सुमेर सभ्यता: History Honours Notes BBMKU

सुमेर सभ्यता (Sumerian Civilization) मानव इतिहास की सबसे पुरानी ज्ञात सभ्यताओं में से एक है, जिसका उदय लगभग 4500 ईसा पूर्व हुआ और यह सभ्यता मुख्यतः आज के इराक क्षेत्र में स्थित थी। यह सभ्यता दक्षिणी मेसोपोटामिया के क्षेत्र में विकसित हुई, जो अपने समय का सबसे उन्नत और समृद्ध क्षेत्र था। सुमेरियन सभ्यता ने मानव इतिहास में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए, जिनमें लेखन की शुरुआत, शहरीकरण, कानून और प्रशासनिक प्रणालियों का विकास शामिल है।

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1. सुमेर सभ्यता की उत्पत्ति और भूगोल

सुमेर सभ्यता का उदय मेसोपोटामिया क्षेत्र में हुआ, जो आज के इराक में स्थित है। यह क्षेत्र दजला और फ़रात नदियों के बीच स्थित था, जिसे “दो नदियों के बीच की भूमि” कहा जाता था। यहाँ की उर्वर भूमि ने कृषि के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ प्रदान कीं, जिससे स्थायी बस्तियों का विकास हुआ। सुमेर के प्रमुख शहर-राज्य उर, उरुक, लागाश, किष, और निप्पुर थे। ये शहर-राज्य स्वतंत्र होते हुए भी एक दूसरे के साथ सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से जुड़े हुए थे।

2. शहरीकरण और प्रशासनिक व्यवस्था

सुमेर सभ्यता की सबसे महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक शहरीकरण था। यहाँ के शहर-राज्य उच्च स्तर के शहरीकरण के उदाहरण थे, जिनमें नियोजित बस्तियाँ, व्यापक सड़कें, और जल निकासी प्रणाली शामिल थीं। सुमेरियन समाज में सामाजिक विभाजन स्पष्ट था, जिसमें राजा, पुजारी, सैनिक, कारीगर, व्यापारी, और किसान शामिल थे। राजा को ‘लुगल’ कहा जाता था, जिसका अर्थ है ‘महान व्यक्ति।’ राजा के पास धार्मिक और राजनीतिक शक्तियाँ होती थीं, और वह अपने शहर-राज्य के सुरक्षा और न्याय के लिए उत्तरदायी होता था।

सुमेर में प्रशासनिक व्यवस्था उन्नत थी। यहाँ लेखांकन और दस्तावेज़ों का महत्व था, जो प्रशासनिक नियंत्रण और व्यापार के लिए आवश्यक थे। सुमेरियन लेखन प्रणाली को क्यूनिफॉर्म (Cuneiform) कहा जाता है, जो दुनिया की पहली ज्ञात लेखन प्रणाली मानी जाती है। क्यूनिफॉर्म का उपयोग व्यावसायिक लेन-देन, कानूनी दस्तावेज़, और धार्मिक ग्रंथों को लिखने के लिए किया जाता था।

3. कृषि और अर्थव्यवस्था

सुमेर की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि पर आधारित थी। दजला और फ़रात नदियों के द्वारा प्रदान किए गए पानी का उपयोग सिंचाई के लिए किया जाता था, जिससे खेती की उत्पादकता में वृद्धि हुई। मुख्य फसलें जौ, गेहूं, और खजूर थीं। इसके अलावा, पशुपालन, मछली पकड़ना, और शिकार भी आर्थिक गतिविधियों का हिस्सा थे। सुमेरियन व्यापारिक नेटवर्क व्यापक था, जिसमें इराक के बाहर भी व्यापारिक संबंध थे। व्यापार के लिए वे नौकाओं और गाड़ियों का उपयोग करते थे।

4. सुमेरियन समाज और संस्कृति

सुमेरियन समाज एक जटिल और संरचित समाज था। समाज में उच्च वर्ग, मध्यम वर्ग, और निम्न वर्ग के बीच स्पष्ट विभाजन था। उच्च वर्ग में राजा, पुजारी, और कुलीन वर्ग शामिल थे, जबकि मध्यम वर्ग में व्यापारी, कारीगर, और छोटे किसान आते थे। निम्न वर्ग में मजदूर और दास आते थे।

