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अति लघु उत्तरीय प्रश्न तथा उत्तर: class 10 Geography chapter 5
Q.1.खनिज कहां पाए जाते हैं?
Ans:खनिज अयस्क में पाया जाता है।
Q.2.भारत के चार महत्वपूर्ण लोहा उत्पादक राज्यों के नाम लिखें?
Ans:भारत के चार महत्वपूर्ण लोहा अयस्क उत्पादक राज्य-
- झारखंड
- छत्तीसगढ़
- उड़ीसा
- गोवा।
Q.3.भारत के तीन सबसे महत्वपूर्ण कोयला उत्पादक राज्यों के नाम लिखें।
Ans: भारत के तीन सबसे महत्वपूर्ण कोयला उत्पादक राज्यों के नाम
- झारखंड
- पश्चिम बंगाल
- छत्तीसगढ़
Q.4.परंपरागत ऊर्जा के स्रोत क्या है?
Ans:कोयला, पेट्रोलियम, जलविद्युत, प्राकृतिक गैस परमाणु शक्ति परंपरागत ऊर्जा के स्रोत हैं।
Q.5.गैर परंपरागत ऊर्जा के स्रोत लिखें।
Ans:गैर परंपरागत ऊर्जा के स्रोत
- सौर ऊर्जा
- पवन तरंगे
- भूतापीय ऊर्जा आदि
Q.6.वाणिज्यिक ऊर्जा के स्रोत लिखें।
Ans:कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, यूरेनियम, जलविद्युत वाणिज्यिक ऊर्जा के स्रोत है।
Q.7.झारखंड के किन राज्यों में चूना पत्थर पाया जाता है?
Ans:मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, कर्नाटक
Q.8.भारत के प्रसिद्ध अभ्रक उत्पादक राज्यों के नाम बताएं।
Ans:झारखंड, बिहार, आंध्र प्रदेश, राजस्थान।
Q.9.भारत के दो अयस्क पेटियों के नाम लिखें।
Ans:भारत के दो अयस्क पेटियां-
- उड़ीसा झारखंड पेटी
- दुर्ग बस्तर चंद्रपूर पेटी
Q.10.मैंगनीज की उपयोगिता लिखे।
Ans:मैंगनीज का प्रयोग उत्तम श्रेणी का अस्तित्व बनाने में किया जाता है। मिश्रित धातु बनाने, रंगो, कीटनाशक दवाइयां बनाने, शीशे और बिजली के उद्योग में इसका प्रयोग किया जाता है।
Q.11.भारत के किन दो राज्यों में कोयले के सबसे ज्यादा भंडार है?
Ans:झारखंड तथा पश्चिम बंगाल।
Q.12.भारत के पेट्रोलियम उत्पादक क्षेत्रों के नाम लिखें।
Ans:अरब सागर में स्थित मुंबई हाई क्षेत्र, गुजरात में अंकलेश्वर, असम के नहरकटिया क्षेत्र में।
Q.13.भूतापीय ऊर्जा से आप क्या समझते हैं?
Ans:पृथ्वी के आंतरिक भागों से ताप का प्रयोग कर उत्पन्न की जाने वाली विद्युत को भू तापीय ऊर्जा कहते हैं।
Q.14.खेतड़ी क्यों प्रसिद्ध है?
