sociology class 12 chapter 7, Jansampark Sadhan Aur Jansanchar, Important Questions answers sociology class 12 in Hindi. JAC Board Ranchi Important FAQs. Sociology class 12 Exam preparations. sociology class 12 important questions answers.
sociology class 12 chapter 7: अति लघु स्तरीय प्रश्न तथा उत्तर
Q.1.आजादी के बाद भी हमारे देश के सामने बहुत सारी चुनौतियां हैं। आज समाचार – पत्रों को उनके प्रति किस हद तक संवेदनशील पाते हैं?
Ans:आजादी के बाद हमारे देश के सामने अनेक चुनौतियां उठ खड़ी हुई है। इनमें प्रमुख हैं –
- बेरोजगारी से निपटने की चुनौती।
- देश की एकता एवं अखंडता को बनाए रखने की चुनौती।
- भ्रष्टाचार से निपटने की चुनौती।
- आतंकवाद से जूझने की चुनौती।
- लोकतंत्र में जनमत को शिक्षित करने की चुनौती।
हम जब समाचार – पत्रों पर दृष्टिकोण करते हैं तो हमें लगता है कि अनेक समाचार – पत्र इन चुनौतियों के प्रति संवेदनशील है। राष्ट्रीय स्तर के समाचार – पत्र अपने दायित्व का निर्वाह कर रहे हैं। हां, क्षेत्रीय समाचार – पत्र कई बार स्थानीय माफिया से डर जाते हैं या लोभ में आ जाते हैं। वे कई बार इनके प्रति उतने संवेदनशील नहीं हो पाते, जितना उन्हें होना चाहिए।
Q.2.निजी टी.वी चैनल अपनी व्यवसायिक सफलता के लिए कौन-कौन से तरीके अपनाते हैं? टी.वी. कार्यक्रमों का वर्णन कीजिए।
Ans:टी.वी. के निजी चैनल अपनी व्यवसायिक सफलता के लिए कई बार ऐसे कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं जिनसे सनसनी फैलती है। वे रहस्य को और गहरा करते हैं। कार्यक्रम को कई किश्तों में दिखाते हैं ताकि दर्शकों की उत्सुकता निरंतर बढ़ती चली जाए। चटपटे कार्यक्रम परोसकर वे अपनी रेटिंग बढ़ाते हैं। पिछले दिनों ‘ स्टिंग ऑपरेशन ‘ द्वारा भी कई पर्दे के पीछे छिपे सभ्य ‘कृत्यों’ का भंड़ाफोड किया गया। अधिकांश टी .वी. चैनल कोई – न – कोई रहस्यात्मक कार्यक्रम दिखाने के चक्कर में रहते हैं। चैनल 7, आज तक, स्टार टी.वी. तथा ज़ी चैनल पर ऐसे कई कार्यक्रम दिखाए गए।
Q.3.इंटरनेट पत्रकारिता में सूचनाओं को तत्काल उपलब्ध कराया जाता है, परंतु इसके साथ ही उसके कुछ दुष्परिणाम भी हैं। स्पष्ट कीजिए।
Ans:यह सही है कि इंटरनेट पत्रकारिता में सूचनाएं तत्काल उपलब्ध हो जाती है। इसके साथ-साथ इसके कुछ दुष्परिणाम भी हैं। जैसे – यह अश्लीलता, दुष्प्रचार और गंदगी फैलाने का जरिया भी है। इसके माध्यम से अश्लील बातों तथा चित्रों को आसानी से प्रचारित किया जा सकता है।
Q.4.श्रोताओं या पाठकों को बांधकर रखने की दृष्टि से प्रिंट माध्यम, रेडियो और टी.वी. में से सबसे सशक्त माध्यम कौन है? वर्णन करें।
Ans:श्रोताओं या पाठकों को बांधकर रखने की दृष्टि से टी.वी. माध्यम सबसे सशक्त माध्यम है। जो निम्नलिखित हैं-
- टी. वी. मध्यम के पक्ष में –
- (a) इसमें समाचार सचित्र होते हैं जो अधिक प्रामाणिक एवं तथ्यपरक होते हैं।
- (b) इसमें कम समय में अधिक बातें बताई जा सकती है।
- (c) इसमें अनपढ़ दर्शक / श्रोता भी समाचार देख – सुन सकते हैं।
- (d) टी.वी. का प्रयोग करने वालों की संख्या निरंतर बढ़ रही है।
- (e) इस माध्यम से समाचार दिन भर नये – नये रूप में मिलते रहते हैं।
- टी.वी. माध्यम के विपक्ष में –
- (a) इस माध्यम का लाभ वही लोग उठा सकते हैं जहां विद्युत की आपूर्ति निर्बाध रूप से होती है।
- (b) टी.वी. का रंगीन पर्दा आपत्तिजनक चित्रों व भाव – भंगिमाओं का साकार कर दृश्य प्रस्तुत कर अश्लीलता एवं चरित्रहीनता को बढ़ावा दे रहा है।
- (c) मूल्यवान समय की बर्बादी इसका एक अत्यंत हानिकारक प्रभाव है।
Q.5.श्रव्य – दृश्य माध्यम से क्या अभिप्राय है?
