हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली कक्षा 8 सामाजिक विज्ञान

हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली : इस अध्याय में आप कक्षा 8 की सामाजिक विज्ञान की पाठ 6 के सभी महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर को पढ़ेंगे । यहाँ दिए गए सभी प्रश्न उत्तर का स्त्रोत NCERT की पाठ्यपुस्तक है।

हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली

Q.1. गिरफ्तार व्यक्ति को प्राप्त मौलिक अधिकारों की सूची बनाए।
Ans: संविधान के अनुच्छेद 22 और फौजदारी कानून में प्रत्येक गिरफ्तार व्यक्ति को निम्नलिखित मौलिक अधिकार दिए गए है:

  1. गिरफ़्तारी के समय उसे यह जानने का अधिकार है कि गिरफ़्तारी किस कारण की जा रही है।
  2. गिरफ़्तारी के 24 घंटे के भीतर मजिस्ट्रेट के सामने पेश होने का अधिकार।
  3. गिरफ़्तारी के दौरान या हिरासत में किसी भी तरह के दुर्व्यवहार या यातना से बचने का अधिकार।
  4. पुलिस हिरासत में दिए गए इकबलिया बयान को आरोपी के खिलाफ सबूत के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
  5. 15 साल से काम उम्र के बालक या किसी महिला को केवल सवाल पूछने के लिए थाने में नहीं बुलाया जा सकता।

Q.2. सरकारी वकील की क्या भूमिका होती है?
Ans: अदालत में सरकारी वकील की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। वह अदालत में राज्य का पक्ष प्रस्तुत करता है। सरकारी वकील की भूमिका तब शुरू होती है जब पुलिस जांच पूरी करके अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर देती है। सरकारी वकील की इस जांच में कोई भूमिका नहीं होती है। उसे राज्य की ओर से अभियोजन प्रस्तुत करना होता है।

Q.3. न्यायधीश की क्या भूमिका होती है?
Ans: न्यायधीश की वही भूमिका होती है जो खेलों में अंपायर की होती है। वे निष्पक्ष भाव से और खुली अदालत में मुकदमे का संचालन करते है। न्यायधीश सारे गवाहों के बयान सुनते है तथा अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष की तरफ से पेश किए गये सबूतों की जांच करते है। अपने सामने मौजूद बयानो व गवाहों के आधार पर कानून के अनुसार न्यायधीश ही तय करते है कि आरोपी सचमुच दोषी है या नहीं। अगर आरोपी दोषी साबित होता है तो न्यायधीश उसे सजा सुनाते है।

Q.4. निष्पक्ष सुनवाई क्या होती है?
Ans: निष्पक्ष सुनवाई का अर्थ है कि भारतीय सविधान में यह प्रावधान किया गया है कि अदालत सुनवाई करते समय किसी भी पक्ष के साथ भेद भाव नहीं कर सकती है। कोई पक्ष का व्यक्त चाहे वह गरीब हो या आमिर, किसी भी जाती का हो या कोई भी धर्म को मानने वाला हो, उसे इन सब चीजों से परे निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार है। शांति के मानले में आप देख सकते है कि अदालत में न्यायधीश ने शांति से अमीरी गरीबी का भेदभाव न करते हुए सही तरीके से मामले की जांच पड़ताल कारवाई उसके बाद उसने अपना अंतिम फैसला सुनाया।
भारतीय संविधान में प्रत्येक नागरिक चाहे वह विभिन्न वर्ग, जाति, धर्म, और वैचारिक मान्यताओ के हो, उन्हे निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार दिया गया है। निष्पक्ष सुनवाई में यह सुनिश्चित किया जाता है कि संविधान के अनुच्छेद 21 की पूरी तरह पालन किया जाए।

Q.5। अनुच्छेद 21 में क्या प्रावधान है?
Ans: संविधान के अनुच्छेद 21 में जीवन के अधिकार का आशवासन दिया गया है। इसका अर्थ है कि किसी भी व्यक्ति के जीवन या स्वतंत्रता को केवल एक तर्कसंगत और न्यायपूर्ण कानूनी प्रक्रिया के जरिए ही छीना जा सकता है।

Q.6. आरोपी का क्या अर्थ है?
Ans: आरोपी शब्द का प्रयोग ऐसे व्यक्ति के लिए किया जाता है जिस पर अदालत में किसी अपराध के लिए मुकदमा चल रहा हो। शांति और श्रीमती शिंदे के मामले में शांति आरोपी थी क्योंकि उसके ऊपर श्रीमती शिंदे ने यह आरोप लगाया था कि शांति ने उसका हार चुराया है, हालांकि यह आरोप गलत साबित हुआ।

Q.7. जिरह किसे कहते है?
Ans: जब कोई गवाह अदालत में अपना बयान देता है तों दूसरे पक्ष का वकील भी उससे कुछ सवाल पूछता है जिससे उसके पिछले बयान को सही या गलत साबित किया जा सके इसे ही जिरह कहते है।

Q.8. गवाह तथा हिरासत शब्द का अर्थ स्पष्ट करे?
Ans: गवाह: जब किसी व्यक्ति को अदालत में यह बयान देने के लिए बुलाया जाता है कि उसने मामले के संबंध में क्या देखा, सुना या जाना है तों उसे गवाह कहते है।
हिरासत: पुलिस द्वारा किसी को गैर कानूनी ढंग से अपने कब्जे में रखने को हिरासत कहते है।

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