विनिर्माण उद्योग: Vinirman Udyog class 10 geography chapter 6 notes in hindi

Class 10 geography chapter 6 notes, class 10 geography chapter 6 question answer, class 10 geography chapter 6, chapter 6 geography class 10 notes, chapter 6 geography class 10 ncert solutions, JAC Board Ranchi.

class 10 geography chapter 6

अति लघु उत्तरीय प्रश्न तथा उत्तर: Class 10 geography chapter 6

Q.1.उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाली तीन भौतिक कारकों के नाम लिखें।
Ans:कच्चे माल के उपलब्धि, शक्ति के साधन, अनुकूल जलवायु

Q.2.आधुनिक उद्योगों के प्रमुख अवयवों के नाम लिखें।
Ans:कच्चा माल, पूंजी, प्रशिक्षित श्रमिक, ऊर्जा, यातायात की सुविधाएं आदि।

Q.3.उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले किन्हीं तीन मानवीय कारकों के नाम लिखें।
Ans:सस्ते श्रमिकों की उपलब्धि, संचार तथा परिवहन के साधन, पूंजी तथा बैंक की सुविधाएं

Q.4.हल्के उद्योग से क्या अभिप्राय है?
Ans: हल्के उद्योग से तात्पर्य ऐसे उद्योग से है जिसमें लागत कम लगती है तथा श्रमिक भी काफी कम संख्या में काम करते हैं तथा इन में उपयोग होने वाले कच्चे माल का प्रयोग कम मात्रा में होता है।

Q.5.महाराष्ट्र के 4 महत्वपूर्ण सूती वस्त्र उद्योग केंद्र के नाम बताएं।
Ans:मुंबई, सोलापुर, पुणे तथा नागपुर

Q.6.भारत में सबसे महत्वपूर्ण दो चीनी उत्पादक राज्यों के नाम बताएं।
Ans:उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र

Q.7.भारत में इलेक्ट्रॉनिक सामान के चार उत्पादक केंद्रों के नाम लिखें।
Ans:बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, दिल्ली

Q.8.कर्नाटक और पश्चिम बंगाल के दो -दो लोहा और इस्पात संयंत्रों के नाम लिखें।
Ans:कर्नाटक के लोहा इस्पात संयंत्र-भद्रावती स्टील प्लांट, विजयनगर स्टील प्लांट
पश्चिम बंगाल के लोहा इस्पात संयंत्र- दुर्गापुर स्टील प्लांट, इंडियन आयरन स्टील कंपनी

Q.9.उत्तर प्रदेश के चार महत्वपूर्ण ऊनी वस्त्र उद्योगों के नाम बताएं।
Ans:कानपुर, शाहजहांपुर, आगरा तथा मिर्जापुर।

Q.10.लोहा इस्पात को आधारभूत उद्योग क्यों कहा जाता है? व्याख्या करें।
Ans:लोहा इस्पात एक आधारभूत उद्योग है क्योंकि इस पर अनेक उद्योगों का विकास निर्भर करता है जैसे- भारी इंजीनियर और मशीनी औजार, जलयान निर्माण उद्योग, भारी मोटर गाड़ियां निर्माण उद्योग, वायुयान उद्योग, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं तथा भारी विद्युत, उपस्कर रेलवे इंजन, उर्वरक, रक्षा सामग्री इत्यादि।

Q.11.सीमेंट उद्योग की दो प्रमुख आवश्यकताओ के नाम लिखें।
Ans:बिजली और चूने का पत्थर आदि सीमेंट उद्योग की दो प्रमुख आवश्यकता है। चूने के पत्थर को पीसने के लिए बिजली की बड़ी आवश्यकता पड़ती है इसलिए बिजली की उपलब्धि के बिना इस उद्योग को लगाना मुश्किल होता है बिजली और चूने के पत्थर के अतिरिक्त सस्ते मजदूरों का मिलना भी उपयोगी सिद्ध होता है।

Q.12.भारत में सबसे अधिक कारीगर सूती उद्योग में लगे हुए हैं?
Ans: क्योंकि सूती उद्योग भारत का सबसे पुराना उद्योग है। यह उद्योग काफी विस्तृत में फैला हुआ है। इसमें शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्र सम्मिलित है। वस्त्र उद्योग में अनेक कारीगरों की आवश्यकता पड़ती है। कुछ लोग कपास से बिनौले अलग करने में, कुछ सूत काटने, कुछ सूत बुनने में, कुछ रंगाई करने में और कुछ छपाई आदि कार्यों में लग जाते हैं।

Q.13.औद्योगिक प्रदूषण पर्यावरण को किस प्रकार निम्नीकृत करता है?
Ans:
कारखानों से निकलने वाला गंदा जहरीला जल जब निरंतर आसपास के भूमि में चलता रहता है तो वह और भूमियों को बिल्कुल बेकार कर देता है, ऐसे भूमि कृषि योग्य नहीं रहती। कारखानों से निकलना हुआ कूड़ा- कचरा भूमि और जल प्रदूषण का एक प्रमुख कारण बन जाता है।

Q.14.विनिर्माण से क्या तात्पर्य है?
Ans:कच्चे पदार्थों को मूल्यवान उत्पादों में परिवर्तित करने तथा अधिक मात्रा में उनका उत्पादन करने की प्रक्रिया को वस्तु निर्माण अथवा सी निर्माण कहा जाता है.