Ans:वह माध्यम जो देखने और सुनने की सुविधाओं को संचालित करता है, श्रव्य – दृश्य माध्यम कहलाता है। इसमें कंप्यूटर, टेलीविजन आदि को सम्मिलित किया जाता है। इनके द्वारा दैनिक घटनाओं की जानकारी, मौसम की जानकारी, स्थानीय राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं युद्ध राजनीति और प्राकृतिक विपदाओं के संबंध में जानकारी तुरंत उपलब्ध हो जाती है। संचार के ये माध्यम लोगों को एक – दूसरे के निकट लाते हैं।
Q.6.उपग्रह संचार के विषय से क्या तात्पर्य हैं?
Ans:उपग्रह संचार के द्वारा विभिन्न माध्यमों के बीच संसार के किसी भी क्षेत्र में संचार एवं संबंध स्थापित किये जा सकते हैं। सूचना प्रौद्योगिकी में परिवर्तन के फलस्वरुप दूरसंचार, टेलीविजन और कंप्यूटर, टेलीफोन तथा अन्य उपकरणों का संबंध उपग्रह के साथ स्थापित करके संसार के कोने-कोने से सूचनाएं प्राप्त की जाती है। सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में यह एक बड़ा कदम है।
Q.7.जन संचार का क्या अर्थ है?
Ans: जन का अर्थ है – सामान्य नागरिक और संचार का अर्थ है – फैलाव, अर्थात जन संचार में लोगों तक सूचना भेजना जन संचार कहलाता है।
Q.8.भारत में परंपरागत सूचना स्रोत – कौन से थे ?
Ans:जब टेलीविजन अथवा इंटरनेट जैसी सुविधाएं उपलब्ध नहीं थी लोग पारस्परिक संवाद के द्वारा सूचनाएं प्राप्त करते थे। इन स्रोतों में धार्मिक उपदेशक, मानव संवादवाहक, व्यापारी यात्री तथा दूसरे परंपरागत माध्यम प्रमुख थे। संचार के नये साधन उपलब्ध हो जाने से परंपरागत सूचना स्रोतो की लोकप्रियता कम हुई है।
Q.9.जन संवाद से क्या तात्पर्य है?
Ans:जन संवाद वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से सूचनाएं बहुत – से लोगों तक पहुंचाई जाती है।
Q.10.मनोरंजन क्रांति से क्या तात्पर्य है?
Ans: सूचना प्रौद्योगिकी में क्रांति के फलस्वरूप मनोरंजन के क्षेत्र में क्रांति हुई है। आज दूरदर्शन, कंप्यूटर, टेलीफोन एक साथ मिल गए हैं। इंटरनेट के माध्यम से आज हम सारे संसार से जुड़ गए हैं।
Q.11.जनसंचार के तीन प्रमुख साधन कौन – से हैं?
Ans:जनसंचार के तीन माध्यम है –
- मुद्रित संचार,
- विद्युत संचार,
- श्रव्य – दृश्य संचार।
Q.12.संचार साधन मनोरंजन के क्षेत्र में किस प्रकार सहायक है?