सुमेरियन समाज में महिलाओं की स्थिति भी महत्वपूर्ण थी। महिलाओं को संपत्ति रखने और व्यापार करने का अधिकार था, लेकिन उन्हें समाज में समानता नहीं मिलती थी। सुमेरियन समाज में पारिवारिक संरचना मजबूत थी, और विवाह को महत्वपूर्ण सामाजिक अनुबंध माना जाता था।

5. धर्म और विश्वास प्रणाली

सुमेरियन धर्म बहुदेववादी था, जिसमें कई देवताओं की पूजा की जाती थी। प्रत्येक देवता का एक विशेष क्षेत्र से संबंध होता था, जैसे कि अन (स्वर्ग का देवता), एनकी (पानी और बुद्धि का देवता), एनलिल (हवा और आकाश का देवता), और इनन्ना (प्रेम और युद्ध की देवी)। सुमेरियन मंदिरों को ‘जिग्गुराट’ कहा जाता था, जो बहु-मंज़िला संरचनाएँ होती थीं और इन्हें देवताओं के निवास स्थान माना जाता था।

धर्म सुमेरियन समाज के हर पहलू में गहराई से जुड़ा हुआ था, चाहे वह राजनीतिक हो या सामाजिक। राजा को देवताओं का प्रतिनिधि माना जाता था, और उसे देवताओं के आदेशों का पालन करना होता था। सुमेरियन धर्म के ग्रंथों में मिथक, अनुष्ठान, और प्रार्थनाएँ शामिल थीं, जो आज भी शोध का महत्वपूर्ण विषय हैं।

6. विज्ञान और तकनीक

सुमेरियन सभ्यता ने विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने गणित, ज्यामिति, और खगोल विज्ञान में उन्नत ज्ञान प्राप्त किया। सुमेरियन ने 60 के आधार पर गणितीय प्रणाली विकसित की, जिसे आज भी समय और कोण मापने के लिए उपयोग किया जाता है। उन्होंने धातुकर्म, भवन निर्माण, और कृषि तकनीकों में भी महत्वपूर्ण प्रगति की।

सुमेरियन ने चिकित्सा के क्षेत्र में भी योगदान दिया। उन्होंने विभिन्न रोगों के उपचार के लिए औषधियाँ तैयार कीं और चिकित्सा ग्रंथ लिखे। सुमेरियन चिकित्सा ग्रंथों में जड़ी-बूटियों और अन्य प्राकृतिक उपचारों का विवरण मिलता है।

7. साहित्य और कला

सुमेरियन सभ्यता का साहित्यिक और कलात्मक योगदान अत्यधिक महत्वपूर्ण है। सुमेरियन साहित्य में महाकाव्य, मिथक, और धार्मिक ग्रंथ शामिल हैं। ‘गिलगमेश महाकाव्य’ (Epic of Gilgamesh) सुमेरियन साहित्य का सबसे प्रसिद्ध उदाहरण है, जो मानव इतिहास का सबसे पुराना महाकाव्य माना जाता है। इसमें गिलगमेश नामक राजा के साहसिक कारनामों और जीवन के अर्थ की खोज का वर्णन किया गया है।

सुमेरियन कला में मूर्तिकला, चित्रकला, और वास्तुकला शामिल हैं। सुमेरियन मूर्तियों में मानव आकृतियों का अद्वितीय चित्रण किया गया है, जिसमें उनकी आँखों को बड़ा और प्रमुख दिखाया गया है। सुमेरियन वास्तुकला के उत्कृष्ट उदाहरणों में जिग्गुराट और मंदिर शामिल हैं, जो धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के स्थल थे।

8. सुमेरियन कानून और न्याय

सुमेरियन सभ्यता में कानून और न्याय की व्यवस्था अत्यधिक विकसित थी। ‘उर-नम्मू का कोड’ (Code of Ur-Nammu) दुनिया का सबसे पुराना ज्ञात कानूनी संहिता है, जिसे उर के राजा उर-नम्मू ने 2100-2050 ईसा पूर्व के बीच लिखा था। इस कानूनी संहिता में अपराधों के लिए सजा, संपत्ति के अधिकार, विवाह, और व्यापार से संबंधित नियम शामिल थे।