Q.15.उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले कारकों के नाम लिखें।
Ans:उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले कारक-

  • कच्चे माल के उपलब्धि
  • शक्ति के विभिन्न साधन
  • अनुकूल जलवायु

लघु उत्तरीय प्रश्न तथा उत्तर: class 10 geography chapter 6

Q.16.उद्योग पर्यावरण को कैसे प्रदूषित करते हैं? वर्णन करें।
Ans: उद्योगों से पर्यावरण को होने वाले प्रदूषण-

  • उद्योगों के कारण चार प्रकार के प्रदूषण फैलते हैं- वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण तथा भूमि प्रदूषण
  • उद्योगों से निकलने वाला धुआं वायु तथा जल दोनों को प्रदूषित करता है। वायु में कार्बन मोनोऑक्साइड तथा सल्फर डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाने से अवांछनीय गैसों की मात्रा बढ़ जाती है तथा वायु प्रदूषित होता है।
  • वायु में धूल, धुआँ तथा धुंध मिले रहते हैं। इससे वायुमंडल प्रभावित होता है।
  • उद्योगों से निकला कचरा विषाक्त होता है और भूमि तथा मिट्टी को प्रदूषित करता है।

Q.17.उद्योग का महत्व लिखें।
Ans:.उद्योग का महत्व-

  • उद्योग किसी देश की अर्थव्यवस्था और लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है
  • उद्योगों के द्वारा लोगों के दैनिक जीवन में काम आने वाली वस्तुओं का निर्माण किया जाता है और लोग हो और उद्योग लोगों की दैनिक आवश्यकता को पूरा करते हैं
  • उद्योगों के द्वारा निर्मित वस्तुएं देश विदेश में बैठकर विदेशी मुद्रा कमाई जा सकती है जिससे राष्ट्रीय धन वृद्धि होती है।

Q.18.भारत में कृषि पर आधारित उद्योग कौन-कौन से हैं? भारतीय अर्थव्यवस्था में उसका क्या महत्व है?
Ans- जो कृषि पर आधारित होते हैं, उनको कृषि आधारित उद्योग कहते हैं। इन कृषि पर आधारित उद्योगों को भारत की अर्थव्यवस्था में अपना विशेष महत्व होता है जैसे कि- वे दैनिक जीवन में काम आने वाली अनेक वस्तुओं का निर्माण करते हैं तथा लोगों की दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। कृषि प्रधान देश के लिए कृषि पर आधारित उद्योग अपना विशेष महत्व रखते हैं कच्चा माल हमारे देश में ही प्रयोग हो जाता है और तैयार होने पर उसे कीमत कई गुना बढ़ जाती है ऐसे हमारी आई में कई गुना बढ़ोतरी हो जाती है।

Q.19.चीनी उद्योग पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
Ans:चीनी उद्योग की स्थापना भारत में सबसे पहले उत्तर प्रदेश और बिहार में निजी क्षेत्र के अधीन हुई थी इन दोनों प्रांतों में गनन्ना अधिक उत्पन्न होता है, यहां बिजली काफी उपलब्ध हो जाती है, मजदूरी भी यही सस्ती होती है, और धीरे-धीरे महाराष्ट्र तथा अन्य दक्षिणी राज्यों में चीनी मिले खोलने की प्रवृत्ति पैदा हो रही थी। दक्षिण भारत में पैदा होने वाले गन्ने में चीनी की मात्रा अधिक होती है। चीनी उद्योग मौसमी उद्योग हैं इसलिए इसके ठीक व्यवस्था सहकारी समितियों द्वारा हो सकती है। दक्षिण भारत विशेषकर महाराष्ट्र में सरकारी समितियां का संगठित सफल है।

Q.20.देश की अधिकांश जूट मिले पश्चिम बंगाल में क्यों स्थित है?
Ans:देश की अधिकांश जूट मिले पश्चिम बंगाल में स्थित है क्योंकि-

