राष्ट्रीय आंदोलन का संघटन: कक्षा 8 विषय इतिहास के सभी विषयों के सटीक समाधान झारखण्ड पाठशाला में उपलब्ध है। इस पाठ में राष्ट्रीय आंदोलन के विशेष घटनों के बारें में प्रश्न उत्तर देखेंगे जो वार्षिक परीक्षा के लिए अति महत्वपूर्ण है। इस पाठ के सभी समाधान ncert पुस्तक के आधार तैयार की गयी है।
राष्ट्रवाद का उदय
- संप्रभुता राष्ट्रवाद का बुनियादी तत्व है। संप्रभुता का अर्थ होता है बिना किसी बाहरी सहायता से स्वतंत्र रूप से कदम उठाने की शक्ति होना।
- 1878 में आर्म्स एक्ट पारित किया गया जिसके जरिए भारतीय द्वारा अपने पास हथियार रखने का अधिकार छीन लिया गया।
- 1885 में भारत कए 72 प्रतिनिधियों ने मिलकर बंबई में सभा किया और भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस की स्थापना किया।
- काँग्रेस चाहती थी की सरकार में भारतीयों को भी ऊंचे पद दिए जाए इसलिए उसने मांग की कि सिविल सेवा की परीक्षा लंदन के साथ साथ भारत में भि कराई जाए। विधान परिषदों में भारतीयों के लिए ज्यादा जगह की मांग की।
- बाल गंगाधर तिलक ने नर दिया था- “स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और में इसे लेकर रहूँगा”।
- 1905 में लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया था।
- 1906 में मुस्लिम जमींदारों और नवाबों के एक समूह ने ढाका में ऑल इंडिया मुस्लिम लीग” की स्थापना की।
- मुस्लिम लीग ने मुसलमानों के किए पृथक निर्वाचिका की मांग की जिसे सरकार ने 1909 में माँ लिया।
जनराष्ट्रवाद का उदय
- 1919 में अंग्रेजों द्वारा रौलट एक्ट पारित किया गया था इसमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगा दिया गया था और पुलिस को और अधिक अधिकार प्रदान कर दिए गए थे। महात्मा गांधी ने इस कानून का विरोध किया।
- महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारतीय लोगों ने रौलट एक्ट के विरोध में बहुत सारी हड़ताल की। इन हड़तालो को दबाने के लिए ब्रिटिश सरकार ने बहुत सारे प्रयास किए जिनमें से एक था 13 अप्रैल 1919 का जालियांवाला बाग हत्याकांड।
- 1920 में अंग्रेजों ने तुर्की के सुल्तान बहुत सख्त संधि थोप दी थी जिस कारण मुस्लिम उनसे नाराज थे और अंग्रेजों का विरोध करने के लिए खिलाफत आंदोलन चला रहे थे। मुस्लिमों का अंग्रेजों से मांग था कि ऑटोमन साम्राज्य पर स्थित सभी मुस्लिम पवित्र स्थलों पर खलीफा का अधिकार रहे। इस आंदोलन के प्रमुख नेता मुहम्मद अली और शौकत अली थे।
- गांधीजी ने 1922 में असहयोग आंदोलन वापस ले लिया था क्योंकि वे अहिंसक विरोधी थे और उनके अनुयायियों ने चोरी चोरा नामक एक पुलिस स्टेशन पर हिंसक विरोध कर दिया था इस हमले में 22 पुलिसकर्मियों की जान चली गई थी किसानों के बेकाबू होने का कारण था कि पुलिस ने आंदोलनकारियों के बीच गोली चला दी थी।
- 1929 में जवाहर लाल नेहरू ने पूर्ण स्वराज की घोषणा कर दी थी जिसके आधार पर 26 जनवरी 1930 को पहली बार स्वतंत्रता दिवस मनाया गया था।
दांडी मार्च
