History Model Question Paper Solution Class 12

History Model Question Paper Solution Class 12 for Jharkhand Academic Council Ranchi. Here we provide best solution for class 12 exam preparation. You can also follow us in different platforms as given below.

History

परीक्षार्थी यथासंभव अपने शब्दों में ही उत्तर दें।

समय – 3 घंटे 

पूर्णांक – 100  

खंड ‘अ’ History Model Question Paper Solution Class 12

**बहुविकल्पीय प्रश्न  30 प्रश्न होंगे और प्रत्येक प्रश्न 1 अंक होंगे :-

1 भारत के किस भाग में हड़प्पा सभ्यता का विकास हुआ था?
( क ) पूर्वोत्तर
( ख ) मध्य भारत 
( ग ) दक्षिण
( घ ) पश्चिमोत्तर

2 हड़प्पा सभ्यता के लोग उपासना करते था?
( क ) अश्व
( ख ) विष्णु
( ग ) मातृदेवी
( घ ) इनमें से कोई नहीं।

3 सिंधु घाटी सभ्यता में हमें हल के साक्ष्य कहाँ से प्राप्त हुए है?
( क ) लोथल
( ख ) कालीबंगा
( ग ) मोहनजोदड़ो
( घ ) हड़प्पा 

4 पाटलिपुत्र की स्थापना की थी –
( क ) उदयिन
( ख ) अशोक
( ग ) समुद्रगुप्त
( घ ) चन्द्रगुप्त 

5 किस गुप्त शासक को सिक्के में विणा बजाते दिखाया गया है?
( क ) स्कन्द गुप्त 
( ख ) कुमार गुप्त 
( ग ) चंद्र गुप्त 
( घ ) समुद्र गुप्त

6 कौटिल्य का वास्तविक नाम क्या था?
( क ) चाणक्य
( ख ) अश्वघोष
( ग ) विष्णु गुप्त
( घ ) इनमें से कोई नहीं 

7 बौद्ध ग्रन्थ है –
( क ) त्रिपिटक
( ख ) इंडिका
( ग ) मुद्राराक्षस
( घ ) इनमें से कोई नहीं

8 कलिंग की लड़ाई हुयी –
( क ) 260 ई पु 
( ख ) 340 ई पु 
( ग ) 261 ई पु
( घ ) 350 ई पु 

9 महावीर के बचपन का नाम क्या था?
( क ) ऋषभ देव
( ख ) वर्धमान
( ग ) कालिदास
( घ ) सिद्धार्त 

10 स्तूप का संबंध है –
( क ) जैन
( ख ) बौद्ध
( ग ) हिन्दू
( घ ) सिक्ख 

11 अकबर ने जजिया कर को समाप्त कर दिया –
( क ) 1564 ई
( ख ) 1560 ई 
( ग ) 1950 ई 
( घ ) 1855 ई 

12 बंगाल के प्रशिद्ध भक्ति संत कौन थे?
( क ) गुरु नानक
( ख ) चैतन्य महाप्रभु
( ग ) बाबा फरीद
( घ ) कबीर 

13 भक्ति आंदोलन को दक्षिण भारत से उत्तर भारत कौन लाये? 
( क ) कबीर
( ख ) रामानुजाचार्य
( ग ) रामानंद
( घ ) शंकर देव 

14 मुग़ल प्रशासन में जिला को किस नाम से जाना जाता था?
( क ) सरकार
( ख ) सूबा
( ग ) अहार
( घ ) राज्य 

15 बाबरनाम किस भाषा में लिखा गया है?
( क ) तुर्की
( ख ) उर्दू
( ग ) फ़ारसी
( घ ) अरबी 

16 किस मुग़ल शासक के काल को स्वर्णयुग कहा गया है?
( क ) बाबर
( ख ) जहाँगीर
( ग ) अकबर
( घ ) शाहजहाँ

17 शेख निजामुद्दीन औलिया का दरगाह स्थित है?
( क ) दिल्ली
( ख ) आगरा
( ग ) फतेहपुर सिकरी
( घ ) इनमे से कोई नहीं 

18 निम्नलिखित में से कौन एक सूफी संत नहीं है? 
( क ) मोईनुद्दीन चिस्ती
( ख ) बाबा फरीद
( ग ) मीरा बाई
( घ ) कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी 

19 ईस्ट इंडिया कंपनी को बंगाल की दीवानी किसने प्रदान की?
( क ) शुजाउद्दौला
( ख ) मीर जाफ़र
( ग ) सिराजुद्दोला
( घ ) शाह आलम II

