यायावर साम्राज्य अध्याय 5: यायावर साम्राज्य कक्षा 11 की इतिहास पुस्तक की पाठ संख्या 5 है। इसे लेख में महत्वपूर्ण नोट्स तथा वार्षिक परीक्षा के लिए अति उपयोगी प्रश्न – उत्तर दिए गए है। इसे लिखते समय सत्यता और शुद्धता का ध्यान रखा गया है। इसके बाद भी आप सभी से निवेदन है की पुष्टि के लिए पुस्तक का सहारा अवश्य ले। यहाँ के त्रुटि से किसी भी प्रकार के हानि के लिए वेबसाइट के कर्ता-धरता जिम्मेवार नहीं होंगे।
यायावर साम्राज्य कक्षा 11
एनo सीo इo आरo टीo पुस्तक
इतिहास पाठ – 5
यायावर साम्राज्य महत्वपूर्ण तथ्य: Yayavar Samrajya Important Facts
यायावर साम्राज्य के जानकारी के ऐतिहासिक स्रोत है- इतिवृति, यात्रा वृतांत और नगरीय साहित्यकारों के दस्तावेज। कुछ निर्णायक स्त्रोत हमें चीनी, मंगोली, फ़ारसी और अरबी भाषा में भी उपलब्ध है।
यायावर साम्राज्य की अवधारणा विरोधात्मक प्रतीत होती है क्योकिं यायावर मूलतः घुमक्कड़ होते हैं। मध्य एशिया में मंगोलों ने पारमाद्वीपीय साम्राज्य की स्थापना की और एक भयानक सैनिक तंत्र और शासन संचालन की प्रभावी पद्धतियों का सूत्रपात किया।
मध्य- एशिया के स्टेपी प्रदेश में, तेरहवीं शताब्दी के प्राम्भिक दशकों में चंगेज खान ने मंगोलों को संगठित किया। मंगोल विविध जान समुदाय का एक निकाय थें जिसमें तातार, ख़ितान, मांचू व तुर्की कबीलें शामिल थें। ये लोग पशुपालक, शिकारी संग्राहक थे और कृषि कार्य नहीं करते थे। इन्हें मंगोल कहा गया। नृजातीय और भाषायी संबंधों ने मंगोलों को परस्पर जोड़ रखा था।
स्टेपी क्षेत्र में संसाधनों की कमी के कारन मंगलों तथा मध्य एशिया के यायावरों को व्यापर एवं वास्तु-विनिमय के लिए पड़ोस में स्थित चीन में जाना पड़ता था। चीनी लोगो को यह शिकार किये गए पशु और घोड़े देकर बदले में कृषि उत्पाद तथा लोहे के उपकरण लेते थे।
‘बर्बर’ शब्द यूनानी भाषा के बारबरोस शब्द से उत्पन्न हुआ है जिसका तात्पर्य गैर- क़ानूनी लोगों से है।
यायावर कबीलें चीन पर बार- बार आक्रमण करते थे और नगरों को लूट लेते थे। उनके आक्रमण से चीन की सुरक्षा के लिए चीनी शासकों ने ‘महान दीवार’ बनायीं।
चंगेज खान, जिसका प्रारंभिक नाम तेमुजिन था, 1206 तक उसने अपने शत्रुओं को निर्णायक रूप से पराजित कर दिया था और स्टेपी क्षेत्र का सबसे प्रभावशाली व्यक्ति बन गया। इसलिए 1206 में कुरिलताई की एक सभा में उसे चंगेज खान ‘ ‘समुद्री खान’ या ‘सार्वभौम शासक’ की उपाधि के साथ मंगोलों का महानायक घोषित किया गया।
चंगेज खान की सैनिक उपलब्धियां विस्मित कर देने वाली थी- कुशल घुड़सवारी ने उसकी सेना को गति प्रदान की, घोड़े पर सवार होकर तीरंदाजी का कौशल अद्भुत था, घेराबंदी यन्त्र और नेफ्था बमबारी और अभियानों के दौरान हल्के, चल उपस्करों का उपयोग। चंगेज खान ने मंगलों को एक सशक्त अनुसाहसित सैन्य शक्ति के रूप में संगठित किया जिससे उसके सैन्य अभ्यानों की सफलता तय हो गयी।
नयी सैनिक टुकड़ियों को जो उसके चार पुत्रों के अधीन थी नयान कहा जाता था।
मंगोलियन जनजाति संस्कृति के विकास का तीन चरणों में अध्ययन किया जा सकता है:
- जनजाति कबीलों का आरंभिक काल तुर्क तथा मंगोल कबीलों का परस्पर संघर्ष।
- एकीकृत मंगोलियन साम्राज्य का काल।
- बुद्ध धर्म को अपनाना।
अपने राज्य के दूर-दराज के स्थानों में परस्पर संपर्क रखने के लिए फुर्तीली हरकारा पद्धति अपनायी। अपेक्षित दुरी पर निर्मित चौकियों में स्वास्थ्य व् बलवान घोड़े तथा धुड़सवार संदेशवाहक तैनात थे, इसके लिए मंगोल अपने घोड़ों या अन्य पशुओं का दसवाँ हिस्सा कुबकुर प्रदान करते थे।
