Urja ke strot: ऊर्जा के स्रोत कक्षा 10 अध्याय 14 NCERT समाधान। JAC Borad, Ranchi द्वारा संचालित पाठ्यक्रम पर आधारित है ये सारी प्रश्न और उत्तर। ये प्रश्न वार्षिक परीक्षा के लिए अति महत्वपूर्ण है।
Urja ke strot : 1 अंक स्तरीय प्रश्न तथा उत्तर
Q.1. सौर ऊर्जा का स्रोत क्या है?
Ans: सूर्य।
Q.2. हमारे घरों में ऊर्जा का उपयोग मुख्यतः जीन दो रूपों में होता है, उनके नाम लिखें।
Ans:(i) ऊष्मा – ऊर्जा,
(ii)विद्युत – ऊर्जा।
Q.3. किन्ही दो अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के नाम लिखें।
Ans:(i) कोयला,
(ii) पेट्रोलियम।
Q.4. किन्ही दो नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के नाम लिखें।
Ans:(i) सौर -ऊर्जा,
(ii)पवन – ऊर्जा।
Q.5. पवनों का देश किसे कहा जाता है?
Ans: डेनमार्क को।
Q.6. पवन चक्की से उपयोगी ऊर्जा प्राप्त करने के लिए पवन का न्यूनतम वेग कितना होना चाहिए?
Ans: 15 km/h.
Q.7. उस व्यक्ति का नाम बताएं जो सौर – ऊर्जा को सीधे विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करती है।
Ans: सौर सेल।
Q.8. दो ऐसे पदार्थों के नाम लिखें जिनसे सौर – सेल बनाए जाते हैं।
Ans:(i) सिलिकॉन,
(ii) गैलियम।
Q.9. विद्युत की घरेलू आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सौर पैनलों के उपयोग में कौन – सी रुकावटें हैं?
Ans: इनमें दो रुकावटें हैं-
(i) कम दक्षता,
(ii) अधिक लागत।
Q.10. सौर – ऊर्जा महासागरों में किन दो रूपों में प्रकट होती है। उनके नाम लिखें।
Ans: (i)सागरीय तापीय ऊर्जा,
(ii)सागरीया लहरों की ऊर्जा।
Q.11. जैव – गैस के मुख्य घटकों के नाम लिखें।
Ans: मुख्य घटक मीथेन गैस है।
Q.12. सौर विकिरणों के किस घटक को हमारे शरीर पर पड़ने से हमारे स्वास्थ्य के लिए संकट हो सकता है?
Ans: पराबैगनी किरण।
Q.13. जीवाश्म ईंधन के उदाहरण दें।
Ans: कोयला, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस।
Q.14. सौर पैनल में किस धातु का उपयोग किया जाता है?
Ans: चांदी।
Q.15. सौर सेल के निर्माण में प्रयुक्त किन्हीं दो तत्वों के नाम लिखें।
Ans:(i) सिलिकॉन,
(ii) जर्मेनियम।
Q.16. एक सामान्य सौर सेल कितने विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करता है?
Ans: 0.7 w.
Urja ke strot class 10 science chapter 14
Q.17. सौर-उष्मांक (स्थिरांक) का मान क्या है?
Ans: 1.4 KW/m2.
Q.18. CNG का पूर्ण विस्तार लिखें।
Ans: CNG – Compressed Natural Gas.(संपीडित प्राकृतिक गैस)
Q.19. सौर – कुकर के लिए कौन- सा दर्पण – अवतल , उत्तल या समतल सर्वाधिक उपयुक्त होता है ?
Ans: अवतल दर्पण।
Q.20. कौन – सा ऊर्जा स्रोत सौर ऊर्जा से व्युत्पन्न नहीं होती है?
Ans: नाभिकीय ऊर्जा।
Urja ke strot : 2 or 3 अंक स्तरीय प्रश्न तथा उत्तर
Q.1.ऊर्जा का उत्तम स्रोत किसे कहते हैं?
Ans: ऊर्जा का उत्तम स्रोत उसे कहते हैं –
(i) प्रति एकांक आयतन अथवा प्रति एकांक द्रव्यमान अधिक कार्य करें,
(ii) भंडारण तथा परिवहन में आसान हो,
(iii) सरलता से सुलभ हो सके,
(iv) वह सस्ता भी हो।
Q.2. उत्तम ईंधन किसे कहते हैं ?
