Lekhan Kala Aur Shehri Jeevan: लेखन कला और शहरी जीवन कक्षा 11 इतिहास अध्याय 2 NCERT solutions झारखण्ड पाठशाला वेबसाइट से प्राप्त करें। यहाँ आप इस अध्याय के महत्वपूर्ण तथ्य, वस्तुनिष्ट प्रश्न तथ्य अन्य प्रश्नों के समाधान दिए गए है।Lekhankan kala aur shehri jeevan
महत्वपूर्ण तथ्य: Lekhan Kala Aur Shehri Jeevan
- मेसोपोटामिया- यह शब्द यूनानी भाषा के दो शब्दों मसोस यानि मध्य पोटैमोस यानि नदी से मिलकर बना है। मेसोपोटामिया दजला व फरात नदियों के बिच के उपजाऊ धरती को इंगित करता है।
- यह क्षेत्र आजकल इराक गणराज्य का हिस्सा है।
- मेसोपोटामिया की एतिहासिक जानकारी के प्रमुख स्रोत इमारतें, मुर्तिया, कब्रें, आभूषण, औजार, मुद्राएँ, मिटटी की पट्टिकाएँ तथा लिखित दस्तावेज है।
- इसके शहरीकृत दक्षिण भाग को सुमेर और अक्कद कहाँ जाता था। बाद में इस भाग को बेबीलोनिया कहा जाने लगा।
- इसके उत्तरी भाग को असीरियाईयों के कब्ज़ा होने के बाद असीरिया कहा जाने लगा।
- सुमेरियन, अक्कदी तथा अरामाइक इसकी प्रमुख भाषएँ थी।
- इस सभ्यता में नगरों का निर्माण 3000 ईo पूo प्रारंभ हो गया था। उरुक, उर अरु मारी इसके प्रशिद्ध नगर थे।
- श्रम विभाजन एवं सामाजिक संगठन शहरी जीवन एवं अर्थव्यवस्था की विशेषता थे।
- यहाँ खाद्द्य- संसाधन तो समृद्ध थे परन्तु खनिज- संसाधनों का का अभाव था, जिन्हे तुर्की, ईरान अथवा खाड़ी पर देशों से मंगाया जाता था।
Lekhan Kala Aur Shehri Jeevan
- लेखन कला- मेसोपोटामिया में जो पहली पट्टिकाएँ पायी गयी है वे लगभक 3200 ईo पूo की है। इन पर कीलाकार लिपि द्वारा लिखा जाता था ।
- कीलाकार ( क्यूनीफार्म )- यह लतानि सब्द ‘क्यूनियस’, जिसका अर्थ खूँटी और फोर्मा जिसका अर्थ ‘आकार’ है, से बना है।
- मेसोपोटामिया में बहुत कम लोग पढ़े-लिखे थे। चिह्नों की संख्या काफी पेचीदा तथा बहुत अधिक थी।
- 1400 ईo पूo से धीरे- धीरे अरामाइक भाषा का प्रवेश हुआ, यह हिब्रू भाषा से मिलती- जुलती थी और 1000 ईo पूo के बाद से यह बोली जाने लगी थी और आज भी इराक के कुछ भागों में बोली जाती है।
- 5000 ईo पूo दक्षिण मेसोपोटामिया में बस्तियों का विकास होने लगा था। जिनमे से कुछ शहरों में परिवर्ती हो गयें।
- यहाँ उर नगर में नगर- नियोजन पद्धति का अभाव था, गालियाँ टेढ़ी- मेढ़ी एवं संकरी थी।
- 2000 ईo पूo के बाद फरात नदी की ऊर्ध्वधारा पर मारी नगर शाही राजधानी के रूप में फला- फुला। यह अत्यंत महत्वपूर्ण व्यापारिक स्थल पर स्थित था। इसके कारन यह बहुत समृद्ध तथा खुशहाल था।
- एकल परिवार को आदर्श माना जाता था, जिसमे पति- पत्नी और उनके बच्चें शामिल होते थे।
- काल-गणना और गणित की विधातापूर्ण परंपरा दुनिया को मेसोपोटामिया की सबसे बड़ी देन है।
- गिल्गेमिस- उरुक नगर का शासक था, महान योद्धा था जिसने दूर-दूर तक के प्रदेशों को अपने अधीन कर लिया था।
- समय का विभाजन सिकंदर के उत्तराधिकारियों द्वारा अपनाया गया और वहां से यह रोम तथा इस्लाम की दुनियां में तथा बाद में मध्ययुगीन यूरोप में पहुँचा।
Lekhan Kala Aur Shehri Jeevan
Q.1. निम्नलिखित में से विश्व की प्राचीनतम सभ्यता कौन- सी ही?
(a) मिस्र√
(B) चीन
(C) सिंधुघाटी
(D) मेसोपोटामिया
Q.2. मेसोपोटामिया की आरंभिक सभ्यता कौन- सी थी?