चंगेज खान ने नवविजित प्रदेश का शासन अपने चार पुत्रों को सौंप दिया। इस प्रकार चार उलुस का गठन हुआ।
तेरहवीं शताब्दी के मध्य तक मंगोलों का एक एकीकृत जनसमूह बन गया था जिन्होनें एक विशाल साम्राज्य का निर्माण किया। उन्होंने अत्यंत जटिल शहरी समाजों पर शासन किया जिनके अपने-अपने इतिहास, संस्कृतियां और नियम थे। अपने साम्रज्य पर राजनीतिक प्रभुत्व होने के बावजूद संख्यात्मक रूप से मंगोल अल्पसंख्यक रहे। अपनी पहचान और विशिष्टता की रक्षा के लिए उन्होंने ‘यास’ विधि संहिता को अपनाया।
‘यास’ को प्रारंभिक स्वरूप में यसाक लिखा जाता था। इसे चंगेज खान ने सन 1206 ईo में कुरिलताई में लागु किया था। इसका अर्थ था – विधि, आज्ञप्ति व् आदेश। इसमें प्रशासनिक विनिमय है जैसे आखेट, सैन्य और डाक प्रणाली का संगठन।
मंगलों के पतन के मौलिक कारन थे-
- उनकी संख्या बहुत काम थी और वह अपनी प्रजा की पेक्षा कम सभ्य थे।
- आपसी विरोध व् अपनी सभ्यता को विजित देशों की सभ्यता में मिलाना।
- मंगोल द्वारा अन्य धर्मों का अपनाया जाना।
मंगोलों के लिए चंगेज खान एक महान शासक था- उसने मंगोलों को संगठित किया, कबीलाई लड़ाईयों और चीनियों द्वारा शोषण से मुक्ति दिलाई, पारमहाद्वीपीय साम्राज्य बनाया, व्यापार के रास्तें तथा बाजारों को पुनर्स्थापित किया। इनका शासन बहु- जातीय, बहुभाषी, बहु- धार्मिक था।
अब मंगोलों एक स्वतंत्र राष्ट्र है और चंगेज खान एक महान राष्ट्रनायक के रूप में तथा आराध्य शक्ति के रूप में मान्य है।
महत्वपूर्ण बहुवैकल्पिक प्रश्न-उत्तर: Important MCQs: यायावर साम्राज्य अध्याय 5
1. निम्नलिखित में से खानाबदोश जाती कौन- सी थी?
- हूण
- मंगोल
- शक
- उपयुर्क्त सभी √
2. मंगोलों का प्रिय पशु था-
- ऊँठ
- गधा
- घोड़ा√
- बकरी
3. खानाबदोश यूची कबीले की किस शाखा ने भारत में साम्राज्य स्थापित किया?
- हूण
- शक
- पहलव
- कुषाण √
4. किस घुमन्तु जाती के आक्रमण से बचने के लिए शिह्णाती ने चीन में महादिवार का निर्माण किया है?
- हूण √
- मंगोल
- तुर्क
- तातार
5. चीनी लोग किस यायावर जाती को ह्यूंग-नू कहते थे?
- मंगोल
- यूची
- हूण √
- तुर्क
6. मंगोलों का प्रिय पेय कुमिस (एक प्रकार का शराब) किस पशु की दूध से बनती थी?
- घोड़ी √
- ऊँटनी
- बकरी
- गाय
7. मंगोलों के राजनीतिक गुरु कौन थे?
- हूण
- उईगुर √
- तुर्क
- यूची
8. चंगेज खां मंगोलों के किस कबीले से संबंधित थे?
- हूण √
- कियात
- बद्दू
- फिनीशियन
9. मंगोल साम्राज्य का संथापक कौन था?
- चंगेज खां √
- कुबलाई कान
- जोची खान
- जादू खान
10. चंगेज खां का जन्म कब हुआ था?
- 1162 ईo √
- 1165 ईo
- 1163 ईo
- 1161 ईo
11. चंगेज खां के मृत्यु के समय उसकी आयु क्या थी?
- 70 वर्ष
- 69 वर्ष
- 72 वर्ष √
- 74 वर्ष
12. चंगेज खां मंगोलिया का शासक किस वर्ष बना?
- 1203 ईo
- 1204 ईo
- 1205 ईo
- 1206 ईo √
13. चंगेज खां का वास्तविक नाम क्या था?
- तूमुचिन
- तिमुजिन √
- येसूजेई
- कारपिनी
14. ओलुन इके कौन थी?
- मंगोल राजकुमारी
- चंगेज खां की माँ √
- चंगेज खां की पत्नी
- चंगेज खा की बहन
15. चंगेज खां ने अपनी राजधानी कहाँ स्थापित किया था?
- पीकिंग
- वीजिंग
- कराकोरम √
- नेहरान
16. यायावर का अर्थ है-
- घुमक्कड़ √
- आवारा
- जनजाति
- प्रजाति
17. ओगोदेइ किसका पुत्र था?
- अरब खां
- चंगेज खां √
- च्यांगसीन
- युसूफ
18. चंगेज खां की मृत्यु कब हुयी थी?
- 1230 ईo
- 1240 ईo
- 1260 ईo
- 1227 ईo √
19. चंगेज खां के पिता का नाम क्या था?
- येसूजेई √
- खुरासान
- तेमुजिन
- बोघूरचू
20. जमुका चंगेज खां का कौन था?
- चाचा
- भाई √
- बहनोई
- गुरु
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यायावर साम्राज्य अध्याय 5