Satta Ka Vaikalpik Kendra
सत्ता का वैकल्पिक केंद्र
Satta Ka Vaikalpik Kendra: परिचय
महत्वपूर्ण तथ्य(Satta Ka Vaikalpik Kendra)
शीतयुद्ध के बाद यूरोपीय संघ, आसियान और चीन अमरीकी वर्चस्व को चुनौती देने वाले सत्ता के वैकल्पिक केंद्र के रूप में उभर रहे है।
मार्शल योजना: अमेरिका ने यरोप के अर्थव्यवस्था के पुनर्गठन के लिए 1948 में मार्शल योजना लायी थी। इस योजना के तहत यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन की स्थापना की गयी जिससे की पक्षिमी यूरोप के देशों को आर्थिक मदद मिल सके।
जून 1989 में यूरोपीय पार्लियामेंट के गठन के बाद यरोपिया आर्थिक समुदाय ने राजनितिक स्वरूप लेना सुरु कर दिया और फरवरी 1992 में मास्ट्रिस्ट संधि के तहत यूरोपीय संघ का गठन हुआ।
यूरोपीय संघ के गठन के मुख्या उद्देश्य : (1) एक समान विदेश व सुरक्षा निति। (2) आंतरिक मामलों तथा न्याय से जुड़े मामलों पर सहयोग। (3) एक समान मुद्रा का चलन (4) वीजा मुक्त आवागमन।
उद्देश्य की प्राप्ति : (1) यूरोपीय संघ ने आर्थिक सहयोग वाली संस्था से बदलकर राजनैतिक संस्था का रूप ले लिया है।
यूरोपीय संघ एक विशाल राष्ट्रीय राज्य के तहत कार्य करने लगा है तथा इसका अपना झंडा, गान, स्थापना दिवस और अपनी एक मुद्रा है। अन्य देशों से सहयोग के मामलों में इसने काफी हद तक साझी विदेश और सुरक्षा निति बना ली है।
यूरोपिए संघ का झंडा 12 सोने के सितारों के घेरे के रूप में वहाँ के लोगो की पूर्णता, समग्रता, एकता और मेलमिलाप का प्रतिक है।
यूरोपीय संघ को ताकतवर बानाने वाले कारक: (1) 2005 में यह दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी और इसका सकल घरेलु उत्पाद अमेरिका से भी ज्यादा था। (2) इसकी मुद्रा यूरो अमरीकी डॉलर के प्रभुत्व को चुनौती दे सकती है। (3) विश्व व्यापर में इसकी हिस्सेदारी अमेरिका से तीन गुना ज्यादा है। (4) इसकी आर्थिक सकती का प्रभाव यूरोप, ऐसिया और अफ़्रीका के सभी देशों तक फेल चुकी है। (5) इसके दो सदस्य देश ब्रिटेन और फ्रांस सुरक्षा परिसद के स्थायी सदस्य है। इस कारन यूरोपीय संघ अमेरिका समेत सभी राष्ट्रों की नीतियों को प्रभावित करता है। (6) यूरोपीय संघ के दो देश ब्रिटैन और फ्रांस परमाणु शक्ति संपन्न है।
यूरोपीय संघ की कमजोरियाँ : (1) इसके सदस्य देशों की अपनी विदेश और रक्षा नीति है जिसका प्रयोग कई बार एक दूसरे के खिलाप भी होती रही है। (2) यूरोप के कुछ हिस्सों में यूरो मुद्रा को लागु करने को लेके नाराजगी है। (3) डेनमार्क और स्वीडन ने मस्ट्रीस संधि और साझी यूरोपीय मुद्रा यूरो को मानने का विरोध किया। (4) ब्रिटैन यूरोपीय संघ से जून 2016 में एक जनमत संग्रह के द्वारा अलग हो गया।
आसियान (दक्षिण-पूर्वी एसियाई राष्ट्रों का संगठन) या (ASEAN- ASSOCIATION OF SOUTHEAST ASIAN NATIONS): 8 अगस्त 1967 में इस क्षेत्र में पाँच देशों इंडोनेशिया, मलेसिआ, पलीपिंस, सिंगापूर और थाईलैंड ने बैंकॉक घोसना पत्र पर हस्ताक्षर कर के ‘आसियान’ की स्थापना की।
आसियान के मुख्य उद्देश्य: (1) सदस्य देशों के आर्थिक विकास को तेज करना। (2) सदस्य देश एक दूसरे के समाजी और आर्थिक विकास में सहयोग देंगे। (3)
आसियान शैली: अनौपचारिक, टकरावरहित और सहयोगात्मक मेल-मिलाप का नया उदाहरण पेश करके आसियान ने बहुत प्रशिद्धि हासिल की है। इसे आसियान शैली कहा जाता है।