20 . 1857 के विद्रोह का नेतृत्व लखनऊ से किया था-
( क ) हजरत महल
( ख ) नाना साहब
( ग ) तांत्या टोपे
( घ ) कुँवर सिंह 

21 इनमें से कौन- सा एक स्थान 1857 के विद्रोह से प्रभावित नहीं हुआ था?
( क ) झाँसी
( ख ) लखनऊ 
( ग ) जगदीशपुर
( घ ) चितौड़

22 कार्नवालिस कोड बना – 
( क ) 1793 ई0
( ख ) 1855 ई0
( ग ) 1857 ई0
( घ ) 1850 ई0

23 सर्वप्रथम महलवाड़ी व्यवस्था किस प्रान्त में लागु किया गया?
( क ) मध्य प्रान्त, आगरा, पंजाब
( ख ) मद्रास, बम्बई
( ग ) बंगाल, बिहार
( घ ) इनमें से कोई नहीं 

24 दामिन-ए-कोह में किसे बसाया गया?
( क ) पहाड़िया
( ख ) मुंडा
( ग ) साहूकार
( घ ) संथाल

25 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्रथम महिला अध्यक्ष कौन थी? 
( क ) सरोजनी नायडू
( ख ) एनी बेसेंट
( ग ) अरुणा आसफ अली
( घ ) इंदिरा गाँधी 

26 महात्मा गाँधी के राजनैतिक गुरु कौन थे?
( क ) गोपाल कृष्णा गोखले
( ख ) राजेंद्र प्रशाद
( ग ) रविंद्रनाथ टैगोर
( घ ) सुभाष चंद्र बॉस 

27 प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस कब मनाया गया?
( क ) 16 अगस्त 1946
( ख ) 15 अगस्त 1945
( ग ) 26 जनवरी 1930
( घ ) 26 जनवरी 1950

28 खेड़ा कृषक आंदोलन हुआ था-
( क ) 1915 ई0
( ख ) 1917 ई0
( ग ) 1918 ई0
( घ ) इनमें से कोई नहीं 

29 कैबिनेट मिशन के सदश्य कौन थे? 
( क ) ए0 वी0 अलेक्जेंडर
( ख ) पैथिक लॉरेंस
( ग ) स्टेफर्ड क्रिप्स
( घ ) इनमें से सभी

30 प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ शब्द जोड़ा गया-
( क ) 40 वें संसोधन में 
( ख ) 42 वें संसोधन में
( ग ) 44 वें संसोधन में 
( घ ) 46 वें संसोधन में 


खंड ‘ ब ‘ History Model Question Paper Solution Class 12

**रिक्त स्थानों की पूर्ति करें। कुल प्रश्न 10 है और प्रत्येक प्रश्न 1 अंक की है।:-

31 हड़प्पा सभ्यता का सबसे बड़ा नगर मोहनजोदड़ो था।
32 ब्राह्मी लिपि की सर्वप्रथम पढ़ने में जेम्स प्रिंसेप ने सफलता प्राप्त किया।
33 कलिंग युद्ध के पश्चात् अशोक ने   बौद्ध   धर्म  स्वीकार किया।
34 मुग़ल शासक  औरंगज़ेब  का दो बार राज्याभिषेक हुआ था।
35 गुरु ग्रंथ साहिब  सिक्खों  का पवित्र धर्म ग्रन्थ है।
36 अकबर द्वारा  1575 ई०  में इबादतखाना का निर्माण करवाया गया।
37 सर्वप्रथम रैयतवाड़ी व्यवस्था  बारामहल जिले( मद्रास ) में लागु किया गया।
38 अंग्रेज ने अवध के नवाब  वाजिद अली शाह  को 12 लाख की पेंशन दी और उसे कलकत्ता भेज दिया।
39 1922  ई0 को चौरा-चौरी की घटना हुयी।
40 संविधान सभा में कुल  389  सदस्य थे।


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अति लघुउत्तरीय प्रश्न की संख्या 10 है और प्रत्येक प्रश्न 2 अंक के होंगे। :-

