मुगल साम्राज्य: Mughal Samrajy History Class 7 chapter 4 NCERT Solutions in hindi

History Class 7 chapter 4: इतिहास कक्षा 7 अध्याय 4 प्रश्न उत्तर। मुग़ल साम्राज्य कक्षा 7 प्रश्न उत्तर देखें। सभी प्रश्न उत्तर परीक्षा के लिए उपयोगी है। प्रश्नों का समाधान ncert पुस्तक के आधार पे दिया गया है।

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History Class 7 chapter 4 कुछ स्मरणीय तथ्य:

  • प्रभावशाली मुगल शासक: बाबर (1526-1530), हुमायू (1530-1540, 1555-1556), अकबर (1556-1605)। जहाँगीर (16-5-1627), शाहजहाँ ( 1627-1658)। औरंगजेब (1658-1707)
  • अकबरनामा की रचना अबुल फजल ने की।
  • अकबरनामा (अकबर का इतिहास): तीन जिल्दों में विभाजित है; प्रथम- अकबर के पूर्वजो का बयान, दूसरी- अकबर के शासनकाल के घटनाओ का विवरण, तीसरा- आईने-अकबरी। यह अकबर के प्रशासन, घराने, सेना, राजस्व और साम्राज्य का ब्योरा देता है।
  • सूबा- प्रांत
  • सूबेदार- प्रांत के प्रशासक
  • दीवान- प्रांत का वित्तीय अधिकारी दीवान कहलाता था।
  • अकबर ने सुलह-ए-कुल की नीति अपनाई।

फिर से याद करें: History Class 7 chapter 4

1. सही जोड़े बनाएं:

मनसब मारवाड़
मंगोल गवर्नर
सिसौदिया राजपूत उजबेग
राठोर राजपूत मेवाड़
नूरजहां पद
सूबेदार जहाँगीर

उत्तर-

मनसबपद
मंगोलउजबेग
सिसौदिया राजपूतमेवाड़
राठोर राजपूतमारवाड़
नूरजहांजहाँगीर
सूबेदार गवर्नर

2. रिक्त स्थान भरें: Mughal Samrajy chapter 4

(क) काबुल अकबर के सौतेले भाई, मिर्जा हाकिम के राज्य की राजधानी थी।

(ख) दक्कन की पांचों सल्तनत बरार, खानदेश, अहमद नगर, बीजापुर और गोलकुंडा थी।

(ग) यदि जात एक मनसबदार के पद और वेतन को घोतक था, तो सवार उसके सैन्य उत्तरदायित्व को दिखाता था।

(घ) अकबर के दोस्त और सलाहकार, अबुल फजल ने उसकी सुलह ए कुल को गढ़ने में मदद की जिसके द्वारा वह विभिन्न धर्मों संस्कृतियों और जातियों से बने समाज पर राज्य कर सके।

3. मुगल राज्य के अधीन आने वाले केन्द्रीय प्रांत कौन से थे?
Ans: मुगल राज्य के अधीन आने वाले केन्द्रीय प्रांत: दिल्ली और आगरा।

4. मसबदर और जागीर में क्या संबंध था?
Ans: मनसबदार: मुगलों की सेवा में आनेवाले नौकरशाह मनसबदार कहलाते थे।
जागीर: भूमि

मनसबदार और जागीर में संबंध:
मनसबदार अपना वेतन जागीर (राजस्व एकत्रित करने वाली भूमि) के रूप में पाते थे।

आइए समझे: Mughal Samrajy chapter 4

5. मुगल प्रशासन में जमींदार की क्या भूमिका थी?
Ans: मुगल प्रशासन में जमींदारों की महत्वपूर्ण भूमिका थी क्योंकि मुगलों की आमदनी का प्रमुख साधन किसानों की उपज से मिलने वाला राजस्व था।
जमींदार ही किसानों से राजस्व वसूलते थे और सरकारी खजाने में जमा करते थे। इसके लिए जमींदारों को मुगल शासक की तरफ से वेतन मिलता था।

6. शासन प्रशासन संबंधी अकबर के विचारों के निर्माण में धार्मिक विद्वानों से होने वाली चर्चाएं कितनी महत्वपूर्ण थी?
Ans: 1570 में अकबर जब फतेहपुर सीकरी में था तो, उसने उलेमा, ब्राह्मणों, जेसूईट पादरियों (जो रोमन कैथोलिक थे) और जरदुश्त धर्म के अनुयायियों से धर्म के मामलों पर विचार विमर्श की। इन विचार से अकबर की समझ बनी की जो विद्वान धार्मिक नीति और मंताधता पर बल देते है वे अक्सर कट्टर होते है। उनकी शिक्षयाएनप्रजा के बीच असामंजस्य पैदा करती है।
ये अनुभव अकबर को सुलह-ए-कुल या सर्वत्र शांति के विचार की और ले गए।

7. मुगलों ने खुद को मंगोल की अपेक्षा तैमूर के वंशज होने पर क्यों बल दिया?
Ans: मुगलों ने खुद को मंगोल की अपेक्षा तैमूर के वंशज होने पर बल दिया क्योंकि उनके इस महान पूर्वज ने 1398 में दिल्ली में कब्जा कर लिया था।
मुगल खुद को मुगल या मंगोल कहलवाना पसंद नहीं करते थे क्योंकि चंगेज खान की स्मृतियाँ अनेक लोगों के नरसंहार से संबंधित थी।

आइए विचार करें: Mughal Samrajy chapter 4

8. भू से प्राप्त होने वाली आय मुगल साम्राज्य के स्थायित्व के लिए कहाँ तक जरूरी था?
Ans: भू राजस्व से प्राप्त आय मुगल साम्राज्य की आमदनी का प्रमुख साधन थी।
इसी आय से राज्य के सभी प्रमुख कार्य किए जाते थे जैसे व्यापार, कृषि के उत्पादन। कर्मचारियों को वेतन देना आदि। सैनिकों को वेतन देना तथा अन्य प्रशासनिक खर्च भी राजस्व की आय पर निर्भर थे।

9. मुगलों के लिए केवल तूरानी का ईरानी ही नहीं बल्कि विभिन्न पृष्ठभूमि के मंसबदारों की नियुक्ति क्यों महत्वपूर्ण थी?
Ans: मुगलों ने केवल तूरानी या ईरानी ही नहीं बल्कि विभिन्न पृष्ठभूमियों के मंसबदारों की नियुक्ति इसलिए की क्योंकि मुगल साम्राज्य का विस्तार हो रहा था और उन्मे विभिन्न विभिन्न क्षेत्र सम्मिलित हो रहे थे इसलिए मुगलों ने तरह तरह के सामाजिक समूहों की नियुक्ति करना आरभ कर दिया।

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