सुमेरियन न्याय प्रणाली में न्यायाधीश और गवाहों की भूमिका महत्वपूर्ण थी। अपराध और विवादों को सुलझाने के लिए न्यायालयों का आयोजन किया जाता था, जहाँ दोनों पक्षों को अपनी बात रखने का मौका दिया जाता था। सुमेरियन कानून का उद्देश्य न्याय और सामाजिक संतुलन बनाए रखना था।

9. सुमेरियन सभ्यता का पतन

सुमेरियन सभ्यता का पतन धीरे-धीरे हुआ, जिसके पीछे कई कारण थे। इनमें आंतरिक संघर्ष, पर्यावरणीय समस्याएँ, और बाहरी आक्रमण शामिल थे। लगभग 2000 ईसा पूर्व, अक्काडियन साम्राज्य ने सुमेर के अधिकांश शहरों पर विजय प्राप्त की, जिससे सुमेरियन सभ्यता का पतन शुरू हुआ।

हालांकि, सुमेरियन संस्कृति और उनकी उपलब्धियाँ अक्काडियन और बाद के बाबिलोनियन सभ्यताओं में समाहित हो गईं। सुमेरियन भाषा और संस्कृति का प्रभाव मेसोपोटामिया क्षेत्र में सदियों तक बना रहा।

10. सुमेरियन सभ्यता की विरासत

सुमेरियन सभ्यता की विरासत मानव इतिहास में अमिट है। उन्होंने जो सांस्कृतिक, वैज्ञानिक, और सामाजिक उपलब्धियाँ हासिल कीं, वे बाद की सभ्यताओं के लिए प्रेरणा स्रोत बनीं। उनकी लेखन प्रणाली, गणितीय सिद्धांत, कानूनी संहिताएँ, और धार्मिक विचारधाराएँ आज भी अध्ययन और अनुसंधान के प्रमुख विषय हैं।

सुमेरियन सभ्यता ने न केवल अपनी समकालीन सभ्यताओं पर बल्कि पूरे मानव समाज पर गहरा प्रभाव डाला। उनकी उपलब्धियाँ आज भी हमारे जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में झलकती हैं, चाहे वह गणित हो, कानून हो, या फिर साहित्य और कला। सुमेरियन सभ्यता की गाथा मानव इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय है, जो हमें हमारे सांस्कृतिक और वैज्ञानिक विकास की जड़ों से अवगत कराती है।

FAQ

1. सुमेर सभ्यता कब और कहाँ विकसित हुई थी?

उत्तर: सुमेर सभ्यता का विकास लगभग 4500-1900 ईसा पूर्व के बीच हुआ था। यह सभ्यता मेसोपोटामिया के दक्षिणी भाग में, मुख्यतः आज के इराक के क्षेत्र में स्थित थी।

2. सुमेरियन सभ्यता का सबसे प्रमुख योगदान क्या था?

उत्तर: सुमेरियन सभ्यता का सबसे प्रमुख योगदान लेखन प्रणाली “क्यूनिफॉर्म” (Cuneiform) की शुरुआत है, जिसे दुनिया की पहली ज्ञात लेखन प्रणाली माना जाता है। इसके अलावा, उन्नत कृषि, कानून और प्रशासनिक प्रणाली का विकास भी उनके महत्वपूर्ण योगदानों में शामिल है।

3. सुमेरियन समाज में सामाजिक संरचना कैसी थी?

उत्तर: सुमेरियन समाज तीन मुख्य वर्गों में विभाजित था: उच्च वर्ग (राजा, पुजारी), मध्यम वर्ग (व्यापारी, कारीगर), और निम्न वर्ग (किसान, मजदूर, दास)। समाज में सामाजिक विभाजन स्पष्ट था, और प्रत्येक वर्ग की अपनी विशेष भूमिका थी।

4. सुमेरियन धर्म क्या था और उसमें कौन-कौन से प्रमुख देवता थे?