Ans:समाचार – पत्र और पत्रिकाएं मनोरंजन के क्षेत्र में उपयोगी भूमिका निभाते हैं। इनमें प्रकाशित कहानियां, किस्से, कविताएं, बालोपयोगी साहित्य न केवल मनोरंजन करता है, बल्कि ज्ञान वृद्धि में भी सहायता करता है। टेलीविजन से हास्य व्यंग्य के सीरियल, फिल्मे, ज्ञानवर्धक चर्चाएं और खेलो का आनंद लिया जा सकता है।
Q.13.जन संचार क्या है? इसके प्रमुख तीन साधन कौन – से हैं?
Ans:सार्वजनिक संदेश के उत्पादन और प्रसारण के संगठित स्वरूप को जन संचार कहा जाता है जिसके अंतर्गत टेलीविजन, रेडियो, फिल्म, समाचार – पत्र तथा पत्रिकाएं सम्मिलित है। संचार के इन साधनों को तीन प्रमुख श्रेणियों में विभक्त किया जाता है –
- मुद्रित संचार,
- विद्युत संचार,
- श्रव्य दृश्य संचार।
Q.14.प्रेस किस प्रकार सृजनात्मक क्रियाएं करते हैं?
Ans:प्रेस और अन्य संचार माध्यम जब पर्यावरण प्रदूषण, मानवाधिकार, मद्य – निषेध, परिवार नियोजन, सूखा, बाढ़, भूकंप आदि के विषय में लोगों को जागृत करते हैं तो वे सृजनात्मक कार्य करते हैं। समाज के उपेक्षित वर्गों के उनके अधिकार दिलाने में उनका विशेष योगदान है।
Q.15.जन संचार और जन संवाद में क्या अंतर है?
Ans:प्राय: जन संचार और जन संवाद शब्दों का प्रयोग साथ – साथ किया जाता है। कुछ विद्वानों ने इनमें अंतर किया है। जन संवाद वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा सूचना काफी लोगों तक पहुंचाई जाती है। जन संचार इन सूचनाओं को पहुंचाने का साधन है। संदेश और सूचना को भेजने वालो से श्रोताओं तक हस्तांतरण की प्रक्रिया जन संवाद कहलाती है। यह कार्य जन संचार की तकनीकी फिल्मों, कंप्यूटर आदि के द्वारा किया जाता है।
sociology class 12 chapter 7: लघु स्तरीय प्रश्न तथा उत्तर
Q.16.संचार माध्यमों का क्या कार्य है?
Ans: संचार माध्यम लोगों तक दैनिक घटनाओं की सूचना पहुंचाते हैं इनमें सभी वस्तुओं का समावेश होता है चाहे वे मौसम की जानकारी हो स्थानीय राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाएं राजनीति युद्ध या प्राकृतिक विपदा इन सभी घटनाओं की जानकारी संचार माध्यमों द्वारा होती है। संचार का दूसरा महत्वपूर्ण कार्य मनोरंजन करना है अधिकतर स्थानीय टेलीविजन चैनल लोगों का पर्याप्त मनोरंजन करते हैं बच्चों के समाजीकरण में भी संचार साधनों का महत्वपूर्ण योगदान है संगीत खेलकूद आदि से नए विचार और व्यवहार सीखने को मिलते हैं। संचार माध्यमों द्वारा प्रसारित विचारों और विश्वास हो मनोज नीतियों और मूल्यों का तरुण शीघ्रता से ग्रहण कर लेते हैं। सांस्कृतिक निरंतरता को बनाए रखने में संचार साधन हमारे सहायता करते हैं।
Q.17.संचार साधनों के नकारात्मक प्रभाव का वर्णन करें।
Ans: संचार साधनों के नकारात्मक प्रभाव
- जनसंचार व्यक्तिगत रुचियों को नष्ट कर सांस्कृतिक एकरूपता की ओर अग्रसर करता है
- जनसंचार निष्क्रियता उत्पन्न करता है और जीवन के गंभीर वस्तुओं से ध्यान हटाता है
- जनसंचार पलायन वाद को बढ़ाता है
- जनसंचार सामग्रियों को बेचने के लिए विज्ञापनों में महिलाओं का इस्तेमाल करता है
- जनसंचार वास्तविकता की गलत तस्वीर प्रस्तुत करता है
Q.18.भारत में मुद्रित संचार माध्यम की प्रगति का वर्णन करें।
