खनीज एवं ऊर्जा संसाधन कक्षा 12 भूगोल

खनीज एवं ऊर्जा संसाधन (Minerals and Energy Resources): खनिज एवं ऊर्जा संसाधन कक्षा 12 के भूगोल पुस्तक से ली गई है। परीक्षा उपयोगी सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों का उत्तर इसमें लिखी गई है। वार्षिक परीक्षा में शामिल होने से पहले इन प्रश्नों को एक बार अवश्य देखें।

खनीज एवं ऊर्जा संसाधन लघु उत्तरीय प्रश्न

Q.1. नाभिकीय ऊर्जा क्या है?
Ans: यूरेनियम और थोरियम नाभिकीय ऊर्जा के स्रोत हैं। इन्ही के विघटन से उत्पन्न ऊर्जा ही नाभिकीय ऊर्जा है। ये राजस्थान के उदयपुर, अलवर, झुंझुनूं जिले में मध्य प्रदेश के दुर्ग जिले में, महाराष्ट्र के भंडारा जिले में, हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में और झारखंड के सिंघभूम जिले में मिलते हैं।

Q.2. अपारम्परिक ऊर्जा क्या है? इसके स्रोत कौन कौन से हैं?
Ans: ऊर्जा के वैसे साधन जिनका भंडार बार- बार उपयोग करने पर भी समाप्त नहीं होता तथा प्रकृति द्वारा पुनः उनकी पूर्ति भी की जाती है, गैर परंपरागत ऊर्जा के साधन कहलाते हैं। सौर ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा, पवन ऊर्जा आदि गैर परंपरागत ऊर्जा के साधन है।

Q.3. खनीज क्या है? खनिजों के प्रमुख विशेषताएं बताएं?
Ans: प्रकृति में पाये जाने वाले एक या एक से अधिक तत्वों के रासायनिक संगठन से बने पदार्थ को खनीज के नाम से जाना जाता है।
खनिजों की विशेषताएँ।-
1. खनिजों का निर्माण भू गर्भीय प्रक्रियाओं के परिणामस्वरूप हुआ। इसके बनने में अत्यधिक लंबा समय लगता है।
2. खनिजों का भंडार सीमित है येआनवीकरणीय संसाधन है। एक बार समाप्त हो जाने के बाद दोबारा उसे प्राप्त नहीं किया जा सकता।
3. पृथ्वी पर खनिजों के वितरण में भारी असमानता पाई जाती है।

Q.4. खनिजों के संरक्षण के उपायों का उल्लेख कीजिए।
Ans: भारत में खनिजों के संरक्षण की आवश्यकता निम्नलिखित कारणों से है:
खनिजों के भंडार सीमित है। देश के आर्थिक विकास में खनिजों की महत्वपूर्ण भूमिका है। पानी और नवीकरणीय संसाधन हैं अर्थात एक बार समाप्त हो जाने के बाद उनके निर्माण में लाखों वर्ष लग जाते हैं। वर्तमान में खनिजों का चरम दोहन किया जा रहा है, जिसके कारण उनके शीघ्र समाप्त हो जाने की संभावना बनी हुई है। खनिज के संरक्षण के उपाय:
1. खनिजों का न्यायसंगत दोहन किया जाना चाहिए।
2. खनन तथा संसाधन प्रक्रिया में होने वाले खनिजों की बर्बादी को कम करने का प्रयत्न किया जाना चाहिए।
4. खनिज पर निर्भरता को कम करने का प्रयत्न किया जाना चाहिए।

Q.5. भारत के लौह अयस्क के वितरण का वर्णन करें।
Ans: लौह अयस्क के कुल आरक्षित भंडारों का लगभग पचानवे प्रतिशत भाग ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, गोवा, आंध्र प्रदेश तथा तमिलनाडु राज्यों में स्थित है।
भारत में विभिन्न राज्यों में लौह अयस्क का वितरण निम्नलिखित:
1. ओडिशा- सुंदरगढ़, मयूरभंज, बादामपहाड़,
2. झारखंड- नोवा मंडी, और पश्चिमी सिंघभूम।
3. छत्तीसगढ़- दुर्ग, दांतेवाड़ा, बैलाडिला।
4. महाराष्ट्र: चंद्रपुर, रत्नागिरि,
5. तमिल नाडु: सेलम तथा नीलगिरी।
गोवा भी लौह अयस्क के महत्वपूर्ण उत्पादक राज्य है।

खनीज एवं ऊर्जा संसाधन दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

Q.6. भारत में जलविद्युत पर संक्षिप्त निबंध लिखें।
Ans: भारत में जल विद्युत शक्ति के लिए अनुकूल दशाएं:

