जनजातियाँ, खानाबदोश और एक जगह बसे हुए समुदाय | Class 7 History Chapter 7 NCERT Notes in Hindi

Class 7 History Chapter 7: जनजातियाँ, खानाबदोश और एक जगह बसे हुए समुदाय प्रश्न उत्तर पढ़ें। वार्षिक परीक्षा के लिए सभी महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर पढ़ें। समाधान झारखण्ड अधिविध परिषद् राँची द्वारा संचालित पाठ्यक्रम पर आधारित है।

विषय सूची: Class 7 History Chapter 7

  • बड़े शहरों से परे- जनजातीय समाज
  • जनजातीय लोग कौन थे
  • खानाबदोश और घुमंतू लोग कैसे रहते थे
  • बदलता समाज- नई जातियां और श्रेणियां
  • नजदीक से एक नजर
  • निष्कर्ष
  • NCERT अभ्यास प्रश्न तथा उत्तर

बड़े शहरों से परे- जनजातीय समाज

  • जनजातियां:- वैसे समाज जो ब्राह्मणों द्वारा सुझाए गए सामाजिक नियमों और कर्मकांड को नहीं मानते थे।
  • कुछ जनजातियां अपनी जीविका कृषि से चलाती थी जबकि कुछ अन्य शिकारी संग्राहक या पशुपालक थे कुछ जनजातियां खानाबदोश थी और वह एक जगह से दूसरे जगह घूमते रहते थे।
  • जनजातियां भारतीय उपमहाद्वीप में फली फूली यह जनजातियां सामान्यतः जंगलों पहाड़ों रेगिस्तान हो और दूसरे दुर्गम स्थानों पर निवास करते थे।

जनजातीय लोग कौन थे

  • जनजातीय लोग समृद्ध रीति-रिवाजों और मोखिक/ वाचिक परंपराओं का संरक्षण करते थे।
  • पंजाब में खोखर जनजाति 13वीं और 14वीं सदी के दौरान बहुत प्रभावशाली थी, बाद में गक्खर लोग ज्यादा महत्वपूर्ण हो गए। गक्खर के मुखिया कमाल खान गक्खर को अकबर ने मनसबदार बनाया था।
  • मुल्तान और सिंध में मुगलों द्वारा अधीन कर लिए जाने से पहले लहांग और अरघुन लोगों का प्रभुत्व अत्यंत विस्तृत था।
  • उत्तर पश्चिम में बलोच एक शक्तिशाली जनजाति थी। यह अलग-अलग मुखियों वाले कई छोटे-छोटे कुलो में बंटे थे।
  • पश्चिमी हिमालय में गड्डी गड़रियों की जनजाति रहती थी।
  • उपमहाद्वीप के उत्तर पूर्वी भाग में नागा, अहोम तथा अन्य दूसरी जनजातियों का प्रभुत्व था।
  • मौजूदा बिहार और झारखंड के कई इलाकों में 12 वीं सदी तक चेर सरदारशाहियों का उदय हो गया था। मुंडा और संताल क्षेत्र में रहने वाले जनजाति में से एक थी।
  • कर्नाटक और महाराष्ट्र में कोली, बेराद जनजाति प्रमुख थी। कोली जनजाति गुजरात में भी थी।
  • पश्चिम और मध्य भारत में भील जनजाति का प्रभुत्व था।
  • मौजूदा छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश में गोंड जनजाति का प्रभुत्व था।

खानाबदोश और घुमंतू लोग कैसे रहते थे

  • खानाबदोश चरवाहे अपने जानवरों के साथ दूर-दूर तक घूमते थे, उनका जीवन दूध और अन्य पशुचारी उत्पादों पर निर्भर था।
  • बंजारा लोग सबसे महत्वपूर्ण व्यापारी खानाबदोश था, उनका कारवा टांडा कहलाता था।
  • कई पशुचारी जनजातियां मवेशी और घोड़े जैसी जानवरों को पालने, पोसने और संपन्न लोगों के हाथ उन्हें बेचने का काम करती थी।
  • नर्तको, गायकों और अन्य तमाशबीनओं की भी जातियां थी जो विभिन्न नगर और गांव में कमाई के लिए अपनी कला का प्रदर्शन करती थी।

बदलता समाज नई जातियां और श्रेणियां

  • वर्णो के भीतर छोटी-छोटी जातियां उभरने लगी।
  • कई जनजातियों और सामाजिक समूहों को जाति विभाजित समाज में शामिल कर लिया।
  • सुनार, लोहार, बढ़ई और राजमिस्त्री को भी ब्राह्मणों द्वारा जातियों के रूप में मान्यता दे दी गई।
  • 11वीं और 12वीं सदी तक आते-आते क्षत्रियों के बीच में राजपूत गोत्रों की ताकत में इजाफा हुआ। वे हूण, चंदेल, चालूक्य और कुछ दूसरी वंश परंपरा से आते थे। इनमें से कुछ पहले जनजातीय थे।

