Class 11 Economics Chapter 1 पुस्तक भाग 2 की प्रथम पाठ का समाधान इस आर्टिकल में दिया गया है। इस नोट्स को NCERT पुस्तक का अध्ययन करने वाले वर्ग 11वीं के सभी विद्यार्थी पाने परीक्षा पठान के उपयोग में ला सकते है।
Class 11 Economics Chapter 1 महत्वपूर्ण तथ्य
अंग्रेजी औपनिवेशिक प्रशासन का मुख्य उद्देश्य भारत को ब्रिटेन में जल्दी से विकसित हो रही आधुनिक अर्थव्यवस्था के लिए आधार के रूप में प्रयोग करना था। स्वतंत्रता के समय भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति निम्नलिखित है:
आर्थिक विकास की निम्न दर:
- औपनिवेशिक सरकार ने कभी भी भारत की राष्ट्रीय तथा प्रति व्यक्ति आय के अनुमान के लिए कोई प्रयास नहीं किए।
- डॉo वीo केo आरo वीo राव के अनुसार सकल देशीय उत्पाद में वार्षिक वृद्धि दर केवल 2% तथा प्रति व्यक्ति आय वार्षिक वृद्धि केवल 0.5% थी।
कृषि का पिछड़ापन के कारन:
- जमींदारी, महलवाड़ी, तथा रैयतवाड़ी प्रथा।
- व्यवसायीकरण पर दबाव- नील आदि का उत्पादन।
- देश का विभाजन।
अविकसित औद्योगिक क्षेत्र:
- वि- औद्योगिकीकरण- भारतीय हस्तकला उद्योग का पतन।
- पूंजीगत वास्तु उद्योग का आभाव।
- सार्वजनिक की सिमित क्रियाशीलता।
- भेदभावपूर्ण टैरिफ नीति।
विदेशी व्यापार की विशेषताएं:
- ब्रिटेन में निर्मित उपभोक्ता वस्तुओं का आयात
- विदेशी व्यापार पर ब्रिटेन का एकाधिकार नियंत्रण
- भारतीय संपत्ति का प्रभाव
प्रतिकूल जनांकिकी दशाएं:
- ऊंची मृत्यु दर – 45 प्रति हजार।
- उच्च शिशु जन्म दर- 810 प्रति हजार।
- सामूहिक निरक्षरता 84 निरक्षरता।
- निम्न जीवन प्रत्याशा – 32 वर्ष।
- जीवन का निम्न स्तर – आय का 80 – 90% आधारभूत आवश्यकता पर व्यय।
- जन स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव।
विकसित आधारभूत ढांचा:– अच्छी सड़कें, विद्युत उत्पादन, स्वास्थ्य, शिक्षा तथा संचार सुविधाओं का अभाव। अंग्रेजी सरकार ने आधारभूत ढांचे के विकास के लिए कुछ प्रयास किए थे। जैसे- सड़कें, रेलवे, बंदरगाह, जाल, यातायात और डाक व् तार विभाग। लेकिन इनका उद्देश्य भारतीय जनता को सुविधाएं देना नहीं था बल्कि साम्राज्यवादी प्रशासन के हित में था।
भारतीय अर्थव्यवस्था का प्राथमिक क्षेत्र पर अधिक निर्भरता-
- कार्यबल का अधिकतम भाग लगभग 72% कृषि में लगा था।
- 10% विनिर्माण क्षेत्र में लगा था।
- 18% कार्य बल सेवा क्षेत्र में लगा था।
औपनिवेशिक शासन का भारतीय अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव:
- यातायात साधनों का विशेषकर रेलवे में विस्तार हुआ।
- बंदरगाहों का विकास हुआ
- भारत को डाक व तार विभाग जैसी सुविधाएं मिली।
- देश का आर्थिक व राजनीतिक एकीकरण हुआ।
- बैंकिंग व मौद्रिक व्यवस्था का विकास हुआ।
औपनिवेशिक शासन का भारतीय अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव:
- भारतीय हस्तकला उद्योग का पतन।
- भारत ब्रिटेन का एक निर्यातक देश बन के रह गया।
- विदेशी व्यापार का ब्रिटेन का एकाधिकारी नियंत्रण।
- व्यवसायीकरण पर दबाव।
Class 11 Economics Chapter 1 MCQs
1 भारत में प्रथम आधिकारिक जनगणना किस वर्ष हुयी थी?
