विद्युत Vidyut Class 10 Science Chapter 12 NCERT Solution in Hindi

Vidyut: विद्धुत कक्षा 10 विज्ञान अध्याय 12 प्रश्न-उत्तर पढ़े झारखण्ड पाठशाला वेबसाइट में। सभी प्रश्न उत्तर झारखण्ड अधिविध परिषद् राँची द्वारा संचालित पाठ्यक्रम पर आधारित है। Science class 10 NCERT Solutions in Hindi.

Vidyut Class 10 Science Chapter 12

Vidyut: एक अंक स्तरीय प्रश्न तथा उत्तर

Q .1. विद्युत आवेश का SI मात्रक क्या है?
Ans: कूलॉम।

Q.2. विद्युत धारा का मात्रक क्या है?
Ans: एंपियर।

Q.3. कूलॉम किस राशि का मात्रक है?
Ans: आवेश का।

Q.4. विभव का मात्रक क्या है?
Ans: वोल्ट।

Q.5. विभवांतर का SI मात्रक क्या है?
Ans: वोल्ट।

Q.6. प्रतिरोध का मात्रक क्या है?
Ans: ओम।

Q.7. प्रतिरोधकता ( विशिष्ट प्रतिरोध) का SI मात्रक लिखे।
Ans: मात्रक- (ओम-मीटर)।

Q.8. किलोवाट – घंटा (kwh) किस राशि का मात्रक है?
Ans: विद्युत ऊर्जा का व्यावसायिक मात्रक।

Q.9. ओम किस राशि का मात्रक है?
Ans: प्रतिरोध।

Q.10. वोल्ट/एंपियर किसका मात्रक है?
Ans: प्रतिरोध।

Q.11. “ओम × मीटर” मैं किसकी माप की जाती है?
Ans: प्रतिरोधकता।

Q.12. विद्युत शक्ति का SI मात्रक क्या होता है?
Ans: वाट।

Q.13. विद्युत ऊर्जा का व्यापारिक मात्रक क्या है?
Ans: किलोवाट – घंटा (kwh).

Q.14. प्रतीक KWh का अर्थ क्या है?
Ans: किलोवाट घंटा।

Q.15. 1 KWh को जूल में व्यक्त करें।
Ans: 1 Kwh=3.6×106 जूल।

Q.16. एक इलेक्ट्रॉन का आवेश कितने कूलॉम के तुल्य होता है?
Ans:1 इलेक्ट्रॉन का आवेश=1.6×10-19 कूलॉम।

Q.17. एक कूलॉम आवेश कितने इलेक्ट्रॉनो के आवेश के तुल्य होता है?
Ans: 1 कूलॉम आवेश=6×1018 इलेक्ट्रॉन।

Q.18. विद्युत धारा मापने वाले यंत्र को क्या कहते हैं?
Ans: एमीटर।

Q.19. विभवांतर मापने वाले यंत्र को क्या कहते हैं?
Ans: वोल्टमीटर।

Q.20. विद्युत परिपथ में ऐमीटर को किस क्रम में जोड़ा जाता है?
Ans: श्रेणीक्रम।

Vidyut: लघु उत्तरीय प्रश्न तथा उत्तर

Q.1. विद्युत आवेश किसे कहते हैं?
Ans: वह आंतरिक कारक जो पदार्थों में आकर्षण का गुण उत्पन्न कर देता है। विद्युत कहलाता है। जब एक पदार्थ को दूसरे पदार्थ से रगड़ा जाता है तो दोनों पदार्थों पर विद्युत उत्पन्न होता है।

आवेश दो प्रकार के होते हैं –
(i) धन आवेश,
(ii) ऋण आवेश।

Q.2. विद्युत आवेश के दो महत्वपूर्ण गुणों को लिखें।
Ans: विद्युत आवेश के गुण –
(i) सजातीय आवेश एक – दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं,
(ii) विजातीय आवेश एक – दूसरे को आकर्षित करते हैं।

