Bhumandlikrit Vishw Ko Banaana: भूमंडलीकृत विश्व को बनाना: इस अध्याय में आप कक्षा 10 के इतिहास के अध्याय 4 के महत्वपूर्ण प्रश्न तथा उत्तर पढ़ेंगे। ये सभी प्रश्न उत्तर झारखंड बोर्ड के कक्षा दसवीं की वार्षिक परीक्षा की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है। इन सब को तैयार करते समय बहुत सावधानी बरती गई है फिर भी पुस्तक का सहारा अवश्य लें क्योंकि यहां पर उपलब्ध जानकारी से किसी भी प्रकार की हानी के लिए इस वेबसाइट के कर्ता-धर्ता जिम्मेदार नहीं होंगे।
Bhumandlikrit Vishw Ko Banaana: अति लघु उत्तरीय प्रश्न तथा उत्तर
Q.1. उपनिवेशीकरण के कारण कौन से परिवर्तन आए?
Ans: उपनिवेशीकरण के कारण आए परिवर्तन:
- उपनिवेशीकरण के कारण यातायात और परिवहन के साधनों में बहुत सुधार हुए जिससे सामान के दूर-दूर तक ले जाने में काफी आसानी हो गई। उपनिवेश देशों ने अपने अधीन बस्तियों में खुले दिल से पूंजी निवेश करना शुरू कर दिया क्योंकि अब उन्हें पूंजी के तेजी से बढ़ने के अवसर साफ दिखने लगे थे।
Q.2. वैश्वीकरण के लिए कौन कौन से कारक उत्तरदाई हैं?
Ans: वैश्वीकरण के लिए उत्तरदाई कारक:
- व्यापार
- काम की तलाश में एक देश से दूसरे देश में लोगों का पलायन
- पूंजी या बहुत सारी चीजों की वैश्विक आवाजाही
Q.3. गिरमिटिया मजदूर का क्या अर्थ है?
Ans: गिरमिटिया मजदूर एक तरह के कछुआ मजदूर होते हैं जो एक समझौते द्वारा मालिक रखता है। जिसका एक निश्चित समय के लिए होता है तथा नए नए देश में काम करने के लिए लागू होता है।
Q.4. आयात शुल्क क्या है?
Ans: किसी दूसरे देश से आने वाली चीजों पर वसूल किया जाने वाला शुल्क आयात शुल्क कहलाता है। यह कर या शुल्क उस जगह लिया जाता है जहां से वह चीज देश में आती है, यानी सीमा पर, बंदरगाह पर, या हवाई अड्डे पर।
Q.5. वीटो का क्या अर्थ है?
Ans: विधा का अर्थ है निषेधाधिकार। इस अधिकार के सहारे एक ही सदस्य की असहमति किसी भी प्रस्ताव को खारिज करने का आधार बन जाती है।
Bhumandlikrit Vishw Ko Banaana: भूमंडलीकृत विश्व को बनाना लघु उत्तरीय प्रश्न तथा उत्तर
Q.1. वैश्वीकरण क्या है?
Ans: साधारण भाषा में वैश्वीकरण का अर्थ है अपने अर्थव्यवस्था और विश्व अर्थव्यवस्था में सामंजस्य स्थापित करना इसके अंतर्गत अनेक विदेशी उत्पादक अपना माल और सेवाएं देख सकते हैं और इसी प्रकार हम अपने देश में निर्मित माल और सेवाएं दूसरे देशों में भेज सकते हैं इस प्रकार वैश्वीकरण के कारण विश्व के विभिन्न देश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पारस्परिक रूप में एक दूसरे पर निर्भर हो जाते हैं।
Q.2. सोलहवीं सदी में दुनिया सिकुड़ने लगी थी। इसका क्या मतलब है?
Ans: सोलहवीं सदी में दुनिया सिकुड़ने लगी थी। इसका मतलब है कि:
- संसार के विभिन्न महाद्वीपों के लोगों के बीच पारस्परिक संबंधों में वृद्धि।
- सोलवीं सदी से पहले तक विभिन्न महाद्वीपों के लोगों के बीच अंतर संबंध व्यापार और व्यवसाय का अभाव था।
- लेकिन सोलहवी सदी में संसार के महाद्वीपों के बीच व्यापार, व्यवसाय , सास्कृतिक विचारों का आदान-प्रदान और लोगों की आवाजाही बढ़ी जो अमेरिका से एशिया होकर यूरोप और अफ्रीका तक पहुंची।
Q.3. दो महायुद्ध के बीच जो आर्थिक परिस्थितियां पैदा हुई उनसे अर्थशास्त्री और राजनेताओं ने क्या सबक सीखा?