Ans:मुद्रित संचार के अंतर्गत विभिन्न समाचार – पत्र और पत्रिकाएं शामिल है। भारत में समाचार – पत्रों के रजिस्ट्रार की वर्ष 2002 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार भारत में प्रकाशित होने वाले समाचार – पत्रों और पत्रिकाओं की कुल संख्या 49145 थी। इनमें दैनिक 5364, अर्द्ध सप्ताहिक 339, सप्ताहिक 17749, पाक्षिक 6553, मासिक 13616 पत्र थे। 101 बोलियों और भाषाओं में समाचार – पत्रों का प्रकाशन हुआ। सबसे अधिक समाचार – पत्र हिंदी (19685) में और इसके बाद अंग्रेजी (7175) और उर्दू ( 2848) में प्रकाशित हुए। देश में समाचार – पत्रों का प्रकाशन सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से किया जाता है। मुंबई से प्रकाशित होने वाला समाचार – पत्र ‘ बांबे समाचार ‘ भारत का सबसे पुराना समाचार पत्र है। 1956 में समाचार पत्रों के अखबारी कागज के आबंटन के लिए ‘द रजिस्ट्रार ऑफ न्यूजपेपर्स इन इंडिया’ की स्थापना की गई। समाचार – पत्रों और पत्रिकाओं को समाचार एकत्र करने और पहुंचाने के लिए जेप्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया’ और ‘ यूनाइटेड न्यूज़ ऑफ इंडिया’ जैसी इकाइयों की स्थापना की गई। प्रेस की स्वतंत्रता को सुरक्षित रखने और समाचार – पत्रों और समाचार एजेंसियों के स्तर को सुधारने के लिए ‘प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया’ की स्थापना की गई। सरकार सूचनाओं के प्रसार के लिए प्रेस सूचना ब्यूरो तथा प्रकाशन विभाग बनाए हुए हैं।
Q.19.भारत में विद्युत संचार में प्रमुख दो साधनों का वर्णन करे।
Ans:रेडियो और टेलीविजन भारत में विद्युत संचार के दो प्रमुख साधन है।
- आकाशवाणी – भारत में 1927 से ही निजी स्वामित्व वाले ट्रांसमीटरो द्वारा प्रसारण आरंभ कर दिया गया था। 1930 में सरकार ने इन ट्रांसमीटर को अपने हाथ में ले लिया और इंडियन ब्रांडकोस्टिंग सर्विस के नाम से प्रसारण किया जाने लगा। 1957 से यह आकाशवाणी के नाम से जाना गया। वर्तमान में भारत में आकाशवाणी के 208 रेडियो स्टेशन है। राष्ट्रीय स्तर पर भारत में प्रसारण सेवा का विस्तार क्षेत्र की दृष्टि से 90.6 प्रतिशत और जनसंख्या की दृष्टि से ना 98.8 प्रतिशत हो चुका है।
- दूरदर्शन – भारत में टेलीविजन संचार के सबसे स्थलीय नेटवर्को में से एक है। भारत में 15 दिसंबर, 1959 को दिल्ली में टेलीविजन का प्रारंभ हुआ। हिंदी में समाचार बुलेटिन के साथ नियमित सेवा का प्रारंभ 15 अगस्त, 1965 को हुआ था। इसके बाद मुंबई, श्रीनगर और अमृतसर, कोलकाता, चेन्नई और लखनऊ में टेलीविजन केंद्र स्थापित किये गये। अब दूरदर्शन केंद्रो द्वारा अलग-अलग भाषाओं में शैक्षणिक टेलीविजन कार्यक्रम प्रसारित होते हैं। अब दूरदर्शन का एक विशेष शैक्षिक चैनल प्रारंभ किया गया है। इसके अतिरिक्त अब देश में 100 से अधिक निजी टी.वी. चैनल और केवल नेटवर्क है जो विभिन्न भाषाओं में कार्यक्रम प्रसारित करते हैं।
Q.20.भारत में श्रव्य – दृश्य संचार साधन के रूप में चलचित्रों के विकास को स्पष्ट करें।
