JAC Board Class 12 Economics Sample Paper 2025: झारखंड अकादमिक परिषद (JAC Board) के कक्षा 12 के छात्रों के लिए अर्थशास्त्र (Economics) एक महत्वपूर्ण विषय है, जिसमें अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए सही रणनीति और अभ्यास आवश्यक होता है। इस लेख में हम JAC Board Class 12 Economics Sample Paper 2025 प्रदान कर रहे हैं, जो बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए बेहद उपयोगी होगा। यह मॉडल पेपर नवीनतम परीक्षा पैटर्न और पाठ्यक्रम के अनुसार तैयार किया गया है, जिसमें महत्वपूर्ण प्रश्न, MCQs, लघु और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न शामिल हैं। यदि आप झारखंड बोर्ड की 12वीं कक्षा के अर्थशास्त्र विषय में उच्च अंक प्राप्त करना चाहते हैं, तो इस सैंपल पेपर को हल करें और अपनी तैयारी को सुदृढ़ करें। नीचे दिए गए लिंक से आप JAC Board 12th Economics Sample Paper 2025 PDF भी डाउनलोड कर सकते हैं।
JAC Board Class 12 Economics Sample Paper 2025
अर्थशास्त्र
वार्षिक इंटरमीडिएट परीक्षा 2026
Time Allowed : 3 Hours
Full Marks: 100
Pass Marks: 33
खंड – 1 व्यष्टि अर्थशास्त्र एक परिचय – 52 अंक
बहुविकल्पीय प्रश्नों की संख्या 15 होंगी और प्रत्येक प्रश्न 1 अंक के होंगें।
JAC Board Class 12 Economics Sample Paper 2025
1 अवसर लगत का वैकापिक नाम है-
- औसत लगत
- लेखांकन लगत
- हस्तांतरण लगत √
- मौद्रिक लगत
2 निम्न में से मांग को प्रभावित करने वाला करक कौन सा है?
- उत्पादन की तकनीक
- साधन की कीमत
- उपभोक्ता की आय √
- उत्पादन की लगत
3 उपयोगिता की माप की इकाई है-
- किलोग्राम
- लीटर
- मीटर
- युटिल्स√
4 बजट की ढल होती है-
- ऋणात्मक √
- धनात्मक
- शुन्य
- अनंत
5 किस प्रकार की वास्तु की मांग उसकी कीमत में वृद्धि से बढाती है?
- आवश्यक वास्तु
- विलासिता वास्तु
- जीवन रक्षक वास्तु
- गिफीन वास्तु √
6 किसी वास्तु की उत्पादन मात्रा में एक अतरिक्त इकाई से वृद्धि करने पर उत्पादन लगत में होने वाली वृद्धि को क्या कहा जाता है?
- कुल लगत
- औसत लगत
- सीमांत लगत √
- अवसर लगत
7 दीर्घकाल उत्पादन फलन का नाम है-
- उयोगिता फलन
- साधन का प्रतिफल
- पैमाने का प्रतिफल √
- लगत फलन
8 एक उपभोक्ता 10 खिलोने को बाजार में 5 रुo प्रति खिलौने की दर से बेचता है तो उसकी कुल संप्राप्ति क्या होगी?
- 15 रूपए
- 5 रूपए
- 50 रूपए √
- 2 रूपए
9 पूर्ण प्रतियोगिता बाजार में फर्मो के संख्या होती है –
- 1
- 0
- 10 से काम
- बहुत अधिक √
10 एकाधिकारी द्वार उत्पादित वास्तु की मांग होती है-
- पूर्णतया लोचदार
- लोचदार
- बेलोचदार√
- पूर्णतया बिलोचदार
11 अल्फ्रेड मार्शल के अनुसार उपयोगिता की माप की इकाई है-
- किलोग्राम
- मीटर
- मुद्रा √
- युटिल्स
12 निम्न में से किस वक्र का आकार उल्टा U आकार का होता है?
- सीमांत उपयोगिता
- औसत लगत
- सीमांत लगत
- सीमांत उत्पाद √
13 कॉब डगलस उत्पादन फलन Q = ALα kβ में पैमाने का प्रतिफल की माप है-
- α + β √
- α – β
- α × β
- α ÷ β
14 यदि किसी वास्तु की मांग वक्र Q = 10 – 5P है तो वास्तु की कीमत दो रुपये प्रति इकाई पर वास्तु की मांग क्या होगी?