41 हड़प्पा सभ्यता किस काल की सभ्यता थी? इसे प्रारम्भ में सिंधु सभ्यता नाम क्यों दिया गया?
उत्तर: हड़प्पा सभ्यता को कांस्य युगीन सभ्यता थी। हड़प्पा के निवासी कांस्य धातु के शिल्पकारी में पारंगत थे। इस सभ्यता की सर्वप्रथम खोजी गयी शहर हड़प्पा थी लेकिन अधिकांश शहर सिंधु नदी के तट पर विकसित हुयी थी, इसलिए इस सभ्यता को सिंधु सभ्यता भी नाम दिया गया।

42 अभिलेख क्या है?
उत्तर: शिलाओं, धातुओं व कठोर परतों पर लिखें गए लेखों को अभिलेख कहा जाता है। प्राचीन समय में राजाओं शासकों द्वारा धार्मिक उपदेश, प्रशासनिक विधान, भूमिदान तथा अपने विजय अभ्यानों के बारें में लिखवाया जाता था। ये इतिहास को जानने का एक प्रामाणिक स्रोत है।

43 ” धर्मचक्रप्रवर्तन” से आप क्या समझते है?
उत्तर: गौतम बुद्ध ब्राह्मणवादी व्यवस्था को समाप्त करना चाहते थे। ज्ञान के प्राप्ति के पश्चात सर्वप्रथम उपदेश सारनाथ में 5 ब्राह्मण सन्यासियों को दिया। इस घटना को बौद्ध धर्म में ” धर्मचक्रप्रवर्तन” के नाम से जाना जाता है। 

44 ” जात” और “सवार” शब्द से आप क्या समझे है?
उत्तर: मुग़ल प्रशासन में मनसबदार को दो पद जात एवं सवार प्रदान किये जाते थे। ब्लॉकमेन के अनुसार एक मनसबदार को अपने पास जितने सैनिक रखने पड़ते थे वह ‘ जात ‘ कहलाते थे और जितने घुड़ सवार रखता था वह ‘ सवार ‘ कहलाता था।

45 दक्षिण भारत में प्रारंभिक भक्ति आंदोलन का उदय कहाँ हुआ? इसके प्रवर्तक कौन थे?
उत्तर: दक्षिण भारत में भक्ति आंदोलन की शुरुआत कहाँ से हुयी इसकी कोई सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं है। कुछ लेखों और विद्वानों के राय के अनुसार इसका उदय कर्णाटक माना जाता है। भक्ति आंदोलन 8वीं शताब्दी में अलवर संतों ने किया जिसका नेतृत्व का श्रेय शंकराचार्य को जाता है। आगे चलकर ज्ञानेश्वर, चैतन्य महाप्रभु, नाम देव, तुकाराम, मीराबाई तथा रामानंद आदि ने इस आंदोलन का और अधिक प्रचार और प्रसार किया। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य भारतीय समाज के बुराईयों को दूर करना था।

46 “सूफी” शब्द की उत्पति किन शब्दों से हुयी है?
उत्तर: कुछ विद्वानों के अनुसार ‘सूफ़ी’ शब्द की उत्पत्ति अरबी भाषा के ‘सूफ’ से हुयी है, जिसका अर्थ ऊन होता है। संभवतः ‘सूफ़ी’ विचारधारा वाले लोग ऊनि कपडे पहनते थे, इसलिए लिए इन्हे सूफी कहा जाता था। अन्य विद्वानों का यह भी मानना है की इसकी उत्पत्ति ‘सफ़ा’ से हुयी है। ‘सफ़ा’ जो की पैगम्बर के मस्जिद के बहार एक चबूतरा था जहाँ अनुयायियों की मण्डली धर्म के बारें में जानने के लिए इकट्ठी होती थी।

47 पहाड़िया कौन थे?
उत्तर: पहाड़ियाँ एक जनजाति थे जो राजमहल के पहाड़ियों के इर्द-गिर्द निवास करते थे। वे जंगल की उपज से गुजर- बसर करते थे और झूम खेती किया करते थे। ये लोग जंगलों से खाने के लिए महुआ के फूल एकत्रित किया करते थे। पशुधन के लिए पशुपालन भी करते थे। वे इमली के पेड़ों के बिच बानी झोपड़ियों में रहते थे और आम के पेड़ों के छाँह में आराम करते थे। ये लोग पुरे जंगल को अपना निजी सम्पति मानते थे। ले लोग बहरी लोगों को अपना सत्रु मानते थे। अंग्रेज इन्हे बर्बर मानते थे।

48 1857 के विद्रोह के चार महत्वपूर्ण केंद्रों के नाम लिखें।
उत्तर: 1857 की में भारत के बहुत से क्षेत्रों को प्रभावित किया जिसमें प्रमुख चार केंद्रों के नाम निम्नलिखत है:

  1. दिल्ली – बहादुर शाह जफ़र
  2. कानपूर – नाना शाहब और तात्या टोपे 
  3. झांसी – रानी लक्ष्मी बाई
  4. लखनऊ – बेगम हजरत महल 

49 कम्युनल अवार्ड ( सांप्रदायिक पंचाट) क्या है?
उत्तर: द्वितीय गोलमेज सम्मलेन में ब्रिटिश सरकार ने ये घोषणा किया की सांप्रदायिक समस्या को हल करने में भारतीय असफल रहे। इसलिए सरकार इस समस्या का समाधान स्वयं करेगी। इस घोषणा में मुसलमानों, सिक्खों, भारतीय ईसाई आदि को पृथक प्रतिनिधित्व दिया गया। इसकी घोषणा 16 अगस्त 1932 ई0 को प्रधान मंत्री रैम्जे मेकडोनाल्ड ने की जिसे कम्युनल अवार्ड या सांप्रदायिक पंचाट कहा जाता है। वास्तव में ये भारत के विभिन्न धर्मो के बिच फुट डालने वाली नीति थी।

50 संविधान सभा की प्रथम बैठक कब और किसकी अध्यक्षता में हुयी?
उत्तर: 9 दिसंबर, 1946 ई० को संविधान सभा की प्रथम बैठक नई दिल्ली स्थित काउंसिल चैम्बर के पुस्तकालय भवन में हुई. सभा के सबसे बुजुर्ग सदस्य डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा को सभा का अस्थायी अध्‍यक्ष चुना गया. मुस्लिम लीग ने बैठक का बहिष्‍कार किया और पाकिस्तान के लिए बिलकुल अलग संविधान सभा की मांग प्रारम्भ कर दी.


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** लघु उत्तरीय प्रश्न की संख्या 5 होगी और प्रत्येक प्रश्न 4 अंकों का होगा।

51 हड़प्पा सभ्यता के प्रमुख स्थलों का वर्णन कीजिए।
उत्तर: हड़प्पा सभ्यता में बहुत से स्थलों की खोज हुयी है, जिनमें चार प्रमुख स्थल निम्नलिखित है: 

  1. हड़प्पा: इस सभ्यता की खोजी गयी सर्वप्रथम शहर हड़प्पा थी। सन 1921 में दया राम साहनी ने इसकी खोज की थी। यह रवि नदी के किनारे है। ताँबें का पैमाना, एककागड़ी अन्नागार आदि प्रमुख साक्ष्य यहाँ से प्राप्त हुए है।
  2. मोहनजोदड़ों: इस सभ्यता की सबसे बड़ा शहर मोहनजोदड़ो है। मोहनजोदड़ो  का अर्थ सिंधी भाषा में ‘मृतकों का टीला’ होता है। इसकी खोज सन 1922 में राखल दास बनर्जी ने किया था। यह सिंधु नदी के किनारे स्थित है। विशाल स्नानागार, कांस्य की नर्तकी की मूर्ति, पशुपति की मूर्ति आदि प्रमुख साक्ष्य मिले है।
  3. लोथल: यह स्थल गुजरात में स्थित है। इस स्थल की सर्वप्रथम खोज डॉo एसo आरo राव ने 1954 में की थी। यह स्थल पक्षिम- एशिया से व्यापर का प्रमुख बंदरगाह था। बंदरगाह, मनके बनाने का कारखाना, चावल का साक्ष्य, फारस की मोहर आदि यहाँ से प्राप्त प्रमुख साक्ष्य है।
  4. कालीबंगा: यह स्थल राजस्थान में स्थित है। इस स्थल की सर्वप्रथम खोज एo घोस ने 1953 में किया था। यहाँ से प्राप्त अवशेषों में प्रमुख है जुटे हुये खेत, ईंटो से निर्मित चबूतरें, हवनकुंड और अन्नागार इत्यादि।

52 मौर्य प्रशासन पर प्रकाश डेल।
उत्तर: मौर्य प्रशासन बहुत ही सुदृढ़ और सुव्यवस्थित था। मौर्य साम्राज्य बहुत अधिक विस्तृत था जिस कारन इसे व्यवस्थित ढंग से चलाने के लिए मौर्य ने अपने राज्य का चार हिस्सों में बाँट दिया था जो निम्नलिखित है:

  1. केंद्रीय शासन: राजा सत्ता का केंद्र था और वह निरंकुश था। राजा पर मंत्री परिषद् का अंकुश था। केंद्र में मंत्री परिषद् होता था जिसमे राजा के 12 से 20 तक मंत्री होते थे। राज्य के साथ अंग थे- राजा, अमात्य, जनपद, दुर्ग, कोष, सेना और मित्र।
  2. प्रांतीय शासन: मौर्यों का साम्राज्य को 5 प्रांतों में बनता गया था- उत्तरापथ, दक्षिणापथ, कलिंग, अवन्ति और प्राच्य। प्रांतो के देखभाल के लिए राज्यपाल होते थे जिन्हें कुमार कहा जाता था।
  3. नगरीय शासन: नगर का शासन प्रबंध 30 सदस्यों का एक मंडल करता था जो 6 समितियों में विभक्त था। प्रत्येक समिति में 5 सदश्य होते थे और सभी समितियों का अपना काम होता था। 6 समितियाँ थे- शिल्पकला समिति, वैदेशिक समिति, जनसँख्या समिति, वाणिज्य व्यवसाय समिति, वास्तु निरीक्षक समिति और कर समिति।
  4. ग्राम प्रशासन: ग्राम के शासन व्यवस्था की जिम्मेवारी ग्राम के मुखिया की होती थी जिसे ग्रामिणी कहा जाता था। ग्राम में एक प्रशासनिक अधिकारी भी होता था जिसे भोजक कहा जाता था।

53 गुरुनानक देव के मुख्या उपदेशों का वर्णन करें।
उत्तर: गुरुनानक का जन्म 1469 ईo में पंजाब के गुजरानवाला जिला के तलवंडी में हुआ था। गुरुनानक एक ईश्वरवादी थे और वह निर्गुण और निराकार ईश्वर की पूजा करते थे। गुरुनानक जी भी समाज के कुरीतियां तथा ऊंच- नीच की भावना को दूर करना और सभी धर्मों के बिच एकता पर बल दियें थे। उनके दवरा दिए गए उपदेश निम्नलिखित है:

  1. एक ईस्वर में विश्वास: गुरुनानक के अनुसार ईस्वर एक यही और उनके समान कोई दूसरी वस्तु नहीं है। ईस्वर से बड़ी कोई शक्ति नहीं होती। ईस्वर अद्वितीय है।
  2. ईस्वर सर्वव्यापी है और इन्द्रियों से परे है: नानक जी ईस्वर के निर्गुण रूप में विश्वास रखते थे। वे निराकार ईस्वर की भक्ति करते थे। ईस्वर निराकार होती है और इन्द्रियों से परे है। वह सर्वशक्तिमान है और उन्हें मंदिर तथा मस्जिद के चार दीवारियों में कैद नहीं किया जा सकता है।
  3. आत्म- समर्पण ही ईस्वर- प्राप्ति का एक मात्र साधन है: गुरुनानक जी का यह धरना की ईस्वर उन लोगों पर दया करता है, जो दया के पात्र तथा अधिकारी होते है। ईस्वर की दया को आत्म-समर्पण तथा इच्छाओं के परित्याग द्वारा ही प्राप्त किया जा सकता है। स्वयं को ईस्वर की इच्छा पर छोड़ देना ही आत्म-समपर्ण है।
  4. ‘सत्यनाम’ की उपासना पर बल: गुरुनानक जी मोक्ष प्राप्ति के लिए ‘सत्यनाम’ की उपासना पर बल देते है। उनका विश्वास है की ‘ जो ईस्वर का नाम नहीं जपता, वह जन्म और मृत्यु के झमेले में फंस कर रह जाता है। इसका अर्थ यह के ईस्वर का नाम जपना ही जीवन है और भूल जाना मृत्यु है। 

54 सविनय अवज्ञा आंदोलन पर प्रकाश डेल।
उत्तर: असहयोग आंदोलन के असफल होने बाद गाँधी जी सांत नहीं बैठे। उन्होंने ब्रिटिश सरकार द्वारा निर्धारित लगान, नमक कर, सैनिक व्यय सम्बंधित नीतियों के विरुद्ध सविनय अवज्ञा आंदोलन प्रारंभ किया। इसकी शुरुआत दांडी मार्च से हुयी। 12 मार्च 1930 को गाँधी जी अपने चुने हुए 78 साथियों के साथ ब्रिटिश सरकार की अवज्ञा करने के लिए गुजरात के समुद्र तट पर दांडी नामक स्थान की ओर नमक कानून तोड़ने के लिए चल पड़े। साबरमती आश्रम से दांडी समुद्र तट की 241 मिल की यात्रा पैदल चलकर 24 दिनों में तय की गयी।  5 अप्रेल 1930 को गाँधी जी दांडी पहुंच गए और 6 अप्रेल को प्रातः प्राथना के बाद गाँधी जी ने नमक कानून तोड़ कर सविनय अवज्ञा आंदोल का एलान किया। इस आंदोलन के निम्नलिखित कार्यक्रम थे:

  1. भारतियों को नमक बनाना चाहिए।
  2. हिन्दुओं को अस्पृयता को त्याग देना चाहिए।
  3. विदेशी कपड़ों की होली जलाई जाए।
  4. शराब की दुकानों पर धरना दिया जाए।
  5. सरकारी कर्मचारी अपने कार्यालय का त्याग करें।
  6. विद्ध्यार्थियों द्वारा सरकारी विद्द्यालयों का बहिष्कार किया जाना चाहिए।

55 किसान महात्मा गाँधी को किस रूप में देखते थे?
उत्तर: गाँधी बाबा गाँधी महाराज तथा महात्मा जैसे अलग- अलग रूपों में किसान गाँधी जी को देखते थे। भारतीय किसान के लिए गाँधी जी एक उद्धारक के समान थे जो उनकी ऊँची करों को दमनात्मक अधिकारीयों से सुरक्षा करने वाले और उनके जीवन में मान- मर्यादा और स्वायत्तता वापस लेन वाले थे। जाती में महात्मा गाँधी भले ही एक व्यापारी एवं पेशे से वकील थे। किन्तु वह किसानों में उनके हितकर समझे जाते थे। वह गरीब श्रमिकों और किसानों के प्रति बहुत अधिक सहानुभूति रखते थे और वे लोग भी गाँधी जी के प्रति सम्मान और सहानुभूति रखते थे। किसान गाँधी जी को जनप्रिय नेता और अपने में से एक समझते थे क्योकि वह उन्हीं की तरह ही वस्त्र पहनते थे, उन्हीं की तरह रहते एवं भाषा बोलते थे। किसानों को विश्वास था की गाँधी जी उन्हें अंग्रेजों की दासता, जमींदारों के शोषण और साहूकारों के चंगुल से अहिंसात्मक आन्दोलनों और शांति-प्रिय प्रतिरोध के द्वारा मुक्ति दिलायेंगे।  


खंड ‘ य ‘ History Model Question Paper Solution Class 12

** दीर्घ उत्तरीय प्रश्न की संख्या 4 होगी और प्रत्येक प्रश्न 5 अंकों की होगी।

56 हड़प्पा सभ्यता के पतन के किन्ही चार कारणों का वर्णन करें।
उत्तर: हड़प्पा सभ्यता के पतन को लेकर विद्वानों में मतभेद है। सभी विद्वान् इसके पतन के बारे में अपने- अपने राय देते और साक्ष्य प्रस्तुत करते है। इस सभ्यता के पतन के कुछ प्रमुख कारन निम्नलिखित है:

  1. बाहरी क्रमण: मार्टीमर व्हीलर, गार्डन चाइल्ड और मैके आदि के अनुसार 1500 ईo पूo में आर्यों ने आक्रमण कर इस सभ्यता का अंत कर दिया। मोहनजोदड़ो को लुटा गया और लोग की हत्या कर दी गयी।
  2. जलवायु परिवर्तन: अरेन स्टाइन और मार्शल के अनुसार मौसम में बेतहासा परिवर्तन हुआ होगा जिसे लोग झेल न सके और इस सभ्यता का विनाश को गया।
  3. बाढ़: मार्शल और मैके के अनुसार इस सभ्यता का पतन बाढ़ से हुआ था। अधिकांश शहर नदियों के तट पर बसा हुआ था जहाँ बाढ़ आते रहती थी। मोहनजोदड़ों से बाढ़ का साक्ष्य मिला है।
  4. महामारी: कैनेडी के अनुसार उस समय कोई बीमारी या महामारी फैली होगी जीका कोई सफल इलाज नहीं होगा, इस करने लोग मारे गए और बचे-खुछे लोग पलायन कर गए। 

उपर्युक्त कथनों से ये ज्ञात होता है की हड़प्पा सभ्यता के पतन के कई कारन रहें होंगे। 

