लोकतांत्रिक अधिकार: इस अध्याय में कक्षा 9 की राजनीतिक विज्ञान की अध्याय 6 लोकतांत्रिक अध्याय के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर पढ़ेंगे। ये सभी प्रश्न उत्तर कक्षा 9 की वार्षिक परीक्षा के लिए अति महत्वपूर्ण है। यहाँ दी गई सभी जानकारियों का स्त्रोत कक्षा 9 की राजनीतिक विज्ञान की एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तक है।
लोकतांत्रिक अधिकार महतपूर्ण प्रश्न उत्तर
Q.1. अधिकार किसे कहते है?
Ans: अधिकार वे सुविधाएं, अवसर व परिस्थितियाँ है जो व्यक्ति को समाज तथा राज्य द्वारा उसके विकास के लिए दी जाती है।
Q.2. अधिकार की कोई दो परिभाषाएं लिखे।
Ans: अधिकार की दो परिभाषाएं-
(1) प्रो. लॉस्की के अनुसार, “अधिकार सामाजिक जीवन की वे अवस्थाएं है जिसके बिना कोई मनुष्य अपने व्यक्तित्व का पूर्ण विकास नहीं कर सकता”।
(2) डॉ. बेनी प्रसाद के अनुसार, “अधिकार न अधिक और न कम वे सामाजिक परिस्थितियाँ है जो व्यक्तित्व के विकास के लिए आवश्यक व अनुकूल हो “।
Q.3. अधिकारो की चार विशेषताएं लिखो।
Ans: अधिकारो की चार विशेषताएंनिम्नलिखित है-
- अधिकार व्यक्ति की मांग है: अधिकार एक व्यक्ति की अन्य व्यक्तियों के विरुद्ध अपनी सुविधा की मांग है। यह समाज पर एक दावा है, परंतु इसे हम शक्ति नहीं कह सकते, जैसा की ऑस्टिन ने कहा है। शक्ति हमे प्रकृति से प्राप्त होती है, जिसमे देखने, सुनने, दौड़ने आदि की शक्तियां सम्मिलित है।
- अधिकारों का नैतिक आधार है: व्यक्ति की नैतिक मांगे ही अधिकार बन जाती है, अनैतिक मांगे ही। जीवित रहने, संपत्ति रखने, विचार प्रकट करने आदि की मांगे नैतिक है, परंतु चौरी करने, मारने या गाली- गलोच करने की सुविधा की मांग अनैतिक है। जिन मांगों से व्यक्ति तथा समाज दोनों का ही हीत होता हो, वे ही अधिकार कहलाते है।
- समाज द्वारा स्वीकृत मांगे ही अधिकार है: व्यक्ति की वे मांगे ही अधिकार कहलाती है जिन्हे समाज स्वीकार करता है।
- अधिकार सभी के लिए होते है: अधिकार व्यापक होते है। वे किसी एक व्यक्ति या वर्ग के लिए नहीं होते बल्कि समाज के सभी वर्ग के लोगों के लिए समान होते है।
Q.4. नैतिक अधिकार किसे कहते है?
Ans: कुछ अधिकार नैतिक आधार पर दिए जाते है। मनुष्य तथा समाज दोनों के हीत के लिए व्यक्ति को कुछ सुविधाएं दी जानी चाहिए। जीवन की सुरक्षा, स्वतंत्रता, धर्म- पालन, शिक्षा प्राप्ति, संपत्ति, रखने आदि की सुविधाएं देने पर ही मनुष्य की भलाई हो सकती है। इनसे समाज भी उन्नत होता है, इसलिए समाज स्वेच्छा से इन अधिकारों को प्रदान करता है। जब तक ऐसे अधिकारों के पीछे कानून की मान्यता या दबाव नहीं रहता, ये नैतिक अधिकार कहलाते है। नैतिक अधिकारों की मान्यता सामाजिक नींदा तथा आलोचना के भय से दी जाती है। यदि बुढ़ापे में माता-पिता की सेवा नहीं की जाती है तो समाज निंदा करता है। इसलिए यह नैतिक अधिकार है।
Q.5. चार राजनैतिक अधिकार लिखे।
Ans: चार राजनैतिक अधिकार-
- मतदान का अधिकार
- चुनाव लड़ने का अधिकार
- सरकारी नौकरी का अधिकार
- सरकार की आलोचना करने का अधिकार
Q.6. कानूनी अधिकार का क्या अर्थ है?
Ans: जिन अधिकारों को राज्य की स्वीकृति मिल जाती है उन्हे कानूनी या वैधानिक अधिकार कहते है। इन्हे प्राप्त करने के लिए व्यक्ति अदालत में दावा कर सकता है। इन्हे प्राप्त करने के लिए व्यक्ति अदालत में दावा कर सकता है। जीवन, संपत्ति, कुटुंब, आदि के अधिकार राज्य द्वारा मान्यता प्राप्त होते है। यदि कोई व्यक्ति या अधिकार इन्हे छीनने का प्रयत्न करता है तो उनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाई की जा सकती है। राज्य इनका उल्लंघन करने वालों को दंड देता है, इसलिए कानूनी अधिकार के पीछे राज्य की शक्ति रहती है।
Q.7. भारतीय संविधान में शामिल किए गए अधिकारों को मूल अधिकार क्यों कहा जाता है?
Ans: भारतीय संविधान के तीसरे अध्याय में नागरिकों के मूल अधिकारों का वर्णन किया गया है। इन अधिकारों को मूल अधिकार इसलिए कहा जाता है क्योंकि ये अधिकार मनुष्य की उन्नति तथा विकास के लिए आवश्यक माने जाते है। इनके प्रयोग के बिना कोई भी व्यक्ति अपने जीवन की उन्नति नहीं कर सकता। ये अधिकार देश में सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक लोकतंत्र की स्थापना में सहायता करते है।
संविधान में इन अधिकारों का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है ताकि कोई सरकार नागरिकों को इन अधिकारों से वंचित न कर सके और देश के सभी नागरिक इन अधिकारों का प्रयोग कर सके।
Q.8. “स्वतंत्रता का अधिकार 6 स्वतंत्रताओ का समूह है” इस कथन की व्याख्या कीजिए।
Ans: संविधान की धार 19 कद अधीन भारतीय नागरिकों को अनेक प्रकार की स्वतंत्रताएं प्राप्त है, जो इस प्रकार है-
- भाषण देने तथा विचार प्रकट करने की स्वतंत्रता
- शांतिपूर्ण तथा बिना शस्त्रो के इकट्ठा होने की स्वतंत्रता
- संघ अथवा समुदाय बनाने की स्वतंत्रता
- भारत में किसी भी क्षेत्र अथवा स्थान पर घूमने- फिरने की स्वतंत्रता
- भारत के किसी भी भाग में रहने अथवा निवास करने की स्वतंत्रता
- कोई भी व्यवस्था अथवा पेशा अपनाने की स्वतंत्रता