आसियान के प्रमुख स्तंभ: (1) आसियान सुरक्षा समुदाय- यह क्षेत्रीय विवादों को बातचीत से सुलझाने का कार्य करता है ताकि सदस्य देश एक दूसरे पर सैन्य कारवाही न करे। (2) आसियान आर्थिक समुदाय- इसका उदेश्य आसियान देशों का साझा बाजार और उत्पादन आधार करना तथा इस क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास में मदद करना है। (3) सामजिक सांस्कृतिक समुदाय- इसका उद्देश्य है आपसी टकराव को बातचीत से सुलझाना तथा एक दूसरे का सहयोग करना।
माओ के नेतृत्व में चीन का विकास: साम्यवादी चीन की स्थापना 1949 की क्रांति के द्वारा माओ ने की थी।
चीन के साम्यवादी अर्थव्यवस्ता की चुनौतियां: (1) चीन ने समाजवादी अर्थव्यवस्था खड़ा करने के लिए विशाल औद्योगिक अर्थ व्यवस्था का लक्ष्य रखा। इस यदेश्य को प्राप्त करने के लिए अपने सारे संसाधनों को उद्योग में लगा दिया। (2) चीन अपने रागरिकों को रोजकगर, स्वस्थ सुविधा और सामाजिक कल्याण के योजनाओं में विकसित देशों की तुलना में बहुत आगे निकल गया लेकिन चीन की बढ़ती जनसँख्या विकास के लिए सबसे बड़ी समस्या बन गयी। (3) कृषि परंपरागत तरीकों पर आधारित थी जिस कारन उद्योगों की जरूराओं को पूरा करने में असफल रही।
चीन में सुधारों की पहल: (1)1972 में चीन ने अपने राजीनीतिक और आर्थिक सुधारों के लिए अमेरिका से संबंध बनाया। (2) 1973 में चीन के प्रधानमंत्री चाऊ एन लाई ने कृषि, उद्योग, सेवा और विज्ञान- प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आधुनिकरण के प्रस्ताव रखे। (3) 1978 में चीन के तत्कालीन प्रधानमंत्री देंग श्याओपेंग ने आर्थिक सुधार और खुलेद्वार की निति अपनायी। (4) 1982 में खेती का निजीकरण किया गया। (5) 1998 में उद्योगों का निजीकरण किया गया और साथ ही चीन में विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ- SPECIAL ECONOMIC ZONE) स्थापित किये गए। (6) चीन अपने अर्थ व्यवस्था की अधिक सुधार के लिए 2001 में विश्व व्यापर संगठन में शामिल हुआ।
चीन सुधारों का नकारात्मक पहलू: (1) चीन में समाज के सभी सदस्यों को आर्थिक विकास लाभ एक समान नहीं मिला। (2) चीन भी पूँजीवादी तरीको को अपनाया जिससे बेरोजगारी की समस्यां बढ़ी। (3) चीन में महिलाओं के रोजगार और काम करने की हालत दयनीय है। (4) गांव व शहर के और तटीय व मुख्य भूमि पर रहने रहने वाले लोगो के बिच आय में अंतर बढ़ा। (5) विकास की गतिविधियों ने पर्यावरण को बहुत हानि पहुंचाई है। (6) चीन में भ्रस्टाचार बढ़ी।
भारत का चीन के साथ विवाद के करना: (1) 1950 में चीन ने तिब्बत को हड़प लिया साथ ही भारत को भारत चीन सिमा के निकट बस्तियों को बसाने पर रोक लगा दी। इससे दोनों के संबंध बिगड़ गए। (2) चीन ने भारत के लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश पर अपना कब्ज़ा करने के लिए भारत पर आक्रमण किया। (3) चीन पाकिस्तान को भारत में आतंकी गतिविधियों के लिए सहायता करता है। (4) चीन भारत के परमाणु परीक्षणों का विरोध करता है। (5) भारत ने अजहर मसूद को आतंकी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ में प्रस्ताव पेश किया, जिस पर चीन ने वीटो पॉवर का प्रयोग किया। (8) चीन की महत्वकांक्षी योजना Ones Belt One Road, जो की POK से होती हुयी गुजरेगी, उसे भारत को घेरने की रणनीति के तौर पर लिया जा रहा है।