- 10
- 5
- 0 √
- 2
15 एकाधिकार में वास्तु की कीमत (P) और सीमांत लगत (MC) में क्या संबंध होता है?
- P=MC
- P-MC=0
- P>MC √
- P<MC
Fill in the Blanks: प्रश्रों 5 है और प्रत्येक प्रश्न 1 अंक है। Class 12 Economics Sample Paper 2025
16 एडम स्मिथ ने अर्थशास्त्र को धन का विज्ञानं कहा है।
17 उपयोगिता को युटिल्स में मापा जा सकता है।
18 किसी वास्तु की मांग और उपभोक्ता की आय में सीधा संबंध होता है।
19 जब उत्पादन के साधनों में 5% की वृद्धि होने से उत्पादन में 5% की वृद्धि होती है तो इसे पैमाने का स्थिर प्रतिफल कहा जाएगा।
20 दो भिन्न ग्राहकों से किसी वास्तु की अलग- अलग कीमत वसूलने की क्रिया कीमत विवेधिकरण कहलाती है।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न। प्रश्न 5 है और प्रत्येक प्रश्न 2 अंक है।
21 अर्थव्यवस्था की किसी एक केंद्रीय समस्या की व्याख्या कीजिए।
उत्तर: क्या उत्पादन किया जाये और उसकी मात्रा कितनी हो? यह पहली केंद्रीय समस्या है जिसका संबंध उन वस्तुओं व सेवाओं के चुनाव से है जिनका उत्पादन करने से व्यक्तियों के अधिकतम आवश्यक्ताओं को पूरा किया जा सके। साधनो एक सीमितता और वैकल्पिक प्रयोग होने के कारन आवश्यकतों को पूरा नहीं किया जा सकता इसलिए एक अर्थव्यवस्था को चुनाव करना पड़ता है के की उपभोक्ता वास्तु, पूंजीगत वास्तु, आवश्यक वास्तु या विलासिता वसुओं में से किसा उत्पादन करे और किसका नहीं।
22 मांग से आप क्या समझते है?
उत्तर: मांग का आशय किसी वास्तु के उस मात्रा से है जिसे एक निचित कीमत पर, एक निश्चित समय में किसी उपभोक्ता द्वारा किसी स्थान से खरीदी जाती है। यहाँ स्थान का अर्थ कोई विशेष स्थान न होकर इंटरनेट और टेलीफोन भी हो सकता है।
23 पूर्ति क्या है? पूर्ति के नियम को लिखियें।
उत्तर: वस्तु की वह सभी मात्राएँ जो किसी विक्रेता द्वारा एक निश्चित कीमत पर, एक निश्चित समय में विभिन्न विक्रेताओं को बेचता है उसे पूर्ति कहते है। पूर्ति के नियम के नुसार वस्तु की कीमत बढ़ने पर उसे वस्तु की पूर्ति बढाती है तथा कीमत घटने पर पूर्ति भी घाटी है। अर्थात कीमत और पूर्ति के बिच सीधा संबंध होता है।
24 उत्पादन फलन की परिभाषा लिखिए?
उत्तर: उपादानों (उत्पादन के विभिन्न साधन) तथा उत्पादनों के बिच के फलनात्मक संबंध को उत्पादन फलन कहा जाता है। उत्पादन फलन हमे यह बताता है की समय के निश्चित अविधि में उपादानों के परिवर्तन से उत्पादन आकर में किस प्रकार और कितना मात्रा में परिवर्तन होता है।
इस प्रकार Qx = ƒ ( A, B, C, D )
जहाँ Qx = X- वस्तु का भौतिक उत्पादन है।
ƒ = फलन है।
A, B, C, D = उत्पादन के विभिन्न साधन है।
25 एक बाजार संतुलन की अवस्था में कब होता है?
