Class 7 history chapter 3: कक्षा 7 के बच्चों के लिए इतिहास का notes झारखण्ड पाठशाला में पढ़ें। वार्षिक परीक्षा के प्रश्नों के अनुसार समाधान दिया गया है। कोई विशेष प्रश्न का उत्तर पाने के लिए अपना प्रश्न हमारें टेलीग्राम में भेज सकते है।
Class 7 history chapter 3 दिल्ली के शासक
तोमर | 1165 CE |
आनंगपाल | 1135-1145 CE |
चौहान | 1165-1192 CE |
पृथ्वीराज चौहान | 1175-1192 CE |
प्रारम्भिक तुर्की शासक : गुलाम वंश 1206-1290 CE
कुतुबबुद्दीन ऐबक | 1206 CE-1210 CE |
शमसुद्दीन इल्तूतमिश | 1210 CE -1236 CE |
रजिया | 1236 CE -1240 CE |
गायसुद्दीन बलबन | 1266CE -1287 CE |
खिलजी वंश 1290-1320 CE Class 7 history chapter 3
जलालउद्दीन खिलजी | 1290-1296 CE |
अलाउद्दीन खिलजी | 1296-1316 CE |
तुगलक वंश 1320-1414 CE
गायसुद्दीन तुगलक | 1320 CE -1324 CE |
मुहम्मद तुगलक | 1324 CE-1351 CE |
फिरोज शाह तुगलक | 1351 CE-1388 CE |
सैय्यद वंश 1414-1451
खीज्र खान | 1414 CE-1421 CE |
लोदी वंश 1451-1526
बहलोल लोदी | 1451 CE -1489 CE |
इब्राहीम लोदी | 1517 CE-1526 CE |
- इल्तुतमिश का मकबरा: कुतुब मीनार कॉम्प्लेक्स में स्थित, निर्माण- इल्तुतमिश द्वारा 1235 में।
- फिरोज शाह तुगलक: दिल्ली स्थित, निर्माण- अलाउद्दीन खिलजी द्वारा।
पांडुलिपि तैयार करने के 4 चरण:
- कागज तैयार करना
- लेखन कार्य
- महत्वपूर्ण शब्दों और अनुच्छेदों की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए सोने को पिघलाकर उसका प्रयोग
- जिल्द तैयार करना
दिल्ली के सुल्तान के बारे में जानकारी- कैसे?
- अभिलेख,
- सिक्के और स्थापत्य
- तारीख/तवारीख आदि से।
तवारीख के लेखक:
- तवारीख के लिखक नगरों में रहते थे।
- सुल्तान से ढेर सारे इनाम- इकराम पाने की आशा में इतिहास लिखा करते थे
- शासकों को अकसर ‘जन्मसिद्ध अधिकार’ और ‘लिंगभेद’ पर अधररित समाज व्यवस्था बनाए रखने की सलाह देते है।
13वी सदी का इतिहासकार ‘मिनहज-ए-सिराज’
1236 में जब रजिया दिल्ली की शासिका बनी तो इन्होंने स्वीकार किया कि वह अपने भाइयों से अधिक सक्षम और योग्य है परंतु फिर भी वह उसे मान्यता ( रानी के रूप में) नही दे पा रहा था क्योंकि ईश्वर ने जो आदर्श समाज व्यवस्था बनाई है उसके अनुसार स्त्रियों को पुरुषों के अधीन होना चाहिए।
1240 में रजिया को सिंहासन से हटा दिया गया।
फिर से याद करे: Class 7 history chapter 3
Q.1. दिल्ली में पहले पहल किसने राजधानी स्थापित की?
Ans: चौहान राजाओ ने।
Q.2.दिल्ली के सुल्तानों के शासनकाल में प्रशासन की भाषा क्या थी?
Ans: फारसी
Q.3. किसके शासन के दौरान सल्तनत का सबसे अधिक विस्तार हुआ?
Ans: मोहम्मद तुगलक (1325-1351)
Q.4. इब्न बातूता किस देश से भारत आया था?
Ans: मोरक्को
आइए समझे: Class 7 history chapter 3
Q.5. न्याय चक्र के अनुसार सेनापतियों के लिए किसानों के हितों का ध्यान रखना क्यों जरूरी था?
Ans: न्याय चक्र के अनुसार सेनापतियों के लिए किसानों के हितों का ध्यान रखना जरूरी था क्योंकि 13वी सदी के एक इतिहासकार फख-ए-मुदब्बीर ने लिखा था राजा का काम सैनिकों के बिना नहीं चल सकता। सैनिक वेतन के बिना नही जी सकते। वेतन आता है किसानो से एकत्रित किए राजस्व से। मगर किसान तभी राजस्व चुका पाएंगे जब वे खुशहाल और प्रसन्न हो। ऐसा तभी हो सकता है जब राजा न्याय और ईमानदार प्रशासन को बढ़ावा दे।
Q.6. सल्तनत की भीतरी और बाहरी सीमा से आप क्या समझते है?
Ans: सल्तनत की भीतरी और बाहरी सीमा से अभिप्राय:
भीतरी सीमा: सल्तनत की बाहरी सीमा से अभिप्राय गैरिसन शहरों के पृष्ठभूमि में स्थित भीतरी क्षेत्रों की स्थिति को मजबूत करने से है।
बाहरी सीमा: सल्तनत की बाहरी सीमा के अभियान अलाउद्दीन खिलजी के शासनकाल में दक्षिण भारत को लक्ष्य मान कर किया गया जिसमे सल्तनत की सेनाओ में हाथी, घोड़े, गुलाम् और मूल्यवान धातुएं अपने कब्जे में कर ली।
Q.7. मुक्ति अपने कर्तव्ययों का पालन करें, यह सुनिश्चित करने के लिए कौन कौन से कदम उठाए गए थे? आपके अनुसार में सुल्तान के आदेशों का उल्लंघन करना चाहने के पीछे उनके क्या कारण हो सकते तथे?
Ans: मुक्ति अपने कर्तव्ययों का पालन करें, यह सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदम:
- मुक्ति का पद वंश-परंपरा से नहीं चलाया गया।
- उन्हे कोई भी इकता थोरे थोरे समय के लिए ही दी जाती थी।
- मुक्ति का स्थानांतरन भी किया जाता था।
- मुक्ति लोगों द्वारा एकत्रित किए गए राजस्व की रकम का हिसाब लेने के लिए राज्य द्वारा लेख अधिकारी नियुक्त किए जाते थे।
- यह भी सुनिश्चित की जाती थी कि मुक्ति राज्य द्वारा निर्धारित कर ही वसूले और तय संख्या के अनुसार ही कर वसूले।
Q.8. दिल्ली सल्तनत पर माँगोल आक्रमण का क्या प्रभाव पड़ा?
Ans: दिल्ली सल्तनत पर माँगोल आक्रमण का क्या प्रभाव
- दिल्ली पर मंगोल के आक्रमण ने दिल्ली सल्तनत के लिए खतरा उत्पन्न कर दिया
- अलाउद्दीन खिलजी और तुगलक ने मंगोल आक्रमण से बचने के लिए अलग अलग नीतियाँ अपनाई।
- अलउद्दीन खिलजी ने सिरी में नई गैरिसन शहर बनाई जबकि तुगलक ने दिल्ली के एक पूराने शहर देहली-ए-कुह्ना को खाली कर वहाँ सैनिक छावनी बनाई।