(a) 1951 में
(b) 1957 में
(c) 1881 में
(d) 1921 में
Ans
1881 में
2 व्यपार संतुलन 1947-48-
(b) 17 करोड़
(a) 21 करोड़
(c) 31 करोड़
(d) +14 करोड़
Ans
+14 करोड़
3 स्वेज नहर को परिवहन के लिए खोला गया-
(a) 1850
(b) 1853
(c) 1869
(d) 1901
Ans
1869
4 स्वतंत्रता के पूर्व किसका निर्यात नहीं किया जाता था?
(a) चाय
(b) जुट
(c) इंजीनियरिंग वस्तु
(d) सूती वस्त्र
Ans
इंजीनियरिंग वस्तु
5 स्वतंत्रता प्राप्ति के समय भारतीय अर्थव्यवस्था की मुख्य विशेषता थी?
(a) अर्द्ध- सामंती होना
(b) गतिहीन होना
(c) अर्द्ध- विकसित होना
(d) उपयुर्क्त सभी
Ans
उपयुर्क्त सभी
6 देश की स्वाधीनता के समय कृषकों का शोषण किया जा रहा था?
(a) जनता द्वारा
(b) विद्यार्थी द्वारा
(c) व्यापारियों द्वारा
(d) जमींदारों द्वारा
Ans
जमींदारों द्वारा
7 कृषि क्रियाएं किस क्षेत्र से संबंधित है।
(a) प्राथमिक
(b) द्वितीय
(c) तृतीय
(d) इनमें से सभी
Ans
प्राथमिक
8 अंग्रेजी शासन काल में भारत में निम्न कार्य नहीं हुआ।
(a) रेलवे की स्थापना
(b) टेलीफोन प्रणाली की स्थापना
(c) बेतार(टेलीग्राफ) प्रणाली की स्थापना
(d) दिल्ली मेट्रो की स्थापना
Ans
दिल्ली मेट्रो की स्थापना
9 भारतीय रेलवे की शुरुआत किस वर्ष हुयी थी?
(a) 1859
(b) 1853
(c) 1869
(d) 1901
Ans
1853
10 आजादी के समय भारत की साक्षरता दर थी-
(a) 17%
(b) 24%
(c) 80%
(d) 75%
Ans
17%
Class 11 Economics Chapter 1 FAQs
प्रश्न: शिशु मृत्यु दर से क्या अभिप्राय है?
उत्तर: शिशु मृत्यु दर से अभिप्राय है की एक वर्ष से कम उम्र के जिन्दा पैदा हुए 1000 बच्चों में मृत्यु की संख्या।
प्रश्न: कृषि के व्यवसायीकरण का अर्थ लिखिए?
उत्तर: जब उपयोग के स्थान पर विक्रय करने के लिए वस्तुओं का उत्पादन किया जाता है, तब उसे कृषि का व्यवसायीकरण कहा जाता है।
प्रश्न: निर्यात आधिक्य का क्या अर्थ है?
उत्तर: जब किसी देश का निर्यात आयात से अधिक होता है तब उसे निर्यात आधिक्य कहा जाता है।
प्रश्न: देश के विभाजन का किस उद्योग पर बुरा प्रभाव पड़ा?
उत्तर: देश के विभाजन का जूट तथा कपड़ा उद्योग पर बहुत गहरा असर पड़ा था।
प्रश्न: औपनिवेशिक काल में प्रति व्यक्ति आय का अनुमान लगाने वाले एक अर्थशास्त्री का नाम लिखें।
उत्तर: V. K. R. V. राव और दादा भाई नौरोजी।
प्रश्न: स्वतंत्रता के समय भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति क्या थी?
उत्तर: स्वतंत्रता के समय भारतीय अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित थी, जिसमें अत्यधिक गरीबी, बेरोज़गारी, और कुपोषण जैसी समस्याएँ मौजूद थीं। औद्योगिक विकास भी अत्यधिक पिछड़ा हुआ था, और भारत एक औपनिवेशिक अर्थव्यवस्था थी, जहाँ अधिकांश उत्पादन का उद्देश्य ब्रिटिश हितों की पूर्ति करना था।
प्रश्न: औपनिवेशिक शासन के तहत भारतीय अर्थव्यवस्था किस प्रकार प्रभावित हुई?