उत्तर: वह स्थिति जिसमे परिवर्तन की कोई प्रवृति नहीं होती है उसे साम्य या संतुलन की स्थिति कहते है। संतुलन की अवस्था में मांगी गयी मात्रा तथा पूर्ति की गयी मात्रा एक सामान होती है। बाजार संतुलन की अवस्था में सभी फार्मों द्वारा दी गयी आपूर्ति व् सभी उपभोक्ताओं द्वारा की गयी मांग के बराबर होती है। इस स्थिति में फार्म और उपभोक्ता दोनों ही कोई परिवर्तन नहीं चाहते है।
लघु उत्तरीय प्रश्न। प्रश्नों 3 होगी और प्रत्येक प्रश्न 4 अंकों का होगा।
JAC Board Class 12 Economics Sample Paper 2025
26 उदासीन वक्र की विषेशताओं की व्याख्या कीजिए।
उत्तर: उदासीन वक्र की विशेषता निम्नलिखित है:
- एक उदासीन वक्र हमेशा बायें से दायें निचे गिरता हुआ होता है।
- एक ही उपभोक्ता के दो उदासीन वक्र एक- दूसरे को कभी नहीं काटते।
- उदासीन वक्र कभी भी किस अक्ष को स्पर्श नहीं करता है।
- उदासीन वक्र मूल बिंदु की ओर उन्नतोदर होता है क्योंकि MRS xy घटती हुयी होती है।
- उदासीन वक्र गोलाकार भी हो सकती है।
- ऊँचा उदासीनता वक्र निचे उदासीनता वक्र की तुलना में ऊँचे संतुष्टि स्तर को बताता है।
27 सीमांत उत्पादन और औसत उत्पादन में संबंध को रेखाचित्र से समझाइए।
उत्तर: सीमांत उत्पादन और औसत उत्पादन में निम्नलिखित संबंध है:
- जब सीमांत उत्पाद औसत उत्पाद से अधिक होती है तब औसत उत्पाद में वृद्धि होती है।
- जब सीमांत उत्पाद जब सीमांत उत्पाद, औसत उत्पाद के सामान होता है तब औसत उत्पाद अधिकतम होता है।
- जब सीमांत उत्पाद, औसत उत्पाद से कम होता है तब औसत उत्पाद में कमी आती है।
इस संबंध को निम्न चित्र द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है है:

28 एक पूर्ण प्रतियोगिता बाजार की विषेशताओं को लिखियें।
उत्तर: पूर्ण प्रतियोगिता बाजार की मुख्या विशेषता निम्नलिखित है:
- क्रेताओं और विक्रेताओं की बड़ी सख्या- पूर्ण प्रतियोगिता में क्रेता और विक्रेता की बहुत बड़ी सख्या होती है जिस करे दोनों ही बाजार कीमत को प्रभावित नहीं कर सकते है।
- वस्तु की समरूप इकाईयाँ- सभी विक्रेताओं द्वारा बाजार में वस्तु की बेचीं जाने वाली इकाईयाँ एक सामान होती है।
- फार्मों के प्रवेश व निष्कासन की स्वतंत्रता- इस बाजार में कोई भी नई फर्म उद्योग में प्रवेश कर सहती है तथा कोई भी पुराणी फर्म उद्योग से बहार जा सकती है।
- बाजार दशाओं का पूर्ण ज्ञान- इसमें क्रेताओं और विक्रेताओं को बाजार की दशाओं का पूर्ण ज्ञान होता है। इस कारन कोई भी क्रेता वस्तु की प्रचलित कीमत से अधिक कीमत देकर वस्तु नहीं खरीदेगा। यही कारन है बाजाम में एक सामान कीमत पायी जाती है।
- कोई यातायात लागत नहीं- पूर्ण प्रतियोगिता में यातायात लागत शुन्य होती है जिस कारण बाजार में एक समान कीमत प्रचलित रहती है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न। कुल दो प्रश्न होंगें और प्रत्येक प्रश्न 5 अंकों का होगा। JAC Board Class 12 Economics Sample Paper 2025
29 किसी वस्तु की माँग को प्रभावित करने वाले कारकों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर: एक वस्तु की माँग अनेक कारकों से प्रभावित होती है, जिनमे मुख्या करक निम्नलिखित है:
- वस्तु की उपयोगिता- उपयोगी वस्तुओं की माँग अधिक होती है तथा कम उपयोगी वस्तुओं की मांग कम होती है।
- आय का स्तर- आय का स्तर का माँग पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता। उपभोक्ता की आय जितना अधिक होगा, उसका मांग उतना अधिक होगा तथा इसके विपरीत आय का कम स्तर मांग को कम कर देगा।
- वस्तु की कीमत- किसी वस्तु की मांग स्वयं के कीमत से सबसे ज्यादा प्रभावित होती है। अधिक कीमत पर वस्तु की कम माँग तथा कम कीमत पर वस्तु की अधिक माँग होती है।
- सम्बंधित वस्तुओं की कीमतें-
- स्थानापन्न वस्तुएँ- ऐसी वस्तुओं के संदर्भ में एक वस्तु के कीमत और दूसरी वस्तु के मांग के बिच सीधा संबंध पाया जाता है। जैसे, कॉफी की कीमत बढ़ने से चाय की मांग बढ़ेगी तथा इसके विपरीत कॉफी की कीमत घटने से चाय की मांग घटेगी।
- पूरक वस्तुएँ- ऐसी वस्तुओं के संदर्भ में एक वस्तु के कीमत और दूसरी वस्तु के मांग के बिच विपरीत संबंध पाया जाता है। जैसे, पेट्रोल की कीमत बढ़ने से पेट्रोल कार की मांग घटेगी और इसके विपरीत कीमत घटने से मांग बढ़ेगी।
- रूचि, फैसन आदि- वस्तु की मांग पर उपभोक्ता की रूचि, आदत तथा प्रचलित फैसन आदि का भी प्रभाव पड़ता है। समाज में जिस वस्तु का फैसन चल रहा हो उसकी मांग अधिक होती है।
- भविष्य में कीमत परिवर्तन की आशा- यदि किसी कारन से भविष्य में कीमत के बढ़ने की संभावना है हे तो वर्तमान में उस वस्तु की मांग बढ़ जाएगी तथा इसके विपरीत कीमत घटाने की आशंका है तो उस वर्तमान में उस वस्तु की मांग घटेगी।
अथवा, परिवर्तनशील अनुपात के नियम को लिखियें और इसकी व्याख्या कीजिए।
उत्तर: अल्पकाल में जब एक फर्म उत्पादन के कुछ साधनों को स्थिर रखकर अन्य साधनों की मात्रा में परिवर्तन करती है, तब उत्पादन की मात्रा में जो परिवर्तन होता है, उन्हें उत्पत्ति के नियमों के नाम से जाना जाता है। इसे परिवर्तनशील अनुपात का नियम भी कहा जाता है। इसके तीन नियम होते जो निम्नलिखित है:
- साधन के बढ़ाते प्रतिफल या, उत्पत्ति वृद्धि नियम- उत्पादन की प्रारंभिक अवस्था में उत्पत्ति वृद्धि नियम लागु होती है। जब उत्पत्ति के अधिकांश साधनों को स्थिर रखकर एक साधन की मात्रा को परिवर्तित किया जाता है, तब उत्पादन में वृद्धि होती है, तब इसे उत्पत्ति वृद्धि नियम कहा जाता है।
- साधन के स्थिर प्रतिफल या, उत्पत्ति समता नियम- साधन के समता प्रतिफल से अभिप्राय उस स्थिति से है जिसमें परिवर्तनशील साधन की अतिरिक्त इकाईयों का प्रयोग करने से उसकी सीमांत उत्पादकता में वृद्धि नहीं होती है। इस स्थिति में सीमांत उत्पादन स्थिर हो जाता है। इसके फलस्वरूप कुल उत्पादन में वृद्धि सामान दर से होती है।
- साधन के घटते प्रतिफल अथवा उत्पत्ति ह्रास नियम- यह दशा तब उत्पन्न होती है जब परिवर्तनशील साधन का सीमांत उत्पादन (MP) घटने लगता है और जिसके परणामस्वरूप कुल उत्पाद (TP) घटती दर से बढ़ती है। इस दशा में उत्पादन की सीमांत लगत बढ़ती है।
30 (a) उत्पादन लगत से आप से क्या समझते है? 2 अंक