Ans:भारत में संचार के माध्यमों में चलचित्र सबसे लोकप्रिय साधन है। भारत में सन 1912 – 13 से ही फिल्में बनाई जा रही है। सन् 1912 में सर्वप्रथम पुंडलिक फिल्म बनाई गई। गोविंद फालके ने वर्ष 1913 में राजा हरिश्चंद्र नाम का एक फिल्म बनाई। 1931 में मूक फिल्मों के स्थान पर बोलती फिल्में बनाई गई। पहली बोलती फिल्म आदेशीर ईरानी ने ‘आलम’ प्रस्तुत की। फीचर फिल्म के वार्षिक उत्पादन में भारत संसार में अग्रणी देश है। भारत में फिल्मों का प्रदर्शन सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन के प्रमाण – पत्र के बाद ही किया जा सकता है। वर्ष 2000 के दौरान 855 भारतीय फिल्मों और 252 विदेशी फीचर फिल्मों को प्रमाणित किया गया था। इसके अतिरिक्त 2071 अन्य छोटी-बड़ी फिल्मो को भी प्रमाण – पत्र दिया गया। भारत सरकार ने वर्ष 1948 में स्वतंत्र भारत की उपलब्धियों को अंकित करने के लिए फिल्म डिवीजन की स्थापना की। फिल्म डिवीजन आज समाचार पत्रिकाओं और वृत्तचित्रों के उत्पादन और विवरण की सबसे बड़ी राष्ट्रीय एजेंसी है।
Q.21.संचार किस प्रकार समाज में विकास एवं परिवर्तन लाने में सहायक होता है? स्पष्ट करे।
Ans: विकास और परिवर्तन में सूचना एक महत्वपूर्ण कारक है। जन संचार के द्वारा नये विचारों का प्रसारण परिवर्तन के लिए उपयुक्त वातावरण तैयार करता है। मनोवृति और मूल्यों में परिवर्तन लाने के अतिरिक्त सूचना, नवीन कौशल और तकनीक का ज्ञान भी प्रदान करती है। सूचना लोगों के मानसिक ज्ञान की सीमा के विस्तार में सहायता पहुंचाती है। समाचार – पत्र आज सही अर्थ में जन माध्यम बन गए हैं। टेलीविजन भी मनोरंजन और सूचना के प्रसारण का सामान्य स्रोत बन चुका है। सूचनाओं में परिवर्तन की प्रक्रिया को तेज किया है। नये विचारों, स्थानों और पदार्थों के विषय में अब लोग अधिक जानने लगे हैं। सूचना के विभिन्न माध्यमों से सांस्कृतिक परिवर्तन का सूत्रपात हो रहा है। सूचना के आधुनिक माध्यमो ने नई सांस्कृतिक चुनौतियों को भी जन्म दिया है। अब पारंपरिक सामूहिक गतिविधियां तेज हो रही है।
Q.22.प्रिंट मीडिया एवं ऑडियो विजुअल मीडियो (श्रव्य – दृश्य माध्यम) के बीच अंतर लिखिए।
Ans:सूचना और शिक्षा के द्वारा जनता के बीच ज्ञान के प्रसार में जन – संचार की महत्वपूर्ण भूमिका है। देश में मुद्रित और श्रव्य – दृश्य माध्यमों का विकास हुआ है।
- मुद्रित संचार माध्यम – मुद्रित संचार माध्यमों के विभिन्न प्रकार के समाचार – पत्र और पत्रिकाएं शामिल है। भारत में समाचार – पत्रों के रजिस्ट्रार की वर्ष 2000 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार भारत में समाचार – पत्रों और पत्रिकाओं की कुल संख्या 49145 थी।
- श्रव्य – दृश्य संचार – भारत में जन संचार का सबसे लोकप्रिय माध्यम फिल्में रही है। भारत में 1912 – 13 से ही फिल्में बनाई जा रही है। फीचर फिल्मों के उत्पादन में भारत संसार के अग्रणी देशों में से है। फिल्मों के माध्यम से व्यक्ति परदे पर एक साथ देख और सुन सकता है। नई चीजों और स्थानों के विषय में अब लोग पहले से अधिक जानने लगे हैं। सांस्कृतिक परिवर्तन का सूत्रपात हो रहा है। सूचना के आधुनिक माध्यमों के विस्तार ने कई सांस्कृतिक चुनौतियों को जन्म दिया है। अब इसके माध्यम से अपनी संस्कृति की पहचान बनाने में सहायता मिल रही है और साथ ही अन्य संस्कृतियों की जानकारी भी प्राप्त होती है।
Q.23.मनोरंजन क्रांति से क्या अभिप्राय है?