- 1930 में महात्मा गांधी ने ऐलान किया था कि वह नमक कानून तोड़ने के लिए यात्रा निकालेंगे उस समय नमक के उत्पादन व बिक्री पर सरकार का एकाधिकार होता था महात्मा गांधी और अन्य राष्ट्रवादीयों का मानना था की नमक पर टैक्स वसूलना पाप है क्योंकि यह भोजन का अभिन्न हिस्सा है।
- गांधी जी और उनके अनुयाई 240 किलोमीटर दूर स्थित दांडी तट पर पैदल चलकर गए और वहां जाकर उन्होंने तट के किनारे बिखरा हुआ नमक को उठाते हुए सार्वजनिक रूप से नमक कानून का विरोध किया।
- इसके बाद उन्होंने पानी में उबालकर भी नमक बनाया इस आंदोलन में किसानों आदिवासियों और महिलाओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया था।
- 1935 के गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट में प्रांतीय स्वायत्तता का प्रावधान किया गया
भारत छोड़ो और उसके बाद
- 9 अगस्त 1942 में गांधी जी ने भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया था उन्होंने भारतीय जनता से आह्वान किया कि करो या मरो के सिद्धांत पर चलते हुए अहिंसक ढंग से संघर्ष करें।
- गांधी जी और अन्य नेताओं को इस आंदोलन के लिए जेल में डाल दिया गया था परंतु इसके बावजूद भी या आंदोलन फैलता गया।
- 1946 में मुस्लिम लीग ने देश के पश्चिमोत्तर और पूर्वी क्षेत्रों में मुसलमानों के लिए स्वतंत्र राज्यों की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया।
- मुस्लिम लीग ने 16 अगस्त 1946 में प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस मनाने का आह्वान किया।
NCERT प्रश्न उत्तर : फिर से याद करें
Q.1. 1870 और 1880 के दशकों में लोग ब्रिटिश शासन से क्यों असंतुष्ट थे?
उत्तर: 1870 और 1880 के दशक में लोगों के ब्रिटिश शासन से असंतुष्ट होने के कारण निम्नलिखित थे –
- 1878 में आर्म्स एक्ट पारित किया गया था जिसके जरिए भारतीय द्वारा अपने पास हथियार रखने का अधिकार छीन लिया गया था।
- 1878 में ही वर्नाकुलर प्रेस एक्ट पारित किया गया था जिसमें यह प्रावधान था कि अगर किसी अखबार में कोई आपत्तिजनक चीजें सकती है तो सरकार उसकी प्रिंटिंग प्रेस सहित सारी संपत्ति को ज़ब्त कर सकती है। इस एक्ट को सरकार की आलोचना करने वालों को चुप कराने के लिए पारित किया गया।
- 1883 में सरकार ने इल्बर्ट बिल लागू करने का प्रयास किया इस विधेयक में यह प्रावधान किया गया था कि भारतीय न्यायधीश भी ब्रिटिश या यूरोपीय व्यक्तियों पर मुकदमा चला सकते हैं ताकि भारत में काम करने वाले अंग्रेज और भारतीय न्यायाधीशों के बीच समानता स्थापित की जा सके। जब अंग्रेजों के विरोध की वजह से सरकार ने यह विधेयक वापस ले लिया तो भारतीयों ने इस बात का काफी विरोध किया।
Q.2. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस किन लोगों के पक्ष में बोल रही थी?
उत्तर: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस जिसकी स्थापना 1885 में हुई थी वह भारत के किसी एक वर्ग या समुदाय की तरफ से ना बोल कर भारत के सभी वर्ग व समुदाय के पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रही थी।
Q.3. पहले विश्व युद्ध से भारत पर कौन से आर्थिक असर पड़े?