उत्तर: किसी वस्तु या सेवाओं के उत्पादन के लिए विभिन्न साधनों की आवश्यकता होती है, इन्हीं साधनों पर किया गया व्यय उत्पादन लगत कहलाता है। सामान्य शब्दों में कहा जाये तो उत्पादन के लिए उत्पादन साधनों पर किया गया व्यय उत्पादन लगत कहलाता है। उत्पादन के विभिन्न साधन तथा इनको किया जाने वाला भुगतान है: भूमि के लिए लगान, पूँजी के लिए ब्याज, श्रमिकों को बेतन आदि।
(b) औसत लगत और सीमांत लगत में संबंध की व्याख्या कीजिए।
उत्तर: औसत लगत और सीमांत लगत में निम्नलिखत सम्बन्ध है:
- दोनों की गणना उत्पादन की कुल लगत द्वारा की जाती है। अर्थात AC = TC/TP और MC = ΔTC/ΔTP
- आरम्भ में जब AC वक्र गिरता है, तब MC वक्र एक सिमा तक गिरता है लेकिन एक अवस्था के बाद MC वक्र बढ़ने लगता है जबकि AC वक्र बढ़ता रहता है। इस दशा में MC सदैव AC से काम रहता है।
- जब AC न्यूनतम होती है तब MC वक्र AC वक्र को निचे से काटता है। अर्थात न्यूनतम औसत लगत सीमन्त लगत के बराबर होती है।
- जब AC बढ़ाता है तो MC वक्र AC से ऊपर होता है एवं साथ ही- साथ AC वक्र से तीव्र गति से बढ़ता है।

चित्र में AC एवं MC वक्र को दिखाया गया है। AC वक्र बिंदु A तक गिरता है और इस दशा में MC कम बना रहता है AC से। AC के गिराने की दशा में MC अधिक तेजी से निचे गिरता है। AC के न्यूनतम बिंदु A पर MC उसे निचे से काटता है। A बिंदु से AC बढ़ाना आरम्भ होता है और A बिंदु के बाद MC अधिक तेजी से बढाती है।
अथवा, निम्नलिखित तालिका से मांग की कीमत लोच की गणना कीजिए।
वास्तु की कीमत | वास्तु की मांग मात्रा |
5 | 20 |
4 | 30 |

खंड – 2 समष्टि अर्थशास्त्र का परिचय – 48 अंक
वहुविकल्पीय प्रश्न। कुल 15 प्रश्न होंगें और प्रत्येक प्रश्न 1 अंक के होंगें। JAC Board Class 12 Economics Sample Paper 2025
31 विश्व की महान मंदी किस वर्ष हुयी थी?
(a) 1914
(b) 1929√
(c) 1939
(d) 1945
32 निम्नलिखित में से किसे राष्ट्रीय आय की गणना में सम्मिलित नहीं किया जाता है?
(a) मजदूरी
(b) लाभ
(c) हस्तांतरण भुक्तान√
(d) लगान
33 सबसे तरल संपत्ति किसे मन जाता है?
(a) जमीन
(b) सोना
(c) मुद्रा√
(d) बैंक में सावधि जमा
34 व्यावसायिक बैंक का कार्य नहीं है-
(a) जमा स्वीकार करना
(b) साख का निर्माण
(c) एजेंट का कार्य
(d) मुद्रा निर्गमन √
35 MPC + MPS = ?
(a) 0
(b) 1 √
(c) 1 से अधिक
(d) 1 से कम
36 यदि MPS का मान 0.2 है, तो गुणक का मान क्या होगा?
(a) 5√
(b) 0.2
(c) 1.25
(d) 0
37 सरकार के पूँजीगत आय के स्रोत है-
(a) ऋण की वसूली
(b) विनेवेश से प्राप्त आय
(c) कर√
(d) ऋण
38 भारत में वित्तीय वर्ष की अविधि क्या होती है?
(a) 1 जनवरी से 31 दिसम्बर
(b) 1 अप्रेल से 31 मार्च√
(c) 1 मई से 30 अप्रेल
(d) 1 मार्च से 28 फरवरी
39 व्यापर संतुलन ज्ञात करने का सूत्र होता है-
(a) आयात + निर्यात
(b) आयात – निर्यात
(c) निर्यात – आयात √
(d) निर्यात × आयात
40 एक देश के व्यापर संतुलन के चालू खता में क्या सम्मिलित नहीं होता है?
(a) वास्तु का आयात
(b) विदेशी निवेश से आय
(c) वास्तु का निर्यात
(d) विदेशी ऋण √
41 ‘The General Theory of Employment, Interest and Money’ नमक पुस्तक के लेखक कौन है?
