स्वतंत्रता की पूर्व संध्या पर भारतीय अर्थव्यवस्था: MCQ के साथ एक संक्षिप्त अवलोकन: Economics 11 Chapter 1 Book 2

15 अगस्त, 1947 को भारत को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त हुई। इस ऐतिहासिक घटना ने भारत के इतिहास में एक नया अध्याय शुरू किया। स्वतंत्रता के समय, भारतीय अर्थव्यवस्था कई चुनौतियों का सामना कर रही थी। इन चुनौतियों में शामिल थे:

  • एक कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था: भारत की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर आधारित थी। 1947 में, लगभग 70% भारतीय लोग कृषि में कार्यरत थे।
  • एक पिछड़ी औद्योगिक अर्थव्यवस्था: भारत की औद्योगिक अर्थव्यवस्था काफी पिछड़ी हुई थी। देश में केवल कुछ ही बड़े औद्योगिक उद्यम थे, और अधिकांश औद्योगिक उत्पादन विदेशी कंपनियों द्वारा नियंत्रित किया जाता था।
  • एक असमान आय वितरण: भारत में आय का वितरण बहुत असमान था। एक छोटी संख्या के लोगों के पास अधिकांश धन और संपत्ति थी, जबकि अधिकांश लोग गरीबी में जी रहे थे।

स्वतंत्रता के बाद, भारतीय सरकार ने इन चुनौतियों का सामना करने के लिए कई कदम उठाए। इनमें शामिल थे:

  • कृषि विकास: सरकार ने कृषि विकास पर ध्यान केंद्रित किया। इसने सिंचाई, बीज, और कृषि उपकरणों के प्रसार में निवेश किया।
  • औद्योगीकरण: सरकार ने औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिए योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था की शुरुआत की। इसने सार्वजनिक क्षेत्र में बड़े औद्योगिक उद्यमों की स्थापना की और निजी क्षेत्र को भी प्रोत्साहित किया।
  • आय वितरण में सुधार: सरकार ने आय वितरण में सुधार के लिए कार्यक्रम शुरू किए। इसने भूमि सुधार, शिक्षा, और स्वास्थ्य सेवा में निवेश किया।

इन प्रयासों के परिणामस्वरूप, भारतीय अर्थव्यवस्था में काफी प्रगति हुई है। भारत अब एक औद्योगिक शक्ति बन गया है, और आय वितरण में कुछ सुधार हुआ है। हालांकि, अभी भी कई चुनौतियाँ हैं, जिनका सामना भारत को करना है।

इस ब्लॉग पोस्ट में, हम स्वतंत्रता की पूर्व संध्या पर भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में कुछ महत्वपूर्ण MCQ का विश्लेषण करेंगे। ये MCQ प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं।

Economics 11 Chapter 1 MCQ Book 2

स्वतंत्रता की पूर्व संध्या पर भारतीय अर्थव्यवस्था: MCQ के साथ एक संक्षिप्त अवलोकन

स्वतंत्रता की पूर्व संध्या पर भारतीय अर्थव्यवस्था कई चुनौतियों का सामना कर रही थी। इन चुनौतियों में शामिल थे: एक कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था, एक पिछड़ी औद्योगिक अर्थव्यवस्था, और एक असमान आय वितरण। स्वतंत्रता के बाद, भारतीय सरकार ने इन चुनौतियों का सामना करने के लिए कई कदम उठाए। इनमें शामिल थे: कृषि विकास, औद्योगीकरण, और आय वितरण में सुधार। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप, भारतीय अर्थव्यवस्था में काफी प्रगति हुई है। हालांकि, अभी भी कई चुनौतियाँ हैं, जिनका सामना भारत को करना है।

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपरोक्त MCQ का ज्ञान महत्वपूर्ण है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हमने इन MCQ का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत किया है। हमें उम्मीद है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा।शुभकामनाएँ!

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