उत्तर: सुमेरियन धर्म बहुदेववादी था, जिसमें कई देवताओं की पूजा की जाती थी। प्रमुख देवताओं में अन (स्वर्ग का देवता), एनकी (पानी और बुद्धि का देवता), एनलिल (हवा और आकाश का देवता), और इनन्ना (प्रेम और युद्ध की देवी) शामिल थे। सुमेरियन धर्म का महत्वपूर्ण स्थान “जिग्गुराट” मंदिरों में था, जो ऊँचे स्थान पर बने होते थे।

5. सुमेरियन सभ्यता की प्रमुख आर्थिक गतिविधियाँ क्या थीं?

उत्तर: सुमेरियन सभ्यता की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि पर आधारित थी, जिसमें जौ, गेहूं, और खजूर की खेती प्रमुख थी। इसके अलावा, पशुपालन, मछली पकड़ना, और व्यापार भी महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधियाँ थीं। उन्होंने सिंचाई प्रणालियों का विकास किया, जिससे खेती की उत्पादकता में वृद्धि हुई।

6. सुमेरियन सभ्यता के पतन के कारण क्या थे?

उत्तर: सुमेरियन सभ्यता का पतन कई कारणों से हुआ, जिनमें आंतरिक संघर्ष, पर्यावरणीय समस्याएँ, और अक्काडियन साम्राज्य द्वारा किए गए आक्रमण शामिल हैं। लगभग 2000 ईसा पूर्व में, अक्काडियन साम्राज्य ने सुमेर के अधिकांश शहरों पर विजय प्राप्त की, जिससे उनका पतन शुरू हुआ।

7. सुमेरियन सभ्यता के कानून और न्याय प्रणाली कैसी थी?

उत्तर: सुमेरियन सभ्यता में कानून और न्याय की प्रणाली अत्यधिक विकसित थी। ‘उर-नम्मू का कोड’ दुनिया की सबसे पुरानी ज्ञात कानूनी संहिता है। इस कानूनी संहिता में अपराधों के लिए सजा, संपत्ति के अधिकार, विवाह, और व्यापार से संबंधित नियम शामिल थे।

8. सुमेरियन सभ्यता का साहित्य और कला में योगदान क्या था?

उत्तर: सुमेरियन साहित्य में महाकाव्य, मिथक, और धार्मिक ग्रंथ शामिल हैं। ‘गिलगमेश महाकाव्य’ सुमेरियन साहित्य का सबसे प्रसिद्ध उदाहरण है। सुमेरियन कला में मूर्तिकला, चित्रकला, और वास्तुकला शामिल हैं। जिग्गुराट और मंदिर उनकी वास्तुकला के प्रमुख उदाहरण हैं।

9. सुमेरियन सभ्यता की लेखन प्रणाली कैसी थी?

उत्तर: सुमेरियन लेखन प्रणाली को “क्यूनिफॉर्म” (Cuneiform) कहा जाता है। यह एक पच्चर-आकृति वाली लेखन प्रणाली थी, जिसे मिट्टी की तख्तियों पर उकेरा जाता था। क्यूनिफॉर्म का उपयोग व्यापारिक लेन-देन, कानूनी दस्तावेज़, और धार्मिक ग्रंथों को लिखने के लिए किया जाता था।

10. सुमेरियन सभ्यता की भाषा कौन सी थी?

उत्तर: सुमेरियन भाषा एक विलुप्त भाषा है, जो सुमेरियन लोगों द्वारा बोली जाती थी। यह भाषा किसी भी ज्ञात भाषा परिवार से संबंधित नहीं मानी जाती और इसे ‘भाषा अलगाववादी’ कहा जाता है।

11. सुमेरियन सभ्यता की चिकित्सा प्रणाली कैसी थी?

उत्तर: सुमेरियन चिकित्सा प्रणाली में जड़ी-बूटियों और प्राकृतिक उपचारों का उपयोग किया जाता था। उन्होंने विभिन्न रोगों के उपचार के लिए औषधियों की तैयारी की और चिकित्सा ग्रंथ लिखे।

12. सुमेरियन सभ्यता का पतन कैसे हुआ और इसके बाद क्या हुआ?

उत्तर: सुमेरियन सभ्यता का पतन अक्काडियन साम्राज्य के आक्रमण के बाद धीरे-धीरे हुआ। हालांकि, उनकी संस्कृति और उपलब्धियाँ बाद की बाबिलोनियन और असीरियन सभ्यताओं में समाहित हो गईं।

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