Ans:मनोरंजन संचार का अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य है। लोग न केवल फिल्मो में मनोरंजन करते हैं बल्कि संचार द्वारा दी गई सूचनाओं से भी मनोरंजन करते हैं। स्थानीय समाचार कार्यक्रम हिंसक, अपराधों तथा खेलकूद विषयों का विवरण देकर लोगों को सूचनाएं तो देते हैं साथ ही उनका मनोरंजन भी करते हैं। टेलीविजन के चैनल लोगों का संगीत नृत्य, खेलकूद अभिनय आदि के द्वारा भरपूर मनोरंजन करते हैं। टेलीविजन अकेला ही दृश्य और श्रव्य मनोरंजन का सबसे बड़ा साधन बन गया है। संसार के विभिन्न क्षेत्रों में घटने वाली घटनाओं को टेलीविजन उसी समय हमें दिखा देता है जब वह घटित हो रही है। अब सामान्य व्यक्ति भी संसार के विभिन्न भागों में घटित सूचनाओं से अपना मनोरंजन करने में समर्थ है।
sociology class 12 chapter 7: दीर्घ स्तरीय प्रश्न तथा उत्तर
Q.24.विभिन्न जनसंचार माध्यमों- रेडियो, टेलीविजन, इंटरनेट से जुड़ी खूबियों और खामियों को लिखते हुए एक तालिका तैयार करें।
Ans:प्रिंट मीडिया
खूबियां | खामियां |
छपे हुए शब्दों में स्थायित्व | समाचारों की समय सीमा |
संदर्भ की तरह प्रयोग करना | स्पेस का ध्यान रखना पड़ता है |
मनमर्जी से पढ़ना | अनपढ़ों के लिए बेकार |
रेडियो
खूबियां | खामियां |
शब्द का माध्यम | एक रेखिए माध्यम है |
अनपढ़ भी सुन सकते हैं | टी.वी. की तुलना में कम आकर्षक |
टेलीविजन
खूबियां | खामियां |
दृश्य श्रव्य माध्यम | कई बार छोटी बात को बहुत उछाल दिया जाता है |
अधिक सटीक तथा प्रमाणिक | किसी की छवि बिगाड़ सकता है |
इंटरनेट
खूबियां | खामियां |
चौबीसों घंटे समाचार तथा सूचनाएं | दुष्प्रचार |
बहुत तेज माध्यम | गंदगी फैलाने का माध्यम |
Q.25.समाचार – पत्र उद्योग में जो परिवर्तन हो रहे हैं, उनका वर्णन करें।
Ans: समाचार – पत्र : स्वतंत्रता आंदोलन के प्रसार के लिए समाचार – पत्र और पत्रिकाएं बहुत महत्वपूर्ण थे। किंतु भारत में समाचार – पत्रों के प्रसार को बढ़ते हुए देख रहे हैं। नई प्रौद्योगिकियों ने समाचार – पत्रों के उत्पादन और प्रसार को बढ़ावा देने में सहायता की है। बड़ी संख्या में चमकदार पत्रिकाएं भी बाजार में आ गई है। स्पष्ट है कि भारतीय भाषाओं के समाचार – पत्रों की इस आश्चर्यजनक वृद्धि के अनेक कारण हैं। पहला, ऐसे साक्षर लोगों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है जो शहरों में प्रवसन कर रहे हैं। 2003 में हिंदी दैनिक ‘ हिंदुस्तान ‘ के दिल्ली संस्करण की 64,000 प्रतियां छपती थी जो 2005 तक बढ़कर 4,25,000 हो गई। इसका कारण यह था कि दिल्ली की एक करोड़ सैंतालीस लाख जनसंख्या में से 52% लोग उत्तर प्रदेश और बिहार के हिंदी भाषी क्षेत्रों से आए हुए हैं। इनमें से 47% लोगों की पृष्ठभूमि ग्रामीण है और उनमें से 60% लोग 40 वर्ष से कम आयु के हैं। दूसरा, छोटे कस्बों और गांवों में पाठकों की आवश्यकताएं शहरी पाठकों से अलग होती है और भारतीय भाषाओं के समाचार – पत्र उन आवश्यकताओं को पूर्ण करते हैं। ‘ मलयाली मनोरमा ‘ और ‘ ईनाडु ‘ जैसे भारतीय भाषाओं के प्रमुख