Ans: एक उत्तम ईंधन वह है –
(i) जिसका उष्मीय मान उच्च हो,
(ii) जो सस्ता एवं सुगमता से उपलब्ध हो,
(iii) जिसे प्रज्वलन ताप की प्राप्ति हो,
(iv) जो जलने के पश्चात अल्प धुंआ तथा अधिक ऊष्मा उत्पन्न करता हो।
Q.3. ईंधन के कोई दो लक्षण लिखें जो उनकी गुणवत्ता का निर्धारण करते हैं।
Ans: ईंधन के लक्षण –
(i) अत्यल्प धुंआ तथा अधिक ऊष्मा मुक्त करना चाहिए,
(ii) यह आसानी से उपलब्ध होना चाहिए।
Q.4. जीवाश्म ईंधन की क्या हानियां हैं ?
Ans:(i) जीवाश्म ईंधन ऊर्जा केेेे अनवीकरणीय स्रोत हैं। यदि हम इन ऊर्जा स्रोतों का उपयोग इसी दर से करते रहेंगे, तो इनके भंडार शीघ्र ही समाप्त हो जायेंगे,
(ii) जीवाश्म ईंधन के जलने पर मुक्त होने वाले कार्बन नाइट्रोजन तथा सल्फर के ऑक्साइड अम्लीय होते हैं। इनसे अम्लीय वर्षा होती है जो हमारे जल तथा मृदा के संसाधनों को प्रभावित करती है।
Q.5. जैव गैस को उत्तम ईंधन क्यों माना जाता है? कोई तीन कारण लिखें।
Ans:(i) इसमें 75% तक मेथैन गैस होती है।
(ii)यह धुआं उत्पन्न किए बिना जलती है।
(iii) इसकी तापन क्षमता उच्च होती है।
Q.6. नदियों पर बांध बनाकर जल – विद्युत उत्पादन के दो लाभ एवं दो हानियां लिखें।
Ans: लाभ – (i)बाढ़ पर नियंत्रण,
(ii) सिंचाई के लिए जल का उपयोग।
हानि- (i)भूमि का काफी क्षेत्र पानी में डूब जाता है,
(ii) पौधों, जंतुओं और मनुष्यों के प्राकृतिक वास – स्थान नष्ट हो जाते हैं।
Q.7.सौर सेल क्या है? एक सामान्य सौर सेल कितनी विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करता है?
Ans: ऐसी युक्ति जो सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिणत कर देता है। उसे सौर सेल कहते है।
एक सामान्य और सेल लगभग 0.7 W विद्युत ऊर्जा का उत्पादन करता हैं।
Q.8. सौर कुकर के लिए कौन – सा दर्पण अवतल, उत्तल अथवा समतल सर्वाधिक उपयुक्त होता हैं, क्यों?
Ans: समतल दर्पण सर्वाधिक उपयुक्त होता है। यह सूर्य के प्रकाश को सौर कुकर के भीतर की ओर परावर्तित करता हैं।
Q.9.नाभिकीय ऊर्जा का क्या महत्व है?
Ans: नाभिकीय ऊर्जा का महत्व-
(i) नाभिकीय ऊर्जा का उपयोग भाप बनाकर विद्युत उत्पन्न करने में किया जाता है।
(ii) बड़ी मात्रा में ऊर्जा मुक्त होती है।
(iii) ऊर्जा के साथ त्वरित होने वाले कणों के प्रयोग से बड़ी संख्या में शोध किये जाते हैं।
Q.10. नाभिकीय विखंडन क्या है?
Ans: नाभिकीय विखंडन – वह अभिक्रिया जिसमें एक भारी नाभिक एक धीमी गति के न्यूट्रॉन के प्रवेश के उपरान्त दो हल्के नाभिकों में टूट जाता है तथा अत्यधिक मात्रा में ऊर्जा विमोचित होती है, नाभिकीय विखंडन कहलाती है।
Urja ke strot : 5 अंक स्तरीय प्रश्न तथा उत्तर
Q.1. जैव मात्रा तथा ऊर्जा स्रोत के रूप में जल वैद्युत की तुलना करें और उनमें अंतर लिखें।
Ans: जैव मात्रा तथा ऊर्जा स्रोत के रूप में जल वैद्युत की तुलना करें और उनमें अंतर:
जैव मात्रा | जल में वैद्युत ऊर्जा |
यह नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है। | जल विद्युत ऊर्जा एक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है। |
जैव मात्रा ईंधन अधिक ऊष्मा उत्पन्न नहीं करते तथा इनके जलाने पर अत्यधिक धुआँ निकलता है। | बांध के जल में डूबने के कारण बड़े-बड़े पारिस्थितिक तंत्र नष्ट हो जाते हैं जो बड़े पौधे वनस्पति आदि जल में डूब जाते हैं तो अवायवीय परिस्थितियों में सड़ने लगते हैं और विघटित होकर विशाल मात्रा में मेथेन गैस उत्पन्न करते हैं जो एक ग्रीनहाउस गैस है। |