  • पश्चिम बंगाल में पटसन की खेती होती है इसलिए इन उद्योगों की लिए कच्चा माल मिल जाता है
  • कोलकाता बहुत बड़ा महानगर है जिसके कारण प्रदूषण से बनने वाली बोरी और वस्तुओं की खपत हो जाती है
  • बंगाल में आबादी अध्यक्ष होने के कारण इन उद्योगों के लिए सस्ते मजदूर मिल जाते हैं
  • बंगाल में यातायात के साधनों का काफी विकास हो चुका है इसलिए यहां के उद्योगों द्वारा तक कच्चा माल को लाने और जूट से बने सामान को बाहर भेजने में आसानी होती हैं।

Q.21.छोटानागपुर के पठारी क्षेत्र में अधिकांश लोहा तथा इस्पात उद्योग संघ केंद्रित हैं कारण लिखें।
Ans:छोटा नागपुर के पठारी क्षेत्र में अधिकांश लोहा तथा इस्पात उद्योग सन केंद्रित इस प्रदेश में उद्योग के विकास के लिए अधिक अनुकूल सापेक्षिक परिस्थितियां है-

  • इनमें लौह अयस्क की कम लागत
  • उच्च कोटि के कच्चे माल की निकटता
  • सस्ते समिति तथा
  • स्थानीय बाजार में इनके मांग की विशाल संभावना होती है।

Q.22.भारत में सूती वस्त्र उद्योग मुंबई तथा अहमदाबाद में अधिक केंद्रित क्यों हैं?
Ans:भारत में सूती वस्त्र उद्योग मुंबई तथा अहमदाबाद में अधिक केंद्रित हैं क्योंकि-

  • कच्चे माल की प्राप्ति- महाराष्ट्र तथा गुजरात की काली मिट्टी में बड़ी मात्रा में कपास की खेती होती है अतः सूती वस्त्र के लिए आसानी से कपास मिल जाता है
  • जलवायु- यह केंद्र समुद्र के निकट स्थित जहां सम तथा आंध्र जलवायु धागा काटने तथा चुनने के लिए उपयुक्त है।
  • यातायात तथा शक्ति के साधनों की सुविधा- यह दोनों केंद्र देश के अन्य भागों से रेल सड़क तथा वायु मार्ग द्वारा जुड़े हैं जहां ताप विद्युत तथा जलविद्युत के विकास से शक्ति के साधन उपलब्ध सूती वस्त्र उद्योग का विकास अधिक हुआ है।

Q.23.महात्मा गांधी ने सूत कातने तथा खादी बुनने पर क्यों बल दिया?
Ans: महात्मा गांधी ने सूत काटने तथा खादी बनाने पर बल दिया क्योंकि-

  • अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिल सके
  • राष्ट्रीयता की भावना को जागृत किया जा सके
  • कुटीर उद्योग को बढ़ावा दिया जा सके
  • विदेशी कपड़े पर निर्भरता कम करने तथा विदेशी कपड़ों का बहिष्कार करने के लिए

Q.24.हमारे लिए अधिक मात्रा में धागे के निर्यात की अपेक्षा अपने बुनाई क्षेत्र को सुधारना क्यों आवश्यक है?
Ans:हमारे लिए अधिक मात्रा में धागे के निर्यात की अपेक्षा अपने बुनाई क्षेत्र को सुधारना आवश्यक है क्योंकि

  • बुनाई के क्षेत्र में सुधार होने पर रोजगार की संभावनाएं बढ़ती है
  • बुनाई में सुधार होने पर बेहतर किस्म की सूती सूती उत्पादक प्रथम कपड़े तैयार किए जा सकते हैं
  • इससे अधिक विदेशी मुद्रा प्राप्त की जा सकती है
  • रेशे से धागा धागे से कपड़ा कपड़े से परिधान बनाने के प्रत्येक चरण पर मूल्य में वृद्धि होती है।

Q.25.भारत संसार का एक महत्वपूर्ण लौह इस्पात उत्पादक देश है तथापि इनके पूर्ण संभाव्य का विकास नहीं हो पाया। कारण लिखें।
Ans:भारत संसार का एक महत्वपूर्ण लौह इस्पात उत्पादक देश है तथापि इनके पूर्ण संभाव्य का विकास नहीं हो पाया क्योंकि-

  • उच्च लागत तथा कोकिंग कोयले की सीमित उपलब्धता
  • कम श्रमिक उत्पादकता
  • ऊर्जा की अनियमित पूर्ति
  • अविकसित अवसंरचना

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न तथा उत्तर: विनिर्माण उद्योग

Q.26. उद्योगों द्वारा पर्यावरण निम्नीकरण को कम करने के लिए उठाए गए कदमों की चर्चा करें।
Ans:उद्योगों द्वारा पर्यावरण निम्नीकरण को कम करने के लिए किए गए विभिन्न उपाय निम्नलिखित हैं-