  • नदियों तथा जल प्रपातों की उपलब्धता: नदियों से विशाल मात्रा में तथा वर्ष भर जल की आपूर्ति सुनिश्चित होती है। जलप्रपात से गिरते जल की आंतरिक ऊर्जा अधिक होती है। अतः इससे विद्युत शक्ति उत्पादन अधिक मात्रा में होती है।
  • ऊंची नीची भूमि: समतल भूमि में जल का प्रवाह ठीक से नहीं हो पाता है जबकि ऊंची नीची भूमि में जल का बहाव तेज होता है। अतः पर्वतीय तथा पठारी प्रदेशों में जल विद्युत शक्ति के विकास की सम्भावनाएं।अधिक होती।
  • तकनीकी ज्ञान: भारत में जल विद्युत शक्ति के विकास की अनुकूल दशाएं उपलब्ध रहने के बावजूद संपूर्ण संभावित क्षमता का दोहन नहीं किया जा सका है। अतः तकनीकी अवस्था में सुधार कर संभावनाओं को साकार किया जा सकता है।
  • पूंजी की आवश्यकता: जल विद्युत शक्ति उत्पादन में भारी पूंजी की आवश्यकता होती है इसके लिए।बांध तथा बिजली घरों का निर्माण किया जाता है जिसपर भारी व्यय करना पड़ता है।

Q.7. भारत में मैगनीज अयस्क तथा बॉक्साइट के उपयोग और वितरण का वर्णन कीजिए।
Ans: बॉक्साइट- बॉक्साइट का उपयोग एल्यूमीनियम बनाने में कच्चे माल के रूप में होता है। बॉक्साइट अयस्क का संकेंद्रण भारतीय प्रायद्वीप के ऊंचे पठारों में है। देश में बॉक्साइट का प्रतिलभ्य भंडार 246.2,00,00,000 टन तथा उपलब्ध भंडार 295.3,00,00,000 टन है। देश का आधे से अधिक बॉक्साइट उड़ीसा में पाया जाता है। आंध्र प्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात और झारखंड में भी बॉक्साइट के विशाल भंडार है।
मेगनीज- मेगनीज का उपयोग घर्षणरोधी और जंगरोधी इस्पात बनाने में एवं लोहे के साथ मिलाकर मिश्रधातु बनाने में किया जाता है 90% से अधिक मैग्नीज, धारवाड़ शैल समूह के गेंदाईट और कांडूराइट श्रृंखला में पाए जाते हैं। प्रतिलभ्य भंडार 16.1,00,00,000 टन तथा परीक्षित भंडार 4.9,00,00,000।टन है।
उड़ीसा में सर्वाधिक मैगनिज पाया जाता है। कर्नाटक, मध्य प्रदेश, गोवा और महाराष्ट्र में भी मैग्नीज के विशाल भंडार पाए जाते हैं। आंध्र प्रदेश, झारखंड, राजस्थान में भी बॉक्साइट के भंडार हैं।

Q.8. ऊर्जा के संसाधनों का संरक्षण आवश्यक क्यों है? ऊर्जा संरक्षण के लिए अपनाए गए चार उपायों की व्याख्या कीजिए।
Ans: कोयले, तेल तथा प्राकृतिक गैस से उत्पन्न ऊर्जा को संरक्षित किया जाना चाहिए क्योंकि ऊर्जा के ये संसाधन नष्ट हो जाएंगे तथा हम इन पर काफी लंबे समय तक निर्भर नहीं रह सकते। जनसंख्या बढ़ने तथा विकास स्तर में वृद्धि होने के साथ साथ बिजली की खपत में वृद्धि हो रही है। इसलिए ऊर्जा को संरक्षित करने के लिए निम्न उपाय अपनाए जाने चाहिए:
1. हमें ऊर्जा के पुनर्चक्रित होने वाले अपारंपरिक साधनों को विकसित करना होगा जो कि ना केवल पारिस्थितिकी के अनुकूल होते हैं बल्कि सस्ते व सुगम होने के साथ साथ पृथ्वी के जीवनकाल तक मिस मिलते रहेंगे। जैसे कि सौर उर्जा तथा पवन उर्जा आदि।
2. परम्परागत ऊर्जा संसाधनों को बचाने के लिए अपारंपरिक ऊर्जा स्रोत जैसे सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जैव ऊर्जा आदि के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। यह ट्यूबवेल चलाने, बिजली तथा कुकिंग गैस के लिए ग्रामीण लोगों को ऊर्जा प्रदान करेगा तथा प्रदूषण मुक्त वातावरण प्रदान करेगा।
3. हमें अपने वर्तमान कार्यरत ऊर्जा उत्पादन उत्पन्न करने वाले संयंत्रों की गुणवत्ता तथा विश्वसनीयता को बढ़ाना होगा ताकि उनकी बर्बादी के बिना उनका अधिकतम लाभ उठाया जा सके।
4. इंटिग्रेटेड नेशनल ग्रिड प्रणाली द्वारा ऊर्जा का संरक्षण किया जा सकता है।

Also Read Related contents