यह एक सस्ता ऊर्जा स्रोत है। | इसके उत्पादन में कोई भी खर्च नहीं है। |
Q.2. निम्नांकित से ऊर्जा निस्कृषित करने की सीमाएं लिखें-
(i)पावन, (ii) तरंगे, (iii)ज्वार।
Ans:(i) पवन -पवन ऊर्जा फॉर्म केवल उन्हीं क्षेत्रों में स्थापित किए जा सकते हैं जहां वर्ष के अधिकांश दिनों में तीव्र पवनें चलती हो। टरबाइनो की आवश्यकता चाल को बनाए रखने के लिए पवन की चाल भी 15km/h से अधिक होनी चाहिए। उर्जा फार्म स्थापित करने के लिए एक विशाल भूखंड की आवश्यकता होती है।
(ii) तरंगे -तरंग ऊर्जा का वहीं पर व्यवहारिक उपयोग हो सकता है जहां तरंगे अत्यंत प्रबल हो।
(iii) ज्वार-ज्वारीय ऊर्जा का दोहन सागर के किसी संकीर्ण क्षेत्र पर बांध का निर्माण करके किया जाता है। ऐसी अवस्थितियां जहां पर इस प्रकार के बांध निर्मित किए जा सकते हैं सीमित हैं।
Q.3. किसी आधार पर ऊर्जा स्रोतों का वर्गीकरण निम्नांकित वर्गों में करेंगे –
(i)नवीकरणीय तथा अनवीकरणीय,
(ii) समाप्य तथा असमाप्य।
क्या (i) तथा (ii) के विकल्प समान हैं?
Ans:(i) ऊर्जा के उन स्रोतों को जो प्रकृति में लगातार बनते रहते हैं तथा कभी भी समाप्त नहीं होते, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत कहलाते हैं।
ऊर्जा के उन स्रोतों को जो प्रकृति में करोड़ों वर्षों की अवधि में धीरे-धीरे बनकर इकट्ठे हुए हैं तथा समाप्त होने पर शीघ्र ही दोबारा नहीं बनाये जा सकते, उन्हें अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोत कहते हैं।
(ii)ऊर्जा के स्रोत जिनका बहुत दिनों से परंपरागत उपयोग होने के कारण भंडार का ह्रास होता जा रहा है, ऊर्जा के समाप्य स्रोत कहलाते है। जैसे – पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस आदि।
ऊर्जा के ऐसे स्रोत जिनका मानव द्वारा उपयोग से उसके भंडार कभी भी समाप्त नहीं होंगे, उसे ऊर्जा के असमाप्य स्रोत कहते हैं। जैसे – सौर ऊर्जा, जल ऊर्जा, पवन ऊर्जा आदि।
Q.4. ऊर्जा की बढ़ती मांग के पर्यावरणीय परिणाम क्या है? उर्जा की खपत को कम करने के उपाय लिखें।
Ans: ऊर्जा की बढ़ती मांग पर्यावरण को प्रदूषित करता है। मानव कोयले तथा पेट्रोलियम जैसे ईंधनो को जलाकर ऊष्मा तथा विद्युत शक्ति प्राप्त करता है तथा परिवहन के साधनों को चलाता है। इन ईंधनों के जलाने से बहुत सा धुआं उत्पन्न होता है। वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न धुआं है। वायु प्रदूषण मानव, अन्य जंतुओं तथा पेड़ – पौधों के जीवन पर बुरा प्रभाव डालता है। वायु प्रदूषण कच्चे पदार्थों, औद्योगिक प्रक्रियाओं, रहन-सहन के वातावरण को प्रभावित करता है और उन्हें खराब कर देता है।
उर्जा की खपत को कम करने के उपाय –
(i)हमें ऊर्जा प्राप्त करने के लिए कोयले, पेट्रोलियम, तेल तथा प्राकृतिक गैस जैसे जीवाश्म ईंधनो के उपयोग में बहुत ही सावधानी बरतनी चाहिए। इन ईंधनों का उपयोग तभी करना चाहिए जब ऊर्जा प्राप्ति का दूसरा कोई साधन उपलब्ध न हो।
(ii) ऐसी तकनीकी का विकास करना चाहिए जिनके द्वारा सूर्य तथा जैव मात्रा (बायोमास) गैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को ऊर्जा को सरलता से प्राप्त करके उपयोग में ला सके।
(iii) ऊर्जा का अपव्यय तुरंत रोकना चाहिए। बिजली के बल्ब, ट्यूब, पंखे तथा अन्य उपकरण उपयोग करने के बाद फोरन बंद कर देने चाहिए।