करमा लोकनृत्य पर संक्षिप्त टिपण्णी लिखें? Indian History Culture and Diversity Semester 4 SEC Paper.
करमा लोकनृत्य पर संक्षिप्त टिपण्णी लिखें?
करमा लोकनृत्य झारखण्ड का एक प्रमुख सांस्कृतिक लोकनृत्य है, जो इस राज्य के प्रमुख लोकसंगीत और नृत्यीय परंपराओं में से एक है। यह नृत्य झारखण्ड के लोगों की जीवनशैली, सांस्कृतिक समृद्धि, और प्राकृतिक बगीचों की प्रेरणा से प्रभावित होकर प्रस्तुत किया जाता है।
इस नृत्य को विशेष कर के करमा के पर्व में किया जाता है। झारखण्ड राज्य का ‘करमा’ एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव है। यह उत्सव झारखण्ड के आदिवासी समुदायों के बीच बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। ‘करमा’ शब्द संस्कृत शब्द ‘कर्म’ से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है कार्य या क्रिया।
करमा लोकनृत्य का नाम ‘करमा’ भूषण के प्रमुख भूभाग के आधार पर रखा गया है, जो झारखण्ड राज्य का एक महत्वपूर्ण भूभाग है। इस नृत्य में नृतागायक समूह गीत गाकर और नृत्य द्वारा किसी कहानी का अभिव्यक्ति करते हैं। नृत्य के दौरान कलाकार खास रूप से खड़े होकर नृत्य करते हैं और कुछ खास ताल और लहरों के साथ यह नृत्य प्रस्तुत किया जाता है।
इस लोकनृत्य में प्राकृतिक सौंदर्य, वन्य जीवन, और किसानों के कामकाज को दर्शाने का प्रयास किया जाता है। करमा नृत्य में स्थानीय संस्कृति की भावना और जीवनशैली को उजागर किया जाता है और इससे झारखण्ड के लोगों का गहरा संबंध बना रहता है। यह नृत्य रंगमंच पर प्रस्तुत किया जाने वाला भारतीय नृत्यों में से एक अनूठा और आकर्षक रूप से उभरता है।