Ans:खेतड़ी अपने तांबा की खानों के लिए बहुत प्रसिद्ध है। भारत में तांबा की बहुत कमी है इसलिए इसके आयात पर हमें बहुत से मुद्रा खर्च करनी पड़ती है खेतड़ी की तांबा खाने इस प्रकार से भारत के लिए वरदान सिद्ध हुई है इन्होंने बहुत सी अमूल्य विदेशी मुद्रा की बचत की है खेतड़ी राजस्थान राज्य में स्थित है।
Q.15.लोह तथा अलौह खनिज में अंतर लिखें।
Ans: वे सभी धातु जिनमें लोहे के अंश पाए जाते हैं, लोहा खनिज कहलाते हैं। जैसे- लौह अयस्क. मैंगनीज, निकल, कोबाल्ट आदि जबकि वह धातु जिनमें लोहा का अंश नहीं पाया जाता, अलौह खनिज कहलाता है। जैसे- तांबा, सीसा, जस्ता आदि।
लघु उत्तरीय प्रश्न तथा उत्तर: class 10 Geography chapter 5
Q.16.खनिज का क्या तात्पर्य है? इससे आर्थिक महत्व का वर्णन करें।
Ans:खनिज प्राकृतिक रासायनिक योगिक है। इनमें संगठक और संरचना स्वरूप में समानता पाई जाती है यह शैली और अयस्कों के अवयव है इनके प्रति भूगर्भ में हो रही विभिन्न वैज्ञानिक प्रक्रिया के द्वारा हुई है।
खनिज का आर्थिक महत्व: खनिजों का अपना विशेष महत्व होता है क्योंकि मानव की प्रकृति में इनका बहुत अधिक योगदान रहा है और जो विभिन्न प्रकार के खनिजों का भारी प्रयोग किया जाना भी उन के आर्थिक महत्व का प्रकाश डालता है।
Q.17.खनिज संरक्षण की आवश्यकता क्यों है?
Ans:खनिजों के एक बार उपयोग करने के उपरांत उसे दोबारा नहीं पाया जा सकता खनिजों को दूध प्रयोग किया गया तो आने वाली पीढ़ियों को दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है इसलिए खनिजों का संरक्षण करना महत्वपूर्ण है।
खनिजों के संरक्षण के लिए निम्नलिखित विधियां अपनाई जा सकती है-
- खनिजों का उपयोग सुनियोजित ढंग से करना चाहिए।
- खनिजों को बचाने के लिए उनके स्थान पर अन्य वस्तुओं के उपयोग के बारे में सोचना चाहिए।
Q.18. भारत में कोयले के वितरण पर एक टिप्पणी लिखें।
Ans:कोयले के अधिकांश क्षेत्र प्रायद्वीपीय पठार के उत्तर पूर्वी भाग में पाए जाते हैं। कुल उत्पादन का दो तिहाई कोयला झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, और उड़ीसा में निकाला जाता है। शेष एक तिहाई कोयला आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र तथा उत्तर प्रदेश से प्राप्त होता है।
देश में प्रमुख कोयला उत्पादक क्षेत्र निम्नलिखित है-
- झारखंड- प्रमुख खनन क्षेत्र बोकारो, झरिया, गिरिडीह, रामगढ़
- मध्य प्रदेश- प्रमुख क्षेत्र उमरिया, सोहागपुर
- छत्तीसगढ़- प्रमुख कोयला क्षेत्र कोरबा और अंबिकापुर है।
- उड़ीसा- प्रमुख कोयला क्षेत्र संबलपुर और सुंदरगढ़ जिले में है।
Q.19.भारत में लौह अयस्क के वितरण पर टिप्पणी लिखें।
Ans:भारत में संसार का लगभग 20% वयस्क भंडार है भारत में अयस्क का खनन मुख्यता छत्तीसगढ़ झारखंड उड़ीसा गोवा तथा कर्नाटक राज्य में होता है इन राज्यों में कुल उत्पादन 95% से भी अधिक भाग किया जाता है इनके अतिरिक्त और भी कई राज्यों में लोहा पाया जाता है। देश के प्रमुख लोहा उत्पादक क्षेत्र निम्नलिखित हैं-