पत्रों ने स्थानीय समाचारों की संकल्पना को एक महत्वपूर्ण रीति से जिला संस्करणों और आवश्यकतानुसार ब्लाक संस्करणों के माध्यम से प्रारंभ किया। एक अन्य अग्रणी तमिल ‘ दिन तन्ती ‘ ने हमेशा सरल बोलचाल की भाषा का प्रयोग किया है। भारतीय भाषाओं के समाचार – पत्रों ने उन्नत मुद्रण प्रौद्योगिकियों को अपनाया और परिशिष्ट, अनुपूरक अंक, साहित्यिक पुस्तिकाएं प्रकाशित करने का प्रयत्न किया। ‘ दैनिक भास्कर ‘ समूह की संमृद्धि का कारण उनके द्वारा अपनाई गई अनेक विपणन संबंधी रणनीतियां हैं, जिनके अंतर्गत वे उपभोक्ता संपर्क कार्यक्रम, घर-घर जाकर सर्वेक्षण और अनुसंधान जैसे कार्य करते हैं।
Q.26.टेलीविजन के माध्यम में जो परिवर्तन होते रहे हैं उसे स्पष्ट करें।
Ans: टेलीविजन – आज टेलीविजन जनसंचार और मनोरंजन का सबसे लोकप्रिय और सशक्त माध्यम बन गया है। यह दृश्य – श्रव्य माध्यम है और इसकी विश्वसनीयता सर्वाधिक है। 1927 में ‘बैल टेलीफोन लैबोरेट्रीज’ ने न्यूयाक और वॉशिंगटन के बीच प्रायोगिक टेलीविजन कार्यक्रम का प्रसारण किया। 1936 में BBC ने अपनी टेलीविजन सेवा शुरू की। भारत में टेलीविजन की शुरुआत यूनेस्को की एक शैक्षिक परियोजना के तहत 15 सितंबर, 1959 को हुई थी। इसके तहत दिल्ली के आसपास के गांवों में दो टी.वी. सेट लगाए गए जिन्हें 200 लोगों ने देखा। 15 अगस्त, 1965 में भारत में विधिवत टी.वी. सेवा का आरंभ हुआ। 1975 तक दिल्ली, मुंबई, श्रीनगर, अमृतसर, कोलकाता, चेन्नई, लखनऊ में टी.वी. सेंटर खोल गए। अप्रैल, 1976 से इसे आकाशवाणी से अलग कर दूरदर्शण नाम दिया गया। 1984 में इसकी ‘रजत जयंती’ मनाई गई। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के बढ़ते प्रभाव से आशंका व्यक्त की जा रही थी कि समाचार – पत्र उद्योग के लिए अब शायद संक्रमण काल शुरू हो गया है। किंतु इस उद्योग से जुड़े जुझारू व मेहनतकश लोगों ने इसकी लोकप्रियता को कायम रखा। उद्योग ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की चुनौतियों को स्वीकार करते हुए अनेक नव – परिवर्तन किए जो पाठकों को बांधने में सफल रहे। दूरदर्शन ने सूचना, शिक्षा और मनोरंजन के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है। पहले इस पर सरकारी नियंत्रण था। अतः यह अपनी निष्पक्ष छवि नहीं बना पाया था। अब इसकी छवि में पर्याप्त सुधार हुआ है। 1991 में खाड़ी युद्ध के दौरान दुनिया भर के लोगों ने युद्ध का सीधा प्रसारण देखा। भारत में करीब दो दशक तक लोग दूरदर्शन के एकमात्र चैनल का आनंद लेते हैं। कोई विकल्प उपलब्ध न रहने के कारण शुरुआती कार्यक्रम बहुत लोकप्रिय हुए। इसके बाद भारत में टी.वी. की दुनिया में निजी चैनलों के शुरुआत हुई। पहले विदेशी चैनलों के प्रसारण की अनुमति मिली। जल्दी ही स्टार जैसे टी .वी. चैनलों ने अपने भारत केंद्रीय समाचार चैनल प्रारंभ कर दिए। भारत में टेलीविजन का असली विस्तार तब हुआ जब यहां देशी चैनलों की बाढ़ आने लगी। अक्टूबर, 1993 में जी टी .वी. और स्टार टी.वी. के बीच समझौता हुआ। इसके बाद समाचार के क्षेत्र में जी न्यूज़ और स्टार न्यूज़ चैनल आ गए। सन् 2002 में ‘आज तक’ का स्वतंत्र चैनल आया। इसके बाद समाचार चैनलों की बाढ़ आ गई। आज पूरे भारत में 200 से अधिक चैनल प्रसारित हो रहे हैं। रोज नये – नये चैनल आ रहे हैं।