उत्तर: औपनिवेशिक शासन के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था का दोहन किया गया। कृषि क्षेत्र का विस्तार अंग्रेजों के हितों के अनुसार किया गया, और वस्त्र, लोहे और इस्पात जैसे उद्योगों का विकास न के बराबर हुआ। इसके अलावा, कर प्रणाली किसानों पर बोझ थी और अंग्रेज़ों की नीतियों ने भारत को कच्चे माल का निर्यातक और तैयार माल का आयातक बना दिया।
प्रश्न: भारतीय कृषि की स्थिति स्वतंत्रता के समय कैसी थी?
उत्तर: स्वतंत्रता के समय भारतीय कृषि अत्यधिक पिछड़ी हुई थी। खेती मुख्य रूप से मानसून पर निर्भर थी, और सिंचाई के साधनों का अभाव था। उत्पादन तकनीक पुरानी थी, और किसान अत्यधिक कर्ज़ के बोझ तले दबे थे। इसके अलावा, खेती से संबंधित सुधारों का अभाव था।
प्रश्न: भारतीय उद्योग का स्वतंत्रता के समय क्या हाल था?
उत्तर: स्वतंत्रता के समय भारत में आधुनिक उद्योग बहुत सीमित थे। ब्रिटिश शासन ने जानबूझकर भारत में उद्योगों के विकास को बाधित किया ताकि ब्रिटेन के उद्योगों को लाभ हो सके। भारतीय उद्योगों का विकास मुख्य रूप से 20वीं सदी की शुरुआत में हुआ था, लेकिन वह भी बहुत सीमित था।
प्रश्न: स्वतंत्रता के समय भारतीय परिवहन व्यवस्था कैसी थी?
उत्तर: भारतीय परिवहन व्यवस्था भी अत्यधिक पिछड़ी हुई थी। हालांकि ब्रिटिश शासन ने रेल, सड़क और बंदरगाहों का निर्माण किया था, लेकिन यह सब ब्रिटिश व्यापारिक हितों के लिए किया गया था। ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन साधन अत्यधिक खराब थे, जो आर्थिक विकास में बाधा डालते थे।
प्रश्न: आज़ादी के समय भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने मुख्य चुनौतियाँ क्या थीं?
उत्तर: स्वतंत्रता के समय भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने मुख्य चुनौतियाँ थीं:
- कृषि और उद्योग में पिछड़ापन
- गरीबी और बेरोज़गारी
- आर्थिक असमानता
- अविकसित आधारभूत ढाँचा
- कमज़ोर स्वास्थ्य और शिक्षा प्रणाली
प्रश्न: विभाजन का भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर: भारत के विभाजन का आर्थिक दृष्टिकोण से गहरा प्रभाव पड़ा। कई प्रमुख कृषि और औद्योगिक क्षेत्रों के विभाजन ने उत्पादन क्षमता को प्रभावित किया। इसके अलावा, विभाजन के कारण जनसंख्या के बड़े पैमाने पर विस्थापन और हिंसा के कारण आर्थिक अस्थिरता बढ़ी।
प्रश्न: आज़ादी के समय भारत के विदेशी व्यापार की स्थिति क्या थी?
उत्तर: आज़ादी के समय भारत का विदेशी व्यापार असंतुलित था। भारत ब्रिटेन के लिए कच्चे माल का प्रमुख निर्यातक था और ब्रिटेन से तैयार माल आयात करता था। व्यापार में यह असंतुलन ब्रिटिश नीतियों के कारण था, और इसका उद्देश्य भारत की अर्थव्यवस्था को कमजोर बनाए रखना था।
प्रश्न: औपनिवेशिक शासन के समय भारत में स्वास्थ्य और शिक्षा की क्या स्थिति थी?
उत्तर: औपनिवेशिक शासन के समय भारत में स्वास्थ्य और शिक्षा की स्थिति अत्यधिक दयनीय थी। स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव था, और बीमारियों का व्यापक प्रकोप था। शिक्षा का प्रसार भी बेहद सीमित था, और बड़ी संख्या में लोग निरक्षर थे।
प्रश्न: भारतीय योजना आयोग की स्थापना क्यों की गई थी?
उत्तर: भारतीय योजना आयोग की स्थापना 1950 में की गई थी ताकि स्वतंत्रता के बाद देश के समग्र आर्थिक विकास और संसाधनों के न्यायपूर्ण वितरण के लिए दीर्घकालिक योजनाओं का निर्माण किया जा सके। इसका उद्देश्य देश के सामाजिक और आर्थिक पुनर्निर्माण के लिए योजनाबद्ध विकास सुनिश्चित करना था।