यह दंतुरित मुसकान और फसल | Yah danturit muskan class 10 Hindi Kshitij chapter 6 NCERT Notes

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यह दंतुरित मुसकान: Yah danturit muskan

Yah Danturit muskan
Yah Danturit muskan
तुम्हारी यह दंतुरित मुसकान
मृतक में भी डाल देगी जान
धूलि - धूसर तुम्हारे ये गात....
छोड़कर तालाब मेरी झोंपड़ी में लिख रहे जलजात
परस पाकर तुम्हारा ही प्राण,
पिघलकर जल बन गया होगा कठिन पाषाण
छू गया तुमसे कि झरने लग पड़े शेफालिका के फूल
बांस था कि बबूल? 
तुम मुझे पाए नहीं पहचान? 
देखते ही रहोगे अनिमेष! थक गए हो?
आंख लूं मैं फेर? क्या हुआ यदि हो सके परिचित न पहली बार? 
यदि तुम्हारी मां न माध्यम बनी होती आज 
मैं न सकता देख
मैं न पाता जान
तुम्हारी यह दंतुरित मुसकान
धन्य तुम, मां भी तुम्हारी धन्य!
चिर प्रवासी मैं इतर, मैं अन्य!
इस अतिथि से प्रिय तुम्हारा क्या रहा संपर्क
उंगलियां मां की कारती रही हैं मधुपर्क 
देखते तुम इधर कनखी मार
और होती जब कि आंखें चार
तब तुम्हारी दंतुरित मुस्कान
मुझे लगती बड़ी छविमान 

(A) कवि और कविता का नाम लिखिए।
Ans:- कवि – नागार्जुन, कविता – यह दंतुरित मुस्कान।

(B) कवि को शिशु के धूल – सने शरीर को देखकर कैसा प्रतीत होता है? वर्णन करें।
Ans:-
शिशु के धूल – सने शरीर को देखकर कवि को ऐसा प्रतीत होता है मानो कवि के झोपड़ी में कमल के फूल खिल उठे हो। इसका आशय यह है कि कवि शिशु की सहज सुंदरता को देखकर अत्यंत प्रसन्न हो उठता है।

(C) इस कविता में दंतुरित मुसकान किसे कहा गया है? स्पष्ट करें।
Ans:- इस कविता में ‘दंतुरित मुस्कान’ नए – नए दांत निकलने वाले शिशु की मुसकान को कहा गया है। शिशु की मुसकान अत्यंत मनमोहक होता है। ऐसे अबोध शिशु की मुसकान में कोई छल – कपट नहीं होता है।

(D) कवि के अनुसार शिशु के स्पर्श से क्या-क्या परिवर्तन हुए ? वर्णन करें।
Ans:-
कवि के अनुसार शिशु के स्पर्श से निम्नलिखित परिवर्तन हुए हैं-

  • शिशु के स्पर्श से कठोर पत्थर पिघलकर जल बन जाता है तथा कठोर से कठोर व्यक्ति का भी हृदय पिघल जाता है।
  • शिशु के स्पर्श से ही कांटेदार पेड़ों से भी शेफालिका के फूलों की वर्षा होने लगती है।

(E) बच्चे की मुसकान मृतक में भी जान कैसे डाल देती है ? स्पष्ट करें।
Ans:-
बच्चे की मुसकान इतनी मनमोहक होती है कि मृतक में भी जान डाल देती है। बच्चे की मुसकान में इतनी शक्ति होती है कि गंभीर और उदास मनुष्य को भी अत्यंत प्रसन्न कर देती है।

(F) शिशु को देख पाने का अवसर कवि कैसे पा सका?
Ans:-
शिशु को देख पाने का अवसर कवि को उसकी मां के कारण ही पा सका। शिशु की मां ही दोनों के मिलने का माध्यम बनी। शिशु की मां के वजह से ही कवि को यह मनमोहक दंतुरित मुसकान देखने को सौभाग्य प्राप्त हुआ।

(G) कवि आंखें क्यों फेर लेते हैं ? स्पष्ट करें।
Ans:-
कवि अपने आंखें इसलिए फेर लेता है, क्योंकि शिशु निरंतर कवि को निहार रहा था। अत: शिशु थक गया होगा तथा शिशु को विश्राम देने की दृष्टि से कवि स्वयं ही आंखे फेर लेता है, ताकि शिशु आराम कर सके।

