कानून और सामाजिक न्याय सामाजिक विज्ञान कक्षा 8 पाठ 10

कानून और सामाजिक: इस पाठ में आप कक्षा 8 की सामाजिक विज्ञान की अध्याय 10 कानून और सामाजिक न्याय के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर को पढ़ेंगे। यहाँ दी गई सभी जानकारियों का स्रोत कक्षा 8 की सामाजिक विज्ञान की NCERT की पाठ्यपुस्तक है।

कानून और सामाजिक न्याय स्मरणीय तथ्य

एक मजदूर की कीमत क्या होती है?

  • भारत में मजदूरों की कीमत बहुत कम है।
  • यहाँ पर सस्ती श्रम पर मजदूर काम करने के लिए तैयार रहते है।
  • इतना ही नहीं वे सस्ती श्रम पर निर्धारित किये गए कार्य समय से अधिक घंटे काम करते है।
  • कार्यस्थल पर मजदूरों को सुरक्षा उपलब्ध नही कराई जाती है।
  • यदि कार्यस्थल पर किसी व्यक्ति की मृत्यु को जाती है तों उसे बहुत काम मुआवजा दिया जाता है।

सुरक्षा कानूनों का क्रियान्वयन

  • कानून बनाने और लागू करने की संस्था होने के नाते यह सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है कि सुरक्षा कानूनों को सही ढंग से लागू किया जाए।
  • सरकार को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए की अनुच्छेद 21 में दिए गए जीवन के अधिकार का उल्लंघन न हो।
  • जब भोपाल गैस त्रासदी हुई तब भारत में सुरक्षा कानून ढीले थे।
  • 1978 में मिक उत्पादन कारखाने की स्थापना सुरक्षा मानकों के खिलाफ थी तों सरकार का कहना था कि प्रदेश को भोपाल के संयंत्र में लगातार निवेश चाहिए ताकि रोजगार मिलती रहे।

पर्यावरण की रक्षा के लिए नए कानून

  • भोपाल गैस त्रासदी के बाद भारत सरकार ने पर्यावरण के बारे में नए कानून बनाए। पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के लिए प्रदूषण फैलाने वालों को ही जिम्मेदार माना जाने लगा।
  • हमारे पर्यावरण पर हमारी अगली पीढ़ियों का भी हक है जिस कारण उसे केवल औद्योगिक विकास के लिए नष्ट नही किया जा सकता।
  • अदालतों ने स्वास्थ्य पर्यावरण के अधिकार को जीवन के मौलिक अधिकार का हिस्सा बताते हुए कई महत्वपूर्ण फ़ैसले सुनाए।
  • सुभाष कुमार बनाम बिहार राज्य (1991) के मुकदमे में सर्वोच्च न्यायले ने कहा कि जीवन का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत एक मौलिक अधिकार है इसमे प्रदूषण मुक्त हवा और पानी का अधिकार भी शामिल है।

कानून और सामाजिक न्याय महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर

Q.1. विदेशी कम्पनीयो को भारत में अपने कारखाने खोलने से क्या फायदा है?
Ans: विदेशी कम्पनीयो को भारत में अपने कारखाने खोलने से निम्नलिखित फायदे होते है:

  • भारत में उन्हे काम लागत पर अधिक मुनाफा प्राप्त होता है।
  • भारत के मजदूरों से वे काम कीमत पर अधिक काम करवाते है।
  • भारत में वे न केवल काम कीमत पर मजदूरों से काम करवा लेते है बल्कि उनसे अधिक घंटों तक काम करवाते है।
  • यहाँ के मजदूरों के लिए आवास जैसी दूसरी चीजों पर भी खर्चे की ज्यादा जरूरत नही होती।

Q.2. क्या आपको लगता है कि भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को सामाजिक न्याय मिला है? चर्चा करे।
Ans: नहीं। भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को सामाजिक न्याय नही मिल है। वे लोग 24 साल बाद भी न्याय के लिए संघर्ष कर रहे है। वे पीने के साफ पानी, स्वास्थ्य सुविधाओ और यूनियन कार्बाइड से ग्रस्त लोगों के लिए नौकरियों की मांग कर रहे है। उन्होंने यूनियन कार्बाइड के चेयरमैन एंडरसन को सजा दिलाने के लिए आन्दोलन भी चलाया है।

Q.3. जब हम कानूनों को लागू करने की बात करते है तों इसका क्या मतलब होता है? कानूनों को लागू करने की जिम्मेदारी किसकी है? कानूनों को लागू करना इतना महत्वपूर्ण क्यों है?
Ans: कानून को लागू करने का अर्थ है कि उसे व्यवहार में लाया जाए। कानूनों को लागू करने की जिम्मेदारी सरकार की है। कानूनो को लागू करना इसलिए आवश्यक है क्योंकि अधिकतर कानून ताकतवर समूह से कमजोर समूह की रक्षा के लिए बनाए जाते है और अगर इन्हे लागू नहीं किया गया तों ताकतवर लोग कमजोर लोग पर हावी हो जाएंगे।

Q.4. पहले पर्यावरण को किस तरह देखा जाता था? क्या अब सोच में कोई बदलाव आया है? चर्चा करे।
Ans: पहले के समय में लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता नही थी तथा उसे एक मुफ़्त चीज समझा जाता था। 1984 से पहले पर्यावरण की रक्षा के लिए कोई कानून नहीं था। पहले कोई भी उद्योग हवा और पानी में प्रदूषण छोड़ने के लिए मुक्त था लेकिन अब वर्तमान समय में जनता तथा सरकार दोनों ही पर्यावरण की रक्षा करने के लिए जागरूक है। अब ऐसा समझा जाता है कि पर्यावरण पर हमारी अगली पीढ़ियों का भी हक है जिस कारण हमे इसे बर्बाद नहीं करना चाहिए।

Q.5. भारतीय कार्यस्थलों पर सुरक्षा की व्यवस्था अच्छी क्यों नहीं है?
Ans: भारतीय कार्यस्थलों पर सुरक्षा की व्यवस्था के अच्छी न होने के कारण यह है कि भारत में बेरोजगारी बहुत है जिस कारण सस्ती श्रम में मजदूर उपलब्ध हो जाते है और यदि उन मजदूरों में से अगर किसी मजदूर की मृत्यु हो जाती है तों उसके बदले काम करने के लिए और भी बहुत सारे मजदूर तैयार रहते है। अतः सरल शब्दों में कहा जाए तों भारत में मजदूरों की जान की कीमत नहीं है। यदि काम करते व्यक्त किसी मजदूर की मौत भी हो जाती है तों उसे बहुत ही काम मुआवजा दिया जाता है।

अन्य संबंधित पाठ