भारतीय संविधान कक्षा 8 अध्याय 1 सामाजिक विज्ञान

भारतीय संविधान: इस आर्टिकल में आप कक्षा आठवीं की सामाजिक विज्ञान की पहले अध्याय भारतीय संविधान के विषय में पढ़ेंगे। इस आर्टिकल में इस अध्याय के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर दिए गए हैं जो कक्षा आठवी की वार्षिक परीक्षा के दृष्टिकोण से अति महत्वपूर्ण है।

भारतीय संविधान लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर

Q.1. संविधान क्या है?
Ans: संविधान एक लिखित दस्तावेज है यह उन आदर्शों को सूत्रबद्ध करता है जिनके आधार पर नागरिक अपने देश को अपनी इच्छा और सपनों के अनुसार रच सकते हैं। संविधानिक बताता है कि हमारे समाज का मूलभूत स्वरूप क्या हो।
दूसरे शब्दों में संविधान नियमों का एक ऐसा समूह होता है जिसको एक देश के सभी लोग अपने देश को चलाने की पद्धति के रूप में अपना सकते हैं इसके जरिए वे ना केवल यह तय करते हैं कि सरकार किस तरह की होगी बल्कि उन आदर्शों पर भी एक साझी समझ विकसित करते हैं जिनकी हमेशा पूरे देश में रक्षा की जानी चाहिए।

Q.2. लोकतांत्रिक संविधान की विशेषता बताएं।
Ans: लोकतांत्रिक संविधान का एक महत्वपूर्र्ण विशेषता यह है कि इस संविधान में कोई भी ताकतवर समूह किसी दूसरे या कम ताकतवर समूह या लोगों के खिलाफ अपनी ताकत का इस्तेमाल नहीं कर सकता।

Q.3. निरंकुशता एवं संप्रभु क्या है?
Ans: निरंकुशता: निरंकुशता का अर्थ सकता या अधिकारों के क्रूर एवं अन्याय पूर्ण इस्तेमाल से हैं।
संप्रभु: स्वतंत्र जनता को संप्रभु कहा जाता है।

Q.4. राज्य व्यवस्था से क्या अभिप्राय है?
Ans: राज्य व्यवस्था का आशय एक ऐसे समाज से है जिसकी राजनीतिक संरचना व्यवस्थित है भारत एक लोकतांत्रिक राज्य व्यवस्था है।

Q.5. मानव व्यापार से क्या अभिप्राय है?
Ans: राष्ट्रीय सीमाओं के आर पार विभिन्न चीजों की गैरकानूनी खरीद बिक्री को अवैध व्यापार कहा जाता है। मौलिक अधिकारों में अवैध व्यापार का मतलब औरतों और बच्चों की गैरकानूनी खरीद-फरोख्त से हैं जिसे मानव व्यापार कहा जाता है।

Q.6. भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन की व्याख्या प्रस्तुत करें।
Ans: भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का उदय 19वीं सदी में हुआ था इस आंदोलन में हजारों मर्द औरत ब्रिटिश शासन से लोहा लेने के लिए एकजुट हो गए थे यह आंदोलन 1947 में भारत की आजादी में परिणत हुआ।

Q.7. मनमानापन क्या है?
Ans: जब सब कुछ किसी के व्यक्तिगत फैसले या पसंद नापसंद से चलने लगता है तो उसे मनमानापन कहा जाता है। दूसरे शब्दों में जहां नियम तय नहीं किए गए हो या जहां फ़ैसलो का कोई आधार नहीं होता उसे ही मनमाना कहा जा सकता है।

Q.8. आदर्श से क्या अभिप्राय है?
Ans: जब कोई लक्ष्य यह सिद्धांत अपने सबसे शुद्ध या सर्वश्रेष्ठ रूप में होता है तो उसे आदर्श का जाता है।

भारतीय संविधान दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर

Q.9. मौलिक अधिकारों का वर्णन करें।
Ans: भारतीय संविधान ने हमें 6 मौलिक अधिकार प्रदान किए हैं जो निम्नलिखित हैं:

  • समानता का अधिकार: कानून की नजर में सभी लोग समान हैं इसका मतलब है कि सभी लोगों को देश का कानून बराबर सुरक्षा प्रदान करेगा इस अधिकार में यह भी कहा गया है कि धर्म जाति या लिंग के आधार पर किसी भी नागरिक के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता।
  • स्वतंत्रता का अधिकार: इस अधिकार के अंतर्गत अभिव्यक्ति और भाषण की स्वतंत्रता सभा बनाने की स्वतंत्रता देश के किसी भी भाग में आने-जाने और रहने तथा कोई भी व्यवसाय या कारोबार करने का अधिकार शामिल है।
  • शोषण के विरुद्ध अधिकार: संविधान में कहा गया है कि मानव व्यापार, जबरिया श्रम और 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को मजदूरी पर रखना अपराध है।
  • धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार: सभी नागरिकों को पूरी धार्मिक स्वतंत्रता दी गई है प्रत्येक व्यक्ति को अपनी इच्छा का धर्म अपनाने उसका प्रचार प्रसार करने का अधिकार है।
  • सांस्कृतिक और शैक्षणिक अधिकार: संविधान में कहा गया है कि धार्मिक या भाषाई सभी अल्पसंख्यक समुदाय अपनी संस्कृति की रक्षा और विकास के लिए अपने अपने शैक्षणिक संस्थान खोल सकते हैं।
  • संवैधानिक उपचार का अधिकार: यदि किसी नागरिक को लगता है कि राज्य द्वारा उसकी किसी मौलिक अधिकार का उल्लंघन हुआ है तो इस अधिकार का सहारा लेकर वह अदालत में जा सकता है।

Q.10. भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का वर्णन करें
Ans: 20 वीं सदी तक आते-आते भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन कई दशक पुराना हो चुका था स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान राष्ट्रवादी ओ ने इस बात पर काफी विचार किया था कि स्वतंत्र भारत किस तरह का होना चाहिए ब्रिटिश शासन के अंतर्गत उन्हें जिन नियमों को मानना पड़ता था उन्होंने खुद नहीं बनाए थे औपनिवेशिक राज्य के लंबे अत्याचारी शासन ने भारतीयों के सामने इतना जरूर स्पष्ट कर दिया था कि स्वतंत्र भारत को एक लोकतांत्रिक देश होना चाहिए उसने प्रत्येक नागरिकों को समान माना जाएगा और सभी को सरकार में कितने दारी का अधिकार होगा इसके बाद यह तय करना था कि भारत में लोकतांत्रिक सरकार का गठन कैसे किया जाए और उसके कामकाज के नियम क्या हो यह काम किसी एक आदमी के बस का नहीं था इसमें लगभग 300 लोगों ने योगदान दिया जो 1946 में गठित की गई संविधान सभा के सदस्य थे।

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