- छत्तीसगढ़- राज्य में अधिकांश लोहा हेमेटाइट किसका है यहां के दुर्ग बस्तर और दंतेवाड़ा जिलों में लोहा उत्पादन किया जाता है।
- झारखंड- यहां के पश्चिमी और पूर्वी सिंहभूम जिले में लौह अयस्क निकाला जाता है। यहां के प्रमुख क्षेत्र लोहामंडी है।
- गोवा- गोवा के उत्तरी भाग में लोहा मिलता है।
Q.20.चट्टान से आप क्या समझते हैं? चट्टान की विशेषताएं लिखें।
Ans:चट्टान का निर्माण नदियों द्वारा हजार वर्षों से लाए गए मिट्टी पत्थर के कानों के जमाने से होता है। मिट्टी और पत्थर के कणों की एक तह के ऊपर दूसरी तरह जमती रहती है और इस प्रकार चट्टान का निर्माण होता है। यह चट्टानों की एक बड़ी विशेषता यह होती है कि इन्हें वृक्षों के एवं पशुओं के अवशेष दबे रहते हैं। अवशेषों की सहायता से वैज्ञानिकों ने इन चट्टानों के निर्माण कार्य का भी ज्ञान प्राप्त कर लिया है।
Q.21.वाणिज्य ऊर्जा तथा और अवाणिज्य उर्जा में अंतर स्पष्ट करें।
Ans:वाणिज्य ऊर्जा तथा और अवाणिज्य उर्जा में अंतर –
वाणिज्य ऊर्जा | अवाणिज्य उर्जा |
कोयला पेट्रोलियम प्राकृतिक गैस जल विद्युत तथा परमाणु ऊर्जा के स्रोत हैं। | जलाऊ लकड़ी, लकड़ी का कोयला, गोबर, अवाणिज्यिक ऊर्जा के स्रोत हैं। |
इसका उपयोग उद्योगों यातायात तथा अन्य व्यवस्थाओं में किया जाता है। | इसका उपयोग घरेलू कामों में होता है। |
Q.22.खनिज और अयस्क में अंतर स्पष्ट करें।
Ans:खनिज और अयस्क में अंतर-
- प्राकृतिक पदार्थ जो पृथ्वी तल के नीचे पाए जाते हैं, खनिज खिलाते हैं। जैसे कि गैलेना, जिप्सम, कैलशियम आदि जबकि खनिज जिनसे धातुओ को आसानी तथा कम खर्च में प्राप्त किया जा सकता है, अयस्क कहलाते हैं। जैसे ऑक्साइड अयस्क, सल्फाइड अयस्क आदि
- सभी खनिज अयस्क नहीं होते जबकि सभी अयस्क खनिज होते हैं।
Q.23.चूना पत्थर से क्या अभिप्राय है?
Ans:चूना पत्थर कैल्शियम या कैलशियम कार्बोनेट तथा मैग्नीशियम कार्बोनेट से बनी चट्टानों में पाया जाता है। यह अधिकांशतः अवसादी चट्टानों में पाया जाता है चुनाव सीमेंट उद्योग का एक आधारभूत कच्चा माल होता है और लोग प्रगलन की भर्तियों के लिए अनिवार्य होता है।
Q.24.लौह अयस्क के चार प्रकारों के नाम लिखें।
Ans:लौह अयस्क के चार प्रकार-
- मैग्नेटाइट
- हेमेटाइट
- लिमोनाइट
- सिडेराइट
Q.25.खनिज का आर्थिक महत्व लिखें।
Ans:खनिज का आर्थिक महत्व-
- खनिजों का अपना विशेष महत्व होता है क्योंकि मानव की प्रगति में इनका बहुत योगदान रहा है।
- औद्योगिक युग में विभिन्न प्रकार के खनिजों का भारी प्रयोग किया जाना भी उनके आर्थिक महत्व पर प्रकाश डालता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न तथा उत्तर: class 10 Geography chapter 5
Q.26.भारत के लौह अयस्क पेटीयों का वर्णन करें।
Ans:भारत के लौह अयस्क पेटीयों का वर्णन-