(a) एडाम स्मिथ
(b) अल्फ्रेड मार्शल
(c) जेo एमo केन्स √
(d) जेo बीo से
42 निम्नलिखित में से कौन राष्ट्रीय आय की गणना की विधि नहीं है?
(a) उत्पादन विधि
(b) आय विधि
(c) प्रतिशत विधि √
(d) व्यय विधि
43 निम्न में से कोण एक मुद्रा का कार्य नहीं है?
(a) मूल्य का मापन
(b) विनिमय का साधन
(c) स्थगित भुक्तान का साधन
(d) कीमत स्थिरता √
44 भारत में मुद्रा निर्गमन का कार्य कौन करता है?
(a) सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया
(b) भारतीय स्टेड बैंक
(c) भारतीय रिज़र्व बैंक√
(d) बैंक ऑफ़ इंडिया
45 राजकोषीय नीति के अंग होते हैं-
(a) कर नीति √
(b) बैंक दर नीति
(c) खुली बाजार नीति
(d) आरक्षित अनुपात
Fill in the Blanks: प्रश्न 5 और प्रत्येक प्रश्न 1 अंक के हैं।
46 अर्थव्यवस्था का पारिवारिक क्षेत्रक उत्पादन के करक संबंधित निर्णय करता हैं।
47 वे वस्तुएं जो किसी वास्तु के उत्पादन में कच्चे माल के रूप में प्रयुक्त होती हैं, मध्यवर्ती वस्तु कहलाती हैं।
48 निवल निर्यात घरेलु आय का प्राथमिक हुआ फलन हैं।
49 मुद्रा प्रसार पर नियंत्रण का कार्य केंद्रीय बैंक करता हैं।
50 सरकार का बजट को घाटे का बजट कहा जाता हैं जब सरकार की आय उसकी खर्च से कम होती हैं।
लघु उत्तरीय प्रश्न। कुल प्रश्न 5 है और प्रत्येक प्रश्न 2 अंक की है।
51 स्टॉक किसे कहा जाता है?
उत्तर: स्टॉक से तातपर्य उन चरों से है, जिनका मूल्य एक निश्चित समय या समय बिंदु पर जाना जाता है। किसी व्यक्ति का सम्पति स्टॉक का उदहारण है क्योंकि यह एक निश्चित समय पर व्यक्ति के वस्तु अथवा मुद्रा भंडार को बताती है।
52 समष्टि अर्थशास्त्र से क्या तातपर्य है?
उत्तर: समष्टि अर्थशास्त्र, अर्थशास्त्र की वह शाखा है जिसमें समस्त अर्थव्यवस्था के स्तर पर आर्थिक समस्याओं अथवा आर्थिक विषयों का अध्यन किया जाता है।
53 मूल्य वृद्धि क्या है?
उत्तर: विक्रय मूल्य एवं स्टॉक में वृद्धि के योग में से मध्यवर्ती उपभोग घटाने पर मूल्य वृद्धि प्राप्त होती है।
मूल्य वृद्धि = उत्पादन वृद्धि – मध्यवर्ती उपभोग
सरल भाषा में, उत्पादन का मूल्य एवं मध्यवर्ती लागत के बिच का अंतर मूल्य वृद्धि कहलाता है।
54 वास्तु विनिमय प्रणाली से क्या कठिनाईयाँ होती थी?