(H) किसकी मां को कवि धन्य कह रहा है और क्यों ? वर्णन करें।
Ans:-
नव शिशु की मां को कवि धन्य कह रहा है, क्योंकि उसने इतने प्यारे शिशु को जन्म दिया है। इसे प्यारे शिशु की मां बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इन्हें ऐसे सुंदर शिशु का पालन – पोषण करने का अवसर मिला तथा शिशु के सुंदर रूप – छवि को निहारने का भी अवसर मिला है।

फसल

एक के नहीं,
दो के नहीं,
ढेर सारी नदियों के पानी का जादू:
एक के नहीं,
दो के नहीं,लाख - 
लाख कोटि - कोटि हाथों के स्पर्श की गरिमा:
एक की नहीं,
दो की नहीं,
हज़ार - हज़ार खेतों की मिट्टी का गुण धर्म: 
फसल क्या है?और तो कुछ नहीं है वह 
नदियों के पानी का जादू है वह
हाथों के स्पर्श की महिमा है
भूरी - काली - संदली मिट्टी का गुण धर्म है
रूपांतर है सूरज की किरणों का
सिमटा हुआ संकोच है हवा की थिरकन का!

(A) कवि और कविता का नाम लिखिए।
Ans:-
कवि – ‘नागार्जुन’ , कविता – फसल।

(B) इस कविता में नदियों के पानी के जादू से क्या आशय है?
Ans:-
इस कविता में नदियों के पानी के जादू से यह आशय है कि नदियों के पानी में जीवनदायी अमृत तत्व मिला होता है तथा इसे पाकर फसलें बड़ी तेजी से फल-फूल कर बड़ी होती है। बहुत सारे नदियों का जल फसलो के उगने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। इन्हीं सब नदियों के जल से खेतों की सिंचाई होती है तथा यह सब एक जादू के समान होता है।

(C) ‘हाथों के स्पर्श की महिमा’ का आशय स्पष्ट करें।
Ans:-
‘हाथों के स्पर्श की महिमा’ का आशय यह है कि किसानों के हाथों का स्पर्श पाकर फसलें इतनी बड़ी हुई है। इस फसल को उगाने में बढ़ाने में किसान के हाथों का अत्यंत योगदान रहा है। किसानों के श्रम की महिमा फसलों की वृद्धि के रूप में प्रकट हुई है। यह फसल मानव जीवन में भी अपना अहम भूमिका निभाते हैं। यह फसल ही मानव जाति की भूख मिटाती है।

(D) ‘नदियों के पानी का जादू’ से क्या आशय है?
Ans:-
‘नदियों के पानी का जादू’ से आशय है कि पानी में घुले – मिले जीवनदायी अमृत तत्व। इन्हीं सब तत्वों के प्रभाव से फसले तैयार होती है। इस फसलों को फलने – फूलने में नदियों के पानी का अहम योगदान रहता है।

अभ्यास: यह दंतुरित मुसकान : class 10 Hindi Kshitij NCERT notes

Q.1.बच्चे की दंतुरित मुसकान का कवि के मन पर क्या प्रभाव पड़ता है?
Ans:- बच्चे की दंतुरित मुसकान का कवि के मन पर बड़ा गहरा प्रभाव पड़ता है। कवि बच्चे का मुस्कुराता चेहरा देखकर पुलकित हो उठता है। बच्चे की दंतुरित मुसकान कवि को निश्छलता, आत्मीयता का अहसास होता है। कवि को बच्चे की मुसकान अत्यंत मनमोहक लगता है।

Q.2.बच्चे की मुसकान और एक बड़े व्यक्ति की मुसकान में क्या अंतर है?
Ans:-
बच्चे की मुसकान एवं बड़े व्यक्ति की मुसकान में बहुत अंतर है। बच्चे की मुसकान सहज एवं निश्छल होती है। बच्चे की मुसकान बहुत ही मनमोहक होती है और इस मुसकान में किसी प्रकार का कोई मिलावट नहीं होती है, जबकि बड़े व्यक्ति की मुस्कान में सयानापन दिखाई पड़ता है। बड़े व्यक्ति के मुसकान में ईर्ष्या, द्वेष, चालाकि आदि का स्थान साफ-साफ दिखाई देता है।

Q.3.कवि ने बच्चे की मुसकान के सौंदर्य को किन-किन बिकों के माध्यम से व्यक्त किया है?
Ans:-
कवि नागार्जुन ने बच्चे की मुसकान के सौंदर्य को निम्नलिखित बिंबो के माध्यम से व्यक्त किया है-