नजदीक से एक नजर

  • गोंड लोग गोंडवाना नामक विशाल वन प्रदेश में रहते थे और स्थानांतरित कृषि करते थे।
  • गोंड जनजाति कई छोटी-छोटी कुल में बँटी थी। प्रत्येक कुल का अपना राजा होता था।
  • अकबर के अकबरनामा में उल्लेखित है कि गढ़ कटंगा के गढ़ राज्य में 70000 गांव थे।
  • गढ़ कटंगा के गोंड राजा अमन दास ने संग्राम शाह की उपाधि धारण की थी।

NCERT अभ्यास प्रश्न तथा उत्तर: Class 7 History Chapter 7

1. निम्नलिखित में मेल बैठायें:

गढ़ खेल
टांडा चौरासी 
श्रमिक कारवाँ
कुलगढ़ कटंगा
सिबसिंहअहोम राज्य
दुर्गावतीपाइक

उत्तर-

गढ़ चौरासी 
टांडा कारवां 
श्रमिक पाइक
कुलखेल 
सिबसिंहअहोम राज्य
दुर्गावतीगढ़ कटंगा 

2. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें: 

(क) वर्गों के भीतर पैदा होती नयी जातियाँ_______ कहलाती थीं। 
(ख) _______ अहोम लोगों के द्वारा लिखी गई ऐतिहासिक कृतियाँ थीं।
(ग) _______ ने इस बात का उल्लेख किया है कि गढ़ कटंगा में 70000 गाँव थे।
(घ) बड़े और ताकतवर होने पर जनजातीय राज्यों ने _______और _______ को भूमि-अनुदान दिए। 

उत्तर:
(क) श्रेणियाँ 
(ख) बुरंजी 
(ग) अकबरनामा 
(घ) मंदिर बनवाए, ब्राह्मणों।

3. सही या गलत बताइए : 

(क) जनजातीय समाजों के पास समृद्ध वाचक परंपराएँ थीं। 
(ख) उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिमी भाग में कोई जनजातीय समुदाय नहीं था। 
(ग) गोंड राज्यों में अनेक नगरों को मिलाकर चौरासी बनता था।
(घ) भील, उपमहाद्वीप के उत्तर-पूर्वी भाग में रहते थे। 

उत्तर:
(क) सही 
(ख) गलत 
(ग) गलत 
(घ) गलत। 

4. खानाबदोश पशुचारकों और एक जगह बसे हुए खेतिहरों के बीच किस तरह का विनिमय होता था? 
उत्तर- खानाबदोश पशुचारकों का जीवन पशुओं और उनके उत्पादों पर निर्भर था। इसलिए वे खेतिहरों को दूध, घी, ऊन आदि देकर बदले में अनाज, कपड़े और बर्तन लेते थे। 

5. अहोम राज्य का प्रशासन कैसे संगठित था? 
उत्तर- अहोम राज्य का प्रशासन निम्नलिखित तरीकों से संगठित था-

  • अहोम समाज कुलों में विभाजित था जिन्हें ‘खेल’ कहा जाता था। 
  • एक किसान को अपने ग्राम समुदाय के द्वारा जमीन दी जाती थी। समुदाय की सहमति के बगैर राजा तक इसे वापस नहीं ले सकता था। 
  • अहोम राज्य बेगार पर निर्भर था। राज्य के लिए जिन लोगों से जबरन काम लिया जाता था, वे ‘पाइक’ कहलाते थे। प्रत्येक गाँव को अपनी बारी आने पर निश्चित संख्या में पाइक भेजने होते थे। 
  • अहोम राज्य में एक जनगणना की गई थी। जनगणना के बाद सघन आबादी वाले इलाकों से कम आबादी वाले इलाकों में लोगों को स्थानान्तरित किया गया। इस प्रकार अहोम कुल टूट गये और 17वीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध पूरा होते-होते अहोम प्रशासन खासा केन्द्रीकृत हो गया था। 

6. वर्ण आधारित समाज में क्या परिवर्तन आए? 
उत्तर- वर्ण आधारित समाज में आए परिवर्तन-