Q.3. विद्युत धारा को परिभाषित करें इसक SI मात्रक लिखें।
Ans: विद्युत आवेश के प्रवाह की दर अर्थात एकांंक समय में प्रवाहित होने वाले विद्युत आवेश के परिणाम को विद्युत धाराााााा कहते है।
विद्युत धारा का SI मात्रक: I=Q/T

Q.4. विद्युत धारा के मात्रक की परिभाषा लिखें।
Ans: विद्युत धारा का मात्रक ऐंपियर हैै। यदि परिपथ केेे किसी बिंदु से प्रति सेकंड एक कूलॉम आवेश संंचरित हो रहा हो तो उस धारा को एक ऐंपियर कहते है। 1A =1C/1 S

Q.5. विभव एवं विभवांतर में अंतर बताएं।
Ans: विभव- इकाई धन – आवेश को अनंत से विद्युत क्षेत्र के किसी बिंदु तक लाने में किया गया कार्य विभव कहलाता है। इसका SI मात्रक वोल्ट (v) है।
विभवांतर- इकाई धन आवेश को विद्युत क्षेत्र में एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक ले जाने में जितना कार्य होता है उसे विभवांतर कहते हैं। इसका भी SI मात्रक वोल्ट है।

Q.6. ओम का नियम में ताप को अचर रखा जाता है, क्यों?
Ans: ताप के बदलने से प्रतिरोध का मान बदल जाता है, जिससे धारा का सही – सही मान नहीं प्राप्त होता है, अर्थात एक साथ कई मान बदल जाता है। इसलिए तापक्रम को अचर रखा जाता है।

Q.7. अर्धचालक किसे कहते हैं?
Ans: वैसे पदार्थ, जिसमें सामान्य ताप पर कुछ मुक्त इलेक्ट्रॉन होते हैं। कम विद्युत चालकता होने के कारण इस तरह के पदार्थों से होकर कुछ विद्युत प्रवाहित होती है। जैसे -सिलिकॉन, जर्मेनियम इत्यादि।

Q.8. अतिचालक किसे कहते हैं?
Ans: वैसे पदार्थ जिसमें अति निम्न ताप पर बिना किसी प्रतिरोध के विद्युत का गमन होता है अतिचालक कहलाता है। जैसे – शीशा, जिंक इत्यादि।

Q.9. विद्युत – तापन उपकरणों में नाइक्रोम तार का उपयोग क्यों किया जाता है?
Ans: विद्युत – तापन उपकरणों में नाइक्रोम तार का उपयोग किया जाता है क्योंकि-
(i) इसका द्रवनांक उच्च होता है।
(ii) प्रतिरोधकता उच्च होता है।
(iii) उच्च ताप पर शीघ्र ऑक्सीकृत नहीं होता है।

Q.10. फ्यूज क्या है? इसकी क्या विशेषताएं हैं?
Ans: फ्यूज एक सुरक्षा की युक्ति है। यह ऐसे तार का टुकड़ा होता है जिसके पदार्थ की प्रतिरोधकता बहुत अधिक होती है और उसकी गलनांक बहुत कम होता है। इसे परिपथ में श्रेणीक्रम में जोड़ा जाता है।
विशेषताएं – यह विद्युत परिपथ को अतिभारण और लघुपथन के कारण नष्ट होने से बचाता है।

Vidyut: दीर्घ उत्तरीय प्रश्न तथा उत्तर

Q.1. ओम का नियम लिखे और इसका सत्यापन करे।
Ans: ओम का नियम: नियत ताप पर किसी चालक के सिरों के बीच का विभवन्तर उसमे प्रवाहित धारा का समानुपाती होता है। अर्थात
V ∝ I.
V=RI
R=V/I