भारत चीन सुधार की कोसिस: (1) 1970 के दशक में चीनी नेतृत्व बदलने से अब वैचारिक मुद्दों की जगह व्यवाहरिक मुद्दे प्रमुख हो रहे है। (2) 1988 में सिमा विवाद को हल करने के लिए भारत के प्रधान मंत्री चीन की यात्रा की। (3) दोनों देशों ने सांस्कृतिक अदन-प्रदान, विज्ञान तथा तकनिकी के क्षेत्र में परस्पर सहयोग और व्यापर के लिए सिमा पर चार पोस्ट खोलने हेतु समझौते किये। (4) 1999 से द्विपक्षीय व्यापर 30 फीसद सालाना के दर से बाद रहा है। (5) वैश्विक धरातल पर भारत और चीन ने विश्व व्यापार संगठन जैसे अन्य अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक संगठनो के संबंध में एक जैसी नीतियाँ अपनायी है।
एक अंक वाले प्रशोत्तर (Satta Ka Vaikalpik Kendra)
प्रश्न:1. 1957 में अपनी स्थापना के समय यूरोपीय संघ क्या नाम था?- यूरोप का आर्थिक समुदाय।
प्रश्न:1. किस देश के साथ भारत ने मित्रता और व्यापर की संधि की जिसकी प्रस्तावना में पंचशील के सूत्र रखे हुए है ?- चीन।
प्रश्न:1. कौन-सा वर्ष भारत चीन मित्रता दिवस के रूप में मनाया गया?- 2006 को।
प्रश्न:2. यूरो क्या है?- यूरोपीय संघ के सदस्यों की मुद्रा।
प्रश्न:3. किस वर्ष चीन ने भारत पर आक्रमण किया था?- 1962 में।
प्रश्न:4. आसियान की रचना किस घोसना का परिणाम है?- बैंकॉक घोसना।
प्रश्न:5. आसियान की स्थापना किस वर्ष हुयी थी?- 1967 में।
प्रश्न:6. आसियान का मुख्यालय कहा है? – इंडोनेशिया के जकार्ता में।
प्रश्न:7. आसियान या ASEAN का पूरा नाम क्या है?- दक्षिण-पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन या ASSOCIATION OF SOUTHEAST ASIAN NATIONS.
प्रश्न:8. भारत-चीन के बिच पंचशील की समझौता किस वर्ष हुयी थी?- 1954 में।
प्रश्न:9. खुले द्वार (मुक्त द्वार या ओपेन डोर) की नीति किस देश ने अपनायी थी? – चीन।
प्रश्न:10. चीन ने किस वर्ष खुले द्वार की नीति अपनायी थी?- 1978 ई. में।
प्रश्न:11. चीन में खुले द्वार की नीति किस शासक ने चलायी थी?- देंग श्याओपेंग।
प्रश्न:12. मास्ट्रिस्ट संधि किस वर्ष हुयी थी? – 1992
प्रश्न:13. SEZ का पूरा नाम क्या है? – स्पेशल इकॉनोमिक जोन(SPECIAL ECONOMIC ZONE)
प्रश्न:14. 1949 में समाजवाद चीन की स्थापना किसने की थी?- माओ
प्रश्न:15. यूरोपीय संघ के झंडे में कितने सितारें है? – 12 सितारें।
प्रश्न:16. यूरोपीय संघ की स्थापना कब हुयी थी?- 1992 में।
प्रश्न:17. यूरोपीय संघ का मुख्यालय कहाँ है?- ब्रुसेल्स।
प्रश्न:18. यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन की स्थापना कब हुयी थी?- 1948 में।
प्रश्न:19. यूरोपियन इकॉनोमिक कम्युनिटी की स्थापना कब हुयी थी?- 1957 में।
प्रश्न:20. यूरोपीय संघ के 12 सदस्य देशों ने नई मुद्रा यूरो को किस वर्ष अपना था?- 2002 में।
प्रश्न:21. ‘पूरब की ओर चलो’ की नीति किस देश ने अपनायी थी?- भारत।
प्रश्न:22. भारत ने ‘पूरब की ओर चलो’ की नीति किस वर्ष अपनायी थी?- 1991 में।
प्रश्न:23. चीन विश्व व्यापर संगठन में किस वर्ष शामिल हुआ था?- 2001 में।
महत्वपूर्ण प्रश्नो-उत्तर (Satta Ka Vaikalpik Kendra)
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