  • जल शक्ति का प्रयोग- हमें कोई जले लकड़ी या खनिज तेल से पैदा की गई बिजली जो हवा प्रदूषित करती है, के स्थान पर जल द्वारा पैदा की गई बिजली का प्रयोग करना चाहिए ऐसे में वातावरण में कम दुआ जाएगा जिससे वह काफी शुद्ध रहेगा।
  • तापीय बिजली पैदा करने में अच्छे प्रकार के कोयले का प्रयोग- बहुत से वैज्ञानिकों का ऐसा सुझाव है यदि कोयले से तापीय बिजली पैदा करनी हो तो उत्तम श्रेणी के कोयले का प्रयोग करना चाहिए जो कम धुआँ छोड़ता है ऐसे में वातावरण का प्रदूषण कम होगा।
  • कारखानों को नगरों से दूर ले जाना- ऐसे सभी फैक्ट्रियों को जो वातावरण में धुआं तथा जहरीली गैस छोड़ते हैं, उन्हें शहरों से दूर ले जाना चाहिए ताकि वह नगरों के वातावरण को प्रदूषित ना करें। इस दिशा में उच्चतम न्यायालय ने बड़ा प्रशंसनीय कार्य किया है जब दिल्ली सरकार को यह आदेश दिया कि वह प्रदूषण फैलाने वाले कारखानों को कॉर्पोरेशन की सीमाओं से बाहर ले जाएं।
  • प्रदूषित जल को नदियों में छोड़ने से पहले जल को उपचारित करना चाहिए- यदि फैक्ट्रियों के जल को नदी में फेंकना हो तो उसे पहले उपचारित कर लिया जाए तो प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकता है।

Q.27.लोहा तथा इस्पात उद्योग केवल प्रदीपीय भारत में क्यों स्थित है?
Ans:लोहा इस्पात उद्योग केवल भारत में स्थित है इसके कारण निम्नलिखित हैं-

  • कच्चे माल की उपलब्धता- लोहा उद्योग का कच्चा माल भारी होता है तथा अधिक मात्रा की आवश्यकता होती है इसलिए लौह उद्योग कच्चे माल के क्षेत्र के निकट ही स्थापित किए जाते हैं। प्रदीपीय भारत लौह अयस्क मैंगनीज चूना पत्थर आदि खनिजों में धनी है।
  • जलापूर्ति- इस उद्योग में जल अधिक मात्रा में उपयोग होता है जिसके पूर्ति इस क्षेत्र में प्रवाहित दामोदर महानदी, गोदावरी तथा इसकी सहायक नदियों के द्वारा होती है।
  • शक्ति के संसाधन- ऊर्जा के साधन के रूप में कोयला तथा जल विद्युत का अधिक उपयोग होता है जो इस क्षेत्र में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है।
  • परिवहन तथा व्यापार- इस क्षेत्र में सड़क एवं रेल मार्ग का अच्छा विकास हुआ है साथ ही समुद्र की भी सुविधा है जैसे- कोलकाता, विशाखापट्टनम, चेन्नई, मुंबई।
  • सस्ते श्रमिक- सस्ते श्रमिक उपलब्ध है।

Q.28.भारतीय सूती वस्त्र उद्योग किन्हीं तीन समस्याओं का सामना कर रहा है? इन समस्याओं को हल करने के उपाय भी लिखें।
Ans:भारतीय सूती वस्त्र उद्योग निम्न तीन समस्याओं का सामना कर रहा है-

  • सूती वस्त्र उद्योग की तकनीक बहुत पुरानी और बेकार हो चुकी है
  • सूती कपड़े की मील बहुत पुरानी हो चुकी है जिस कारण उनके बनाए रखने पर बहुत खर्च आता है। भवन और मशीनरी भी बेकार हो चुके हैं जिनके कारण उत्पादन खर्च बहुत आ जाता है।
  • हमारे देश में पैदा होने वाली कपास लंबे रेशे वाली नहीं होती इसलिए हमें लंबे रेशे वाले कपास का विदेशों से मिश्र से आयात करना पड़ता है।

इन समस्याओं को हल करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं-

  • हमें पुरानी तकनीक में सुधार करके सूती वस्त्र बनाने की नवीनतम तकनीक को अपनाना चाहिए।
  • सूती कपड़ों की मीलों एवं कारखानों में निपुणता और बचत लानी होगी ताकि फिजूल खर्च को रोका जा सके। यह इसलिए आवश्यक है क्योंकि मीले बंद ना करनी पड़े और कारीगरों की छटनी करने की नौबत ना आए।
  • अपने विदेश में ही लंबे रेशे के कपास का उत्पादन करना चाहिए ताकि विदेशी मुद्रा के बचत के साथ-साथ कपड़ा में बढ़िया बनाया जा सके।

Read More