Ans: दो महायुद्धों के बीच जो अंतर युद्ध के आर्थिक अनुभव बहुत खराब थे अधिकतर देश बर्बाद हो गए थे और बहुत से शहर नष्ट हो गए थे। अर्थशास्त्रियों और राजनेताओं ने सबक सीखा कि उन्हें औद्योगिक देशों की आर्थिक स्थिरता को सुनिश्चित करना होगा साथ ही उनमें सारे संसार की परस्पर आर्थिक निर्भरता की समझ भी उत्पन्न हुई।
Q.4. 19वीं सदी में एकाएक किस तरह शहरी हस्त उद्योग बुरी तरह से समाप्त हो गए?
Ans: अंग्रेज लोग बहुत से मशीनों द्वारा निर्मित माल भारत लाए थे। ब्रिटिश माल गुणवत्ता में अच्छा था साथ ही आकर्षक तथा सस्ता भी था। भारतीय हस्तकला उसके आगे नहीं ठहर सकती थी इसी कारण से भारतीय वस्त्र उद्योग पतन के मार्ग पर चल पड़ा।
Q.5. खाद्य उपलब्धता पर तकनीक के प्रभाव को दर्शाने के लिए इतिहास से दो उदाहरण दें।
Ans: तकनीक या विभिन्न प्रकार के आविष्कारों जैसे रेलवे भाप के जहाजों, टेलीग्राफ और रेफ्रिजरेटर युक्त जहाजों का खाद्य पदार्थों की उपलब्धता पर गहरा प्रभाव पड़ा।
- यातायात के विभिन्न साधनों जैसे- तेज चलने वाली रेलगाड़ीयो, हल्की बग्घियों, बड़े आकार के जलपोतों, द्वारा अब खाद्य पदार्थों को दूर-दूर के बाजारों में कम लागत पर और आसानी से पहुंचाना आसान हो गया।
- रेफ्रिजरेटर की तकनीक युक्त जहाजों के कारण अब जल्दी खराब होने वाले चीजो मांस, फल आदि को भी लंबी यात्राओं में लाया ले जाया जा सकता था।
भूमंडलीकृत विश्व को बनाना दीर्घ उत्तरीय प्रश्न तथा उत्तर
Q.1. ब्रिटेन वुड्स समझौते का क्या अर्थ है?
Ans: युद्धोतार काल में अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के पुनर्निर्माण तथा विकास के लिए 1944 में अमेरिका में ब्रिटेन वुड्स समझौता हुआ। इस समझौते में संयुक्त राष्ट्र संघ की दो संस्थाओं- अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की स्थापना हुई। उन दोनों संस्थाओं ने 1947 ईस्वी में अपना काम करना शुरू कर दिया जो आज तक बड़ी बेखुबी से कर रही है। अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक व्यवस्था ने राष्ट्रीय मुद्रावों और मौद्रिक व्यवस्थाओं को एक दूसरे से जोड़ने का महत्वपूर्ण कार्य किया है। इस सारी प्रक्रिया से पश्चिमी और औद्योगिक देशों और जापान को विशेष रुप से लाभ रहा है और उनके व्यापार और आय मैं काफी वृद्धि हुई है इससे तकनीक और उद्यम का विश्वव्यापी विस्तार हुआ।
इसी मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था को ब्रिटेन वुड्स व्यवस्था कहा गया है। ब्रिटेन वुड्स व्यवस्था निश्चित विनिमय दरों पर आधारित होती थी।
Q.2. अफ्रीका में स्थानीय निवासियों को काम पर लगाए रखने के लिए यूरोपियों द्वारा कौन-कौन से उपाय किए गए?
Ans: अफ्रीका में स्थानीय निवासियों को काम पर लगाए रखने के लिए यूरोपियों द्वारा निम्नलिखित उपाय किए गए:
- लोगों पर भारी कर लगाए गए जिन का भुगतान तभी संभव था जब वे बागानों अथवा खदानों में नियमित रूप से वेतन पर कार्य कर रहे हो।
- उत्तराधिकारी कानून में परिवर्तन किया गया जिसके अनुसार परिवार के केवल एक ही सदस्य को पैतृक संपत्ति मिलना निश्चित हुआ इससे परिवार के शेष सदस्यों को श्रम बाजार में लाने में सहायता मिली।
- खान कर्मियों को बाड़ों में बंद कर दिया गया तथा उनके स्वतंत्रता पूर्वक घूमने फिरने पर पाबंदी लगा दी गई।