आजादी सुरक्षित रखता है? वर्णन करें।
Ans: लोकतंत्र निम्न प्रकार से नागरिकों के गरिमा और आजादी सुरक्षित रखता है:

  • प्रत्येक व्यक्ति अपने साथ के लोगों से सम्मान पाना चाहता है। लोकतंत्र में यह सम्मान मिलता है।
  • लोकतांत्रिक व्यवस्था में नागरिकों को भाषण देने और अपने विचार व्यक्त करने की पूर्ण स्वतंत्रता होती है।
  • लोकतांत्रिक व्यवस्था में सभी राजनीतिक दलों को चुनाव में चुनाव से पहले और चुनाव के बाद स्वतंत्र रूप से कार्य करने की आज्ञा होती है।
  • लोकतांत्रिक व्यवस्था में सभी वर्गों और धर्मों का सम्मान किया जाता है।

Q.4. लोकतांत्रिक अधिकार से क्या अभिप्राय है?
Ans:
लोकतांत्रिक अधिकारों से हमारा अभिप्राय उन अधिकारों से है जो नागरिकों को राज्य की ओर से शासन में भाग लेने के उद्देश्य से प्रदान किए जाते हैं। लोकतांत्रिक अधिकार से तात्पर्य उन व्यवस्थाओं से है जिनमें नागरिकों को शासन कार्य में भाग लेने का अवसर प्राप्त होता है। प्रजातंत्र शासन व्यवस्था में अधिकारों का और भी महत्व है इससे नागरिकों को राजनीतिक प्रशिक्षण प्राप्त होता है। निर्वाचन में भाग लेने से राजनीतिक कार्यों को करने की क्षमता तथा उत्तरदायित्व की भावना का विकास होता है।

लोकतंत्र की चुनौतियाँ दीर्घ उत्तरीय प्रश्न तथा उत्तर

Q.1. अल्पसंख्यकों की चुनौती का भारतीय लोकतंत्र में कैसे हल किया गया है?
Ans: भारत एक अनेक धर्मों का देश है जिस कारण कभी-कभी प्रजातंत्र के ठीक प्रकार से चलने में समस्याएं पैदा हो जाती है। प्रजातंत्र में बहुमत की सरकार बनती है इसलिए कई बार अल्पसंख्यकों को यह संदेश हो जाता है कि उनसे पूरा न्याय नहीं हो सकेगा और बहुमत के लोग उनके अधिकारों की अवहेलना कर उनको ही पंगा ना बना दे। ऐसी धारणा को समाप्त करने के उद्देश्य से भारतीय संविधान में अल्पसंख्यक लोगों को कुछ अधिकार दे रखे हैं जो अल्पसंख्यकों के अधिकार कहलाते हैं। भारतीय संविधान में अनेक धार्मिक तथा भाषाई अल्पसंख्यकों को यह मौलिक अधिकार दे रखा है कि वह अपने विद्या संस्थानों को स्थापित कर सकते हैं। अल्पसंख्यक लोगों के इस अधिकार को भारतीय संविधान में पूर्ण संरक्षण दे रखा है ऐसे संरक्षण में अल्पसंख्यकों के संदेह को दूर करके उन्हें राष्ट्रीय धारा में लाने का पूर्ण प्रयत्न किया है ताकि भारत में प्रजातंत्र ठीक ढंग से चल सके।

Q.2. भारतीय लोकतंत्र में राजनीतिक सुधारों की आवश्यकता क्यों है? कारण बताएं
Ans:
भारतीय लोकतंत्र में राजनीतिक सुधारों की आवश्यकता होने के कारण:

  • कानून बनाकर राजनीति को सुधारने की बात सोचना बहुत लुभावना लग सकता है नए कानून सारी अवांछित चीजें खत्म कर देंगे यह सोच भले ही लुभावना तथा सुखद हो लेकिन इस लालच पर लगाम लगाना ही बेहतर है। निश्चित रूप से सुधारों के मामले में कानून की एक महत्वपूर्ण भूमिका है सावधानी से बनाए गए कानून गलत राजनीतिक आचरण को हतोत्साहित और अच्छे कामकाज को प्रोत्साहित करेंगे पर विधिक संवैधानिक बदलाव को ला देने भर से लोकतंत्र की चुनौतियों को हल नहीं किया जा सकता।
  • लोकतांत्रिक सुधार तो मुख्यतः राजनीतिक दल ही करते हैं इसलिए आम नागरिक की राजनीतिक भागीदारी के स्तर और गुणवत्ता में सुधार लाकर लोकतांत्रिक कामकाज को ज्यादा मजबूत बनाना ही राजनीतिक सुधारों का लक्ष्य होना चाहिए।
  • राजनीतिक सुधार के किसी भी प्रस्ताव में अच्छे समाधान की चिंता होने के साथ-साथ यह सोच भी होनी चाहिए कि इन्हें कौन और क्यों लागू करेगा।

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