- उड़ीसा झारखंड पेटी- उड़ीसा में उच्च कोटि का हेमेटाइट किस्म का लोह अयस्क मयूरभंज जिले में बादाम पहाड़ खदानों से निकाला जाता है। इसी से सन्निध झारखंड केसिंहभूम जिले मैं गुआ तथा नोआमुंडी से हेमेटाइट अयस्क का खनन किया जाता है।
- दुर्ग बस्तर चंद्रपुर पेटी- यह पेटी महाराष्ट्र तथा छत्तीसगढ़ राज्य के अंतर्गत पाई जाती है छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में बैलाडीला पहाड़ी श्रृंखलाओं में अति उत्तम कोटि का हेमेटाइट पाया जाता है इसमें इस्पात बनाने में आवश्यक सर्वश्रेष्ठ भौतिक गुण विद्यमान है। इन खदानों का लौह अयस्क विशाखापट्टनम पत्तन से जापान तथा दक्षिण कोरिया को निर्यात किया जाता है।
- बेलारी चित्रदुर्ग, चिकमगलूर तुमकुर पेटी- कर्नाटक में लौह अयस्क की राशि संचित है कर्नाटक में पश्चिमी घाट में अवस्थित कुदरेमुख की खाने शत प्रतिशत निर्यात इकाई है। कुदरेमुख निक्षेप संसार के सबसे बड़े निक्षेप में से एक माने जाते हैं। लौह अयस्क कर्दम रूप से पाइप लाइन द्वारा मैंगलुरु के निकट एक पत्तन भेजा जाता है।
- महाराष्ट्र गोवा पेटी- यह पेटी गोवा तथा महाराष्ट्र राज्य के रत्नागिरी जिले में स्थित है। यद्यपि यहां का लोहा उत्तम प्रकार का नहीं है तथा भी इसका दक्षता से दोहन किया जाता है। मरमगाओ पत्तन से इसका निर्यात किया जाता है।
Q.27.परंपरागत ऊर्जा तथा गैर परंपरागत ऊर्जा के साधनों में अंतर स्पष्ट करें।
Ans:परंपरागत ऊर्जा तथा गैर परंपरागत ऊर्जा के साधनों में अंतर
परंपरागत ऊर्जा | गैर परंपरागत ऊर्जा |
यह प्राचीन काले से प्रयोग होने वाले ऊर्जा के साधन हैं जिनके मात्रा सीमित है। | यह प्राचीन काल से प्रयोग में होने वाले हैं किंतु इनका आज के संदर्भ में महत्व बढ़ गया है। |
यह समाप्त होने वाले साधन है। | यह कभी ना समाप्त होने वाले साधन है। |
कोयला, पेट्रोलियम परमाणु ऊर्जा, जल शक्ति परंपरागत ऊर्जा की श्रेणी में आते हैं। | सौर ऊर्जा, ज्वरीय ऊर्जा. पवन ऊर्जा, कूड़े- कचरे, गोबर, मल मूत्र से तैयार ऊर्जा इस श्रेणी में आते है। |
यह ऊर्जा का सुविधाजनक और बहुप्रचलित रूप है। | गैर परंपरागत ऊर्जा के साधन आसानी से उपलब्ध हैं लेकिन इनकी उपयोग प्राप्त एवं बड़े पैमाने पर नहीं होता। |
Q.28.प्राकृतिक गैस और बायोगैस में अंतर स्पष्ट करें।
Ans:.प्राकृतिक गैस और बायोगैस में अंतर
प्राकृतिक गैस | बायोगैस |
खनिज तेल के साथ तथा बिना खनिज तेल के साथ पाई जाने वाली गैस प्राकृतिक गैस कहलाती है | जैविक पदार्थों के सड़ने गले में के बाद उत्पन्न होने वाली गैस बायोगैस कहलाती है |
इसका उपयोग मुख्यतः प्रदूषण कम करने के लिए उपयोग, परिवहन तथा घरेलू कार्यों में किया जाता है | इसका उपयोग मुख्यतः घरेलू उपयोग में होता है |
प्राकृतिक गैस ऊर्जा का समाप्य तथा परंपरागत साधन है | ऊर्जा का असमाप्य साधन है |
घरेलू कार्यों में प्रयोग होने वाली गैस एलपीजी तथा वाहनों में प्रयोग होने वाली गैस सीएनजी कही जाती है | इस गैस का कोई वर्गीकरण नहीं है |