उत्तर- पहले विश्व युद्ध से भारत में निम्नलिखित आर्थिक अवसर पडे-
- ब्रिटिश भारत सरकार ने निजी आय और व्यावसायिक मुनाफे पर कर बढ़ा दिया था क्योंकि पहले विश्वयुद्ध के वजह से ब्रिटिश भारत सरकार के रक्षा व्यय में भारी इजाफा हुआ इसलिए उसने ऐसा कदम उठाया था जिससे भारत पर बुरा असर पड़ा।
- सैनिक व्यय में इजाफे तथा युद्धक आपूर्ति की वजह से जरूरी सामानों की चीजों में भारी उछाल आया और आम लोगों की जिंदगी मुश्किल होती है दूसरी और व्यावसायिक समूह युद्ध से बेहिसाब मुनाफा कमा रहे थे।
- इस युद्ध में औद्योगिक वस्तुओं जैसे जूट के बोरे, कपड़े, पटरिया आदि की मांग बढ़ा दी और अन्य देशों से भारत आने वाले आयात में कमी ला दी थी ।
- युद्ध के दौरान भारत के उद्योगों का विस्तार हुआ और भारतीय व्यवसायीक समूह विकास के लिए और अधिक अवसरों की मांग करने लगे।
- इस युद्ध ने अंग्रेजों को अपनी सेना बढ़ाने के लिए विवश किया।
Q.4 .1940 के मुसलिम लीग के प्रस्ताव में क्या माँग की गई थी?
उत्तर- 1940 में मुस्लिम लीग के प्रस्ताव में मुस्लिम लीग ने देश के पश्चिमोत्तर तथा पूर्वी क्षेत्रों में मुसलमानों के लिए स्वतंत्र राज्यों की मांग किया था। इस प्रस्ताव में विभाजन या पाकिस्तान का जिक्र नहीं था बल्कि मुस्लिम लीग ने उपमहाद्वीप के मुसलमानों के लिए स्वायत्त व्यवस्था की मांग की थी।
आईए विचार करें:
Q.5. मध्यमार्गी कौन थे? वे ब्रिटिश शासन के खिलाफ किस तरह का संघर्ष करना चाहते थे?
उत्तर- मध्यमवर्गी: कांग्रेस के प्रारंभिक नेता मध्यमार्गी थे, इन नेताओं में प्रमुख थे-दादाभाई नौरोजी, सुरेंद्रनाथ बनर्जी, गोपालकृष्ण गोखले आदि। ऐसा कहा जाता है कि कांग्रेस अपने पहले 20 सालों में अपने उद्देश्य और तरीकों के लिए हाथ से मध्यम मार्ग ई पार्टी थी।
ब्रिटिश शासन के खिलाफ उनका संघर्ष:
- मध्यमार्गी नेता जनता को ब्रिटिश शासन के अन्याय पूर्ण चरित्र से अवगत कराना चाहते थे।
- उन्होंने अखबार निकालें लेख लिखे और यह साबित करने का प्रयास किया कि ब्रिटिश शासन देश को आर्थिक तबाही की ओर ले जा रहा है।
- उन्होंने अपने भाषणों में ब्रिटिश शासन के निंदा की और जनमत निर्माण के लिए देश के विभिन्न भागों में अपने प्रतिनिधि भेजें।
Q.6. कांग्रेस में आमूल परिवर्तनवादी की राजनीति मध्यमार्गी की राजनीति से किस तरह भिन्न थी?
उत्तर- कांग्रेस में आमूल परिवर्तनवादी की राजनीति मध्यमार्गी की राजनीति से किस तरह में भिन्नता निम्नलिखित है –
- नरमपंथी संघर्ष में शांतिपूर्ण तरीकों को प्रयोग करना चाहते थे, जबकि गरमपंथी उग्र एवं क्रांतिकारी तरीका अपनाना चाहते थे।
- नरमपंथी यह मानते थे कि सरकार उनकी न्यायसंगत माँगों को मान लेगी, जबकि गरमपंथी सोचते थे कि बिना किसी दबाव अंग्रेज़ उनकी माँग नहीं मानेंगे।
- नरमपंथी प्रार्थनाओं, अपीलों और याचिकाओं में विश्वास करते थे, जबकि गरमपंथी उनके इस तरीके के विरोधी थे।
Q.7. चर्चा करें कि भारत के विभिन्न भागों में असहयोग आंदोलन ने किस-किस तरह के रूप ग्रहण किए? लोग गांधीजी के बारे में क्या समझते थे?