  • वर्गों के भीतर छोटी-छोटी जातियों का उभारजैसे-जैसे अर्थव्यवस्था और समाज की जरूरतें बढ़ती गईं, नए हुनर वाले लोगों की आवश्यकता पड़ी और वर्णों के भीतर छोटी-छोटी जातियाँ उभरने लगीं। उदाहरण के लिए, ब्राह्मणों के बीच नई जातियाँ सामने आईं। 
  • कई जनजातियों व सामाजिक समूहों को जातियों का दर्जा-कई जनजातियों और सामाजिक समूहों को जातीयसमाज में शामिल कर लिया गया और उन्हें नई जातियों का दर्ज दिया गया। 
  • शिल्पियों को जाति के रूप में मान्यता-विशेषज्ञता प्राप्त शिल्पियों, जैसे—सुनार, लोहार, बढ़ई और राजमिस्त्रीको भी ब्राह्मणों द्वारा जाति के रूप में मान्यता दे दी गई।
  • जाति सामाजिक संगठन का आधार-अब वर्ण के स्थान पर सामाजिक संगठन का आधार जाति बन गयी थी। 

7. एक राज्य के रूप में संगठित हो जाने के बाद जनजातीय समाज कैसे बदला? 
उत्तर- एक राज्य के रूप में संगठित हो जाने के बाद जनजातीय समाज निम्नलिखित प्रकार से बदला-

  • जनजातीय समाज ब्राह्मणों की सहायता से जातीय व्यवस्था का भाग बन गया। 
  • उनका मूलतः बराबरी वाला समाज धीरे-धीरे असमान सामाजिक वर्गों में विभाजित हो गया। 
  • प्रमुख जनजातीय परिवार शासक वर्ग (विशेषकर राजपूत वर्ग) में शामिल हो गए तथा बहुसंख्यक जनजातीय आबादी समाज की छोटी-छोटी जातियों में शामिल हो गई। 
  • ब्राह्मण लोगों ने गोंड तथा अहोम राजाओं से अनुदान में भूमि प्राप्त की और अधिक प्रभावशाली बन गए। 
  • जनजातीय लोगों ने प्रायः हिन्दू धर्म को अपना लिया, यद्यपि उन्होंने अपनी परम्पराओं को भी जारी रखा। 

8. क्या बंजारे लोग अर्थव्यवस्था के लिए महत्त्वपूर्ण थे? 
उत्तर- हाँ, बंजारे लोग अर्थव्यवस्था के लिए महत्त्वपूर्ण थे क्योंकि-

  • वे घुमन्तू (खानाबदोश) व्यापारी थे और वे व्यापारिक गतिविधियों को नियंत्रित करते थे। 
  • वे एक स्थान पर उपलब्ध सस्ते सामान को खरीदकर दूसरे स्थान पर बेचते थे। 
  • वे ग्रामीण क्षेत्रों से कृषि उत्पादों को अपनी बैलगाड़ियों से शहरों तक लाते थे। 
  • कभी-कभी बंजारों को बड़े व्यापारियों द्वारा व्यापार के उद्देश्य से नियुक्त किया जाता था। 
  • वे मुगल सेना के लिए भी अनाज की आपूर्ति करते थे। 

9. गोंड लोगों का इतिहास, अहोमों के इतिहास से किन मायनों में भिन्न था? क्या कोई समानता भी थी?
उत्तर- गोंड तथा अहोमों के इतिहास की भिन्नताएँ-

(a) गोंड गोंडवाना प्रदेश की प्रमुख जनजाति थी जबकि अहोम ब्रह्मपुत्र घाटी में निवास करने वाली प्रमुख जनजाति थी। 
(b) गोंड इस उपमहाद्वीप के मूल निवासी थे जबकि अहोम म्यांमार से आकर बसे थे। 
(c) गोंड आग्नेय अस्त्रों का प्रयोग नहीं जानते थे जबकि अहोम उच्च स्तरीय बारूद और तोपों के निर्माण में सक्षम थे। 
(d) गोंड स्थानान्तरित कृषि करते थे जबकि अहोम स्थानान्तरित कृषि नहीं करते थे। 
(e) गोंडों का राज्य अहोम राज्य से बड़ा था। 
(f) गोंड राज्य ‘बेगार’ पर निर्भर नहीं था जबकि अहोम राज्य बेगार पर निर्भर था।
(g) गोंड राज्य मुगल राज्य में मिला लिया गया, जबकि अहोम राज्य को मुगलों ने हराया लेकिन प्रत्यक्ष रूप से मुगलों ने वहाँ शासन नहीं किया। 

गोंड तथा अहोमों के बीच समानताएँ-

  • गोंड तथा अहोम दोनों ही जनजातियाँ थीं। 
  • दोनों ही जनजातियों ने अपने-अपने साम्राज्य स्थापित किये। 
  • दोनों ही राज्यों को मुगलों ने पराजित किया। 
  • दोनों का केन्द्रीकृत प्रशासन था।