Q.27.संचार माध्यमों का समाचार पर प्रभाव बताइए।
Ans: सार्वजनिक संदेश के उत्पादन और प्रसारण के संगठित स्वरूप को जन – संचार कहा जाता है जिनके अंतर्गत टेलीविजन, रेडियो, फिल्म, समाचार – पत्र तथा पत्रिकाएं सम्मिलित है। संचार माध्यम लोगों तक दैनिक घटनाओं की सूचना पहुंचाते हैं इनमें सभी वस्तुओं का समावेश होता है, चाहे मौसम की जानकारी हो या राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाएं। जन – संचार के माध्यम हमें सारे संसार की घटनाओं की जानकारी देते हैं। संचार माध्यम मनोरंजन के प्रभावशाली साधन है। लोग फिल्मों से तो मनोरंजन करते ही करते हैं। बल्कि जन संचार द्वारा दी गई सूचना से भी अपना मनोरंजन करते हैं अधिकतर टेलीविजन चैनल लोगों का मनोरंजन भी करते हैं और लाभ भी कमाते हैं। हम जानते हैं कि परिवार और विद्यालय बच्चों के समाजीकरण के प्रमुख साधन है। फिर भी जन संचार के विकास के कारण बच्चों पर संचार व्यवस्था का काफी सक्रिय प्रभाव पड़ रहा है। संगीतकार नर्तक, खिलाड़ी अभिनेता, अभिनेत्रियां सभी तरुणो को नए विचार प्रदान करते हैं। उनके मूल्यों विश्वासों और मनोवृत्तियों को प्रभावित करते हैं। टेलीविजन धनवाद होने की मानवीय इच्छा को तृप्त करता है। कामुक इच्छाओं की संतुष्टि का प्रबंध करता है। टेलीविजन हमारा ध्यान यथार्थ जीवन से हटता है और सोचने की क्षमता में कमी लाता है।
Q.28.संचार के माध्यमों से सांस्कृतिक परिवर्तन किस तरह होता है?
Ans:विकास और परिवर्तन में सूचना एक महत्वपूर्ण कारक है। जन – संचार के द्वारा नये विचारों का प्रसारण परिवर्तन के लिए उपयुक्त वातावरण तैयार करता है। मनोवृति और मूल्यो में बदलाव लाने के लिए अतिरिक्त सूचना, नवीन कौशल और तकनीक का ज्ञान भी प्रदान करती है। सूचना लोगों के मानसिक ज्ञान की सीमा के विस्तार में भी सहायता पहुंचाती है। लोगों की आकांक्षाओं के स्तर को ऊंचा उठाने में भी इसका उपयोग होता है। मुद्रित सामग्री का महत्व नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। समाचार – पत्र अब नगरों और ग्रामों में समान रूप से लोकप्रिय है। आज समाचार – पत्र जन – माध्यम बन गए हैं। टेलीविजन भी सूचना के प्रसारण में बहुत अधिक योगदान देता है। जन – संचार की बढ़ती लोकप्रियता ने लोगों के जीवन में क्रांति ला दी है। सूचना विविध प्रकार के परिवर्तन की प्रक्रिया को तेज करती है। संस्कृति में अब कई नये तत्व शामिल हो रहे हैं। संचार के विभिन्न माध्यमों से सांस्कृतिक परिवर्तन हो रहे हैं। इससे सांस्कृतिक चुनौतियों को भी जन्म मिल रहा है। अपनी सांस्कृतिक अस्मिता को लोग पहचानने लगे हैं। परंपरागत सामूहिक गतिविधियां पुनः मजबूत हुई है। लोक सांस्कृति संस्थाएं नई सांस्कृतिक परंपराओं के साथ जोड़ रही है। इसे समाजशास्त्रियों ने भारतवासियों का सांस्कृतिक लचीलापन कहा है।