57 भारत के बौद्ध धर्म के विकास के कारणों का व्याख्या कीजिए।
उत्तर: बौद्ध धर्म के संस्थापक महात्मा बुद्ध थे। इस धर्म की शुरुआत 6ठी शताब्दी ईo पूo में हुआ थे। महात्मा बुद्ध बहुत ही ज्ञानवान और प्रभावशाली व्यक्ति थे। निःसंदेह बौद्ध धर्म के विस्तार में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। इसके आलावा भी बौद्ध धर्म के विस्तार के कई कारन प्रमुख रहे है। इनमें कुछ प्रमुख कारन निम्नलिखित है:

  1. राजकीय संरक्षण: राजकीय संरक्षण बौद्ध धर्म के विस्तार का प्रमुख कारणों में से एक है। बिम्बिसार, उदयिन, अशोक, कनिष्क तथा हषवर्धन आदि राजाओं ने इस धर्म को राजकीय संरक्षण दिया। कुछ तो बौद्ध धर्म को राज धर्म घोसित कर दिया। सम्राट अशोक इस धर्म से ज्यादा प्रभित थे। अशोक ने तो इस धर्म को क्षेत्रीय धर्म से वैश्विक धर्म बनाया। इस धर्म के प्रचार के लिए अशोक ने स्वयं के पुत्र और पुत्री महेंद्र और संघमित्रा को श्रीलंका भेजा था।
  2. तत्कालीन धार्मिक स्थिति: छठी शताब्दी ईo पूo भारत में प्रचलित वैदिक धर्म में इतने दोष और जटिलताएँ उत्पन्न हो गयी जिनसे समाज त्रस्त हो गया था। ऐसे समय में बौद्ध धर्म की सरलता और बोधगम्यता से जनता इस धर्म की आकर्षित होती चली गयी।
  3. जान भाषा का प्रयोग: गौतम बुद्ध ने इस धर्म के प्रचार और प्रसार के लिए पाली भाषा का प्रयोग किया जो की एक सहज और सरल भाषा थी। पाली उस समय की जन भाषा थी इस कारन बुद्ध के उपदेशों को आम जनता सरलता से समझ सकते थे। इस कारन इस धर्म की अनुयायियों की संख्या में अपार वृद्धि हुयी।
  4. सामाजिक समानता: गौतम बुद्ध जाती- पति का घोर वरोध कर सामाजिक समानता पर विशेष बल दिया। अतः इस कारण निम्न लोगों का झुकाव इस धर्म की ओर हुआ। 
  5. बौद्ध संघ का योगदान: गौतम बुद्ध ने बौद्ध धर्म के प्रचार और प्रसार के लिए बौद्ध संघ की स्थापना की। इस संघ के सभी सदस्यों में समानता और भातृत्व की भावना विकसित की गयी जो की किसी भी धर्म के प्रचार और विकास के लिए जरुरी होता है। बुद्ध ने संघ के भिक्षुओं को लोगो के कल्याण के लिए विभिन्न दिशाओं में भेजा। इस प्रकार इस धर्म का ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार हुआ।

58 गोलमेज सम्मलेन क्यों बुलाया गया? यह क्यों असफल हुआ?
उत्तर: तीन गोलमेज सम्मलेन हुयी थी और तीनों के उद्देश्य भिन्न थे। गोलमेज सम्मलेन बुलाने के कारन और इनके असफलता के कारन निम्नलिखित थे:

  1. प्रथम गोलमेज सम्मलेन: भारत की संवैधानिक समस्या को सुलझाने के लिए लंदन में 12 नवंबर 1930 को प्रधान मंत्री मैकडोनाल्ड की अध्यक्षता में प्रथम गोलमेज सम्मलेन आयोजित किया गया। इस सम्मलेन में साइमन कमीशन के सुझाव पर विचार करना था। इसमें भाग लेने वाले कुल 89 प्रतिनिधियों में से 16 प्रतिनिधि ब्रिटिश थे। इस सम्मलेन में कांग्रेस की उपस्थिति अनिवार्य थी लेकिन कांग्रेस ने इस सम्मलेन का बहिष्कार किया जिस कारन पहला गोलमेज सम्मलेन विफल हो गया।
  2. द्वितीय गोलमेज सम्मलेन: द्वितीय गोलमेज सम्मलेन लंदन में 7 सितम्बर 1931 को आयोजित किया गया। इस सम्मेलन का उद्देश्य भारतीय प्रशासन के संघीय ढांचे  तथा अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा पर विचार करना था। इस सम्मलेन में कांग्रेस की ओर से गाँधी जी ने भाग लिया था। डॉo भीम राव अमेडकर एवं जिन्ना आदि ने ब्रिटिश सरकार के इसारे पर स्वराज के स्थान पर अपनी- अपनी जातियों के लिए सुविधाओं की मांग की। इससे गाँधी जी को बहुत दुःख पहुँचा और वे खली हाथ लौट आये। इस सम्मलेन में किसी भी मुद्दे पर सहमति नहीं बानी। इस तरह दूसरा सम्मेलन भी असफल रहा।
  3. तीसरा गोलमेज सम्मलेन: इसका आयोजन 17 नवंबर से 24 दिसंबर तक चला। इसका आयोजन भी लंदन में किया गया था। इसका उद्देश्य भारत के शासन सुधर पर विचार करना था। इसमें भी कांग्रेस सरकार ने भाग नहीं लिया। अन्तः तीनों गोलमेज सम्मेलनों की शिफारिशों के आधार पर ब्रिटिश सरकार ने स्वेत पत्र प्रकाशित किया। ब्रिटिश संसद की प्रवर समिति की रिपोर्ट पर व् कुछ संसोधनों के पश्चात् संसद ने 1935 का भारत शासन अधिनियम पारित किया। 

59 भारतीय संविधान के निर्माण में दो महत्वपूर्ण मुद्दों की व्याख्या करें।
उत्तर: भारत एक विविधताओं का देश है, जहाँ विभिन्न जात, धर्म और भाषाओँ को बोलने वाले लोग रहते है। सभी के हितों का ध्यान रखकर संविधान का निर्माण करना निःसंदेह एक आसान काम नहीं था। भारतीय संविधान को लिखते समय संविधान निर्माताओं के समक्ष बहुत से मुद्दे उठें थे, जिनमे दो प्रमुख मुद्दें निन्मलिखित है:

  1. नागरिकों के अधिकारों का निर्धारण: नागरिकों का अधिकार किस तरह निर्धारित किया जाय? क्या उत्पीड़ित समूहों को कोई विशेष अधिकार मिलने चाहिए? अल्पसंख्यकों को क्या अधिकार हो? वास्तव में अल्पसंख्यक किसे कहा जाये? इस सब सवालों का कोई सटीक जवाब संविधान सभा में किसी के पास नहीं था। उद्घाटन भाषण में नेहरू ने “जनता की इच्छा” का हवाला दिया था और कहा था की संविधान निर्माताओं को जनता के दिलों में समायी आकांक्षाओं और भावनाओं को पूरा करना है। यह कोई आसान काम नहीं था, क्योंकि भिन्न समूह अलग- अलग तरह से अपनी इच्छाएँ व्यक्त कर रहे थे। इन सभी अभिव्यक्तियों पर बहस करना जरुरी था। परस्पर विरोधी विचारों के बिच किसी समाधान पर पहुँचाना जरुरी था।
  2. राष्ट्र की भाषा: भारत की विभिन्न क्षेत्रों में भिन्न- भिन्न भाषाएँ बोली जाती है। ऐसे में सभी के बिच एकता बनाये रखने के लिए राष्ट्र में एक ऐसी भाषा का होना अनिवार्य था जिसे देश के सभी बोला और समझा जा सके। संविधान सभा में भाषा के मुद्दें पर कई मणियों तक बहस हुयी और कई बार काफी तनातनी पैदा हो गयी। शुरुआती दौर में कांग्रेस ने हिंदुस्तानी भाषा में अभिरुचि जताई जो हिंदी और उर्दू के मेल से बनी थी। आरo वीo धुलेकर ने हिंदी भाषा को राष्ट्र भाषा मानाने पर पूरा जोर दिया साथी ही यह भी कहा की संविधान को इसी भासा में लिखा जाय। धुलेकर के इस बयान से हिंदी और गैर हिंदी भाषी लोगों के बिच झड़प उत्पन्न हो गयी। संविधान सभा ने इस विवाद को दूर करने के लिए के फार्मूला निकला जिसमे पहले 15 साल तक सरकारी कामों में अंग्रेजी का इस्तेमाल जारी रहेगा। प्रत्येक प्रान्त को अपने कामो के लिए कोई एक क्षेत्रीय भाषा चुनने का अधिकार होगा। इस प्रकार राष्ट्र भाषा के विवाद को सांत करने का कोशिस किया गया।

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