उत्तर:वस्तु विनिमय प्रणाली की निम्नलिखित कठिनाइयां थी:
- दोहरे संयोग का अभाव।
- क्रय शक्ति संचय में कठिनाई।
- सर्वमान्य मूल्यमापक का भाव।
- मूल्य हस्तांतरण का प्रभाव।
- भावी भुगतान का भाव।
55 भुक्तान संतुलन क्या है? इसके विभिन्न खातों के नाम लिखिए।
उत्तर: भुगतान शेष का संबंध किसी देश के शेष विश्व के साथ हुए सभी आर्थिक लेन-देन के लेखांकन के रिकॉर्ड से है। प्रत्येक देश विश्व के अन्य देशों के साथ आर्थिक लेन-देन करता है। इस लेन-देन के फलस्वरुप, उसे अन्य देशों से प्राप्तियाँ होती है तथा उसे अन्य देशों को भुगतान भी करना पड़ता है। भुगतान शेष इन्हीं प्राप्तियों एवं भुगतानों का विवरण पत्र होता है। इसके भिन्न कहतें निम्नलिखित है:
- चालू खाता
- पूँजी खाता
प्रश्न संख्या 2 है और प्रत्येक प्रश्न 4 अंक के है।
56 अर्थव्यवस्था में आय के वर्तुल चक्रीय प्रभाव के दो क्षेत्रीय मोडल की व्याख्या कीजिये।
उत्तर: अर्थव्यवस्था में आय के दो क्षेत्रीय चक्रीय प्रभाव के मोडल को निम्न चित्र में दर्शाया गया है दर्शाया गया है:

57 मुद्रा के कार्यों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर: मुद्रा के प्रमुख कार्य निम्नलिखित है:
1. विनिमय का माध्यम – मुद्रा का सबसे महत्वपूर्ण कार्य विनिमय का माध्यम है। वस्तु और सेवाओं का विनिमय प्रत्यक्ष रूप से वस्तुओं तथा सेवाओं में न होकर मुद्रा के माध्यम से होता है। मुद्रा के कारण मनुष्य को अपना समय और शक्ति ऐसे दूसरे व्यक्ति की खाजे करने में नष्ट करने की आवश्यकता नहीं रही है जिसके पास उसकी आवश्यकता की वस्तुएँ है। और जो अपनी उन वस्तुओं की बदले में उन दसू री वस्तुओं को स्वीकार करने को तैयार है जो उस पहले मनुष्य के पास है। फलत: मुद्रा के विनिमय के कार्य को बहतु ही सरल एवं सहज बना दिया है।
2. मूल्य का मापक – मुद्रा का दसूरा महत्वपूर्ण कार्य वस्तुओं तथा सेवाओं के मूल्यों को मापने का है। वस्तु विनिमय प्रणाली की एक बड़ी कठिनाइर् यह निर्णय करना था कि एक वस्तु की दी हु मात्रा के बदले दूसरी वस्तु की कितनी मात्रा प्राप्त होनी चाहिए। मुद्रा से सामान्य मूल्य मापक का कार्य करके समाज को इस असुिवधा से मुक्त कर दिया है।
3. भावी भुगतानों का आधार – मुद्रा का सबसे प्रथम गौण कार्य भावी भुगतान का आधार है। आधुिनक यगु में सम्पूर्ण आथिर्क ढाँ चा साख पर आधारित है और इसमें भिन्न-भिन्न कार्यों के लिए उधार लेन-देन की आवश्यकता पड़ती है। ऋण का लेन-देन मुद्रा के माध्यम से ही होता है। वस्तुओं के रूप में ऋण के लेन -देन के कार्य में कठिना होती है। इसलिए इस कार्य में लिए मुद्रा का प्रयागे किया जाता है।
2. मूल्य संचय का आधार – मुद्रा का दूसरा गौण कार्य मूल्य सचं य का आधार है। वस्तुत: मुद्रा मूल्य संचय का भी साधन है। वस्तु विनिमय प्रणाली में मुद्रा के अभाव में धन सचं य करने में कठिना होती थी। मुद्रा के आविष्कार ने इस कठिना को दूर कर दिया है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न। कुल प्रश्न संख्या 2 है और प्रत्येक प्रश्न 5 अंक है।
58. उत्पाद विधि से किसी देश की सकल घरेलु उत्पाद (GDP) की गणना कैसे की जाती है? उदहारण सहित व्याख्या जीजिए।
अथवा, यदि किसी अर्थव्यवस्था में उपभोग फलन C= 50 + 0.5Y है तो स्वायत व्यय में 50 करोड़ रुपये की वृद्धि करने पर संतुलन निर्गत पर पड़ने वाले प्रभाव की व्याख्या कीजिए।
59 गुणक क्या है? यह MPC से किस प्रकार संबंधित है? उदहारण सहित व्याख्या कीजिए।
अथवा, निम्नलिखित आकड़ों से साधन लगत पर सकल घरेलु उत्पाद (GDPFC) की गणना कीजिए।
मद | राशि ( लाख रुपये में ) |
बिक्री | 700 |
मशीन का क्रय | 100 |
स्टॉक में परिवर्तन | (-) 30 |
कच्चे माल का क्रय | 400 |
अप्रत्यक्ष कर | 60 |
सहायिकी ( उपदान ) | 50 |
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