सत्यापन: सर्वप्रथम बैट्री, परिवर्तनशील प्रतिरोध Rh और आमीटर को श्रेणिकरम में जोड़ा जाता है तथा वॉल्टमीटर को समांतरक्रम में जोड़ा जाता है। जब कुंजी K पर डाट लगाते है तो परिपथ में धारा प्रवाहित होने लगती है । इस प्रकार प्रवाहित धारा I को आमीटर पर तथा विभावांतर V को वॉल्टमीटर पर पढ़ लिया जाता है और V/I का मान ज्ञात किया जाता है। अब रियोस्टेट द्वारा धारा का मान बदल बदल के प्रयोग कर दुहराते है और प्रत्येक स्थिति में V/I का मान ज्ञात करते है तो पाते है कि V/I = नियतांक। इससे ओम के नियम की जांच हो जाती है।
प्रयोग से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर जब X- अक्ष पर V तथा Y- अक्ष I लेकर ग्राफ खींचते है तो सरल रेखा प्राप्त होती है। इससे भी ओम के नियम की जांच हो जाती है।

Q.2. श्रेणिकरम संयोजन को परिभाषित करें। एक विद्युत परिपथ में तीन प्रतिरोधक जिनके प्रतिरोध क्रमशः R1, R2 तथा R3 है, को श्रेणिक्रम में जोड़ा गया है। विद्युत परिपथ का तुल्य प्रतिरोध ज्ञात करें।
Ans: जब पहले प्रतिरोध का दूसरा छोर दूसरे के पहले छोर से तथा दूसरे का दूसरे छोर तीसरे के पहले छोर से जोड़ा जाता है, तो इस प्रकार के संयोजन को श्रेणिक्रम कहते है।
माना कि तीन प्रतिरोधक R1, R2 तथा R3 को श्रेणिक्रम में जोड़ा गया है इनके बीच विभवांतर V1, V2 तथा V3 है तथा इनसे धारा I प्रवाहित होती है।
अतः: ओम के नियम से,
V1=IR1 …(i)
V2=IR2 …(ii)
V3=IR3 …(iii)
समीकरण (i), (ii) और (iii) को जोड़ने पर,
V1+V2 + V3 = IR1+ IR2 + IR3
V = I(R1 + R2 + R3) . ..(iv)

यदि A और B के सिरों के बीच विभवांतर V तथा धारा I हो, तो
ओम के नियम से,
V= IR …(v)

समीकरण (iv) और (v) से,
IR = I(R1 + R2 + R3)
R = R1 + R2 + R3

Q.3.पाश्र्वक्रम संयोजन किसे कहते है? प्रतिरोधकों, R1 + R2 + R3 को पाश्र्वक्रम में संयोजित करने पर समतुल्य प्रतिरोध का व्यंजक प्राप्त करें।
Ans: पाश्र्वक्रम संयोजन: जब सभी प्रतिरोध के एक छोर को एक साथ तथा दूसरे छोर को एक साथ जोड़ा जाता है तो इस प्रकार के संयोजन को पाश्र्वक्रम संयोजन कहते है।

Q.4. विद्युत धारा का तापीय प्रभाव से आप क्या समझते है? किसी प्रतिरोधक में विद्युत धारा प्रवाहित करने पर उत्पन्न ऊष्मा ऊर्जा के लिए सूत्र लिखें।
Ans: विद्युत धारा के प्रवाह से किसी प्रतिरोधक या चालक में ऊष्मा उत्पन्न होने की घटना को विद्युत धारा का तापीय प्सिप्रभाव कहते है।
विभव की परिभाषा से स्पष्ट है, यदि किसी चालक के सिरों पर का विभवांतर V वॉल्ट हो, तो एक कूलॉम आवेश को एक सिरे तक जाने में किया गया कार्य W=V×1 J
इसी तरह यदि Q कूलॉम आवेश को एक सिरे से दूसरे सिरे तक जाने में किया गया कार्य W=V Q J होगा।
W = IR×Q
= IR × I t
W = I2 Rt

यदि किया गया सम्पूर्ण कार्य ऊष्मा Q के रूप में परिणत हो और इसे Q से व्यक्त किया जाए तो
Q =I2 Rt.

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