संस्थाओ का कामकाज कक्षा 9 राजनीतिक विज्ञान पाठ 5

संस्थाओ का कामकाज: इस आर्टिकल में आप कक्षा 9 की राजनीतिक विज्ञान की अध्याय 5 संस्थाओ का कामकाज के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर पढ़ेंगे। यह दी गई सभी जानकारियों का स्रोत कक्षा 9 की राजनीतिक विज्ञान की एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तक है।

संस्थाओं का कामकाज महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर

Q.1. संस्थाओ से आप क्या समझते है?
Ans: सरकार के विभिन्न कार्यों को करने के लिए देश में कई व्यवस्थाएं की जाती है। इन व्यवस्थाओ को ही संस्थाएं कहा जाता है। इन सस्थाओ की बनावट तथा कार्यों का प्रायः देश के संविधान में ही वर्णन कर दिया जाता है।

Q.2. संसदीय लोकतंत्र में तीन मुख्य संस्थाएं कौन कौन सी होती है?
Ans: संसदीय लोकतंत्र की तीन मुख्य संस्थाएं निम्नलिखित है-
1)विधानमंडल
2)कार्यपालिका
3)न्यायपालिका

Q.3. संसद से आप क्या समझते है?
Ans: सभी लोकतंत्रीय राज्यों में जनता द्वारा विरवाचीत प्रतिनिधियों की एक संस्था होती है, जो कानूनों का निर्माण करती है। भारत, इंग्लैंड तथा फ्रांस आदि राज्यों में इसे संसद का नाम दिया गया है। संयुक्त राज्य अमेरिका में इस संस्था को काँग्रेस नाम दिया गया है।

Q.4. भारत की संसद एक सदनीय है अथवा द्विसदनीय है?
Ans: भारतीय संसद द्विसदनीय विधानमंडल है। इसके दो सदन है- लोकसभा तथा राजसभा। लोकसभा में अधिक से अधिक 552 सदस्य हो सकते है, राज्यसभा की अधिक से अधिक सदस्य संसख्य 250 हो सकती है।

Q.5. लोकसभा के सदस्यों का चुनाव कैसे किया जाता है?
Ans: लोकसभा के सदस्य जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से चुने जाते है। पूरे देश को उतने निर्वाचन क्षेत्र में बाँट दिया जाता है जितने सदस्य चुने जाते है। एक निर्वाचन क्षेत्र से एक सदस्य चुना जाता है।

Q.6. संसद के दोनों सदनों का कार्यकाल कितना है?
Ans: लोकसभा के सदस्यों का साधारण कार्यकाल 5 वर्ष है, परंतु राष्ट्रपति को यह अधिकार है कि वह उसे उसके पाँच वर्ष पूरे होने के पहले भी भंग कर सकता है। राज्यसभा एक स्थायी सदन है, उसके सदस्य 6 वर्ष के लिए चुने जाते है। इसके 2/3 सदस्य प्रत्येक दो वर्ष के बाद सेवनिवृत हो जाते है और उनके स्थान पर नए सदस्य चुन लिए जाते है।

Q.7. भारत के प्रधानमंत्री की नियुक्ति कैसे की जाती है?
Ans: संविधान के अनुसार प्रधानमंत्री की नियुक्ति करने का अधिकार राष्ट्रपति हो दिया गया है। राष्ट्रपति द्वारा उसी व्यक्ति को प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त किया जाता है जो लोकसभा में बहुसंख्यक दल का नेता होता है। यदि लोकसभा में किसी एक राजनैतिक दल अथवा दलीय गठबंधन को पूर्ण बहुमत प्राप्त नहीं होता है, तो राष्ट्रपति किसी भी ऐसे व्यक्ति को प्रधानमंत्री के पद पर नितयुक्त कर सकता है जो उनके विचार से लोकसभा में बहुमत जुटाने की स्थिति में हो। प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त होने के लिए संसद के किसी एक सदन का सदस्य होना अनिवार्य है। यदि राष्ट्रपति द्वारा किसी ऐसे व्यक्ति को प्रधानमंत्री नियुक्त किया जाता है जो संसद का सदस्य नहीं है तो उसके किए यह आवश्यक होता है कि वह 6 महीने के अंदर संसद के किसी सदन की सदस्यता ग्रहण करे, अन्यथा 6 महीने समाप्त होने पर वह प्रधानमंत्री नहीं रहेगा।

Q.8. राष्ट्रपति के पद पर चुने जाने के लिए निर्धारित योग्यताएं बताइए।
Ans: राष्ट्रपति के पद पर चुने जाने के लिए योग्यताएं-

  • वह भारत का नागरिक हो।
  • वह 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो। वह लोकसभा का सदस्य बनने की योग्यता रखता हो।
  • वह केन्द्रीय सरकार अथवा किसी राज्य सरकार के अधीन किसी लाभ के पद पर कार्य न कर रहा हो।
  • वह संसद अथवा किसी राज्य विधानमण्डल का सदस्य नहीं होना चाहिए।

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