द्वितीयक क्रियाएं Dwitiyak Kriyayen: इस आर्टिकल में कक्षा 12 के भूगोल विषय के अध्याय 6 के सभी महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर दिए गए है जो कक्षा 12 की वार्षिक परीक्षा के लिए अति महत्वपूर्ण है। द्वितीयक क्रियाएं क्रिया के अंतर्गत किसी अर्थव्यवस्था के उद्योग क्षेत्र आते है।
द्वितीयक क्रियाएं लघु उत्तरीय प्रश्न
Q.1. द्वितीयक क्रियाकलाप किसे कहते हैं?
Ans: जिस क्रिया के द्वारा प्राकृतिक संसाधनों का रूप बदलकर उन्हें मूल्यवान बना दिया जाता है उस क्रिया को द्वितीय क्रिया कहते हैं विनिर्माण प्रसंस्करण और और संरचना का निर्माण प्रमुख तृतीयक क्रियाकलाप है।
Q.2. प्रौद्योगिकी ध्रुव किसे कहते हैं?
Ans: जहां उच्च प्रौद्योगिकी का केंद्र स्थापित होता है उसे विज्ञान नगर उच्च प्रौद्योगिकी क्षेत्र आदि कहा जाता है। ऐसे विज्ञान नगर प्रौद्योगिकी, पार्क आदि एक साथ मिलकर किसी वृहद उच्च तकनीकी प्रौद्योगिक क्षेत्र का निर्माण करते हैं तब उस भी हद क्षेत्र को प्रौद्योगिकी ध्रुव कहा जाता है।
Q.3. छोटे पैमाने के उद्योग पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
Ans: उत्पादन की प्रक्रिया में प्रयुक्त तकनीक के आधार पर छोटे पैमाने के उद्योगों को कुटीर उद्योग से अलग किया जाता है। इन उद्योगों में ऊर्जा से चलने वाली मशीनों का प्रयोग किया जाता है तथा एक सीमित मात्रा में श्रमिकों की सहायता भी ली जाती है। इन उद्योगों में उत्पादित माल को स्थानीय बाजार के बाहर बेचा जाता है। विकासशील देशों में छोटे पैमाने के उद्योगों को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है यह उद्योग रोजगार उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
Q.4. विनिर्माण उद्योग किसे कहते हैं?
Ans: वह प्रक्रम जिसके द्वारा एक क्रिया से प्राप्त उत्पाद को अधिक पर संस्कृत अधिक मूल्यवान वाले उत्पाद में बदला जाता है, विनिर्माण कहलाता है। जैसे- कपास एक कृषि उत्पाद है तथा तकनीकों का प्रयोग कर कपास से वस्त्र बनाया जाता है। अतः वस्त्र उद्योग एक विनिर्माण उद्योग है।
Q.5. निजी एवं सार्वजनिक उद्योगों में अंतर स्पष्ट करें।
Ans: निजी क्षेत्र वे उद्योग जिनका स्वामित्व तथा प्रबंधन किसे एक व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह से किया जाता हो उसे निजी क्षेत्र कहते हैं जबकि सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग उद्योग होते हैं जिनका स्वामित्व तथा प्रबंध सरकार में निहित होता है जैसे बोकारो स्टील प्लांट भारी इंजीनियरिंग लिमिटेड आदि समाजवादी देशों में अनेक उद्योग सरकारी स्वामित्व वाले हैं।
द्वितीयक क्रियाएं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
Q.6. पेट्रो रसायन उद्योग के विश्व वितरण का वर्णन कीजिए।
Ans: पेट्रो रसायन उद्योग उन्नत बाजार तथा के निकट अवस्थित है। इन उद्योगों में मुख्यता उर्वरक प्लास्टिक तथा कृत्रिम देशों का निर्माण किया जाता है। उत्तरी अमेरिका और यूरोप में पेट्रो रसायन उद्योग का विकास द्वितीय विश्व युद्ध के बाद प्रारंभ हुआ। अमेरिका में आयात सुविधा के कारण यह उद्योग प्रमुख समुद्री पत्तनओ पर स्थित है। यहां यह लोग शिकागो टोलीडो, फिलाडेल्फिया, डेलावेयर एवं लाल इंजिन में अवस्थित है। यूरोप में पेट्रो रसायन उद्योग प्रमुख बाजारों के निकट स्थित है। यह उद्योग ब्रिटेन के एंटवर्प रॉटरडम और साउथ पैटर्न जर्मनी के रूर क्षेत्र फ्रांस में लेहावरे, रोवीन तथा मरसेलस। क्षेत्र में अवस्थित है मध्य एशियाई गणराज्य रूस सऊदी अरब में अबादान तथा रास तनुरा, कुवैत में मीना- अल- अहमदी तथा भारत में ट्रामवे बड़ोदरा तथा बोंगाईगांव में पेट्रो रसायन उद्योग स्थित है।
Q.7. सिलिकॉन घाटी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
Ans: “सिलिकॉन सिटी” – कैलिफोर्निया के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के निकट अवस्थित विश्व का अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक नगर है। इसका विकास स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर फ्रेडरिक टरमान ने किया। 1930 ईस्वी में इलेक्ट्रॉनिक नगर की पहली इकाई की स्थापना हुई। 1950 ईस्वी में यह एक विकसित औद्योगिक पार्क के रूप में सामने आया। इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में उत्पादन संबंधी सेवाओं को विकसित करने के उद्देश्य से संबंधित कंपनियों को इस क्षेत्र में आमंत्रित किया गया वर्तमान में जैव प्रौद्योगिकी में कार्यरत समस्त रोजगार का एक तिहाई भाग क्षेत्र में अवस्थित है। विश्वविद्यालय के शोध कार्य का लाभ उठाकर इन कंपनियों ने व्यापक विस्तार को अंजाम दिया।
Q.8. निर्माण उद्योग के स्थानीयकरण को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन करें।
Ans: निर्माण उद्योग के स्थानीयकरण को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन करें:
- परिवहन के साधन: कच्चे माल की प्राप्ति स्थान से विनिर्माण इकाई तक विकसित परिवहन के साधन उद्योगों की उपस्थिति को महत्वपूर्ण ढंग से प्रभावित करते हैं। इसे आर्थिक दूरी के नाम से भी जाना जाता है।
- कच्चा माल: कच्चे माल की उपलब्धता उद्योगों की अवस्थित एक महत्वपूर्ण कारक है। जैसे- फल डिब्बा बंदी उद्योग, फलों की प्राप्ति स्थान पर ही लगाए जाने से अधिक प्रभावी ढंग से कार्य करते हैं।
- ऊर्जा के स्रोत: अधिकांश विनिर्माण उद्योग ऊर्जा के उपयोग पर आधारित है। अतः ऊर्जा के स्रोतों की उपलब्धता उद्योगों के निर्धारण में महत्वपूर्ण कारक है।
- जल: कुछ उद्योग ऐसे हैं जिनमें भारी मात्रा में जल की आवश्यकता होती है। जैसे लोहा इस्पात उद्योग में 1 टन इस्पात उत्पादन में 2००००० लीटर जल की आवश्यकता होती है। अतः ऐसे उद्योग स्वाभाविक रूप से जल स्रोत के निकट अवस्थित होते हैं।
- श्रम की उपलब्धता: कुशल एवं दक्ष तथा बड़ी मात्रा में श्रम की उपलब्धता उद्योग के निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जैसे हीरे के व्यापार में दक्ष कारीगर भारत में सूरत में पाए जाते हैं, अतः हीरा उद्योग का केंद्रीय करण सूरत में हुआ है।