(a) बेबीलोनियन सभ्यता
(b) सुमेर सभ्यता √
(c) असीरियन सभ्यता
(d) केल्डियन
Q.3. मेसोपोटामिया की सभ्यता किस नदी के किनारे विकसित हुयी।
(a) दजला
(b) फरात
(c) निल
(d) दजला और फरात दोनों √
Q.4. ऐरेक तथा सुमेर के राजा की उपाधि किसने धारण की?
(a) डिंगिरडामु
(b) लुगल जग्गिसी √
(c) सेनाकेरीब
(d) गिल्गामेश
Q.5. उर नगर में प्रेम एवं विलास के कुमारी देवी कौन थी?
(a) बाऊ
(b) ईश्तर
(c) निनलिन
(d) इन्निनी√
Q.6. गुड़िया राजा ने बाऊ देवी की अर्चना हेतु एक कविता रची, बाऊ किस नगर की प्रमुख देवी थी?
(a) निपुर
(b) उर
(c) लगाश√
(d) बेबीलोन
Q.7. बेबीलोन नगर का प्रमुख देवता कौन था?
(a) मर्दुक√
(b) एनलिन
(c) सूर्य
(d) ईस्टर
Q.8. अक्काद का शासक सारगण किस वर्ष गद्दी पर बैठा?
(a) 2360 ईo पूo
(b) 2370 ईo पूo
(c) 2380 ईo पूo
(d) 2350 ईo पूo√
Q.9. मेसोपोटामिया की लिपि थी-
(a) चित्रलिपि
(b) कीलाक्षर लिपि √
(c) देवनागरी
(d) इनमे से कोई नहीं
Q.10. मेसोपोटामिया की प्रमुख उपज कौन-सी थी?
(a) गेंहू √
(b) चावल
(c) मटर
(d) इनमे से कोई नहीं
Q.11. मेसोपोटामिया में युद्ध एवं प्रेम की देवी को कहा जाता था-
(a) इनान्ना√
(b) डर
(c) सरस्वती
(d) इनमे से कोई नहीं
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Q.12. झूलते बाग़ किस सभ्यता की देन थी?
(a) माया सभ्यता
(b) बेबीलोनियन सभ्यता √
(c) हड़प्पा सभ्यता
(d) मिस्रा सभ्यता
Q.13. पिली नदी किसे कहतें है?
(a) यांग्सी
(b) सिक्यांग
(c) ह्वांग हो √
(d) हांसू
Q.14. निंम्न में से किस वर्ष दक्षिणी मेसोपोटामिया के सबसे प्राचीन मंदिर की स्थापना की गयी थी?
(a) 4000 ईo पूo
(b) 6000 ईo पूo
(c) 5000 ईo पूo
(d) 3000 ईo पूo√
Q.15. मेसोपोटामिया की सभ्यता के अंतर्गत सुमेरियन साम्राज्य का संस्थापक कौन था?
(a) हम्मू रावी
(b) असीरी बन्नीपाल
(c) सारगन प्रथम √
(d) सारगन द्वितीय
Q.16. ‘ जिगुरात ‘ का संबंध निम्नांकित में से किससे था?
(a) मेसोपोटामिया की सभ्यता से √
(b) चीन की सभ्यता से
(c) सिंधु सभ्यता से
(d) मिस्त्र की सभ्यता से
Q.17. ‘ कलाकार ‘ लिपि का संबंध किस सभ्यता से है?
(a) चीन की सभ्यता से
(b) मेसोपोटामिया की सभ्यता से √
(c) मिस्त्र की सभ्यता से
(d) सिंधु सभ्यता से
Q.18. मेसोपोटामिया की देवी इन्नाना का संबंध था-
(a) प्रेम और युद्ध √
(b) करुणा
(c) अहिंसा
(d) विध्या एवं धन
Q.19. असुरबनिपाल कहाँ के शासक थे?
(a) असीरिया√
(b) क्रीट
(c) रोम
(d) चीन
Q.20. मेसोपोटामिया के उर देवता संबंधित थे?
(a) सूर्य
(b) चंद्र√
(c) जल
(d) पवन
Q.21. शहरी जीवन की शुरुआत सर्वप्रथम कहाँ हुयी?
(a) मेसोपोटामिया √
(b) चीन
(c) यूनान
(d) रोम
Q.22. गिलगेमिश महाकाव्य का संबंध किससे है?
(a) मिस्त्र
(b) मेसोपोटामिया √
(c) ईरान
(d) यूनान
Lekhan Kala Aur Shehri Jeevan FAQs
1. लेखन कला की शुरुआत कब और कहां हुई?
लेखन कला की शुरुआत लगभग 3200 ईसा पूर्व मेसोपोटामिया में हुई। इसे व्यापारिक लेन-देन, कानून, और प्रशासनिक दस्तावेज़ों के लिए उपयोग किया गया, जिससे सभ्यता का विकास हुआ।
2. मेसोपोटामिया सभ्यता में लेखन का क्या महत्व था?