  • बच्चे की मुसकान से ऐसा प्रतीत होता है मानो बबूल से शेफालिका के फूल झरने लगे हैं।
  • बच्चे की मुसकान को देखकर कवि को ऐसा लगता है मानो कवि की झोपड़ी में कमल के फूल खिल उठे हो।
  • बच्चे की मुसकान से मृतक में भी जान आ जाती है।
  • बच्चे की मुसकान से ऐसा लगता है मानो चट्टान भी पिघलकर जलधारा बन गई हो।

Q.4.भाव स्पष्ट कीजिए।

(A)छोड़कर तालाब मेरी झोंपड़ी में खिल रहे जलजात।
Ans:-
प्रस्तुत पंक्ति में ‘छोड़कर तालाब मेरी झोपड़ी में खिल रहे जलजात’ इसका आशय है, जब कवि दांत निकलते शिशु को धूल – से – सना शरीर एवं उसकी निश्छल मुसकान को देखकर कवि ‘नागार्जुन’ का मन अत्यंत प्रसन्न हो जाता है। कवि को बच्चे की दंतुरित मुसकान को देखकर ऐसा प्रतीत होता है मानों जैसे तालाब का कमल तालाब को छोड़कर कवि की झोपड़ी में खिल रहा हो।

(B) छू गया तुमसे कि झरने लग पड़े शेफालीका के फूल बांस था कि बबूल?
Ans:-
इस कविता में कवि के हृदय को बच्चे की दंतुरित मुसकान ने अत्यंत गहराई से छू लिया। उसे छूते ही ऐसा प्रतीत होता है मानों जैसे बबूल और बांस के पेड़ से शेफालिका के फूल झरने लगे हो। इसका आशय यह है कि शिशु को छूने मात्र से ही रूखे एवं कठोर व्यक्ति भी कोमलता अनुभव करने लगते हैं।

फसल : Class 10 Hindi Kshitij NCERT notes

Q.1.कवि के अनुसार फसल क्या है?
Ans:-
कवि के अनुसार फसलों को उगाने के लिए प्रकृति के सभी तत्व, जल, धूप, मिट्टी, वायु आदि सभी का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। फसल में मानव श्रम का भी योगदान शामिल रहता है। सभी के योगदान का प्रतिफल है, फसल।

Q.2.कविता में फसल उपजाने के लिए आवश्यक तत्वों की बात कही गई है। वे आवश्यक तत्व कौन – से हैं?
Ans:-
फसल उपजाने के लिए बहुत से आवश्यक तत्व शामिल होते हैं, जो निम्नलिखित हैं –

  • नदियों का पानी।
  • खेतों की विभिन्न प्रकार की मिट्टी।
  • हवा।
  • सूर्य का प्रकाश।
  • मानव श्रम।

Q.3.फसल को ‘हाथों के स्पर्श की गरिमा’ और ‘महिमा’ कहकर कवि क्या व्यक्त करना चाहता है?
Ans:-
फसल को कवि ने किसानों के ‘हाथों की गरिमा’ और ‘महिमा’ कहा है। इससे कवि का आशय यह है कि फसल को उपजाने में प्राकृतिक तत्वों के साथ-साथ किसानों की श्रम का भी महत्वपूर्ण योगदान है। किसानों के श्रम के बिना फसल की पैदावार नहीं हो सकती है। किसान अपने हाथों से श्रम करके खेत को जोतते हैं, बीज बोते है, एवं अच्छी तरह से सिंचाई करते हैं। फसल का फलना तथा फूलना किसानों के श्रम की गरिमा एवं महिमा का ही परिणाम है। फसल को जो गरिमा और महिमा प्राप्त होती है वह किसानों के हाथों से किए गए श्रम के कारण ही संभव हो पाता है।

Q.4.भाव स्पष्ट कीजिए-

(A)रूपांतर है सूरज की किरणों का सिमटा हुआ संकोच है हवा की थिरकन का!
Ans:-
इस कविता में कवि कहते हैं कि फसल सूर्य के प्रकाश तथा अनुकूल हवा के प्रवाह द्वारा पैदा होती है। कवि का मानना है कि अगर प्राकृतिक सहायता उपादान प्रतिकूल हो जाए तो फसल नष्ट हो जाती है। फसल की पैदावार के लिए सूर्य के प्रकाश एवं हवा की महत्वपूर्ण योगदान है।

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