उत्तर- भारत के विभिन्न भागों में असहयोग आंदोलन के तरह तरह के रूप व गांधी जी के बारे में उनकी धारणा-
- खेड़ा (गुजरात) में पाटीदार किसानों ने अंग्रेजों द्वारा थोप दिए गए भारी लगान के खिलाफ अहिंसक आंदोलन किया।
- तटीय आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के भीतरी भागों में शराब की दुकानों की घेराबंदी की गयी।
- आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में आदिवासी और गरीब किसानों का विरोध औपनिवेशिक सरकार के वन-संसाधनों पर उनके अधिकारों को बहुत सीमित करने के लिए था।
- पंजाब में सिखों के अकाली आंदोलन अपने गुरुद्वारों के भ्रष्ट महंतों को हटाने के लिए था। |
- असम में चाय बागान मजदूरों ने अपनी तनख्वाह में बढ़ोत्तरी के लिए आंदोलन चलाया।
- लोग गांधीजी को एक तरह का मसीहा, एक ऐसा व्यक्ति मानते थे जो उन्हें मुसीबतों और गरीबी से छुटकारा दिला सकता है।
Q.8. गांधीजी के नमक कानून तोड़ने का फैसला क्यों लिया?
उत्तर- गांधीजी के नमक कानून तोड़ने का फैसला लेने का कारण निम्नलिखित है-
- उस समय नमक के उत्पादन और ब्रिकी पर सरकार का एकाधिकार था।
- महात्मा गांधी और अन्य राष्ट्रवादियों के अनुसार नमक पर टैक्स वसूलना पाप है, क्योंकि यह हमारे भोजन का अभिन्न अंग है।।
- 1930 में गांधीजी और उनके समर्थक साबरमती से 240 किलोमीटर दूर स्थित दांडी तक पैदल चलकर गए और वहाँ तट पर बिखरा नमक इकट्ठा करके सार्वजनिक रूप से नमक कानून का उल्लंघन किया।
Q.9. 1937-47 की उन घटनाओं पर चर्चा करें जिनके फलस्वरूप पाकिस्तान का जन्म हुआ?
उत्तर- 1937-47 के बीच घाटी वे घटनाए जिसने पाकिस्तान को जन्म दिया वे निम्नलिखित है-
- 937 में मुसलिम लीग संयुक्त प्रांत में कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाना चाहती थी, परंतु कांग्रेस ने इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया, जिससे दोनों के बीच मतभेद गहरे हो गए।
- 1940 में मुसलिम लीग ने देश के पश्चिमोत्तर तथा पूर्वी क्षेत्रों में मुसलमानों के लिए स्वतंत्र राज्यों की माँग का एक प्रस्ताव पारित किया।
- 1946 के प्रांतीय चुनावी लीग को मुसलमानों के लिए आरक्षित सीटों पर अत्यधिक सफलता मिली। इससे लीग ‘पाकिस्तान’ की माँग पर कायम रही।
- मार्च 1946 कैबिनेट मिशन की विफलता के बाद लीग ने पाकिस्तान की अपनी माँग मनवाने के लिए 16 अप्रैल, 1946 को प्रत्यक्ष कार्यवाई दिवस’ मनाने का आह्वान किया गया।
- इसी दिन कलकत्ता में दंगे भड़क उठे और मार्च, 1947 तक हिंसा उत्तरी भारत के विभिन्न भागों में फैल गई और इसके बाद विभाजन का परिणाम सामने आया एक नए देश पाकिस्तान का जन्म हुआ।