मेसोपोटामिया में लेखन का महत्व व्यापार, प्रशासन, और धार्मिक अनुष्ठानों में था। यह दस्तावेज़ों, कानूनों, और संचार का प्रमुख माध्यम था, जिसने सभ्यता के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
3. क्यूनिफॉर्म लिपि क्या है?
क्यूनिफॉर्म लिपि मेसोपोटामिया की प्राचीन लेखन प्रणाली थी, जिसमें मिट्टी की तख्तियों पर तिरछी रेखाओं द्वारा लेखन होता था। यह व्यापार और प्रशासन के लिए उपयोग की जाती थी।
4. शहरी जीवन की शुरुआत किस सभ्यता में हुई?
शहरी जीवन की शुरुआत मेसोपोटामिया सभ्यता में हुई, जहां नगरों का विकास हुआ और सामाजिक संरचना में बदलाव आया। ये नगर व्यापार, प्रशासन, और धार्मिक गतिविधियों के केंद्र बने।
5. मेसोपोटामिया की प्रमुख नगर कौन-कौन से थे?
मेसोपोटामिया के प्रमुख नगर उर, उरुक, और निप्पुर थे। ये नगर व्यापार और प्रशासन के मुख्य केंद्र थे और धार्मिक महत्व भी रखते थे।
6. मेसोपोटामिया में सामाजिक वर्ग विभाजन कैसे था?
मेसोपोटामिया में समाज तीन वर्गों में बंटा था: शासक वर्ग (राजा और अधिकारी), व्यापारी और कारीगर, तथा श्रमिक और दास। ये वर्ग विभाजन सामाजिक और आर्थिक संरचना का हिस्सा थे।
7. लेखन का समाज में क्या प्रभाव पड़ा?
लेखन का समाज में महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है। इसने संचार को सरल बनाया, ज्ञान के संरक्षण और प्रसार में मदद की, और प्रशासनिक कार्यों को व्यवस्थित किया। लेखन ने व्यापार और कानूनी दस्तावेज़ों को सक्षम बनाया, जिससे समाज में व्यवस्था और विकास संभव हो सका। इसके माध्यम से संस्कृति, इतिहास, और विज्ञान का संकलन भी किया गया, जो मानवता के लिए अमूल्य धरोहर बना।
Lekhan Kala Aur Shehri Jeevan
8. मेसोपोटामिया में किस प्रकार के साहित्यिक दस्तावेज़ पाए जाते हैं?
मेसोपोटामिया में धार्मिक ग्रंथ, कानून, कविताएं, और मिथकों से संबंधित साहित्यिक दस्तावेज़ पाए जाते हैं, जो उस समय के समाज, धर्म, और संस्कृति को समझने में मदद करते हैं।
9. मेसोपोटामिया के धार्मिक विश्वास और उनका शहरी जीवन पर प्रभाव क्या था?
मेसोपोटामिया के धार्मिक विश्वासों ने शहरी जीवन पर गहरा प्रभाव डाला। वहां के लोग कई देवताओं की पूजा करते थे, जो जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करते थे। धार्मिक अनुष्ठान और त्योहार शहरी जीवन का अभिन्न हिस्सा थे, जो सामुदायिक एकता को बढ़ावा देते थे। मंदिरों को धार्मिक, आर्थिक, और सामाजिक केंद्र माना जाता था, जहां लोग पूजा करते थे और व्यापार करते थे। धार्मिक शासन ने कानूनों और नैतिकता को निर्धारित किया, जिससे समाज में व्यवस्था बनी। इसके अलावा, धार्मिक विश्वासों ने कला, साहित्य, और विज्ञान को भी प्रेरित किया, जो मेसोपोटामिया की सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा बने। इस प्रकार, धार्मिक विश्वासों ने न केवल व्यक्तिगत जीवन को बल्कि समग्र शहरी जीवन को भी आकार दिया।
10. लेखन कला के विकास का मानव सभ्यता पर क्या दीर्घकालिक प्रभाव पड़ा?
लेखन कला के विकास का मानव सभ्यता पर गहरा और दीर्घकालिक प्रभाव पड़ा है। लेखन ने ज्ञान के संरक्षण और प्रसार में क्रांतिकारी बदलाव लाया। इससे विचारों, अनुभवों, और कानूनों को पीढ़ी दर पीढ़ी सुरक्षित रखा जा सका। लेखन के माध्यम से इतिहास, संस्कृति, और विज्ञान को संकलित किया गया, जिसने सभ्यताओं के विकास, शासन प्रणाली, और सामाजिक संरचना को मजबूत किया। लेखन के बिना, ज्ञान और संस्कृति का स्थानांतरण असंभव होता, जिससे सभ्यता का विकास अवरुद्ध हो जाता। इसके अलावा, लेखन ने व्यापार, प्रशासन, और धार्मिक अनुष्ठानों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे समाज का संगठन और विकास सुगम हुआ।